डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। उनसे जुड़े मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की है। यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने से जुड़ा मामला है। इसमें सेशन जज के आदेश को चुनौती दी गई। 7 नवंबर को इस मामले की सुनवाई होगी। ऐसे शुरू हुआ था विवाद 2007 में डेरा मुखी ने श्री गुरु गोबिंद सिंह का स्वांग रचा था। उसके बाद यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक पहुंचा था। फिर अकाल तख्त ने डेरा मुखी और उनके समर्थकों के बायकाट का आदेश सुनाया था। उस समय SGPC ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने संबंधी याचिका दायर की थी। 2015 में बठिंडा जिला अदालत ने समन (याचिका) को खारिज कर दिया था। अब अदालत में SGPC ने याचिका में कहा है कि जब समन रद्द किए थे, उस समय राम रहीम पर रेप और हत्या के दोष नहीं थे। जबकि अब डेरा मुखी अब हत्या और रेप के केस में दोषी करार दिया जा चुका है। ऐसे में सुनवाई होनी चाहिए। अदालत की तरफ से अभी तक इस मामले में किसी को नोटिस जारी नहीं किया है। अदालत द्वारा मामले अगले महीने सुनवाई होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। उनसे जुड़े मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की है। यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने से जुड़ा मामला है। इसमें सेशन जज के आदेश को चुनौती दी गई। 7 नवंबर को इस मामले की सुनवाई होगी। ऐसे शुरू हुआ था विवाद 2007 में डेरा मुखी ने श्री गुरु गोबिंद सिंह का स्वांग रचा था। उसके बाद यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक पहुंचा था। फिर अकाल तख्त ने डेरा मुखी और उनके समर्थकों के बायकाट का आदेश सुनाया था। उस समय SGPC ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने संबंधी याचिका दायर की थी। 2015 में बठिंडा जिला अदालत ने समन (याचिका) को खारिज कर दिया था। अब अदालत में SGPC ने याचिका में कहा है कि जब समन रद्द किए थे, उस समय राम रहीम पर रेप और हत्या के दोष नहीं थे। जबकि अब डेरा मुखी अब हत्या और रेप के केस में दोषी करार दिया जा चुका है। ऐसे में सुनवाई होनी चाहिए। अदालत की तरफ से अभी तक इस मामले में किसी को नोटिस जारी नहीं किया है। अदालत द्वारा मामले अगले महीने सुनवाई होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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