हरियाणा से मानसून अभी वापस नहीं जाएगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में दो दिन और मौसम परिवर्तनशील रहेगा। प्रदेश में चल रही मानसूनी हवाओं के कारण आज भी 7 जिलों में मौसम खराब रहने की संभावना है। इनमें चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत जिले शामिल हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने इन जिलों में छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना जताई है। मानसूनी हवाएं सक्रिय होने पर उत्तर और दक्षिण हरियाणा के जिलों में बारिश की संभावना है। वहीं पश्चिमी हरियाणा के जिलों में भी छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। कल भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा प्रदेश में मानसूनी हवाएं सक्रिय होने के साथ ही हिसार समेत प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार को बारिश हुई। इसके साथ ही 22 अगस्त तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश भी हो सकती है। वहीं, प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण अगस्त में अब तक हरियाणा पूरी तरह से भीगा हुआ है। प्रदेश के पांच जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम परिवर्तनशील रह सकता है। इन आठ जिलों में हुई झमाझम बारिश प्रदेश के जिलों में हुई बारिश से फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। धान की फसलों को पानी की जरूरत है। अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश होने से किसानों की पानी की जरूरत पूरी हो रही है। मंगलवार को हिसार के अलावा प्रदेश में फतेहाबाद, झज्जर, सोनीपत, रोहतक, भिवानी, करनाल, महेंद्रगढ़, पंचकूला जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। अगस्त में 33% अधिक बारिश आईएमडी के अनुसार, अगस्त महीने में ही राज्य में 33% अधिक बारिश हुई है। इसमें यमुनानगर, पंचकूला, पलवल, कैथल, फरीदाबाद में सामान्य से कम बारिश हुई। जबकि, अगस्त के 20 दिनों में राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है। तापमान में गिरावट राज्य में हुई बारिश के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राज्य में रात का तापमान जहां 26-27 डिग्री के आसपास है, वहीं अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा से मानसून अभी वापस नहीं जाएगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में दो दिन और मौसम परिवर्तनशील रहेगा। प्रदेश में चल रही मानसूनी हवाओं के कारण आज भी 7 जिलों में मौसम खराब रहने की संभावना है। इनमें चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत जिले शामिल हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने इन जिलों में छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना जताई है। मानसूनी हवाएं सक्रिय होने पर उत्तर और दक्षिण हरियाणा के जिलों में बारिश की संभावना है। वहीं पश्चिमी हरियाणा के जिलों में भी छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। कल भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा प्रदेश में मानसूनी हवाएं सक्रिय होने के साथ ही हिसार समेत प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार को बारिश हुई। इसके साथ ही 22 अगस्त तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश भी हो सकती है। वहीं, प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण अगस्त में अब तक हरियाणा पूरी तरह से भीगा हुआ है। प्रदेश के पांच जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम परिवर्तनशील रह सकता है। इन आठ जिलों में हुई झमाझम बारिश प्रदेश के जिलों में हुई बारिश से फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। धान की फसलों को पानी की जरूरत है। अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश होने से किसानों की पानी की जरूरत पूरी हो रही है। मंगलवार को हिसार के अलावा प्रदेश में फतेहाबाद, झज्जर, सोनीपत, रोहतक, भिवानी, करनाल, महेंद्रगढ़, पंचकूला जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। अगस्त में 33% अधिक बारिश आईएमडी के अनुसार, अगस्त महीने में ही राज्य में 33% अधिक बारिश हुई है। इसमें यमुनानगर, पंचकूला, पलवल, कैथल, फरीदाबाद में सामान्य से कम बारिश हुई। जबकि, अगस्त के 20 दिनों में राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है। तापमान में गिरावट राज्य में हुई बारिश के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राज्य में रात का तापमान जहां 26-27 डिग्री के आसपास है, वहीं अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस : भाजपा नहीं चाहती कि सिरसा सीट कांग्रेस जीते। भाजपा हर सीट को खास मानकर चुनाव लड़ रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। इसलिए, भाजपा नहीं चाहती कि सीट पर कांग्रेस विरोधी वोट बंटे।
कंडीशन : गोकुल सेतिया की उम्मीदवारी से कांग्रेस की राह आसान होती दिख रही है। अचानक कांग्रेस से बागी हुए नेता भी गोकुल का समर्थन करते नजर आए। इससे भाजपा एक्टिव हो गई।
कांडा : कांडा के लिए मुकाबला टफ हो गया है। भाजपा जानती है कि सिरसा सीट कांडा ही निकाल सकते हैं। उनके पास ऐसा कोई चेहरा नहीं जो कांडा से बड़ा हो। कांडा सिरसा बेल्ट में प्रभावशाली नेता हैं। लोकसभा चुनाव में कांडा ने भाजपा की मदद भी की थी। कांडा के इकरार से इनकार तक की वजह
इनेलो-बसपा गठबंधन : भाजपा ने नामांकन प्रक्रिया के शुरू होने के एक दिन पहले तक कांडा से गठबंधन पर कोई फैसला नहीं लिया गया। कांडा ने 12 सितंबर को इनेलो और बसपा से गठबंधन कर लिया। बसपा और इनेलो भाजपा के खिलाफ हैं। भाजपा-कांग्रेस विरोधी वोट मिलें : शुरुआत से ही भाजपा का समर्थन लेने से पार्टी विरोधी वोट कांग्रेस में शिफ्ट होने का डर है। ऐसे में कांडा के कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ रहने से दोनों से नाराज हुआ वोटर कांडा के समर्थन में आ सकता है। भाजपा वोटर के पास विकल्प नहीं : कांडा जानते हैं कि भाजपा के वोटरों के पास अब उन्हें वोट डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। भाजपा का वोटर कभी कांग्रेस को वोट नहीं देगा। ऐसे में कांडा ही इकलौते हैं, जिन्हें भाजपा का भी वोट मिल सकता है। इनेलो इसलिए कांडा-भाजपा के समर्थन के खिलाफ
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए कांडा की भाजपा से दूरी जरूरी है। कांडा का इनेलो-बसपा से गठबंधन है। इससे उनके गठबंधन पर असर पड़ सकता है। साथ ही प्रदेश में इस समय इनेलो की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन एक सीट के कारण पूरे प्रदेश में इसका नेगिटिव असर हो सकता है। कांग्रेस इलेक्शन कैंपेन में इसे मुद्दा बनाकर सत्ता विरोधी वोट बटोर सकती है। कांडा को साथ रखने से इनेलो ऐलनाबाद, रानिया और डबवाली तीनों जगहों पर बढ़त मानकर चल रही है।
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