सिरसा के सहकारी बैंक में स्टाफ की कमी:डेढ़ दर्जन गांवों के पेंशन धारकों को परेशानी, रिटायर्ड कर्मियों से चला रहे काम

सिरसा के सहकारी बैंक में स्टाफ की कमी:डेढ़ दर्जन गांवों के पेंशन धारकों को परेशानी, रिटायर्ड कर्मियों से चला रहे काम

हरियाणा के सिरसा जिले के खारियां स्थित सहकारी बैंक में स्टाफ की गंभीर कमी से हजारों ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक में डेढ़ दर्जन गांवों के पेंशन धारक अपनी मासिक पेंशन लेने आते हैं, जिनमें अधिकतर बुजुर्ग और वृद्ध महिलाएं शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न वर्तमान में बैंक का संचालन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सहारे चल रहा है। यहां तक कि सुरक्षा गार्ड को भी बैंकिंग कार्यों में लगाया जा रहा है। जिससे बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न लग रहे हैं। स्टाफ की कमी के कारण बैंक का कामकाज अत्यंत धीमी गति से चल रहा है। बुजुर्गों ने पेंशन विभाग को दी शिकायत सर्दी के मौसम में दूर-दराज के गांवों से आने वाले वृद्धों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैंक पहुंचने और वापस घर जाने में पूरा दिन लग जाता है। जिसमें अधिकांश समय बैंक में लाइन में खड़े रहने में व्यतीत होता है। पेंशन धारकों ने समस्या से पेंशन विभाग को कई बार अवगत करवाया है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं आधुनिक बैंकिंग के इस युग में जहां अन्य बैंक ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का दावा कर रहे हैं, वहीं यह सरकारी सहकारी बैंक अपने ग्राहकों को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि यह बैंक किसानों का बैंक है, जहां पर किसानों का लेन देन होता है। वृद्धों की पेंशन और किसानों के कामकाज ऊपर से बैंक में स्टाफ की कमी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। सहकारी बैंक के अध्यक्ष जगदेव सिंह ने कहा कि समस्या पर बैंक की होने वाली अगली बैठक में गंभीरता से विचार किया जाएगा तथा वृद्धों की पेंशन व किसानों के लिए उपाय तलाशा जाएगा। हरियाणा के सिरसा जिले के खारियां स्थित सहकारी बैंक में स्टाफ की गंभीर कमी से हजारों ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक में डेढ़ दर्जन गांवों के पेंशन धारक अपनी मासिक पेंशन लेने आते हैं, जिनमें अधिकतर बुजुर्ग और वृद्ध महिलाएं शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न वर्तमान में बैंक का संचालन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सहारे चल रहा है। यहां तक कि सुरक्षा गार्ड को भी बैंकिंग कार्यों में लगाया जा रहा है। जिससे बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न लग रहे हैं। स्टाफ की कमी के कारण बैंक का कामकाज अत्यंत धीमी गति से चल रहा है। बुजुर्गों ने पेंशन विभाग को दी शिकायत सर्दी के मौसम में दूर-दराज के गांवों से आने वाले वृद्धों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैंक पहुंचने और वापस घर जाने में पूरा दिन लग जाता है। जिसमें अधिकांश समय बैंक में लाइन में खड़े रहने में व्यतीत होता है। पेंशन धारकों ने समस्या से पेंशन विभाग को कई बार अवगत करवाया है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं आधुनिक बैंकिंग के इस युग में जहां अन्य बैंक ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का दावा कर रहे हैं, वहीं यह सरकारी सहकारी बैंक अपने ग्राहकों को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि यह बैंक किसानों का बैंक है, जहां पर किसानों का लेन देन होता है। वृद्धों की पेंशन और किसानों के कामकाज ऊपर से बैंक में स्टाफ की कमी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। सहकारी बैंक के अध्यक्ष जगदेव सिंह ने कहा कि समस्या पर बैंक की होने वाली अगली बैठक में गंभीरता से विचार किया जाएगा तथा वृद्धों की पेंशन व किसानों के लिए उपाय तलाशा जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर