गाजियाबाद में 13 साल की छात्रा ने रेप के बाद सुसाइड कर लिया। मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गुरुवार को जेल भेजा। इसमें रेप का आरोपी और होटल मालिक का सगा भाई शामिल है। इन्होंने आरोपी लड़के से ज्यादा पैसे वसूले। बिना ID प्रूफ के कमरा दे दिया। फिलहाल, होटल के उस कमरे को सील कर दिया गया है, जहां वारदात हुई। बाकी विभागों ने भी अब होटल के बारे में जांच शुरू कर दी है। कस्बा मोदीनगर में रहने वाली 13 वर्षीय छात्रा की दोस्ती कुछ दिनों पहले इंस्टाग्राम पर मोदीनगर के ही हिमांशु सोनी नामक लड़के से हुई थी। हिमांशु ने मंगलवार शाम छात्र को मिलने के बहाने बुलाया और उसे तहसील के सामने एक होटल पर ले गया। आरोप है कि होटल के कमरे में हिमांशु ने छात्रा से जबरन रेप किया। छात्र ने विरोध किया तो आरोपी ने पिटाई कर दी। इसके बाद वह जान से मारने की धमकी देकर वहां से फरार हो गया। अगले दिन यानि बुधवार को पीड़िता ने घर के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। आरोपी और होटल मालिक भाई जेल भेजे गुरुवार को पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी हिमांशु सोनी सहित होटल मालिक भाइयों अंकित और आशीष को जेल भेज दिया। दोनों भाइयों के पिता मोदीनगर की SDM कोर्ट में संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत हैं। पता चला है कि एक साल पहले भी अंकित पर एक लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगा था। हालांकि, पिता के रसूख के चलते वो मामला निपट गया था। आशीष का सैलून भी है। आशीष का भी इसी तरह का कुछ विवाद पूर्व में हुआ था।, होटल मालिकों का पिता SDM कोर्ट में है तैनात दोनों आरोपियों के पिता SDM कोर्ट में काम करते हैं, इसलिए पुलिस आज तक इस होटल पर कोई एक्शन नहीं ले पाई। जबकि इस होटल में अनैतिक काम होने की शिकायतें कई बार पुलिस मिलती रही हैं। लेकिन अब इस होटल में रेप होने और पीड़िता के सुसाइड करने की घटना के बाद पूरा पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। अग्निशमन, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सहित अन्य विभागों ने जांच शुरू कर दी है कि इस होटल पर सभी NOC हैं या नहीं। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस होटल पर और बड़ी कारवाई हो सकती है। गाजियाबाद में 13 साल की छात्रा ने रेप के बाद सुसाइड कर लिया। मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गुरुवार को जेल भेजा। इसमें रेप का आरोपी और होटल मालिक का सगा भाई शामिल है। इन्होंने आरोपी लड़के से ज्यादा पैसे वसूले। बिना ID प्रूफ के कमरा दे दिया। फिलहाल, होटल के उस कमरे को सील कर दिया गया है, जहां वारदात हुई। बाकी विभागों ने भी अब होटल के बारे में जांच शुरू कर दी है। कस्बा मोदीनगर में रहने वाली 13 वर्षीय छात्रा की दोस्ती कुछ दिनों पहले इंस्टाग्राम पर मोदीनगर के ही हिमांशु सोनी नामक लड़के से हुई थी। हिमांशु ने मंगलवार शाम छात्र को मिलने के बहाने बुलाया और उसे तहसील के सामने एक होटल पर ले गया। आरोप है कि होटल के कमरे में हिमांशु ने छात्रा से जबरन रेप किया। छात्र ने विरोध किया तो आरोपी ने पिटाई कर दी। इसके बाद वह जान से मारने की धमकी देकर वहां से फरार हो गया। अगले दिन यानि बुधवार को पीड़िता ने घर के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। आरोपी और होटल मालिक भाई जेल भेजे गुरुवार को पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी हिमांशु सोनी सहित होटल मालिक भाइयों अंकित और आशीष को जेल भेज दिया। दोनों भाइयों के पिता मोदीनगर की SDM कोर्ट में संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत हैं। पता चला है कि एक साल पहले भी अंकित पर एक लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगा था। हालांकि, पिता के रसूख के चलते वो मामला निपट गया था। आशीष का सैलून भी है। आशीष का भी इसी तरह का कुछ विवाद पूर्व में हुआ था।, होटल मालिकों का पिता SDM कोर्ट में है तैनात दोनों आरोपियों के पिता SDM कोर्ट में काम करते हैं, इसलिए पुलिस आज तक इस होटल पर कोई एक्शन नहीं ले पाई। जबकि इस होटल में अनैतिक काम होने की शिकायतें कई बार पुलिस मिलती रही हैं। लेकिन अब इस होटल में रेप होने और पीड़िता के सुसाइड करने की घटना के बाद पूरा पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। अग्निशमन, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सहित अन्य विभागों ने जांच शुरू कर दी है कि इस होटल पर सभी NOC हैं या नहीं। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस होटल पर और बड़ी कारवाई हो सकती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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अकाली दल ने 13 को बुलाई कोर कमेटी की बैठक:पंचायत चुनाव को लेकर बनेगी स्ट्रेटजी, विधानसभा उपचुनावों पर भी होगी चर्चा पंचायत चुनाव के मतदान से ठीक पहले शिरोमणि अकाली दल (SAD) की तरफ से कोर कमेटी की बैठक बुला ली गई है। बैठक 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ मुख्यालय में संपन्न होगी। ये बैठक शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ की अध्यक्षता में होगी। डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तरफ से सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर इस बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि पंचायत समिति पंचायत चुनाव में हो रही लोकतंत्र की हत्या, धान खरीद के बड़े संकट और राज्य व देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेगी।
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अखिलेश ने झारखंड की 21 सीटों पर प्रत्याशी उतारे:कांग्रेस ने नहीं दी सीटें; 4 राज्यों में सपा को इंडी गठबंधन में नहीं मिली एक भी सीट सपा को महाराष्ट्र के बाद झारखंड में भी इंडी गठबंधन के साथियों ने झटका दिया। सपा को गठबंधन से सीटें न मिलने के बाद अखिलेश ने झारखंड में 21 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए। सपा नेताओं का कहना है कि उन्हें इंडी गठबंधन की ओर से झारखंड में उचित सम्मान नहीं मिला। इस कारण सपा ने झारखंड में संगठन की मांग पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। सपा ने झारखंड में पहले चरण के चुनाव के लिए 11, दूसरे चरण के लिए 10 उम्मीदवार उतारे हैं। जिन सीटों पर सपा ने प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें-गढ़वा, बरही, मनिका, हुसैनाबाद, भनवाथपुर, छतरपुर, विश्रामपुर, जमशेदपुर, बरकट्ठा, बड़कागांव, कांके, पाकुड़, महेशपुर, जरमुंडी, राजमहल, बोरयो, सारठ, जमुआ, निरसा, टुंडी और बाघमारा हैं। 4 राज्यों के चुनाव में सपा को नहीं मिली एक भी सीट
लोकसभा चुनाव में सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी और इंडी गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। महाराष्ट्र और झारखंड में सीटें न मिलना गठबंधन सहयोगी के तौर पर इसे सपा के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। सपा को उम्मीद थी कि महाराष्ट्र जहां उसके दो विधायक हैं, वहां कम से कम गठबंधन के तहत सीटें जरूर मिलेंगी। लेकिन उसे यहां भी खाली हाथ रहना पड़ा। महाराष्ट्र में सपा ने 12 सीटों की मांग की थी। वहीं, हरियाणा में भी सपा चाहती थी कि उसे सीट मिले, लेकिन कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं दी थी। हालांकि, हरियाणा में सपा ने चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन जम्मू कश्मीर में 20 प्रत्याशी उतारे थे। जम्मू कश्मीर में पहली बार चुनाव लड़ रही पार्टी की सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। खबर आगे पढ़ें, पहले भास्कर पोल में हिस्सा ले सकते हैं… झारखंड में कांग्रेस को अपने खाते से देनी पड़ी राजद को सीटें
झारखंड में कांग्रेस नेताओं से गठबंधन के लिए बात करने की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी के नेता व्यास गौड़ को सौंपी गई थी। झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ-साथ राजद का गठबंधन था। कांग्रेस का कहना था कि उसे अपने कोटे की सीटों में से राजद को सीटें देनी पड़ी हैं। इसलिए वह सपा को सीट नहीं दे सकती। इसके बाद सपा ने यहां अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया। अखिलेश ने जम्मू-कश्मीर में क्यों तोड़ा गठबंधन?
हरियाणा में अगर सपा प्रत्याशी उतारती तो गठबंधन के वोटों का बंटवारा होता, जबकि कश्मीर में ऐसा नहीं था। सपा पहली बार कश्मीर में चुनाव लड़ी। कांग्रेस के खिलाफ 20 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। हालांकि सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई। दरअसल, सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनने का आधार चाहिए था। उस लिहाज से वह कश्मीर को सबसे मुफीद मान रही थी। पार्टी को उम्मीद थी कि हरियाणा के मुकाबले कश्मीर में ज्यादा वोट मिल सकते हैं। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। यूपी में कांग्रेस नहीं लड़ रही उपचुनाव
वहीं कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह यूपी में विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ेगी। राज्य के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने ऐलान किया कि कांग्रेस उपचुनाव में इंडी गठबंधन का समर्थन करेगी। इसके बाद सपा ने गाजियाबाद और खैर सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। 7 सीटों पर सपा पहले ही प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी थी। सपा और कांग्रेस के बीच बदलते रहे हैं समीकरण
पहले भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समीकरण समय-समय पर बदलते रहे हैं। कांग्रेस 1989 से यूपी की सत्ता में नहीं है। सपा केंद्र में कांग्रेस का और कांग्रेस राज्य में साथ देती रही है। लेकिन, दोनों मिलकर 2017 से पहले कभी चुनाव नहीं लड़े। न ही एक-दूसरे की सरकार में कभी शामिल रहे। मुलायम सिंह यादव हमेशा तीसरे मोर्चे के समर्थक रहे थे। तीसरे मोर्चे की सरकार में ही वह देश के रक्षा मंत्री भी बने थे। 2017 में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ समझौता किया था। इसके बावजूद कई सीटों पर कांग्रेस और सपा दोनों के प्रत्याशी मैदान में आ गए थे। कांग्रेस 114 सीटों पर चुनाव लड़ी और 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी ने 311 सीटों पर चुनाव लड़ा और 47 सीटों पर जीत हासिल की। यानी समझौते के बावजूद कम से कम 22 सीटें ऐसी थीं, जहां सपा और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने सामने थे। चुनाव हारने के बाद सपा-कांग्रेस का गठबंधन टूट गया। लंबे समय तक दोनों एक-दूसरे पर वार करते रहे। 2019 के चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन हुआ। यह गठबंधन भी फेल हो गया। 2022 के चुनाव में सपा ने छोटे दलों के साथ समझौता किया। इसमें आरएलडी, सुभासपा और अपनादल कमेरावादी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन ने प्रदेश में 125 सीटें हासिल कीं। हालांकि चुनाव के बाद आरएलडी और सुभासपा दोनों भाजपा के साथ हो गए। 2024 में सपा इंडी गठबंधन का हिस्सा बनी और यूपी में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी। उसे अप्रत्याशित सफलता हाथ लगी। 80 में से 43 सीटों पर सपा और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की। ———————————————- ये भी पढ़ें: अखिलेश का 100 चूहे खाकर हज करने जैसा हाल-केशव:लखनऊ में सपा ने लगवाया नया पोस्टर- मठाधीश बाटेंगे और काटेंगे यूपी उपचुनाव की वोटिंग में अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। सपा और भाजपा के बीच बयानबाजी तेज हो गई। लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर रविवार को एक और पोस्टर लगाया गया। इसमें लिखा था- मठाधीश बांटेंगे और काटेंगे, PDA जोड़ेगी और जीतेगी…(पढ़ें पूरी खबर)
झांसी में अमित-शाह की रैली बांध गई जीत का सेहरा:कांग्रेस ने ललितपुर विधानसभा को सबसे सेफ माना, यहीं सबसे बुरी तरह हारे प्रदीप जैन
झांसी में अमित-शाह की रैली बांध गई जीत का सेहरा:कांग्रेस ने ललितपुर विधानसभा को सबसे सेफ माना, यहीं सबसे बुरी तरह हारे प्रदीप जैन बुंदेलखंड की 4 लोकसभा सीटों में से सिर्फ झांसी ही एक ऐसी सीट है, जहां भाजपा ने हेट्रिक लगाकर तीसरी बार परचम फहराया है। यहां गठबंधन को ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा। शुरुआत से ही कांग्रेस ललितपुर और महरौनी विधानसभा को अपना सेफ क्षेत्र मानकर चल रही थी। इन दोनों विधानसभा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को छोड़कर कांग्रेस या सपा का कोई भी दिग्गज नेता मैदान में नहीं उतरा। जबकि, भाजपा ने मंत्री प्रहलाद पटेल, साक्षी महाराज, स्वतंत्रदेव सिंह और एसपी सिंह बघेल आदि मंत्रियों को उतारा। साथ ही चुनाव का प्रचार-प्रसार थमने से चंद घंटों पहले गृहमंत्री अमित शाह ने ललितपुर में रैली कर माहौल को भाजपा की तरफ मोड़ दिया। अमित की रैली इतनी असरदार रही कि, जिस ललितपुर विधानसभा को कांग्रेस सबसे सेफ मानकर चल रही थी, वहां प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य को सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा। यहां से भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा को 50,641 वोटों से जीत मिली। झांसी में भी सिर्फ एक बड़ी रैली वरिष्ठ पत्रकार शंशाक त्रिपाठी बताते हैं कि “प्रदीप जैन के नामांकन जुलूस के बाद गंठबंधन ने माहौल बना लिया था। लेकिन कांग्रेस-सपा के बड़े नेताओं को झांसी को नजरअंदाज करना भारी पड़ा। झांसी की बात करें तो यहां गठबंधन की सिर्फ एक बड़ी रैली हुई। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने मंच साझा कर वोटों को साधने की कोशिश की। मगर, एक रैली से गठबंधन अपनी बात लोगों तक ठीक तरह से नहीं पहुंचा पाया। प्रियंका गांधी का रोड-शो और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे की रैली सिर्फ बातों में ही रह गई। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के साथ कई मंत्रियों को भेजा। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोड शो कर महानगर के वोटरों को साधा। ललितपुर के बाद झांसी सदर विधानसभा से भाजपा को 31215 वोटों की बढ़त मिली।” कार्यकर्ताओं की कमी, सपा के भरोसे झांसी-ललितपुर सीट से चेहरा भले ही कांग्रेस का हो, लेकिन ज्यादा जोर सपा ने लगाया। कांग्रेस के पास अपने खुद के कार्यकर्ता कम और सपा के ज्यादा थे। यानी अधिकतर दामोदार सपा वर्करों के ऊपर था। फिर भी मिलनसार और साफ छवि की वजह से प्रदीप जैन आदित्य ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। मतदान से 3 दिन पहले तक दोनों प्रत्याशियों में कड़ी टक्कर थी। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली के बाद कांग्रेस-सपा ने लगाम ढीली छोड़ दी। जबकि भाजपा ने अंतिम दिनों में चुनाव में जान झोंक दी। वहां से भी माहौल बदला। मऊरानीपुर में कांग्रेस का दबदबा रहा जिस तरह ललितपुर और महरौनी में कांग्रेस का हाल रहा, वैसे ही मऊरानीपुर विधानसभा में भाजपा को शिकस्त मिली। झांसी-ललितपुर सीट क्षेत्र में 5 विधानसभा आती हैं। 4 विधानसभा में कमल खिला तो मऊरानीपुर में पंजा ने बढ़त बनाई। यहां से कांग्रेस को 127517 और भाजपा को 112423 वोट मिले। इस हिसाब से कांग्रेस ने इस विधानसभा में 15094 वोटों की बढ़त बनाई। पहला- नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया अनुराग शर्मा को दूसरी बार टिकट मिला तो भाजपा के अंदरखाने विरोध हो रहा था। कार्यकर्ता उनसे नाराज थे। जब बात संगठन तक पहुंची तो नेताओं को कार्यकर्ताओं के पास भेजा गया और अधिकतर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की गई। एक-एक करके कार्यकर्ता जी-जान से चुनाव में जुट गया। दूसरा- विकास का एजेंडा 10 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने बुंदेलखंड समेत झांसी को दो प्रमुख सौगात दी। पहली डिफेंस कोरिडोर। जमीन अधिग्रहण के बाद यहां बीडीएल ने यूनिट लगाने के लिए बिल्डिंग बनाने का काम शुरू कर दिया है। दूसरी पानी की समस्या को दूर करने के लिए हर घर जल योजना लेकर आए। इसके तहत कई गांवों में पानी पहुंचाया जा चुका है। इसके अलावा योगी सरकार ने बीडा की सौगात भी देकर रोजगार के द्वार खोले हैं। तीसरा 11 जनप्रतिनिधि और प्रत्याशी की साफ छवि झांसी में भाजपा को बड़ा और मजबूत संगठन है। यहां भाजपा के 4 विधायक, 2 एमएलसी समेत 11 जनप्रतिनिधि हैं। सभी ने चुनाव में ताकत झोंकी। इसके अलावा प्रत्याशी अनुराग शर्मा पर लोगों से सहज मुलाकात न करने के अरोप भले ही लगे हो, लेकिन उन्होंने किसी के साथ गलत नहीं किया। साफ छवि होने का लाभ उनको मिला है। अब जानते हैं विधानसभा वार वोटों का गणित प्रत्याशियों को मिले कुल वोट अनुराग शर्मा (भाजपा)- 6,90,316 प्रदीप जैन ‘आदित्य’ (कांग्रेस)- 5,87,702 रवि प्रकाश कुशवाहा (बसपा)- 63,192 चंदन सिंह (अपना दल, कमेरावादी)- 2,491 दीपक कुमार वर्मा (अल हिन्द पार्टी)- 1,377 इन्द्रसिंह (निर्दलीय)- 2,078 गनेशराम (निर्दलीय)- 2,575 धर्मेंद्र प्रताप (निर्दलीय)- 2,303 रमेश (निर्दलीय)- 6,338 लखन लाल (निर्दलीय)- 6,832 नोटा- 15,302