पंजाब के गुरदासपुर में अमृतसर पठानकोट नेशनल हाईवे पर कस्बा धारीवाल के बाइपास पर रिलायंस पंप के पास अचानक एक छोटे हाथी वाहन को आग लग गई। वाहन अमृतसर से बहरामपुर जा रहा था। इसमें कुछ सामान भी लदा हुआ था। छोटा हाथी वाहन चालक ने आग लगने का पता चलते ही गाड़ी को धीरे कर लिया। उसने और उसके साथी ने चलती गाड़ी में छलांग लगा दी। इस दौरान उन्हें चोट भी लगी, परंतु किसी तरह जान बच गई। दोनों को पहुंचाया सीएचसी धारीवाल वहीं राहगीर ने सड़क सुरक्षा फोर्स को फोन किया, तो कुछ ही समय में सड़क सुरक्षा फोर्स कर्मचारी मौके पर पहुंचे। पैट्रोल पंप के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया। सड़क सुरक्षा फोर्स के कर्मचारियों ने दोनों गाड़ी सवारों को सीएचसी धारीवाल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया गया। सामान लेकर बहरामपुर जा रहे थे जानकारी देते हुए गाड़ी ड्राइवर शिव सिंह यादव और उसके साथी हरी नारायण सिंह यादव ने बताया कि वह अमृतसर से कुछ सामान लेकर बहरामपुर को जा रहे थे। जब वह धारीवाल बाइपास पर रिलायंस पंप के पास पहुंचे, तो अचानक ही उन्हें पता चला कि वाहन के नीचे से आग लग गई है। शीशे में आग भड़कती नजर आई, तो दोनों ने गाड़ी को धीरे करते हुए छलांग लगा दी। जिस कारण दोनों घायल हो गए। पंप कर्मचारियों के सहयोग से बुझाई आग सड़क सुरक्षा फोर्स एएसआई निर्मल सिंह ने बताया कि उन्हें किसी राहगीर ने फोन किया कि धारीवाल बाइपास पर रिलायंस जीओ पंप के पास एक छोटे हाथी वाहन को भयंकर आग लग गई है। वह अपनी टीम के साथ तुरंत घटना वाली जगह पर पहुंचे। रिलायंस पंप के कर्मचारियों के सहयोग से आग पर काबू पाया। वहीं ड्राइवर और उसके साथी को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया गया। पंजाब के गुरदासपुर में अमृतसर पठानकोट नेशनल हाईवे पर कस्बा धारीवाल के बाइपास पर रिलायंस पंप के पास अचानक एक छोटे हाथी वाहन को आग लग गई। वाहन अमृतसर से बहरामपुर जा रहा था। इसमें कुछ सामान भी लदा हुआ था। छोटा हाथी वाहन चालक ने आग लगने का पता चलते ही गाड़ी को धीरे कर लिया। उसने और उसके साथी ने चलती गाड़ी में छलांग लगा दी। इस दौरान उन्हें चोट भी लगी, परंतु किसी तरह जान बच गई। दोनों को पहुंचाया सीएचसी धारीवाल वहीं राहगीर ने सड़क सुरक्षा फोर्स को फोन किया, तो कुछ ही समय में सड़क सुरक्षा फोर्स कर्मचारी मौके पर पहुंचे। पैट्रोल पंप के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया। सड़क सुरक्षा फोर्स के कर्मचारियों ने दोनों गाड़ी सवारों को सीएचसी धारीवाल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया गया। सामान लेकर बहरामपुर जा रहे थे जानकारी देते हुए गाड़ी ड्राइवर शिव सिंह यादव और उसके साथी हरी नारायण सिंह यादव ने बताया कि वह अमृतसर से कुछ सामान लेकर बहरामपुर को जा रहे थे। जब वह धारीवाल बाइपास पर रिलायंस पंप के पास पहुंचे, तो अचानक ही उन्हें पता चला कि वाहन के नीचे से आग लग गई है। शीशे में आग भड़कती नजर आई, तो दोनों ने गाड़ी को धीरे करते हुए छलांग लगा दी। जिस कारण दोनों घायल हो गए। पंप कर्मचारियों के सहयोग से बुझाई आग सड़क सुरक्षा फोर्स एएसआई निर्मल सिंह ने बताया कि उन्हें किसी राहगीर ने फोन किया कि धारीवाल बाइपास पर रिलायंस जीओ पंप के पास एक छोटे हाथी वाहन को भयंकर आग लग गई है। वह अपनी टीम के साथ तुरंत घटना वाली जगह पर पहुंचे। रिलायंस पंप के कर्मचारियों के सहयोग से आग पर काबू पाया। वहीं ड्राइवर और उसके साथी को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना में तेजधार हथियारों से युवक की हत्या, VIDEO:दोनों पक्षों में चले ईंट,पत्थर;हत्यारों का दावा-बाइक सवारों ने महिला पर की थी टिप्पणी
लुधियाना में तेजधार हथियारों से युवक की हत्या, VIDEO:दोनों पक्षों में चले ईंट,पत्थर;हत्यारों का दावा-बाइक सवारों ने महिला पर की थी टिप्पणी पंजाब के लुधियाना में सोमवार रात सर्कट हाऊस के बाहर दो पक्षों में खूनी झड़प हुई। फिरोजपुर रोड पर सरेआम ईंट-पत्थर युवकों ने एक दूसरे पर चलाए। झड़प दौरान एक युवक गंभीर घायल हो गया जिसकी मंगलवार बीते शाम मौत हो गई। मरने वाले युवक का नाम मोहित पदम है। मोहित घाटी मोहल्ला का रहने वाला है। उसके दो साथी दीपक और योांगशु गंभीर रूप से घायल है। सिर पर चोट लगने और खून बहने से हुई मौत मोहित के सिर पर बदमाशों ने तेजधार हथियार से वार किए। सिर पर चोट लगने और खून बहने के कारण उसकी मौत हुई है। घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में भी घटना कैद हो गई। इस मामले में थाना पीएयू की पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि बाकियों की तलाश जारी है। हमलावरों का दावा-बाइक सवारों ने महिला को करी टिप्पणी हमलावरों ने दावा किया है कि बाइक सवार युवकों ने एक महिला पर टिप्पणी की थी जिसके बाद ये मामला खूनी झपड़ में बदल गया। पहले बहसबाजी हुई फिर गाली गलोच। करीब 5 मिनट तक दोनों पक्षों की तरफ से ईंटे चली। परिवार का था मोहित इकलौता सहारा मृतक मोहित परिवार का इकलौता सहारा था। उसके पिता का मौत हो चुकी है। उसकी माता पिंकी ने बताया कि अभी मोहित ने 12वीं कक्षा पास की थी। उसने कालेज में दाखिला लेना था। अगले महीने उसकी बहन की शादी है। वह अपने किसी दोस्त का जन्म दिन मनाने स्पाइसी हट रेस्टोरेंट गया था। हमलावरों ने लिफ्ट मांगने का इशारा करके बाइक रोका परिवारिक सदस्यों का कहना है कि रास्ते में जब मोहित वापस घर लौट रहा था तो किसी युवक ने उन्हें रुकने का इशारा किया। उसे लगा कि शायद कोई मदद मांग रहा है। इस कारण वह दोस्तों के साथ वहां रुक गया। लेकिन वहां मौजूद लोगों ने शराब पी हुई थी। उन लोगों ने मोहित और उसके दोस्तों पर ईंट-पत्थर बरसाए। मोहित सड़क पर गिर गया। इस कारण उस पर तेजधार हथियारों से भी हमला किया। उसका काफी खून बह बह गया। बीते शाम उसकी अस्पताल में मौत हो गई। मोहित के साथ उसके दोस्त दीपक और योगांशु भी गंभीर रूप से घायल है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सूरज उर्फ माधव, सागर और अभिषेक के रूप में हुई है। उनके साथी सन्नी और छह अन्य, जिनकी अभी पहचान नहीं हो पाई है, फरार हैं। SHO राजिंदरपाल सिंह बोले… पीएयू थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर राजिंदरपाल सिंह ने बताया कि मोहन पदम अपने दोस्तों दीपक, निखिल, योगांशु, मोहित कंडियार, मंथन, मोहन, दीपक और गौतम के साथ डिनर के लिए गए थे। घर लौटते समय सर्किट हाउस के पास आरोपियों से उनकी कहासुनी हो गई। जबकि उसके बाकी दोस्त भागने में कामयाब रहे। मोहित पदम, दीपक और योगांशु को आरोपियों ने पकड़ लिया। मोहित पदम ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह सड़क पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट बोला-डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही:पंजाब सरकार उन्हें अस्थाई अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती, ये उन्हीं की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट बोला-डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही:पंजाब सरकार उन्हें अस्थाई अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती, ये उन्हीं की जिम्मेदारी हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 25 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (20 दिसंबर) को लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई। पंजाब सरकार के अटॉर्नी जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य से जुड़ी अपडेट रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को मोर्चे के पास बनाए अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट किया जाए। इस पर सरकारी वकील का कहना है कि किसान नेता के सारे टेस्ट किए गए हैं। उनका स्वास्थ्य अभी स्थिर है। सरकार से निर्देश लेकर और किसानों की अनुमति से उन्हें शिफ्ट किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार डल्लेवाल की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। उन्हें अस्थायी अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट कर सकते?। उनके स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और AG गुरमिंदर सिंह के सवाल-जवाब पंजाब AG गुरमिंदर सिंह: कल हमने डल्लेवाल के सभी टेस्ट किए थे। ECG सामान्य था, ब्लड के सैंपल भी लिए थे। फिलहाल, ऐसा लगता है कि स्थिति हमारे नियंत्रण में है। उनके हार्ट की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हमने ब्लड के सैंपलों पर लगभग 20 टेस्ट किए गए। सुप्रीम कोर्ट- इस पर अदालत ने पूछा कि कौन सा भाग असामान्य है? पंजाब AG- क्रिएटिनिन थोड़ा ऊपर है। यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, जिसके लिए दवा की जरूरत होती है, लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट- डल्लेवाल को आपके द्वारा बनाए गए ऑफ-साइट अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट करें। पंजाब AG- किसानों के थोड़े से सहयोग की शर्त पर ऐसा करने का प्रयास करेंगे। वहीं, कैंसर की स्थिति पर हमने पाया है कि उनका PSA थोड़ा अधिक है, लेकिन खतरनाक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट- कौन अधिकारी इन सबकी जिम्मेदारी लेते हुए हलफनामा दायर करेगा? पंजाब AG- इसका जवाब हम निर्देश लेने के बाद देंगे। सुप्रीम कोर्ट- हम चाहते हैं कि मुख्य सचिव और DGP दोनों आज हलफनामा दाखिल करें। इस वचन के साथ कि आप उन्हें अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करेंगे और लगातार चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगे। पंजाब AG- मुख्य सचिव का हलफनामा मिल गया है। हमने मेडिकल राय ली है और ये हलफनामा दिया है। सुप्रीम कोर्ट- आप उन्हें (डल्लेवाल) अस्थायी अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट कर सकते? सुप्रीम कोर्ट का आदेश: पंजाब के मुख्य सचिव ने एक हलफनामा दायर किया है। इसमें डल्लेवाल के ब्लड के सैंपल और ECG की रिपोर्ट का रेफरेंस दिया गया है। कल हमारे सामने एक और मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसके अनुसार डल्लेवाल की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। सुप्रीम कोर्ट का आदेश: अधिकारी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या उन्हें उस अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है, जो प्रदर्शन वाली जगह से कुछ दूरी पर बनाया गया है। स्वास्थ्य स्थिरता के बारे में एक ताजा मेडिकल रिपोर्ट पंजाब के मुख्य सचिव के साथ-साथ मेडिकल बोर्ड की चेयरपर्सन देंगी। सरकार ने 4 डॉक्टरों की टीम बनाई थी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देने के लिए पंजाब सरकार ने सरकारी राजिंदरा अस्पताल, पटियाला के 4 डॉक्टरों की टीम बनाई थी। उन्होंने गुरुवार को खनौरी बॉर्डर पहुंचकर डल्लेवाल के ब्लड सैंपल लिए। ECG की। इसकी रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। डल्लेवाल फसलों की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं। इसी बीच डल्लेवाल ने 6 मुद्दे उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी है। इसमें आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2020–21 में हुए आंदोलन के वक्त मानी मांगों को पूरा नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट में पिछले 2 दिन की सुनवाई के बड़े पॉइंट्स 18 दिसंबर: पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है?। आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई, तो कैसे कह सकते हैं कि वह ठीक हैं?। 17 दिसंबर: पंजाब सरकार ने कहा था कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा– डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। पंजाब सरकार ने कहा कि किसानों ने बातचीत से मना कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।” हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी 2024 को आंदोलन शुरू हुआ। खनौरी बॉर्डर पर भी किसान बैठे। 10 जुलाई 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोलने को कहा। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए कमेटी बनाई
हरियाणा सरकार की याचिका पर 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई, जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। डल्लेवाल की सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी के 6 पॉइंट… 1. मुझे खबरों से पता चला कि आप मेरे स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं। आपकी भावना का हम सम्मान करते हैं। मगर, मेरी जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण उन किसानों की जिंदगियां थी जिन्होंने सरकारों की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या कर ली। 2. पहले सिर्फ किसान–खेत मजदूर ही MSP गारंटी कानून की मांग कर रहे थे लेकिन अब संसद की स्थायी समिति (खेती) ने भी इसकी सिफारिश की है। आप केंद्र सरकार को निर्देश दें कि संसद की कमेटी की रिपोर्ट एवं किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए MSP गारंटी कानून बनाएं। जिससे किसानों की आत्महत्या बंद हो सके। 3. हम जिन मुद्दों पर आंदोलन कर रहे, ये सिर्फ मांगें नहीं बल्कि सरकारों के किए वादे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के CM रहते हुए इसकी सिफारिश की थी। 4. किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए बनाए गए डॉ स्वामीनाथन कमीशन ने 2006 में रिपोर्ट दी। 2014 तक रही UPA सरकार ने इसे लागू नहीं किया। 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी C2+50% फॉर्मूले पर MSP का वादा किया लेकिन अब केंद्र ने SC में एफिडेविट दे दिया कि वे रिपोर्ट लागू नहीं कर सकते। 5. 2018 में पहले चीमा मंडी और फिर अन्ना हजारे के साथ मैंने दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन किया। तब तत्कालीन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से चिट्ठी सौंपी की 3 महीने में स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करेंगे। 6 साल बीत जाने के बावजूद आज तक उसे लागू नहीं किया गया। 6. 2020-2021 में 378 दिनों तक चले आंदोलन को स्थगित करते समय 9 दिसंबर 2021 को कृषि मंत्रालय ने एक चिट्ठी सौंपी। जिसमें हर किसान के लिए MSP सुनिश्चित करने का वादा था। मगर इसे पूरा नहीं किया गया। डल्लेवाल की ओर से SC को लिखी चिट्ठी की कॉपी… किसान आंदोलन में आगे क्या…. – किसानों के समर्थन में हरियाणा की खाप पंचायतें 29 दिसंबर को हिसार में महापंचायत करेंगी। – शंभू–खनौरी बॉर्डर आंदोलन कर रहे फोरम के नेता सरवण पंधेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद की कॉल दी है।
——————————— सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- किसान नेता डल्लेवाल की हालत बिगड़ी,डॉक्टर बोले- उनकी जान कमजोर धागे जैसी, कुछ भी हो सकता है; पंजाब सरकार से SC बोला- आपकी जिम्मेदारी किसानों को फसल पर MSP के गारंटी कानून के लिए 24 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बिगड़ गई है। डल्लेवाल गुरुवार सुबह अचानक बेहोश होकर गिर गए। उन्हें उल्टियां भी हुईं। 10 मिनट बाद वह होश में आए। पढ़ें पूरी खबर
पंजाब में BJP-अकाली दल को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा:साथ चुनाव लड़ते तो 5 सीटें जीतते; अभी SAD को 1 सीट, भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ
पंजाब में BJP-अकाली दल को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा:साथ चुनाव लड़ते तो 5 सीटें जीतते; अभी SAD को 1 सीट, भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) और BJP को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा। दोनों ने इस बार पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा। हालांकि अगर ये दोनों इकट्ठा होकर चुनाव लड़ते तो फिर 5 सीटें आसानी से जीत सकते थे। इनमें गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना, फिरोजपुर व पटियाला सीट शामिल हैं। इन सारी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। इन पांचों सीटों पर भाजपा और अकाली दल के वोट मिलाकर जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हैं। इसके अलावा बठिंडा सीट से भी अगर गठबंधन रहता तो अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बड़े अंतर से चुनाव जीत जाती। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए 6 सीटों पर हार-जीत का गणित…. 1. गुरदासपुर में 2,639 वोटों से जीत जाती भाजपा
गुरदासपुर सीट पर पर जीते कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा को 3 लाख 64 हजार 43 मत मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू यहां पर 2 लाख 81 हजार 182 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 85 हजार 500 वोट मिले हैं। अगर इस सीट पर भाजपा व शिअद मिलकर लड़ रहे होते तो इन दोनों के कुल वोट 3 लाख 66 हजार 682 हो जाते। ऐसे में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार को 2,639 वोटों से जीत मिल जाती। हालांकि इस परिणाम में भाजपा को 82 हजार 861 वोटों से हारना पड़ा। 2. अमृतसर में बड़े अंतर से नतीजे बदल जाते
अमृतसर सीट पर कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला 2 लाख 55 हजार 181 वोट लेकर जीते है। इस सीट पर भाजपा को 2 लाख 7 हजार 205 वोट मिले। अकाली दल के अनिल जोशी को 1 लाख 62 हजार 896 वोट मिले। अकाली दल व भाजपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह 3 लाख 70 हजार 101 हाे जाते हैं। ऐसे में भाजपा यह सीट 1 लाख 14 हजार 920 वोटों से सीट जीत सकती थी। 3. लुधियाना सीट भी भाजपा के खाते में आती
लुधियाना सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर राजा वडिंग को 3 लाख 22 हजार 224 वोट मिले हैं। भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू को यहां 3 लाख 1 हजार 282 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 20 हजार का है। इस सीट पर अकाली दल 90 हजार 220 मत मिले हैं। यदि शिअद और भाजपा इकट्ठे होते हो तो दोनों के वोट की संख्या 3 लाख 91 हजार 502 हो जाती है। ऐसे में यह सीट 69 हजार 278 मतों से भाजपा जीत सकती थी। फिरोजपुर में करीब ढ़ाई लाख से सीट जीत जाते
फिरोजपुर सीट पर कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया 2 लाख 66 हजार 626 वोट लेकर जीते हैं। वहीं BJP के गुरमीत सिंह सोढ़ी को 2 लाख 55 हजार 97 वोट मिले हैं। शिअद को 2 लाख 53 हजार 645 वोट मिले हैं। भाजपा और अकाली दल के वोट मिला दें तो यह 5 लाख 8 हजार 742 हो जाएंगे। जिससे यह सीट वे 2 लाख 42 हजार 116 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत जाते। परनीत कौर भाजपा की सांसद बन जाती
पटियाला सीट कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी ने 3 लाख 5 हजार 616 वोट लेकर जीती है। यहां पर भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर को 2 लाख 88 हजार 998 और शिरोमणि अकाली दल के एनके शर्मा को 1 लाख 53 हजार 978 वोट मिले हैं। अगर इन दोनों के वोट जोड़ दिए जाए तो यह 4 लाख 42 हजार 976 हो जाते हैं। ऐसे में अकाली-भाजपा गठबंधन की सूरत में यह सीट 1 लाख 37 हजार 360 वोटों से जीत जाती। बठिंडा में जीत का अंतर बढ़ जाता
बठिंडा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई है। इस पर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल को 3 लाख 76 हजार 558 वोट मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां 3 लाख 26 हजार 902 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 49 हजार 656 है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार पूर्व IAS अफसर परमपाल कौर सिद्धू को 1 लाख 10 हजार 762 वोट मिले हैं। अगर साथ होते तो यहां जीत का अंतर बढ़ जाता।