बच्चों ने देशभक्ति और लोक गीतों पर किया नृत्य, झूमे दर्शक

बच्चों ने देशभक्ति और लोक गीतों पर किया नृत्य, झूमे दर्शक

भास्कर न्यूज | लुधियाना दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय आश्रम कैलाश नगर में “संतुलन’ प्रकल्प के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत कुछ आइस ब्रेक एक्टिविटीज के साथ की गई जिसमें उपस्थित सभी महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शिवाजी मराठा के समय की एक देशभक्त स्त्री, जिसने शिवाजी मराठा के प्राणों की रक्षा के लिए अपने सुहाग की कुर्बानी तक देना मंजूर कर लिया, उस महिला के त्याग के जीवन चरित्र पर एक नाट्य मंचन प्रस्तुत किया गया। हमारे इतिहास में अनेकों महिला देशभक्त ऐसी हुई है जिनका नाम आज चाहे समाज नहीं जानता, परन्तु उन्होने देश प्रेम में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इस अवसर उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए गुरूदेव आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री तपस्विनी भारती ने कहा कि आज समाज में नारी की स्थिति जितनी दयनीय होती जा रही हैं, उसके लिए नारी को बाहरी रुप से ही नहीं आंतरिक रूप से सशक्त होना होगा। नारी को अपने भीतर की शक्ति को पहचानना होगा, तभी नारी आज के समाज में सुरक्षित औश्र निर्भय जीवन जी सकेगी। हमारे इतिहास में मीरां बाई, ऋषिका गार्गी, सती सावित्री, लक्ष्मी बाई, संत तोरल, भगिनी निवेदिता आदि इतिहास की ऐसी ब्रह्मज्ञानी नारियां हुई है जिन्होंने ज्ञान के तपोबल से आत्म जागृति के साथ – साथ समाज को भी जागृत किया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने शास्त्रीय नृत्य, पंजाबी नृत्य आदि प्रस्तुतियां दी। इस कार्यक्रम में लगभग 1000 महिलाओं ने हिस्सा लिया। भास्कर न्यूज | लुधियाना दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय आश्रम कैलाश नगर में “संतुलन’ प्रकल्प के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत कुछ आइस ब्रेक एक्टिविटीज के साथ की गई जिसमें उपस्थित सभी महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शिवाजी मराठा के समय की एक देशभक्त स्त्री, जिसने शिवाजी मराठा के प्राणों की रक्षा के लिए अपने सुहाग की कुर्बानी तक देना मंजूर कर लिया, उस महिला के त्याग के जीवन चरित्र पर एक नाट्य मंचन प्रस्तुत किया गया। हमारे इतिहास में अनेकों महिला देशभक्त ऐसी हुई है जिनका नाम आज चाहे समाज नहीं जानता, परन्तु उन्होने देश प्रेम में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इस अवसर उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए गुरूदेव आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री तपस्विनी भारती ने कहा कि आज समाज में नारी की स्थिति जितनी दयनीय होती जा रही हैं, उसके लिए नारी को बाहरी रुप से ही नहीं आंतरिक रूप से सशक्त होना होगा। नारी को अपने भीतर की शक्ति को पहचानना होगा, तभी नारी आज के समाज में सुरक्षित औश्र निर्भय जीवन जी सकेगी। हमारे इतिहास में मीरां बाई, ऋषिका गार्गी, सती सावित्री, लक्ष्मी बाई, संत तोरल, भगिनी निवेदिता आदि इतिहास की ऐसी ब्रह्मज्ञानी नारियां हुई है जिन्होंने ज्ञान के तपोबल से आत्म जागृति के साथ – साथ समाज को भी जागृत किया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने शास्त्रीय नृत्य, पंजाबी नृत्य आदि प्रस्तुतियां दी। इस कार्यक्रम में लगभग 1000 महिलाओं ने हिस्सा लिया।   पंजाब | दैनिक भास्कर