<p style=”text-align: justify;”><strong>Padma Shree Award 2025:</strong> हिमाचल प्रदेश के मैदानी जिला बिलासपुर के घुमारवीं से संबंध रखने वाले हरिमन शर्मा को बागवानी के क्षेत्र में नवीन प्रयोग करने पर पद्मश्री सम्मान का ऐलान हुआ है. हरिमन शर्मा बिलासपुर की घुमारवीं तहसील के पनियाला ग्राम के रहने वाले हैं. उनकी कोशिशों की वजह से ही अब राज्य के सात गर्म जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी व सोलन में सेब उगाया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हरिमन शर्मा ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भी इस किस्म को उगाने में मदद की है. यह किस्म जून महीने में तैयार हो जाती है. उस समय मार्केट में ताजा सेब नहीं होता. लिहाजा इस किस्म बहुत पसंद की जाती है. देश के लगभग सभी राज्यों में हरिमन की विकसित की हुई किस्म उगाई जा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन सात जिलों में लगवाए 1.90 लाख पौधे</strong><br />हरिमन शर्मा ने अपने निजी प्रयासों से इन सात जिलों में 1.90 लाख पौधे लगवाए हैं. करीब छह हजार बागवानों ने हरिमन शर्मा के सहयोग से पौधे रोपकर सेब उगाने में सफलता हासिल की है. हरिमन शर्मा ने साल1998 में खुद के बागीचे में प्रयोग शुरूकिए थे. शुरुआत में उन्होंने बेर के पेड़ पर सेब की ग्राफ्टिंग की थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>धीरे-धीरे प्रयोग सफल हुए और हरिमन शर्मा हिमाचल के एप्पल मैन कहे जाने लगे. अब उनकी लगन व प्रयोगधर्मिता को पदम सम्मान मिलने से और भी पहचान मिलेगी. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान व परिषद की तरफ से उन्हें आईएआरआई फैलो अवार्ड भी मिला है. उन्हें सेब की एचआरएमएन- 99 किस्म विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रेरणादायक है हरिमन शर्मा का काम</strong><br />एचआरएमएन- 99 स्कैब रोग प्रतिरोधी सेब की किस्म है, जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य है. हरिमन शर्मा नेभारत और अन्य देशों में 14 लाख से अधिक पौधों के साथ 1 लाख से अधिक किसानों ने लगाया है. नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने गोद लेने और फलने के अध्ययन के लिए सभी 29 राज्यों में 33 हजार एचआरएमएन- 99 पौधे लगाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने भारत, नेपाल, बांग्लादेश, जाम्बिया और जर्मनी में एक लाख से अधिक किसानों के बागों की स्थापना का नेतृत्व किया. उन्होंने छह हजार से ज्यादा किसानों को 1.9 लाख से अधिक सेब के पौधे भी वितरित किए हैं. हरिमन शर्मा सेब के अलावा अपने बाग में आम, कीवी और अनार भी उगाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कहानी दिलवर खान की: ‘भारी गोलीबारी के बीच आतंकी पर झपट्टा मारा और…’, अब मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/who-was-naik-dilwar-khan-got-kirti-chakra-himachal-pradesh-ann-2870522″ target=”_blank” rel=”noopener”>कहानी दिलवर खान की: ‘भारी गोलीबारी के बीच आतंकी पर झपट्टा मारा और…’, अब मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Padma Shree Award 2025:</strong> हिमाचल प्रदेश के मैदानी जिला बिलासपुर के घुमारवीं से संबंध रखने वाले हरिमन शर्मा को बागवानी के क्षेत्र में नवीन प्रयोग करने पर पद्मश्री सम्मान का ऐलान हुआ है. हरिमन शर्मा बिलासपुर की घुमारवीं तहसील के पनियाला ग्राम के रहने वाले हैं. उनकी कोशिशों की वजह से ही अब राज्य के सात गर्म जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी व सोलन में सेब उगाया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हरिमन शर्मा ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भी इस किस्म को उगाने में मदद की है. यह किस्म जून महीने में तैयार हो जाती है. उस समय मार्केट में ताजा सेब नहीं होता. लिहाजा इस किस्म बहुत पसंद की जाती है. देश के लगभग सभी राज्यों में हरिमन की विकसित की हुई किस्म उगाई जा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन सात जिलों में लगवाए 1.90 लाख पौधे</strong><br />हरिमन शर्मा ने अपने निजी प्रयासों से इन सात जिलों में 1.90 लाख पौधे लगवाए हैं. करीब छह हजार बागवानों ने हरिमन शर्मा के सहयोग से पौधे रोपकर सेब उगाने में सफलता हासिल की है. हरिमन शर्मा ने साल1998 में खुद के बागीचे में प्रयोग शुरूकिए थे. शुरुआत में उन्होंने बेर के पेड़ पर सेब की ग्राफ्टिंग की थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>धीरे-धीरे प्रयोग सफल हुए और हरिमन शर्मा हिमाचल के एप्पल मैन कहे जाने लगे. अब उनकी लगन व प्रयोगधर्मिता को पदम सम्मान मिलने से और भी पहचान मिलेगी. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान व परिषद की तरफ से उन्हें आईएआरआई फैलो अवार्ड भी मिला है. उन्हें सेब की एचआरएमएन- 99 किस्म विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रेरणादायक है हरिमन शर्मा का काम</strong><br />एचआरएमएन- 99 स्कैब रोग प्रतिरोधी सेब की किस्म है, जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य है. हरिमन शर्मा नेभारत और अन्य देशों में 14 लाख से अधिक पौधों के साथ 1 लाख से अधिक किसानों ने लगाया है. नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने गोद लेने और फलने के अध्ययन के लिए सभी 29 राज्यों में 33 हजार एचआरएमएन- 99 पौधे लगाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने भारत, नेपाल, बांग्लादेश, जाम्बिया और जर्मनी में एक लाख से अधिक किसानों के बागों की स्थापना का नेतृत्व किया. उन्होंने छह हजार से ज्यादा किसानों को 1.9 लाख से अधिक सेब के पौधे भी वितरित किए हैं. हरिमन शर्मा सेब के अलावा अपने बाग में आम, कीवी और अनार भी उगाते हैं.</p>
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