गुजरात में ‘प्रोजेक्ट सेतु’ ने आसान किया सरकार का काम, 78000 करोड़ की परियोजनाओं की हुई समीक्षा

गुजरात में ‘प्रोजेक्ट सेतु’ ने आसान किया सरकार का काम, 78000 करोड़ की परियोजनाओं की हुई समीक्षा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat Project Setu: </strong>गुजरात में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड, जो एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो राज्य के विकास परियोजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन करता है. इसकी इसी क्षमता को बढ़ाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पिछले साल यानी 2023 में सुशासन दिवस के दिन प्रगति-G पोर्टल (Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat) के तहत प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल को लॉन्च किया था. अब प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल का एक साल पूरा होने जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार के विभागों के तहत चल रही परियोजनाओं को समय से पूरा करने और उन परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने में आ रही समस्याओं के तुरंत निराकरण के लिए सीएम डैशबोर्ड के प्रगति-G पोर्टल के तहत प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल को लॉन्च किया गया था. यह एक प्रकार की मुख्यमंत्री स्तर की निगरानी प्रणाली है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गई गहन समीक्षा&nbsp;</strong><br />इसके तहत मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अधिकारी खुद राज्य की अनेक परियोजनाओं की माइक्रो-लेवल मॉनिटरिंग करते हैं. प्रोजक्ट्स के मुद्दों को 10 से अधिक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और इसी को आधार बनाकर उनकी विस्तृत समीक्षा की जाती है. गुजरात सरकार के प्रोजेक्ट सेतु ने सिर्फ एक साल की छोटी सी कार्य अवधि में 78,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गहन समीक्षा कर एक नई मिसाल पेश की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रक्रिया के तहत 327 मुद्दे सामने आए इसमें 193 समस्याओं का सफल समाधान किया गया, जो लगभग 60 प्रतिशत की प्रभावशाली सफलता दर को दर्शाता है. इन समस्याओं के त्वरित समाधान मिलने से इन परियोजनाओं के समय से पूरा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल के तहत विभिन्न विभागों की छोटी-बड़ी परियोजनाओं की रिव्यू मीटिंग की सुविधा ने राज्य सरकार की समीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस भी बना दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन विभागों में की गई समीक्षा</strong><br />इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. समीक्षा किए गए प्रमुख विभागों में नगरीय विकास (22,653 करोड़ रुपये, 76 परियोजनाएं), सड़क और भवन (6,755 करोड़ रुपये, 73 परियोजनाएं), जल आपूर्ति (17,756 करोड़ रुपये, 78 परियोजनाएं), ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स (2,777 करोड़ रुपये, 21 परियोजनाएं) उदाहरण है</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा उद्योग और खनिज (6,579 करोड़ रुपये, 11 परियोजनाएं) और जनजातीय विकास (318 करोड़ रुपये, 12 परियोजनाएं) शामिल हैं. प्रगति- G पोर्टल और प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल के प्रभावी उपयोग से गुजरात सरकार समयबद्ध क्रियान्वयन, पारदर्शिता और निगरानी में आदर्श डिजिटल गवर्नेंस मॉडल प्रस्तुत कर रही है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त उदाहरण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है सीएम डैशबोर्ड का प्रगति-G पोर्टल</strong><br />प्रगति-G पोर्टल के तहत 5 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की निगरानी की जाती है. इस पोर्टल के तहत अब तक 7,812 प्रोजेक्ट्स से अधिक परियोजनाएं रजिस्टर्ड हो चुकी हैं. इतना ही नहीं, इनमें से 3,753 प्रोजेक्ट्स यानी कि 48 प्रतिशत परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा भी किया जा चुका है, जबकि अन्य प्रोजेक्ट्स विभिन्न चरणों पर काम जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रोजेक्ट सेतु के जरिए गुजरात सरकार ने तेजी से मुद्दों के समाधान, अंतरविभागीय समन्वय और विकास कार्यों में तेजी को साकार किया है. प्रोजेक्ट सेतु की यह सफलता न केवल परियोजनाओं को गति प्रदान कर रही है, बल्कि गुजरात के विकास मॉडल को और सुशासन युक्त बना रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat Project Setu: </strong>गुजरात में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड, जो एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो राज्य के विकास परियोजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन करता है. इसकी इसी क्षमता को बढ़ाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पिछले साल यानी 2023 में सुशासन दिवस के दिन प्रगति-G पोर्टल (Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat) के तहत प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल को लॉन्च किया था. अब प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल का एक साल पूरा होने जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार के विभागों के तहत चल रही परियोजनाओं को समय से पूरा करने और उन परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने में आ रही समस्याओं के तुरंत निराकरण के लिए सीएम डैशबोर्ड के प्रगति-G पोर्टल के तहत प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल को लॉन्च किया गया था. यह एक प्रकार की मुख्यमंत्री स्तर की निगरानी प्रणाली है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गई गहन समीक्षा&nbsp;</strong><br />इसके तहत मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अधिकारी खुद राज्य की अनेक परियोजनाओं की माइक्रो-लेवल मॉनिटरिंग करते हैं. प्रोजक्ट्स के मुद्दों को 10 से अधिक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और इसी को आधार बनाकर उनकी विस्तृत समीक्षा की जाती है. गुजरात सरकार के प्रोजेक्ट सेतु ने सिर्फ एक साल की छोटी सी कार्य अवधि में 78,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गहन समीक्षा कर एक नई मिसाल पेश की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रक्रिया के तहत 327 मुद्दे सामने आए इसमें 193 समस्याओं का सफल समाधान किया गया, जो लगभग 60 प्रतिशत की प्रभावशाली सफलता दर को दर्शाता है. इन समस्याओं के त्वरित समाधान मिलने से इन परियोजनाओं के समय से पूरा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल के तहत विभिन्न विभागों की छोटी-बड़ी परियोजनाओं की रिव्यू मीटिंग की सुविधा ने राज्य सरकार की समीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस भी बना दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन विभागों में की गई समीक्षा</strong><br />इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. समीक्षा किए गए प्रमुख विभागों में नगरीय विकास (22,653 करोड़ रुपये, 76 परियोजनाएं), सड़क और भवन (6,755 करोड़ रुपये, 73 परियोजनाएं), जल आपूर्ति (17,756 करोड़ रुपये, 78 परियोजनाएं), ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स (2,777 करोड़ रुपये, 21 परियोजनाएं) उदाहरण है</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा उद्योग और खनिज (6,579 करोड़ रुपये, 11 परियोजनाएं) और जनजातीय विकास (318 करोड़ रुपये, 12 परियोजनाएं) शामिल हैं. प्रगति- G पोर्टल और प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल के प्रभावी उपयोग से गुजरात सरकार समयबद्ध क्रियान्वयन, पारदर्शिता और निगरानी में आदर्श डिजिटल गवर्नेंस मॉडल प्रस्तुत कर रही है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त उदाहरण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है सीएम डैशबोर्ड का प्रगति-G पोर्टल</strong><br />प्रगति-G पोर्टल के तहत 5 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की निगरानी की जाती है. इस पोर्टल के तहत अब तक 7,812 प्रोजेक्ट्स से अधिक परियोजनाएं रजिस्टर्ड हो चुकी हैं. इतना ही नहीं, इनमें से 3,753 प्रोजेक्ट्स यानी कि 48 प्रतिशत परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा भी किया जा चुका है, जबकि अन्य प्रोजेक्ट्स विभिन्न चरणों पर काम जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रोजेक्ट सेतु के जरिए गुजरात सरकार ने तेजी से मुद्दों के समाधान, अंतरविभागीय समन्वय और विकास कार्यों में तेजी को साकार किया है. प्रोजेक्ट सेतु की यह सफलता न केवल परियोजनाओं को गति प्रदान कर रही है, बल्कि गुजरात के विकास मॉडल को और सुशासन युक्त बना रही है.</p>  गुजरात एशिया का दूसरा सबसे पुराना क्राइस्ट चर्च, जहां क्रिसमस पर हर साल लगती है लोगों की भीड़