<p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat News:</strong> अहमदाबाद की एक सेशन कोर्ट ने 2006 में एक प्रवासी भारतीय (एनआरआई) की हत्या के लिए 10 लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एनआरआई ने एक आध्यात्मिक संगठन के लिए जुटाए गए विदेशी धन का लेखा-जोखा मांगा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भरत जाधव ने शुक्रवार को 84 गवाहों के बयानों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद आध्यात्मिक संगठन ‘स्वाध्याय परिवार’ के सदस्यों को हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र रचने समेत अन्य आरोपों में दोषी पाया. स्वाध्याय परिवार से जुड़े एनआरआई पंकज त्रिवेदी की 15 जून 2006 को शहर के एलिसब्रिज जिमखाना के पास पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भुज भूकंप राहत के लिए धन जुटाने में की थी मदद</strong><br />अभियोजन पक्ष के अनुसार, त्रिवेदी ने 2001 में भुज भूकंप राहत के लिए संगठन को विदेश से धन जुटाने में मदद की थी. लेकिन, जब उन्होंने इस धन के व्यय के बारे में पूछताछ की, तो संगठन के सदस्यों ने उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करा दीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’खतरा महसूस होने पर पुलिस से किया संपर्क'</strong><br />अभियोजन पक्ष ने कहा कि त्रिवेदी ने खतरा महसूस होने पर पुलिस से संपर्क किया और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संगठन के 30 सदस्यों के नाम बताए और कहा कि अगर उन्हें या उनके मित्रों को कुछ भी हुआ तो वे इसके लिए जिम्मेदार होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपियों ने त्रिवेदी के खिलाफ निचली अदालतों, गुजरात हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनके खिलाफ मामले खारिज कर दिए गए. अभियोजन पक्ष ने कहा कि कानूनी झटके के बाद आरोपी, त्रिवेदी की हत्या करने का मौका तलाश रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन्हें हुई आजीवन कारावास की सजा</strong><br />अदालत ने मामले में चंद्रसिंह जडेजा, हितेशसिंह चुडासमा, दक्षेश शाह, भूपतसिंह जडेजा, मानसिंह वाढेर, घनश्याम चुडासमा, भरत भट्ट, भरतसिंह जडेजा, चंद्रकांत डाकी और जसुभा जडेजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने मुकदमे के दौरान 23 गवाहों के मुकर जाने पर भी सख्त रुख अपनाया और उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 344 के तहत झूठी गवाही के लिए नोटिस जारी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कांग्रेस नेता रहे गुजरात के मंत्री का निशाना, कहा- ‘स्वतंत्रता के बाद गरीब देश को अमीर…'” href=”https://www.abplive.com/states/gujarat/gujarat-minister-balvantsinh-rajput-attacks-congress-over-jawaharlal-nehru-2893974″ target=”_blank” rel=”noopener”>कांग्रेस नेता रहे गुजरात के मंत्री का निशाना, कहा- ‘स्वतंत्रता के बाद गरीब देश को अमीर…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat News:</strong> अहमदाबाद की एक सेशन कोर्ट ने 2006 में एक प्रवासी भारतीय (एनआरआई) की हत्या के लिए 10 लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एनआरआई ने एक आध्यात्मिक संगठन के लिए जुटाए गए विदेशी धन का लेखा-जोखा मांगा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भरत जाधव ने शुक्रवार को 84 गवाहों के बयानों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद आध्यात्मिक संगठन ‘स्वाध्याय परिवार’ के सदस्यों को हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र रचने समेत अन्य आरोपों में दोषी पाया. स्वाध्याय परिवार से जुड़े एनआरआई पंकज त्रिवेदी की 15 जून 2006 को शहर के एलिसब्रिज जिमखाना के पास पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भुज भूकंप राहत के लिए धन जुटाने में की थी मदद</strong><br />अभियोजन पक्ष के अनुसार, त्रिवेदी ने 2001 में भुज भूकंप राहत के लिए संगठन को विदेश से धन जुटाने में मदद की थी. लेकिन, जब उन्होंने इस धन के व्यय के बारे में पूछताछ की, तो संगठन के सदस्यों ने उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करा दीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’खतरा महसूस होने पर पुलिस से किया संपर्क'</strong><br />अभियोजन पक्ष ने कहा कि त्रिवेदी ने खतरा महसूस होने पर पुलिस से संपर्क किया और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संगठन के 30 सदस्यों के नाम बताए और कहा कि अगर उन्हें या उनके मित्रों को कुछ भी हुआ तो वे इसके लिए जिम्मेदार होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपियों ने त्रिवेदी के खिलाफ निचली अदालतों, गुजरात हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनके खिलाफ मामले खारिज कर दिए गए. अभियोजन पक्ष ने कहा कि कानूनी झटके के बाद आरोपी, त्रिवेदी की हत्या करने का मौका तलाश रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन्हें हुई आजीवन कारावास की सजा</strong><br />अदालत ने मामले में चंद्रसिंह जडेजा, हितेशसिंह चुडासमा, दक्षेश शाह, भूपतसिंह जडेजा, मानसिंह वाढेर, घनश्याम चुडासमा, भरत भट्ट, भरतसिंह जडेजा, चंद्रकांत डाकी और जसुभा जडेजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने मुकदमे के दौरान 23 गवाहों के मुकर जाने पर भी सख्त रुख अपनाया और उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 344 के तहत झूठी गवाही के लिए नोटिस जारी किया.</p>
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गुजरात: NRI की हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला, 10 लोगों को आजीवन कारावास की सजा
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