गुरदासपुर के गांव बाबोवाल में संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत हो गई है। पुलिस द्वारा मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि नशे की ओवरडोज लेने के कारण युवक की मौत हुई है। जानकारी के अनुसार, गांव बाबोवाल निवासी मृतक 27 वर्षीय युवक अमित मसीह पुत्र सोनो मसीह माता सुनीता और पत्नी शिवाली ने बताया कि अमित पहले नशा करता था, मगर पिछले सात महीने नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल रहने के बाद उसने नशा करना छोड़ दिया था, मगर गत दिन उसके दो दोस्त उसे अपने साथ ले गए। जिन्होंने जबरदस्ती उसे नशे का इंजेक्शन लगाया। जिसके चलते अमित की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। उसके दोस्त उसे एक ई-रिक्शा में छोड़कर फरार हो गए। जिसके बाद मोहल्ले के लोगों ने उन्हें सूचना दी कि उनका बेटा अमित ई-रिक्शा में बेसुध पड़ा हुआ है। जब उसे उठाकर अस्पताल लेकर गए तो डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके दोस्तों ने ही उसे नशे का इंजेक्शन लगाया है। क्योंकि उसके दोस्त पहले भी नशे के आदी है। उन्होंने मांग की कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए और जिन्होंने उसके बेटे को नश का इंजेक्शन लगाया है, उनके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए। दो बार विदेश जा चुका मृतक मृतक की पत्नी शिवाली ने बताया कि उसके पति दो बार विदेश जा चुका है। पहले वह कुवैत और फिर मारेशियस गया था। इसके बाद वह वापस लौट आया और किसी दुकान पर काम करता था। वहीं, इस मामले संबंधी डीएसपी मोहन सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक युवक का शव आया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के लिए भेज दिया है। परिवारिक सदस्य जो भी बयान दर्ज करवाएंगे, उसके आधार पर अगली बनती काननी कार्रवाई की जाएगी। गुरदासपुर के गांव बाबोवाल में संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत हो गई है। पुलिस द्वारा मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि नशे की ओवरडोज लेने के कारण युवक की मौत हुई है। जानकारी के अनुसार, गांव बाबोवाल निवासी मृतक 27 वर्षीय युवक अमित मसीह पुत्र सोनो मसीह माता सुनीता और पत्नी शिवाली ने बताया कि अमित पहले नशा करता था, मगर पिछले सात महीने नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल रहने के बाद उसने नशा करना छोड़ दिया था, मगर गत दिन उसके दो दोस्त उसे अपने साथ ले गए। जिन्होंने जबरदस्ती उसे नशे का इंजेक्शन लगाया। जिसके चलते अमित की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। उसके दोस्त उसे एक ई-रिक्शा में छोड़कर फरार हो गए। जिसके बाद मोहल्ले के लोगों ने उन्हें सूचना दी कि उनका बेटा अमित ई-रिक्शा में बेसुध पड़ा हुआ है। जब उसे उठाकर अस्पताल लेकर गए तो डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके दोस्तों ने ही उसे नशे का इंजेक्शन लगाया है। क्योंकि उसके दोस्त पहले भी नशे के आदी है। उन्होंने मांग की कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए और जिन्होंने उसके बेटे को नश का इंजेक्शन लगाया है, उनके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए। दो बार विदेश जा चुका मृतक मृतक की पत्नी शिवाली ने बताया कि उसके पति दो बार विदेश जा चुका है। पहले वह कुवैत और फिर मारेशियस गया था। इसके बाद वह वापस लौट आया और किसी दुकान पर काम करता था। वहीं, इस मामले संबंधी डीएसपी मोहन सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक युवक का शव आया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के लिए भेज दिया है। परिवारिक सदस्य जो भी बयान दर्ज करवाएंगे, उसके आधार पर अगली बनती काननी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना सांसद ने संसद में उठाया लॉरेंस इंटरव्यू का मुद्दा:वड़िंग बोले- हम विदेशों की बात करते हैं, देश के आतंक पर कुछ करें सरकार
लुधियाना सांसद ने संसद में उठाया लॉरेंस इंटरव्यू का मुद्दा:वड़िंग बोले- हम विदेशों की बात करते हैं, देश के आतंक पर कुछ करें सरकार पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू की विस्तृत रिपोर्ट सामने आने के बाद शुक्रवार को संसद में भी यह मामला उठा। लुधियाना के सांसद और पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सदन में लॉरेंस को देश का आतंकवादी बताया। सांसद ने केंद्र से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या केंद्र बता सकता है कि इसे कब तक रोका जाएगा। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सदन में कहा- वह देश के एक बड़े गैंगस्टर के बारे में बात करना चाहते हैं, जिसका नाम लॉरेंस बिश्नोई है और उसका आतंक पूरे देश में फैला हुआ है। फिलहाल वह गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। लॉरेंस ने विश्व प्रसिद्ध कलाकार सिद्धू मूसेवाला की हत्या की है और वह कहता है कि वह सलमान खान को मार देगा। आज पंजाब में उसका आतंक चरम पर है। वह व्यापारियों से फिरौती लेता है और जो फिरौती नहीं देता है, उसे मार दिया जाता है। करीब 6 महीने पहले जेल के अंदर से उसका इंटरव्यू आया था। हमने शोर मचाया और हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। उसके बाद कल पता चला कि पुलिस वालों ने उसका इंटरव्यू एक बड़े चैनल में सीआईए (जहां पूछताछ होती है) में करवा दिया। एक पंजाब में करवाया, दूसरा राजस्थान में करवाया। वह कोर्ट में ऐसे जाता है जैसे वह देश का गृहमंत्री हो। लोगों को मारने वाले के बारे में केंद्र सरकार कुछ करेगी या नहीं? वह रोज लोगों को मारता है। यह सरकार देश के बाहर की बात करती है, देश में फैल रहे इस आतंक के बारे में सरकार को कुछ करना चाहिए। दो दिन पहले हुआ था खुलासा दो दिन पहले ही पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के जेल से इंटरव्यू मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गैंगस्टर का पहला इंटरव्यू पंजाब के खरड़ में पुलिस कस्टडी में हुआ था। जबकि, दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जेल में हुआ था। यह खुलासा इस मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट से हुआ। एसआईटी ने यह सीलबंद रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी थी। जिसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया। रिपोर्ट के दूसरे तथ्यों के बारे में इंतजार किया जा रहा है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू वर्ष 2023 में 14 और 17 मार्च को जारी किए गए थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो इसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
विवाद के मामले में पीड़ित ने सीपी से की शिकायत
विवाद के मामले में पीड़ित ने सीपी से की शिकायत भास्कर न्यूज | जालंधर अमर नगर में दो पड़ोसियों के बीच करीब चार महीने पहले हुए मामूली विवाद को लेकर एक पक्ष ने पुलिस पर कोई कार्रवाई न करने के आरोप लगाया हैं। सोमवार को इस मामले में एक पीड़ित पक्ष की तरफ से पुलिस कमिश्नर को इसकी शिकायत दी गई है। पीड़ित जनक राज ने बताया कि 22 मार्च को उनका मामले में एक पक्ष के पड़ोसी के साथ मामूली विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था। इसमें पड़ोसियों ने उन पर व उनके परिवार पर तेजधार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। घायल व्यक्तियों का डॉक्टरी मेडिकल भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस शिकायत के बाद भी 4 महीने बीत गए हैं। सीपी ने शिकायत को एसीपी नॉर्थ को मार्क कर जल्द मामले में कार्रवाई करने की हिदायत दी है।
खन्ना में मोबाइल टावर में लगी आग:रिहायशी इलाके में मची अफरा तफरी, बड़ा हादसा टला; मोबाइल सेवाएं ठप
खन्ना में मोबाइल टावर में लगी आग:रिहायशी इलाके में मची अफरा तफरी, बड़ा हादसा टला; मोबाइल सेवाएं ठप लुधियाना में खन्ना के जरग गांव में रिहायशी इलाके के बीचोबीच लगे मोबाइल टावर में भीषण आग लग गई, जिससे मोबाइल टावर का काफी हिस्सा जल गया। आगजनी की घटना में लोगों के बीच अफरा तफरी मच गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच स्थिति संभाली और इस दौरान बड़ा हादसा टला। हादसे के बाद आसपास के इलाके में संबंधित कंपनी की मोबाइल सेवाएं ठप हो गई। जानकारी के अनुसार गांव में घरों के बीचोबीच मोबाइल कंपनी का टावर है। इसका लगातार लोग विरोध करते आ रहे हैं। टावर के पास खेत भी हैं और बाहर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। आशंका है कि खेतों से या कूड़े से आग की चिंगारी टावर ऑपरेटिंग सिस्टम रूम तक पहुंची और यहां से आग फैल गई। खन्ना फायर स्टेशन से मनोज कुमार, अमृतपाल, जसविंदर सिंह और विनीत सिंह मौके पर पहुंचे। आग को टावर के शिखर तक पहुंचने से बचाया गया। अगर आग पूरे टावर में फैल जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। बड़ी लापरवाही, न सफाई, न चौकीदार इस हादसे में इंडस टावर मैनेजमेंट की लापरवाही भी सामने आई। टावर ऑपरेशन सिस्टम रूम के बाहर कभी सफाई नहीं की गई थी। घास फूंस काफी ज्यादा था। जिससे आग ने भीषण रूप धारण किया। लोगों की मांग है कि टावर को रिहायशी इलाके से बाहर निकाला जाए।