गुरुग्राम के बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई कोर्ट ने तत्कालीन एसीपी बीरम सिंह, भोंडसी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और सुभाष चंद पर गंभीर धाराओं में केस चलाने अनुमति दी है। अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। कोर्ट ने सम्मन भेजकर सभी पुलिसकर्मियों को पेश होने को कहा है। इस मामले की सुनवाई करते हुए पंचकूला सीबीआई कोर्ट में स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार यादव ने कहा कि पुलिस ने निर्दाेष परिचालक अशोक को फंसाया था। साथ ही उसे टॉर्चर भी किया। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 194 ,120 बी, 330 , 166ए ,167 और 506 की धाराओं में चलाने के लिए अनुमति दी है। 2017 में हुआ था छात्र का मर्डर
आठ सितंबर 2017 में गुरुग्राम के भोंडसी स्थित स्कूल में सात वर्षीय प्रिंस की स्कूल के बाथरूम में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात के बाद गुरुग्राम पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया था। अशोक के परिजनों और प्रिंस के परिवार ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की मांग की। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद, मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई। 2021 में पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट इस मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से एडवोकेट सुशील टेकरीवाल पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई पंचकूला कोर्ट में 2021 में पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था। सीबीआई ने अपनी जांच में परिचालक अशोक का निर्दोष पाया था। जिस पर गुरुग्राम जिला अदालत ने 2018 में उन्हें बरी कर दिया था। सीबीआई कोर्ट में इस फैसले से परिचालक अशोक के साथ न्याय होने की उम्मीद जगी है। उन्हें इस मामले में पुलिस ने गलत फंसाया गया था। गुरुग्राम के बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई कोर्ट ने तत्कालीन एसीपी बीरम सिंह, भोंडसी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और सुभाष चंद पर गंभीर धाराओं में केस चलाने अनुमति दी है। अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। कोर्ट ने सम्मन भेजकर सभी पुलिसकर्मियों को पेश होने को कहा है। इस मामले की सुनवाई करते हुए पंचकूला सीबीआई कोर्ट में स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार यादव ने कहा कि पुलिस ने निर्दाेष परिचालक अशोक को फंसाया था। साथ ही उसे टॉर्चर भी किया। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 194 ,120 बी, 330 , 166ए ,167 और 506 की धाराओं में चलाने के लिए अनुमति दी है। 2017 में हुआ था छात्र का मर्डर
आठ सितंबर 2017 में गुरुग्राम के भोंडसी स्थित स्कूल में सात वर्षीय प्रिंस की स्कूल के बाथरूम में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात के बाद गुरुग्राम पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया था। अशोक के परिजनों और प्रिंस के परिवार ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की मांग की। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद, मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई। 2021 में पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट इस मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से एडवोकेट सुशील टेकरीवाल पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई पंचकूला कोर्ट में 2021 में पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था। सीबीआई ने अपनी जांच में परिचालक अशोक का निर्दोष पाया था। जिस पर गुरुग्राम जिला अदालत ने 2018 में उन्हें बरी कर दिया था। सीबीआई कोर्ट में इस फैसले से परिचालक अशोक के साथ न्याय होने की उम्मीद जगी है। उन्हें इस मामले में पुलिस ने गलत फंसाया गया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
