<p style=”text-align: justify;”><strong>NGT Action In Jharkhand:</strong> गंगा को फिर से निर्मल बनाने की लड़ाई में एक बार फिर सिस्टम की सुस्ती उजागर हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देशों के बावजूद गंगा प्रदूषण पर झारखंड सरकार की लापरवाही सामने आने के बाद NGT ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. एनजीटी ने साफ शब्दों में कहा कि झारखंड में न सीवरेज लाइनें ठीक से बिछ रही हैं, न ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) बन पा रहे हैं. जिन प्लांट्स का निर्माण हुआ भी है, वे या तो आधे-अधूरे हैं या फिर मानकों पर खरे नहीं उतरते. यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि गंगा पुनर्जीवन मिशन सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक और धार्मिक अस्मिता से जुड़ा अभियान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर्फ योजनाएं नहीं, ज़मीन पर दिखे काम – NGT</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंगा की सफाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद भी झारखंड में कोई ठोस प्रगति न होते देख एनजीटी ने राज्य के पर्यावरण सचिव को निर्देश दिया है कि वे हलफनामा दाखिल करके बताएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>1. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं हुआ ?</p>
<p style=”text-align: justify;”>2. किस जिले में अब तक क्या-क्या काम हुए?</p>
<p style=”text-align: justify;”>3. जब तक सीवरेज सिस्टम व STPs पूरी तरह से चालू नहीं होते, तब तक प्रदूषण रोकने के लिए क्या अंतरिम उपाय किए जा रहे हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा सिर्फ नदी नहीं, श्रद्धा है – इसे दूषित होने से बचाना राष्ट्र धर्म है – NGT</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि गंगा को धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान योग्य बनाना अंतिम लक्ष्य है. इसके लिए न केवल ठोस अवसंरचना की जरूरत है, बल्कि राज्य सरकारों की नियत भी साफ होनी चाहिए. कोर्ट ने याद दिलाया कि केवल वे औद्योगिक इकाइयां ही चलेंगी, जिनके पास अपशिष्ट उपचार की प्रभावी व्यवस्था है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अफसरों की जवाबदेही तय होगी – NGT</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने दोहराया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और राज्य के पर्यावरण सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे यदि आदेशों की अनदेखी होती रही. अब अदालत सिर्फ कागजों पर योजनाओं से संतुष्ट नहीं होगी, उसे ज़मीन पर दिखने वाला एक्शन चाहिए. एनजीटी मे 18 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले ठोस एक्शन प्लान और जवाब तलब होगा. अगर अब भी सुस्ती रही, तो NGT की अगली कार्रवाई और भी कड़ी हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/ib-officer-manish-ranjan-dead-body-reached-ranchi-airport-pahalgam-terror-attack-ann-2931258″>जब रांची एयरपोर्ट आया IB अफसर मनीष रंजन का शव, पत्नी-बच्चे बेसुध पड़े रहे; पहलगाम आतंकी हमले में उजड़े परिवार</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर्फ योजनाएं नहीं, ज़मीन पर दिखे काम – NGT</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंगा की सफाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद भी झारखंड में कोई ठोस प्रगति न होते देख एनजीटी ने राज्य के पर्यावरण सचिव को निर्देश दिया है कि वे हलफनामा दाखिल करके बताएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>1. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं हुआ ?</p>
<p style=”text-align: justify;”>2. किस जिले में अब तक क्या-क्या काम हुए?</p>
<p style=”text-align: justify;”>3. जब तक सीवरेज सिस्टम व STPs पूरी तरह से चालू नहीं होते, तब तक प्रदूषण रोकने के लिए क्या अंतरिम उपाय किए जा रहे हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा सिर्फ नदी नहीं, श्रद्धा है – इसे दूषित होने से बचाना राष्ट्र धर्म है – NGT</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि गंगा को धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान योग्य बनाना अंतिम लक्ष्य है. इसके लिए न केवल ठोस अवसंरचना की जरूरत है, बल्कि राज्य सरकारों की नियत भी साफ होनी चाहिए. कोर्ट ने याद दिलाया कि केवल वे औद्योगिक इकाइयां ही चलेंगी, जिनके पास अपशिष्ट उपचार की प्रभावी व्यवस्था है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अफसरों की जवाबदेही तय होगी – NGT</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने दोहराया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और राज्य के पर्यावरण सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे यदि आदेशों की अनदेखी होती रही. अब अदालत सिर्फ कागजों पर योजनाओं से संतुष्ट नहीं होगी, उसे ज़मीन पर दिखने वाला एक्शन चाहिए. एनजीटी मे 18 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले ठोस एक्शन प्लान और जवाब तलब होगा. अगर अब भी सुस्ती रही, तो NGT की अगली कार्रवाई और भी कड़ी हो सकती है.</p>
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