भास्कर न्यूज | जठलाना विदेश भेजने के नाम पर युवक के साथ धोखाधड़ी हो गई। एजेंट ने वर्क वीजा की जगह जाली कागजात तैयार कर युवक को टूरिस्ट वीजा पर किर्गिस्तान भेज दिया। युवक विदेश में फंसा हुआ है, क्योंकि उसका टूरिस्ट वीजा खत्म हो गया है। वहां पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से युवक कमरे में बंद है और डर के साये में जी रहा है। परिजनों ने एजेंट से मदद मांगी तो वह गाली-गलौज व जान से मारने की धमकियां दे रहा है। परिजनों ने एजेंट की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दी है। शिकायत पर पुलिस ने गांव गुमथला निवासी एजेंट कृपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में गांव गधौली निवासी जिलावती ने बताया कि वह गरीब परिवार से संबंध रखती है। उसके पास तीन बेटियां व एक बेटा है। बेटा धर्मवीर 12वीं कक्षा तक पढ़ा है। काम की तलाश में बेटा अपने चाचा रामेश्वर के साथ गांव खजूरी निवासी सुखदर्शन सिंह के पास गया। सुखदर्शन सिंह ने उसे गांव गुमथला निवासी एजेंट कृपाल सिंह से मिलवाया। कृपाल सिंह ने कहा कि वह कम पैसों में वर्क वीजा पर उसे विदेश भेज देगा। वहां कंपनी में नौकरी भी दिलाएगा। कंपनी में आठ घंटे काम करना होगा और प्रतिमाह 65 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। इस काम के लिए साढ़े 4 लाख रुपए लगेंगे। फाइल शुरू करने की एवज में 10 हजार रुपए मांगे। जिस पर उक्त राशि कृपाल सिंह के खाते में ट्रांसफर कर दी। कुछ दिन बाद कृपाल सिंह का फोन आया और कहने लगा कि तुम्हारा वीजा आ गया बकाया राशि जल्द दे दो। उन्होंने ब्याज पर पैसे उठा कर कृपाल सिंह को नकद दे दिए। उसके बेटे को 8 दिसंबर 2023 को विदेश भेज दिया। वहां जाकर बेटे को पता चला कि उसे वर्क वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर किर्गिस्तान भेजा गया है। न ही वहां पर वो कंपनी मिली जिसमें नौकरी की बात करने की बात कृपाल सिंह ने कही। जिलावती का कहना है कि बेटा एक लाख रुपए की राशि भी लेकर गया था। वह राशि भी खत्म हो गई। बेटा एक कमरे में बंद है। बाहर निकलने पर पुलिस पकड़ती है। बेटे को रोटी भी नसीब नहीं हो रही। जब इस बारे उन्होंने कृपाल सिंह से बात की तो वह टालमटोल करने लगा। फोन उठाना बंद कर दिया। जब वह कृपाल सिंह से मिलने उसके ऑफिस गए, तो वहां उनके साथ गाली-गलौज की गई। धक्के मार ऑफिस से बाहर निकाल दिया। आरोप है कि वह जान से मारने की धमकियां दे रहा है। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। भास्कर न्यूज | जठलाना विदेश भेजने के नाम पर युवक के साथ धोखाधड़ी हो गई। एजेंट ने वर्क वीजा की जगह जाली कागजात तैयार कर युवक को टूरिस्ट वीजा पर किर्गिस्तान भेज दिया। युवक विदेश में फंसा हुआ है, क्योंकि उसका टूरिस्ट वीजा खत्म हो गया है। वहां पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से युवक कमरे में बंद है और डर के साये में जी रहा है। परिजनों ने एजेंट से मदद मांगी तो वह गाली-गलौज व जान से मारने की धमकियां दे रहा है। परिजनों ने एजेंट की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दी है। शिकायत पर पुलिस ने गांव गुमथला निवासी एजेंट कृपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में गांव गधौली निवासी जिलावती ने बताया कि वह गरीब परिवार से संबंध रखती है। उसके पास तीन बेटियां व एक बेटा है। बेटा धर्मवीर 12वीं कक्षा तक पढ़ा है। काम की तलाश में बेटा अपने चाचा रामेश्वर के साथ गांव खजूरी निवासी सुखदर्शन सिंह के पास गया। सुखदर्शन सिंह ने उसे गांव गुमथला निवासी एजेंट कृपाल सिंह से मिलवाया। कृपाल सिंह ने कहा कि वह कम पैसों में वर्क वीजा पर उसे विदेश भेज देगा। वहां कंपनी में नौकरी भी दिलाएगा। कंपनी में आठ घंटे काम करना होगा और प्रतिमाह 65 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। इस काम के लिए साढ़े 4 लाख रुपए लगेंगे। फाइल शुरू करने की एवज में 10 हजार रुपए मांगे। जिस पर उक्त राशि कृपाल सिंह के खाते में ट्रांसफर कर दी। कुछ दिन बाद कृपाल सिंह का फोन आया और कहने लगा कि तुम्हारा वीजा आ गया बकाया राशि जल्द दे दो। उन्होंने ब्याज पर पैसे उठा कर कृपाल सिंह को नकद दे दिए। उसके बेटे को 8 दिसंबर 2023 को विदेश भेज दिया। वहां जाकर बेटे को पता चला कि उसे वर्क वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर किर्गिस्तान भेजा गया है। न ही वहां पर वो कंपनी मिली जिसमें नौकरी की बात करने की बात कृपाल सिंह ने कही। जिलावती का कहना है कि बेटा एक लाख रुपए की राशि भी लेकर गया था। वह राशि भी खत्म हो गई। बेटा एक कमरे में बंद है। बाहर निकलने पर पुलिस पकड़ती है। बेटे को रोटी भी नसीब नहीं हो रही। जब इस बारे उन्होंने कृपाल सिंह से बात की तो वह टालमटोल करने लगा। फोन उठाना बंद कर दिया। जब वह कृपाल सिंह से मिलने उसके ऑफिस गए, तो वहां उनके साथ गाली-गलौज की गई। धक्के मार ऑफिस से बाहर निकाल दिया। आरोप है कि वह जान से मारने की धमकियां दे रहा है। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पलवल में मामी ने किया मासूम का मर्डर:गला घोंटकर उतारा मौत के घाट, 2 साल से नाना-नानी के यहां रह रही थी
पलवल में मामी ने किया मासूम का मर्डर:गला घोंटकर उतारा मौत के घाट, 2 साल से नाना-नानी के यहां रह रही थी हरियाणा के पलवल जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। हथीन उपमंडल के गांव खिल्लूका में एक पांच वर्षीय मासूम बच्ची की उसकी मामी द्वारा गला घोंटकर हत्या कर दी गई। मृतक बच्ची के ताऊ सद्दाम की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला हम सिरा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। फोरेंसिक टीम ने किया मौका मुआयना हथीन थाना प्रभारी मनोज कुमार के अनुसार गुरुवार को लगभग चार बजे पुलिस को सूचना मिली कि खिल्लूका गांव में एक बच्ची की हत्या कर दी गई है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर फोरेंसिक टीम को बुलाया। फोरेंसिक टीम ने मौका-मुआयना किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल भेज दिया गया। रजाई में दबाया बच्ची का शव पोस्टमॉर्टम के दौरान परिजनों ने बताया कि 5 साल की सिपाना करीब 2 साल से नाना नानी के पास रह रही थी। जिसकी मामी ने गला दबाकर हत्या कर दी और बाद में मामले को दबाने के लिए बच्ची के शव को रजाई में दबा दिया। पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव उटावड़ के सद्दाम ने पुलिस को बताया कि उसके भाई की पांच वर्षीय बेटी सिपाना की हत्या उसकी मामी हम सिरा ने की है। पुलिस ने मामले में सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही हत्या के कारणों का खुलासा करने का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के बाद बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस जघन्य अपराध ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
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फरीदाबाद में सीनियर रिसर्च ऑफिसर लापता:दिल्ली से वापस आ रहा था घर; 5 साल पहले तलाक हुआ, अकेला रहता था
फरीदाबाद में सीनियर रिसर्च ऑफिसर लापता:दिल्ली से वापस आ रहा था घर; 5 साल पहले तलाक हुआ, अकेला रहता था हरियाणा के फरीदाबाद में केन्द्र सरकार में सीनियर रिसर्च ऑफिसर अपने ऑफिस से घर लौटते समय रास्ते से हालात में लापता हो गया। गायब हुए ऑफिसर का नाम पंकज कुमार गुप्ता, जिसकी उम्र 43 साल है। पुलिस ने पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। दिल्ली में सीनियर रिसर्च ऑफिसर डबुआ पुलिस को दी शिकायत में विभीषण नामक बुजुर्ग ने कहा है कि वह राजीव नगर क्वार्सी इटावा पास निकट सीमा फार्म अलीगढ का रहने वाला है। उसका तीसरा बेटा पंकज कुमार गुप्ता में 8 सीजीओ कॉम्पलेक्स लोधी रोड भारत सरकार में सीनियर रिसर्च ऑफिसर है। पंकज फरीदाबाद के सेक्टर 49 सैनिक कालोनी में फ्लैट लेकर अकेला रहता है। पांच साल पहले उसका पत्नी से तलाक हो गया था। 21 जनवरी को पंकज दिल्ली से के लोधी रोड़ स्थित अपने ऑफिस से फरीदाबाद घर के लिए निकला था,लेकिन वह घर नही पहुंचा। 5 साल पहले हुआ तलाक पंकज के पिता ने बताया कि करीब 5 साल पहले 2020 में उसका पत्नी से तलाक हो गया था। उसकी एक 9 साल की बेटी थी। जिसको उसकी पत्नी अपने साथ ले गई। तलाक होने के बाद ये वह अकेला फरीदाबाद में फ्लैट लेकर रह रहा था। पुलिस ने मामला दर्ज किया पुलिस जांच अधिकारी अतर सिंह ने बताया कि पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मोबाइल की आखिरी लोकेशन के आधार पर तलाश की जा रही है और उनके ऑफिस के लोगों से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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हरियाणा में लालू के दामाद चिरंजीव राव का विरोध:रेवाड़ी में चुनावी जनसभा में पूछे सवाल, कार्यकर्ताओं ने युवकों को धक्के देकर निकाला हरियाणा की रेवाड़ी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव का चुनावी प्रचार के दौरान विरोध हुआ। गिंदोखर गांव में कुछ युवकों ने उन्हें गांव से वापस जाने के नारे लगाए। इतना ही नहीं उनसे विकास कार्यों को लेकर तीखे सवाल भी पूछे। काफी देर हंगामे के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले युवकों को धक्के देकर कार्यक्रम से निकाल दिया। हालांकि इस दौरान कुछ देर के लिए माहौल काफी गहमागहमी वाला हो गया। दरअसल, सोमवार दोपहर को चिरंजीव राव का गिंदोखर गांव के पंचायत घर में कार्यक्रम था। वे चुनाव में खुद को वोट देने की अपील करने के लिए ग्रामीणों के बीच पहुंचे थे। कार्यक्रम में काफी भीड़ भी थी। तभी गांव गिंदोखर के ही रहने वाले अजय यादव, विकास, प्रवीण, देवेंद्र सहित अन्य युवक भी कार्यक्रम में पहुंच गए। चिरंजीव राव जब ग्रामीणों को संबोधित करने लगे तो युवकों ने गांव के विकास कार्यों को लेकर उनसे तीखे सवाल पूछने शुरू कर दिए। इसके बाद माहौल गरमा गया। कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। इस दौरान विरोध करने वाले युवकों ने चिरंजीव को गांव से वापस जाने के लिए नारेबाजी भी की। विरोध करने वाले अजय यादव ने कहा ‘चिरंजीव राव 2019 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद पहली बार वह उनके गांव में 26 नवंबर 2023 को आए और गिंदोखर-जाडरा के कच्चे रास्ते का शिलान्यास करके चले गए। विधायक ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार नहीं है। इसके बावजूद वह अपने विधायक कोटे से 16 लाख रुपए दिलवाकर इस सड़क का निर्माण कार्य करवा रहे हैं। लेकिन 10 महीने बाद भी इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं हुआ है। विधायक से जब पूछा गया तो बोले-मेरा काम पैसे दिलवाने का था। हमारी सरकार नहीं है। सरकार आएगी तो बनवा भी देंगे।’ अजय के मुताबिक, हमने विधायक से ये भी पूछा कि हमें ये ही बता दीजिए कि जो 16 लाख रुपए आपने विधायक कोटे से दिलवाए आखिर वो किसके पास गए हैं। लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं था। मेरी पत्नी पूनम गांव की पंचायत में पंच हैं। हमें हमारे जनप्रतिनिधि से गांव के विकास से जुड़े मामले में सवाल पूछने का हक है। उसके बावजूद चिरंजीव राव से जुड़े कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने हमें धक्के देकर कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। 2019 में पहली बार विधायक बने थे चिरंजीव राव बता दें कि चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय सिंह यादव इसी सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 2019 में चिरंजीव राव ने खुद चुनाव लड़ा था। अपने पहले ही चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने दूसरी बार चिरंजीव राव को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।