गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक थाना क्षेत्रांतर्गत गांव पड्डा की नहर से एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी देते हुए गांव पड्डा के पूर्व सरपंच अजीत सिंह ढिल्लों व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि आज सुबह करीब 6 बजे जब वे अपने खेतों में खाद डालने के लिए निकले तो नहर में एक अज्ञात शव फंसा हुआ था। जिसके बाद उन्होंने इस संबंध में थाना डेरा बाबा नानक और एसएसपी बटाला को फोन पर सूचित किया गया। लेकिन सूचना देने के बावजूद डेरा बाबा नानक पुलिस का केवल एक अधिकारी करीब छह घंटे बाद मौके पर पहुंचा। सूचना दिए जाने के बावजूद समय से पुलिस के न पहुंचने के कारण ग्रामीणों ने खुद ही शव को नहर से बाहर निकाला। थाना डेरा बाबा नानक के जांच अधिकारी एएसआई बलविंदर सिंह ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि गांव पड्डा की नहर में एक अज्ञात शव फंसा हुआ है जिसे ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल शव को कब्जे में लेकर 72 घंटे के लिए पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया है, ताकि मृतक की पहचान हो सके। गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक थाना क्षेत्रांतर्गत गांव पड्डा की नहर से एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी देते हुए गांव पड्डा के पूर्व सरपंच अजीत सिंह ढिल्लों व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि आज सुबह करीब 6 बजे जब वे अपने खेतों में खाद डालने के लिए निकले तो नहर में एक अज्ञात शव फंसा हुआ था। जिसके बाद उन्होंने इस संबंध में थाना डेरा बाबा नानक और एसएसपी बटाला को फोन पर सूचित किया गया। लेकिन सूचना देने के बावजूद डेरा बाबा नानक पुलिस का केवल एक अधिकारी करीब छह घंटे बाद मौके पर पहुंचा। सूचना दिए जाने के बावजूद समय से पुलिस के न पहुंचने के कारण ग्रामीणों ने खुद ही शव को नहर से बाहर निकाला। थाना डेरा बाबा नानक के जांच अधिकारी एएसआई बलविंदर सिंह ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि गांव पड्डा की नहर में एक अज्ञात शव फंसा हुआ है जिसे ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल शव को कब्जे में लेकर 72 घंटे के लिए पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया है, ताकि मृतक की पहचान हो सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पीएम मोदी के विरोध में केस दर्ज होने पर प्रदर्शन:मानसा में किसानों ने पहनी काली पगड़ी, बोले- केस वापस लें सरकार
पीएम मोदी के विरोध में केस दर्ज होने पर प्रदर्शन:मानसा में किसानों ने पहनी काली पगड़ी, बोले- केस वापस लें सरकार फिरोजपुर में 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन के मामले में किसानों पर दर्ज केस के विरोध में किसान नेता रुलदू सिंह मानसा ने काली पगड़ी पहनकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मामला पूरी तरह से निंदनीय है और इसे वापस लेने के लिए पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए रुलदू सिंह ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके समर्थन में उन्होंने अपनी पगड़ी का रंग बदला है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक केंद्र सरकार किसानों की मांगें नहीं मानेगी, वह काली पगड़ी पहने रहेंगे। रुलदू सिंह ने स्पष्ट किया कि 2022 में प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान किसी भी किसान ने न तो सड़क जाम की और न ही पीएम के काफिले को रोका। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इस बात की पुष्टि की थी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसानों पर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन और तेज किया जाएगा।
नीट पीजी में चॉइस फिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 8 से
नीट पीजी में चॉइस फिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 8 से भास्कर न्यूज | जालंधर/रोपड़ मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने नीट पीजी काउंसलिंग 2024 शेड्यूल जारी कर दिया है। अभ्यर्थी वेबसाइट mcc.nic.in के माध्यम से नीट पीजी काउंसलिंग शेड्यूल डाउनलोड कर सकते हैं। शेड्यूल के अनुसार नीट पीजी राउंड 1 काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो 17 नवंबर, 2024 को बंद हो जाएगी। एमसीसी नीट पीजी काउंसलिंग चार राउंड में होगी- राउंड 1, राउंड 2, राउंड 3 और स्ट्रे वैकेंसी राउंड। राउंड-1 काउंसलिंग आवंटन परिणाम 20 नवंबर को घोषित किया जाएगा। इस साल एमडी, एमएस, पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग में देरी हुई। हालांकि, एमसीसी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। पीजी मेडिकल कोर्स के लिए कक्षाएं 20 दिसंबर से शुरू होंगी। नीट पीजी-योग्य उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में पाठ्यक्रमों और कॉलेजों के विकल्प भरने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। नीट पीजी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 सितंबर से शुरू हुई थी। शेड्यूल के अनुसार एमसीसी 20 नवंबर, 2024 को नीट पीजी फर्स्ट राउंड सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट जारी करेगा। पहले राउंड के लिए 17 नवंबर तक आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए जारी किए गए डिटेल नोटिफिकेशन के अनुसार उम्मीदवारों के लिए चॉइस फिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो 8 नंवबर से ओपन होगी और उम्मीदवारों को विकल्प लॉक करने के लिए 10 दिन का समय दिया जाएगा। एमसीसी नीट पीजी काउंसलिंग देश भर के सरकारी, निजी और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों द्वारा पेश किए जाने वाले एमडी, एमएस, डीएनबी और पीजी डिप्लोमा कार्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा (एआइक्यू) सीटों पर प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। सुप्रीम कोर्ट 19 नवंबर को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) के खिलाफ नीट पीजी की सुनवाई फिर से शुरू कर सकता है। नीट पीजी अभ्यर्थियों की मांग है कि एनबीईएमएस नीट पीजी 2024 की आंसर- की और रॉ स्कोर जारी करें । राउंड II . 9 दिसंबर तक होगी उम्मीदवारों की काउंिसलिं वहीं राउंड 2 में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों के लिए काउंिसलिंग प्रकिया 4 दिसंबर 2024 से 9 दिसंबर 2024 तक चलेगी। वहीं उम्मीदवारों को चॉइस फीलिंग करने और लॉक करने के लिए 5 दिसम्बर 2024 से 9 दिसम्बर 2024 तक का समय दिया जाएगा। सीट अलॉटमेंट प्रोसेसिंग 10 दिसंबर से 11 दिसंबर 2024 तक होगी और सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट 12 दिसंबर को जारी होगा। उम्मीदवारों को 13 दिसंबर 2024 से 20 दिसंबर तक अलॉट किए गए संस्थानों में रिपोर्ट करना होगा। एमसीसी द्वारा उम्मीदवारों के डेटा का संस्थानों की ओर से वेरिफिकेशन की प्रकिया 21 दिसंबर से 22 दिसंबर 2024 तक चलेगी। तीसरे राउंड की काउंसलिंग 26 दिसंबर से लेकर 13 जनवरी 2025 तक चलेगी। इसके बाद स्ट्रे राउंड के लिए काउंसलिंग की प्रकिया शुरू होगी। इसके लिए उम्मीदवारों को 18 जनवरी से 21 जनवरी 2025 तक का समय दिया जाएगा।
खनौरी समेत कई जगह निकाला कैंडल मार्च:डल्लेवाल का समर्थन, संयुक्त किसान मोर्चा नहीं होगा शामिल, प्रेम भंगू बोले-जनवरी में राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
खनौरी समेत कई जगह निकाला कैंडल मार्च:डल्लेवाल का समर्थन, संयुक्त किसान मोर्चा नहीं होगा शामिल, प्रेम भंगू बोले-जनवरी में राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) शंभू और खनौरी बॉर्डर के आंदोलन में अभी शामिल नहीं होगा। किसान नेताओं की चंडीगढ़ में पौने 4 घंटे तक चली मीटिंग यह फैसला हुआ है। किसान नेताओं का कहना है कि हमारी तरफ से एकता के लिए लगातार प्रयास जारी है। हमें अभी एक फोरम से ही चिट्ठी मिली है। किसान नेता प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि हम जनवरी के पहले हफ्ते इसी मुद्दे को लेकर देश के राष्ट्रपति या कृषि मंत्री से मुलाकात की जाएगी। आगे भी इस मुद्दे को लेकर मीटिंग की जाएगी। वहीं, उन्होंने पंजाब और केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये की निंदा की है। वहीं, डल्लेवाल को आज 4 दिनों बाद खनौरी बॉर्डर पर चल रहे मोर्चे में शीशे के केबिन में लाया गया। उन्होंने सभी राज्यों को एकजुट होने का संदेश दिया। इससे पहले किसान आंदोलन को लेकर पंजाब सीएम भगवंत मान का भी बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि, केंद्र को जिद छोड़कर किसानों से बात करनी चाहिए। केंद्र सरकार कौन सी तपस्या कर रही है सीएम मान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा है कि केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। कबूतर की आंखें बंद करने बिल्ली नहीं भागती है। उन्होंने कहा कि पता नहीं केंद्र सरकार कौन सी तपस्या कर रही है। अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवा सकते हैं तो क्या वे 200 किलोमीटर दूर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते? आप किस समय का इंतजार कर रहे हैं? इससे पहले भी एक बार लुधियाना में नगर निगम चुनाव में उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की थी कि केंद्र को किसानों से बातचीत करनी चाहिए। वहीं, बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल का कहना है कि मुलाकात तो सीएम भगवंत मान ने करवानी है, वह पहल करे। वहीं, खनौरी बॉर्डर, अंबाला समेत कई जगह पर आज डल्लेवाल के मरण व्रत के समर्थन में कैडल मोर्च निकाला गया। जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए। अगर सरकार नहीं उठा पाई तो जीतेंगे चार दिनों के बाद आज किसान नेता डल्लेवाल को स्टेज पर लाया गया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि साथियों मोर्चे का सहयोग करने वालों को दिल से धन्यवाद है । मैं आप सबको बताना चाहता हूं कि मैं ठीक हूं। ऐसी कोई कोई बात नहीं है। इस लड़ाई को जीतना है। यह लड़ाई तभी जीती जाएगी, जब पूरा देश इस लड़ाई को एक होकर लड़ेगा। उन्होंने कहा कि, जब 2021 में आंदोलन खत्म किया था, तो उसमें राज्यों का कहना था कि आप आंदोलन को अधूरा छोड़कर छोड़कर जा रहे हैं। अब बड़ा भाई फिर से मैदान है। छोटे भाई दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी बनती है कि इस लड़ाई को मजबूती से लड़े। यह सरकार हमें किसी भी कीमत पर न उठा पाए। सरकार नहीं उठा पाई तो जीतेंगे, नहीं तो मरेंगे। एक काम तो करेंगे। डल्लेवाल की हालत नाजुक दूसरी तरफ खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरण व्रत को 29 दिन हो गए हैं। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। किसान फसलों की खरीद पर MSP की गारंटी का कानून मांग रहे हैं। ठंड-बारिश के बीच भी वह हरियाणा-पंजाब को जोड़ने वाले खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। 26 दिसंबर को बनेगी पंजाब बंद की रणनीति
SKM गैर राजनीतिक के नेता सरवण सिंह पंधेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का ऐलान किया हुआ है। इसे लेकर 26 दिसंबर को खनौरी में सभी ट्रेड यूनियन, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संगठनों, टैक्सी यूनियनों की मीटिंग बुलाई गई है। किसान नेताओं ने बताया है कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद के दौरान मेडिकल और इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी चीजें सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रहेंगी। डल्लेवाल की सुप्रीम कोर्ट में पेश की रिपोर्ट पर विवाद
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से डल्लेवाल की पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट पर बवाल हो गया है। पंजाबी मूल के अमेरिकी डॉक्टर स्वैमान सिंह ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उनसे जुड़ी डॉक्टरों की टीम ही डल्लेवाल की देखरेख कर रही है। डॉ. स्वैमान सिंह ने वीडियो जारी कर कहा, डल्लेवाल को इन्फेक्शन का भी खतरा है। जिस वजह से वह रविवार पूरा दिन आंदोलन के मंच पर भी नहीं आए। इतने दिन तक कुछ नहीं खाया है तो उनकी हालत सामान्य नहीं हो सकती। इतना कुछ होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि डल्लेवाल की तबीयत नॉर्मल है। डल्लेवाल की जिंदगी के साथ राजनीति की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट कह चुका- अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं करते
डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 17, 18 और 19 दिसंबर को सुनवाई हुई। पहले दिन की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा था कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। अगले दिन 18 दिसंबर को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? वहीं, तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किसान नेता डल्लेवाल के अंदरूनी अंग फेल होने का खतरा:23 दिन से सिर्फ पानी पी रहे; मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- उन्हें कैंसर, तुरंत भर्ती करें हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…