गुरुग्राम जनपद में चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान आखिरी तारीख 16 अगस्त तक नागरिकों की ओर से वोट बनवाने के लिए 18013 ऑनलाइन और ऑफलाइन फार्म जमा करवाए गए हैं। इनमें से 5204 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कर लिए गए हैं तथा 269 आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं। डीसी व जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने बताया कि पटौदी, बादशाहपुर, सोहना व गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम एवं निर्वाचक पंजीयन अधिकारी पुनरीक्षण अभियान में आए दावे और आपत्तियों का निपटान कर रहे हैं। यह कार्य 26 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद 27 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 5 सितंबर से दाखिल हो सकेंगे नामांकन उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद केवल 1 सितंबर तक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन देने वाले युवाओं के वोट बनवाए जाएंगे। अंतिम मतदाता सूची की अनुपूरक सूची 12 सितंबर को जारी की जाएगी। विधानसभा चुनाव के लिए 5 सितंबर से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ होगी। गुरुग्राम में 1863 नए वोटर बने डीसी ने बताया कि 3 अगस्त से 16 अगस्त तक गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र में नए वोट बनवाने के लिए निर्वाचक पंजीयन अधिकारी को 6 हजार 146 आवेदन प्राप्त हुए थे, इनमें से 47 आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं और 1863 का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ दिया गया है। यहां 4236 आवेदन का निपटारा किया जाना बाकी है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 6 हजार 169 फार्म नंबर 6 प्राप्त किए गए थे। इनमें से 85 आवेदनों को पात्रता पूरी ना होने के कारण नामंजूर कर दिया गया है। 2 हजार 223 आवेदकों का नाम हलके की वोटर लिस्ट में दर्ज कर लिया गया है तथा 3861 आवेदन लंबित हैं। सोहना में 2688 आवेदन लंबित जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सोहना विधानसभा क्षेत्र में 3 अगस्त से 16 अगस्त तक 2711 आवेदन वोट बनवाने के लिए आए हैं। इनमें 23 का नाम जोड़ दिया गया है और 2688 आवेदन लंबित हैं। पटौदी में आए 2977 आवेदन पटौदी विधानसभा क्षेत्र में इसी अवधि में 2977 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 137 रिजेक्ट हुए तथा 1095 का नाम दर्ज हो चुका है। पटौदी में 1745 आवेदनों का निपटारा किया जाना बाकी है। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम जिला में 3 से 16 अगस्त तक कुल 18 हजार 13 आवेदन फार्म 6 के प्राप्त हुए, इनमें 269 अस्वीकृत किए गए हैं। पांच हजार 204 आवेदकों का नाम सूची में दर्ज हो गया है और 12 हजार 540 अभी लंबित हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लंबित आवेदनों का निपटान 26 अगस्त तक किया जाना सुनिश्चित करें, जिससे कि अंतिम मतदाता सूची तैयार हो सके। गुरुग्राम जनपद में चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान आखिरी तारीख 16 अगस्त तक नागरिकों की ओर से वोट बनवाने के लिए 18013 ऑनलाइन और ऑफलाइन फार्म जमा करवाए गए हैं। इनमें से 5204 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कर लिए गए हैं तथा 269 आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं। डीसी व जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने बताया कि पटौदी, बादशाहपुर, सोहना व गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम एवं निर्वाचक पंजीयन अधिकारी पुनरीक्षण अभियान में आए दावे और आपत्तियों का निपटान कर रहे हैं। यह कार्य 26 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद 27 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 5 सितंबर से दाखिल हो सकेंगे नामांकन उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद केवल 1 सितंबर तक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन देने वाले युवाओं के वोट बनवाए जाएंगे। अंतिम मतदाता सूची की अनुपूरक सूची 12 सितंबर को जारी की जाएगी। विधानसभा चुनाव के लिए 5 सितंबर से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ होगी। गुरुग्राम में 1863 नए वोटर बने डीसी ने बताया कि 3 अगस्त से 16 अगस्त तक गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र में नए वोट बनवाने के लिए निर्वाचक पंजीयन अधिकारी को 6 हजार 146 आवेदन प्राप्त हुए थे, इनमें से 47 आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं और 1863 का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ दिया गया है। यहां 4236 आवेदन का निपटारा किया जाना बाकी है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 6 हजार 169 फार्म नंबर 6 प्राप्त किए गए थे। इनमें से 85 आवेदनों को पात्रता पूरी ना होने के कारण नामंजूर कर दिया गया है। 2 हजार 223 आवेदकों का नाम हलके की वोटर लिस्ट में दर्ज कर लिया गया है तथा 3861 आवेदन लंबित हैं। सोहना में 2688 आवेदन लंबित जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सोहना विधानसभा क्षेत्र में 3 अगस्त से 16 अगस्त तक 2711 आवेदन वोट बनवाने के लिए आए हैं। इनमें 23 का नाम जोड़ दिया गया है और 2688 आवेदन लंबित हैं। पटौदी में आए 2977 आवेदन पटौदी विधानसभा क्षेत्र में इसी अवधि में 2977 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 137 रिजेक्ट हुए तथा 1095 का नाम दर्ज हो चुका है। पटौदी में 1745 आवेदनों का निपटारा किया जाना बाकी है। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम जिला में 3 से 16 अगस्त तक कुल 18 हजार 13 आवेदन फार्म 6 के प्राप्त हुए, इनमें 269 अस्वीकृत किए गए हैं। पांच हजार 204 आवेदकों का नाम सूची में दर्ज हो गया है और 12 हजार 540 अभी लंबित हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लंबित आवेदनों का निपटान 26 अगस्त तक किया जाना सुनिश्चित करें, जिससे कि अंतिम मतदाता सूची तैयार हो सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में स्कूल के खिलाफ कोर्ट पहुंचा अभिभावक:कैरेक्टर सर्टिफिकेट व माइग्रेशन के नाम पर वसूली, पैसे न देने पर दी धमकी
करनाल में स्कूल के खिलाफ कोर्ट पहुंचा अभिभावक:कैरेक्टर सर्टिफिकेट व माइग्रेशन के नाम पर वसूली, पैसे न देने पर दी धमकी करनाल जिले के घरौंडा में एक प्राइवेट स्कूल पर 750 रुपए की नाजायज वसूली का आरोप लगाते हुए एक छात्र के अभिभावक ने कोर्ट में केस दर्ज कराया है। पीड़ित अभिभावक मनोज कुमार का आरोप है कि उन्होंने पार्थ पब्लिक स्कूल से अपने बेटे हार्दिक का कैरेक्टर सर्टिफिकेट, एलओआर (लेटर ऑफ रिकमेंडेशन) और माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए 750 रुपए का भुगतान किया था। स्कूल ने इस राशि को CBSC की फीस बताते हुए वसूला था, लेकिन रसीद मांगने पर कोई दस्तावेज नहीं दिया गया। मनोज कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिकायत भी दर्ज कराई। जहां से जांच शुरू की गई। शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को तलब किया, जिसके बाद स्कूल ने इसे एक क्लेरिकल मिस्टेक करार दिया। जनबूझकर की गई वसूली पेरेंट्स मनोज कुमार का कहना है कि यह गलती नहीं बल्कि जानबूझकर की गई वसूली है, क्योंकि यह 21 बच्चों के साथ हुआ है। विभागीय कार्रवाई से असंतुष्ट होकर मनोज ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, उन्हें उम्मीद है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा। पीड़ित की आपबीती पीड़ित मनोज कुमार ने बताया कि पार्थ पब्लिक स्कूल में उनके बेटे हार्दिक ने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी। जब वह अपने बेटे का कैरेक्टर सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और एलओआर लेने पहुंचे, तो स्कूल ने उनसे इन प्रमाणपत्रों के लिए 750 रुपए की मांग की। अन्य स्कूलों और अधिकारियों से पूछताछ करने पर पता चला कि ऐसी कोई फीस वसूलने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, स्कूल ने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो कैरेक्टर सर्टिफिकेट सही तरीके से नहीं बनाया जाएगा। दबाव में आकर मनोज कुमार ने 750 रुपए का भुगतान किया, लेकिन जब उन्होंने रसीद मांगी, तो स्कूल ने कोई दस्तावेज नहीं दिया। मनोज ने खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को शिकायत दी। जिसमें स्कूल ने स्वीकार किया कि 21 बच्चों से गलत तरीके से पैसे लिए गए हैं और उन्हें वापस किया जाएगा। हालांकि, मनोज ने आरोप लगाया कि उन्हें BEO से 21 बच्चों की रिपोर्ट नहीं दी गई और स्कूल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। न्यायिक प्रक्रिया की शुरुआत मनोज कुमार के केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट पराग विग ने बताया कि इस मामले में न केवल पैसे नाजायज तरीके से वसूले गए, बल्कि रसीद भी नहीं दी गई। बीईओ को शिकायत करने के बावजूद स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते मनोज ने कोर्ट में केस दर्ज किया है। एडवोकेट विग ने कहा कि यह केवल 750 रुपए की बात नहीं है, बल्कि स्कूल द्वारा पिता के साथ किए गए दुर्व्यवहार की भी बात है, जिसका बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मामले में कोर्ट की सुनवाई के बाद ही पता चलेगा कि स्कूल और संबंधित पक्षों को समन प्राप्त हुए हैं या नहीं। क्या कहते है शिक्षा अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार ने स्वीकार किया कि पार्थ पब्लिक स्कूल ने मनोज कुमार से 750 रुपए की अवैध वसूली की थी। उन्होंने बताया कि सीबीएसई में ऐसा कोई नियम नहीं है। जिसके तहत इन प्रमाण पत्रों के लिए शुल्क लिया जा सकता है। स्कूल ने इसे क्लेरिकल मिस्टेक करार देते हुए पैसे वापस करने का आश्वासन दिया है। मनोज कुमार ने कोर्ट केस किया है या नहीं, यह मेरे संज्ञान में नहीं है।
करनाल में 4 बच्चों के पिता की मौत:छत पर टहलते हुए दूसरी मंजिल से नीचे गिरा; इलाज के दौरान तोड़ा दम
करनाल में 4 बच्चों के पिता की मौत:छत पर टहलते हुए दूसरी मंजिल से नीचे गिरा; इलाज के दौरान तोड़ा दम हरियाणा में करनाल के बजीदा जट्टान गांव में दूसरी मंजिल से गिरने पर युवक की मौत हो गई। युवक अपने बच्चों के साथ छत पर सोने के लिए गया था। लेकिन रात को अचानक छत पर टहलते समय उसका पांव फिसल गया और दूसरी मंजिल से नीचे गली में जा गिरा। उसे शहर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया। दिहाड़ी मजदूरी का करता था काम पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचे गांव बजीदा जट्टान निवासी मृतक प्रदीप (38) के परिजन राजकुमार ने बताया कि सोमवार रात को बच्चों के साथ सोने के लिए प्रदीप छत पर गया था। प्रदीप परिवार में अकेला ही कमाने वाला था। जो दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। घर पर चल रहा था निमार्ण कार्य राजकुमार ने बताया कि प्रदीप दिहाड़ी मजदूरी करके थोड़े-थोड़े पैसे एकत्रित करके अपने धीरे-धीरे अपने बच्चों के लिए मकान बना रहा था। कल रात को लाइट नहीं थी तो वह अपने बच्चों के साथ छत पर सोने के लिए चला गया। लेकिन रात करीब साढ़े 11 बजे छत पर टहलते समय अचानक उसका पांव फिसल गया और दूसरी मंजिल से नीचे गली में आ गिरा। प्रदीप की चीख सुनकर आस पास के लोग मौके पर पहुंचे और आनन फानन में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर इलाज के दौरान आज उसकी मौत हो गई। चार बच्चों के सिर से उठा पिता का साया परिजनों ने बताया कि प्रदीप के पास लड़कियां और 1 लड़का है। सबसे बड़ी लड़की की उम्र 9 साल है। सबसे छोटा बेटा है। प्रदीप का कोई भाई भी नहीं है। पिता की मौत के बाद चार छोटे छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। प्रदीप के मौत के बाद परिवार में मातम पसर गया।
मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता
मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली हरियाणा की शूटर मनु भाकर ने अपनी कामयाबी के पीछे श्रीमद्भागवत गीता को बताया है। मनु भाकर ने रविवार को 10 मीटर शूटिंग में मेडल जीता। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। यही नहीं, पेरिस ओलिंपिक में पहला मेडल भी उन्होंने ही दिलाया। मेडल जीतने के बाद मनु भाकर ने कहा-” मैं गीता बहुत पढ़ती हूं। उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि सिर्फ वह करो, जो तुम्हें करना है। अपना सर्वश्रेष्ठ करो और बाकी सब कुछ छोड़ दो। आप डेस्टिनी को कंट्रोल नहीं कर सकते कि इसका क्या परिणाम होगा।” मनु ने आगे कहा- ”गीता में भी कृष्ण ने अर्जुन को कहा कि अपने लक्ष्य पर ध्यान दो न कि इस कर्म के परिणाम पर। उस वक्त मेरे दिमाग में यही चल रहा था, कि सिर्फ अपना काम करो, बाकी सब छोड़ दो।” मनु भाकर ने कहा कि वह रोजाना गीता के श्लोक पढ़ती हैं। गीता से ही उनको आगे बढ़ने और कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। मनु ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की। हालांकि यह ब्रॉन्ज मेडल है। मगर मैं इससे खुश हूं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद यह मेरे लिए बड़ी लड़ाई थी तो मैंने पूरी ऊर्जा के साथ इस खेल को खेला। मेडल जीतने के बाद मनु भाकर की 3 तस्वीरें… 12 साल बाद शूटिंग में मेडल दिलाया
मनु भाकर हरियाणा में झज्जर की रहने वाली हैं। 12 साल बाद मनु भाकर ने भारत को शूटिंग में पदक दिलाया है। भारत ने एथेंस 2004 से लंदन 2012 ओलिंपिक में लगातार 3 मेडल जीते। हालांकि इसके अगले 2 ओलिंपिक में शूटिंग में भारत को कुछ नहीं मिला। 2004 के एथेंस ओलिंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुरुषों के डबल ट्रैप में सिल्वर मेडल जीता था। 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड जीता था। लंदन ओलिंपिक में गगन नारंग ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सिल्वर और विजय कुमार ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता था। भाकर बोलीं- फाइनल तनावपूर्ण था, मैंने हार नहीं मानी
मेडल जीतने के बाद भाकर ने कहा- “मैंने अंतिम क्षण तक अपना पूरा प्रयास किया। हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रही। पूरा फाइनल तनावपूर्ण था। मुझे पता था कि मुझे खुद को संभालना होगा। मुझे ऐसा कुछ नहीं करना होगा जो मैं सामान्य रूप से नहीं करती हूं। बस अपनी स्पीड से चलते रहो, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो और बाकी सब कुछ वहीं छोड़ दो।” ओलिंपिक में जाने से पहले कहा था- इंडिया की जर्सी चाहिए पेरिस ओलिंपिक में जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी खिलाड़ियों से मिले थे। इस दौरान मनु भाकर ने कहा- मैं दूसरी बार ओलिंपिक में देश को रिप्रेजेंट कर रही हूं। 2018 में खेलो इंडिया गेम्स का फर्स्ट एडिशन था। उसमें मैंने नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद ही मैं टॉप्स कोर ग्रुप में आ गई। तब से बस यही था कि इंडिया की जर्सी चाहिए। इंडिया के लिए खेलना है। मनु भाकर की मां बोली- 12-12 घंटे खड़े होकर शूटिंग प्रैक्टिस की
मनु की मां सुमेधा ने कहा- “मनु ने पदक जीतने के लिए काफी मेहनत की है। मनु 12-12 घंटे खड़े होकर मेहनत करती थी। मैं मनु के साथ हमेशा रहती थी। मनु के खाने-पीने का ध्यान रखती थी। मैं यही सोचती थी कि मनु को खाने में क्या देना है। ओलिंपिक की तैयारी के लिए मनु भाकर ने 4 साल तक किसी पार्टी या जश्न में हिस्सा नहीं लिया। उसका पूरा फोकस सिर्फ गेम पर था। वह किसी की बर्थडे पार्टी में तक नहीं गई।” सुमेधा ने कहा- ‘ओलिंपिक के बाद हम आप सभी को एक सरप्राइज देंगे। इस बारे में मैं आप सबको अभी नहीं बताऊंगी। अक्तूबर-नवंबर में हम आपके सामने एक शो रखेंगे और मनु उसे प्रेजेंट करेगी। आप लोगों से यही दुआ है कि अपने बच्चों के साथ जुड़कर रहिए।’ मेरे पहले बेटा हुआ, मैं चाहती थी एक बेटी हो
मनु की मां सुमेधा ने भी मनु के बारे में कई दिलचस्प बातें सामने रखीं। सुमेधा ने बताया कि “शादी होते ही मेरे घर में बेटा आ गया था, लेकिन मेरी एक दिली ख्वाहिश थी कि मेरे घर में एक बेटी आए। मैं भिवानी कॉलेज में ओटी करती थी। जब मैं प्रेग्नेंट थी तो भगवान से प्रार्थना करती थी कि मुझे बेटी दे दो। मेरा बेटा जब छोटा था तो उसे बेटी के ही कपड़े पहनाती थी। मुझे मेरे घर में लक्ष्मी चाहिए थी। क्योंकि जब घर में बेटी होती है तो वो घर चहकता है। जब भी मनु बाहर जाती है, बेटा घर पर होता है, पति घर पर होते हैं, लेकिन घर में रौनक नहीं होती है। जब बेटा बेटी दोनों घर पर होते हैं तो घर में इतनी खुशहाली होती है, हम पूरे दिन हंसते रहते हैं। इसलिए हर घर में बेटी तो जरूर होनी ही चाहिए”। पिता बोले- यह तो शुरुआत है
पिता रवि किशन भाकर ने बताया कि” मेरे से ज्यादा मेरी सोसाइटी वाले खुश हैं। पूरा देश खुश है कि मनु ने शुरुआत की है ओलिंपिक में मेडल की और अभी तो मनु के इवेंट्स बाकी हैं। जयपाल राणा के साथ जुड़ने के बाद मनु का हौसला बुलंद है। मनु की कामयाबी से उन बच्चों का हौसला बढ़ेगा जो शूटिंग में मेहनत कर रहे हैं। हरियाणा से ही 20 हजार बच्चे शूटिंग में मेहनत कर रहे हैं”। मनु की कामयाबी से बाकि खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा : राठौड़
शूटिंग में देश को पहला ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ओपनिंग सेरेमनी के दूसरे दिन ही मेडल जीतना बड़ा शुभ संकेत रहता है। इस कारण से सभी खिलाड़ियों के हौसले बुलंद होंगे। एक पॉजीटिविटी होगी। मनु भाकर, जिसने 10 मीटर शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है, मेरी तरफ से बधाई। कई सालों की मेहनत रंग लाई है। मनु के परिवार ने कितना समझौता किया होगा, परिवार की मेहनत रही होगी, मैं परिवार को भी बधाई देता हूं”। ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणवी छोरी ने देश को दिलाया पहला मेडल:पेरिस ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज, पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, दादी बोलीं- सोने की टूम पहनाऊंगी