हरियाणा के पलवल में हसनपुर थाना क्षेत्र में एक वकील व उसके भांजे पर जानलेवा हमला कर उसकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने का मामला प्रकाश में आया है। हसनपुर थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 14 नामजद सहित 24 के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। हसनपुर थाना प्रभारी अजीत नागर के अनुसार, बासवां गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह ने कोर्ट में दायर इस्तगासा में कहा है कि वह पेशे से वकील है। 21 अप्रैल को अपनी बहन के यहां रामगढ़ गया हुआ था। उसका कहना है कि वह पहले सुमेर सरपंच के घर गया तो पता चला की सरपंच खेतों पर गए हुए हैं। इसके बाद वह अपने भांजे नीरज को गाड़ी में लेकर सरपंच के खेतों पर चल दिया। जब वे खेतों पर पहुंचे तो देखा कि 25-30 व्यक्ति अपने हाथों में घातक हथियार लिए हुए थे, जिनकी उसने अपनी गाड़ी में से वीडियो बनाई। जिनमें से कुछ को उसके भांजे ने पहचान लिया। उन्होंने गाड़ी को रुकवाया और गाली-गलौज शुरू कर दी। उसने विरोध किया तो उन्होंने गाडी पर लाठी, गंडासा व फरसा से हमला कर गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। उसने मौके से गाड़ी लेकर भागना चाह तो अवैध हथियारों से उसे जान से मारने की नीयत से फायर करने शुरू कर दिए, लेकिन गाड़ी चलने के कारण गोली उसे नहीं लगी। इसकी शिकायत उसने पुलिस को दी तो हसनपुर थाना पुलिस ने उल्टा उसके खिलाफ ही झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। थाना प्रभारी के अलावा डीएसपी व एसपी से गुहार लगाई, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद उसने न्याय के लिए होडल कोर्ट में इस्तगासा दायर की। इस्तगासा के आधार न्यायालय ने हसनपुर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर हसनपुर थाना पुलिस ने रामगढ़ गांव निवासी सुमेर, हरि, चन्दन, भगत, भोला, रोहित, मुकेश, सुधीर, कर्मवीर, उदयवीर, तेजन, कुलदीप, पवन व नन्दकिशोर सहित 24 के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 149, 323, 307, 341, 427 एवं 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के पलवल में हसनपुर थाना क्षेत्र में एक वकील व उसके भांजे पर जानलेवा हमला कर उसकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने का मामला प्रकाश में आया है। हसनपुर थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 14 नामजद सहित 24 के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। हसनपुर थाना प्रभारी अजीत नागर के अनुसार, बासवां गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह ने कोर्ट में दायर इस्तगासा में कहा है कि वह पेशे से वकील है। 21 अप्रैल को अपनी बहन के यहां रामगढ़ गया हुआ था। उसका कहना है कि वह पहले सुमेर सरपंच के घर गया तो पता चला की सरपंच खेतों पर गए हुए हैं। इसके बाद वह अपने भांजे नीरज को गाड़ी में लेकर सरपंच के खेतों पर चल दिया। जब वे खेतों पर पहुंचे तो देखा कि 25-30 व्यक्ति अपने हाथों में घातक हथियार लिए हुए थे, जिनकी उसने अपनी गाड़ी में से वीडियो बनाई। जिनमें से कुछ को उसके भांजे ने पहचान लिया। उन्होंने गाड़ी को रुकवाया और गाली-गलौज शुरू कर दी। उसने विरोध किया तो उन्होंने गाडी पर लाठी, गंडासा व फरसा से हमला कर गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। उसने मौके से गाड़ी लेकर भागना चाह तो अवैध हथियारों से उसे जान से मारने की नीयत से फायर करने शुरू कर दिए, लेकिन गाड़ी चलने के कारण गोली उसे नहीं लगी। इसकी शिकायत उसने पुलिस को दी तो हसनपुर थाना पुलिस ने उल्टा उसके खिलाफ ही झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। थाना प्रभारी के अलावा डीएसपी व एसपी से गुहार लगाई, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद उसने न्याय के लिए होडल कोर्ट में इस्तगासा दायर की। इस्तगासा के आधार न्यायालय ने हसनपुर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर हसनपुर थाना पुलिस ने रामगढ़ गांव निवासी सुमेर, हरि, चन्दन, भगत, भोला, रोहित, मुकेश, सुधीर, कर्मवीर, उदयवीर, तेजन, कुलदीप, पवन व नन्दकिशोर सहित 24 के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 149, 323, 307, 341, 427 एवं 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नाराज कुमारी सैलजा पर भजनलाल परिवार की सियासत:चंद्रमोहन बोले- हरियाणा की भावी मुख्यमंत्री, कुलदीप बिश्नोई ने कहा- सम्मानित नेता, कांग्रेस अच्छा नहीं कर रही
नाराज कुमारी सैलजा पर भजनलाल परिवार की सियासत:चंद्रमोहन बोले- हरियाणा की भावी मुख्यमंत्री, कुलदीप बिश्नोई ने कहा- सम्मानित नेता, कांग्रेस अच्छा नहीं कर रही हरियाणा में नाराज कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा पर सियासत शुरू हो गई है। उनकी इस नाराजगी पर पूर्व सीएम भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा के साथ कांग्रेस अच्छा नहीं कर रही। वहीं भजनलाल के बड़े बेटे एवं पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन सैलजा को मुख्यमंत्री का फेस बता चुके हैं अभी कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में हैं तो वहीं चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस में हैं। चंद्रमोहन सैलजा गुट से आते हैं। सैलजा कांग्रेस में हुड्डा खेमे से नाराज बताई जा रही हैं। 18 सितंबर को कांग्रेस के मैनिफेस्टो लॉन्च कार्यक्रम में भी वह नजर नहीं आई थीं। कुमारी सैलजा इन दिनों दिल्ली में हैं। सैलजा समेत उनकी पूरी टीम ने हरियाणा के चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। हरियाणा को लेकर कुमारी सैलजा ने 4 दिनों में एक पोस्ट की… अब पढ़िए कुलदीप बिश्नोई और चंद्रमोहन का पूरा बयान… कुलदीप बोले- अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा
हरियाणा BJP के सीनियर नेता कुलदीप बिश्नोई ने शुक्रवार को हिसार में कहा कि कुमारी सैलजा कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं, मगर पार्टी में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार होगी। चंद्रमोहन ने सैलजा को बताया भावी सीएम
लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री फेस को लेकर गुटबाजी दिखने लगी थी। कुमारी सैलजा के सिरसा से लोकसभा सांसद बनने के बाद चंद्रमोहन ने उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद चंद्रमोहन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर एक पोस्ट डाली थी। पोस्ट में लिखा था, ‘हरियाणा प्रदेश की भावी मुख्यमंत्री व सिरसा लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद बहन कुमारी सैलजा से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात कर उनको ऐतिहासिक जीत की बधाई दी।’ सैलजा ने 4 दिन में महज 2 पोस्ट की
कुमारी सैलजा की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 4 दिन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महज 2 पोस्ट शेयर की हैं। एक पोस्ट कांग्रेस के घोषणा पत्र की है तो दूसरा बिहार की घटना को लेकर है। कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर सैलजा ने महज एक ही पोस्ट शेयर की है। हरियाणा में चुनाव प्रचार चरम पर है ऐसे में कांग्रेस की स्टार प्रचारक की नाराजगी कांग्रेस पर भारी भी पड़ सकती है। साइलेंट सैलजा ने मचाई हुड्डा खेमे में खलबली
सैलजा की खामोशी से हुड्डा खेमे में खलबली मची हुई है, क्योंकि उनकी चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है और हुड्डा खेमे को सत्ता पाने की चाहत से दूर कर सकता है। बता दें कि कुमारी सैलजा अनुसूचित जाति से आती हैं। वह हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में 17 रिजर्व सीटे हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा अच्छा होल्ड रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा खामोश नजर आ रही हैं और तभी से उन्होंने चुनावी कैंपेन से पूरी तरह दूरी बना ली है। सैलजा के नाराज होने की 3 वजह…
1. टिकट वितरण में अनदेखी : कुमारी सैलजा के नाराज होने की पहली वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी।
वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 4 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी : टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ।
दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी : हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट हुड्डा पिता-पुत्र का है, तो दूसरा गुट SRK से SRB हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा की मनमानी से नाराज होकर भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमों में साफ तौर पर तनातनी देखने को मिली है। हुड्डा-सैलजा में कांग्रेस संदेश यात्रा के दौरान दिखी तनातनी
हरियाणा कांग्रेस में CM फेस को लेकर छिड़ी लड़ाई उस समय भी दिखी थी जब हुड्डा गुट के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कैंपेन के बराबर सांसद कुमारी सैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान कर दिया था। सैलजा ने सोशल मीडिया पर 27 जुलाई से अपना कैंपेन शुरू करने को लेकर एक पोस्टर शेयर किया था। इससे बवाल मच गया था। क्योंकि इस पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का फोटो नहीं था। हुड्डा गुट ने इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से की थी। इसके बाद सैलजा ने एक और पोस्टर रिलीज किया था, जिसमें हुड्डा और उदयभान के फोटो शामिल किए गए। सैलजा ने अपने पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को जगह दी थी।
हरियाणा में BJP नेता कुलदीप बिश्नोई का जबरदस्त विरोध:धक्कामुक्की और तीखी नोकझोंक हुई, मोबाइल तोड़ा; बेटे का प्रचार करने गए थे
हरियाणा में BJP नेता कुलदीप बिश्नोई का जबरदस्त विरोध:धक्कामुक्की और तीखी नोकझोंक हुई, मोबाइल तोड़ा; बेटे का प्रचार करने गए थे हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होते ही भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं व उम्मीदवारों का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। लोग, विशेष रूप से किसान राजनेताओं से उनके किए का हिसाब मांग रहे हैं। आज भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई आदमपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करने गांव कुतियावाली पहुंचे। यहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान कुलदीप बिश्नोई की लोगों के साथ तीखी नोकझोंक हुई। ग्रामीणों का कहना है कि इस वारदात को फोन में रिकॉर्ड कर रहे एक ग्रामीण का कुलदीप के समर्थकों ने छीनकर मोबाइल तोड़ दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। सूचना यह भी है कि ग्रामीणों ने कुलदीप के साथ मारपीट की है। हालांकि, आदमपुर पुलिस का कहना है कि इस प्रकार का कोई मामला उनके पास नहीं आया। कोई काम उन्होंने नहीं करवाया
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुलदीप ने उनके गांव की अनदेखी की है। यहां कोई काम उन्होंने नहीं करवाया। आज जब कुलदीप अपने बेटे भव्य के लिए प्रचार करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और सवाल पूछने लगे। इस पर विधायक भव्य भड़क गए और लोगों पर चिल्लाने लगे। इसके बाद माहौल गर्म हो गया। अंत में कुलदीप को कार्यक्रम समाप्त कर लौटना पड़ा। नारायणगढ़ के गांव में पवन सैनी को प्रचार नहीं करने दिया
इसी प्रकार, CM नायब सैनी के गृह क्षेत्र अंबाला के विधानसभा क्षेत्र नारायणगढ़ में भाजपा उम्मीदवार पवन सैनी का विरोध किया गया है। पवन सैनी नारायणगढ़ कस्बे में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। लेकिन, उनके आने से पहले ही स्थानीय किसान संगठनों के लोगों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद किसान संगठन के सदस्य पहले ही गांव के रास्ते पर झंडे लेकर जमा हो गए। उन्होंने पवन सैनी की गाड़ी आते ही नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया। इसके बाद पवन सैनी को बिना प्रचार किए रास्ते से ही लौटना पड़ा। उनके सामने किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। इन नेताओं का भी विरोध हो चुका
इससे पहले प्रचार के दौरान हरियाणा भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक विनोद भयाना, JJP नेता व पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला और बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को भी विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीण इन्हें घेरकर उनकी समस्याएं हल न करने पर जवाब मांग रहे हैं। वहीं, सरकार रहने के दौरान किसान-मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकने पर भाजपा और JJP के उम्मीदवार घिर रहे हैं। अंबाला कैंट में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के प्रोग्राम में भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े ग्रामीणों ने हंगामा किया। उचाना में ग्रामीणों ने दुष्यंत चौटाला की गाड़ी घेर ली। बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। नेताओं के विरोध से जुड़े मामले सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें.. अनिल विज के प्रोग्राम में हंगामा
अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को रविवार शाम जलबेड़ा और शाहपुर गांव में किसानों का विरोध झेलना पड़ा। विज के इन दोनों गांवों में चुनावी कार्यक्रम रखे गए थे। इसकी भनक लगते ही किसान यूनियनों से जुड़े लोग वहां पहुंच गए और झंडे लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। शाहपुर गांव में विरोध जताने वाले लोग भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े थे। वह यूनियन के झंडे लेकर कार्यक्रम के अंदर पहुंच गए। हंगामे के दौरान विज समर्थकों ने भी ‘अनिल विज जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। दोनों पक्षों के आमने-सामने हो जाने और नारेबाजी से माहौल गर्मा गया। हंगामा बढ़ता देखकर अनिल विज प्रोग्राम बीच में ही छोड़कर शाहपुर गांव से रवाना हो गए। दुष्यंत चौटाला को काले झंडे दिखाए
हरियाणा के उचाना में शनिवार शाम पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला का छातर गांव में विरोध हुआ। दुष्यंत का काफिला जैसे ही गांव में पहुंचा तो वहां युवाओं ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। युवकों ने आरोप लगाया कि दुष्यंत चौटाला को पिछले विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों ने बड़ी जीत दिलाई थी। लोगों ने भाजपा के खिलाफ होकर दुष्यंत के लिए वोटिंग की। दुष्यंत चुनाव जीत गए तो वह खुद भाजपा के साथ चले गए। इसे लेकर लोगों में बहुत नाराजगी है। युवकों का कहना है कि पिछले चुनाव के बाद छातर गांव ने दुष्यंत चौटाला का सामाजिक बहिष्कार किया था। जिस कारण लोग सामाजिक बहिष्कार किए हुए लोगों को गिरफ्तार करने की बात कर रहे हैं। जींद में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण बेदी से तीखी बहस..
जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP के प्रत्याशी पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और ग्रामीणों में तीखी बहस हो गई। वे भिखेवाला गांव में चुनाव प्रचार व वोट मांगने गए थे। इस दौरान उनको ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के व्यवहार से लोगों में रोष था। वे चुनाव प्रचार के लिए गांव भिखेवाला की चौपाल में पहुंचे थे। वहां एकत्रित लोगों ने कृष्ण बेदी को कहा कि उन्होंने मंत्री रहते हुए कभी उनके गांव की समस्याओं को निपटाने में दिलचस्पी नहीं ली। इसलिए अब विधानसभा चुनाव में गांव के लोग भी कृष्ण बेदी की कोई बात नहीं सुनेंगे। इस दौरान ग्रामीणों व कृष्ण बेदी के बीच खूब सवाल जवाब हुए। ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि जिस प्रकार का अपमान भारतीय जनता पार्टी व उसके मंत्रियों ने किसानों- मजदूरों का किया, ठीक उसी प्रकार अब वे विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ करेंगे। इस दौरान कृष्ण बेदी लोगों को समझाते हुए नजर आए। लेकिन लोग उनकी बात सुनने के लिए राजी नहीं हुए। उकलाना में अनूप धानक का विरोध, बोले- जब आप मंत्री थे हमारे से बदबू आती थी, अब कैसे याद आई हिसार जिले की उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अनूप धानक को शनिवार को विरोध का सामना करना पड़ा। धानक प्रभुवाला और कंडूल गांव में पहुंचे तो यहां ग्रामीणों ने नारेबाजी की। प्रभुवाला में ग्रामीणों ने कहा कि आप पिछले 10 वर्षों से हलके के विधायक रहे। एक बार भी उनका हाल-चाल लेने नहीं आए। जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे से बदबू आती थी। अगर खुशी में मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार पर रख देते थे। आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। कंडूल गांव में ग्रामीणों ने कहा कि 10 वर्षों में उनके गांव में करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। किसी के यहां शोक जताने तक नहीं आए। किसान बोले- शुभकरण को गोली क्यो मारी, भयाना ने कहा- वोट मत देना वहीं हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाना के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई। हांसी में डीपी वत्स और बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। आपकी सरकार किसान विरोधी है जो कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। हांसी से भाजपा उम्मीदवार बोले- इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना मगर बहसबाजी मत करो। कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में पंचायत बुलाई; किसान बोले- CLU कांड के आरोपी को टिकट दी हरियाणा के बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को टिकट देने के विरोध में किसानों ने 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। किसान नेता जोगेंद्र मय्यड़ ने बताया कि कांग्रेस ने चेंज ऑफ लैंड यूज कांड के आरोपी को टिकट दी है। हमने मीटिंग करके सर्वसम्मति से 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है। ये कमेटियां स्वयं गांव-गांव जाएंगी और मीटिंग के लिए निमंत्रण देंगी। इससे पहले, किसानों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर रामनिवास घोड़ेला को टिकट न देने के लिए कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की टिकट का विरोध किया था। 2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भयाना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने CLU करवाने के लिए वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम NGO को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले में स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत SIT गठित करके जांच के आदेश दिए थे। 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं SIT के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सभी के खिलाफ केस दर्ज किया।
सिरसा विधानसभा में चुनाव रद्द करवाने की मांग:INLD ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा- तय समय से पहले बांटे चुनाव चिह्न
सिरसा विधानसभा में चुनाव रद्द करवाने की मांग:INLD ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा- तय समय से पहले बांटे चुनाव चिह्न हरियाणा की सिरसा विधानसभा में दोबारा नए सिरे से चुनाव करवाने की इनेलो (INLD) ने मांग की है। INLD की तरफ से केंद्रीय चुनाव आयोग को इस बारे में एक पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि सिरसा विधानसभा में आज दोपहर 2 बजे चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। जबकि नामांकन वापसी का समय दोपहर 3 बजे का है। नामांकन वापसी प्रक्रिया पूरी होने से पहले चुनाव चिह्न नियमानुसार बांटे नहीं जा सकते। मगर सिरसा में निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव चिह्न आवंटन में घोर गलती की है। इस प्रकार की बड़ी गलती चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है। इस गंभीर उल्लंघन को देखते हुए, इंडियन नेशनल लोकदल सिरसा विधानसभा में चुनाव रद करवाने और नए सिरे से चुनाव करवाने की मांग करता है। INLD की तरफ से चुनाव आयोग को लिखा पत्र…