हरियाणा के गुरुग्राम में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के बाद से प्रदेश बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। टिकट कटने से नाराज नेताओं का पार्टी छोड़ने का क्रम जारी है। तीन दिन पहले पार्टी के बड़े दलित चेहरे सुमेर सिंह तंवर के बाद अब गुरुग्राम नगर निगम की दो बार की पार्षद व जिला उपाध्यक्ष सीमा पाहूजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने त्यागपत्र में साफ शब्दों में लिखा कि अब वह अपने पति पवन बंटी पाहूजा के साथ बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नवीन गोयल का साथ देंगी। सीमा पाहूजा पंजाबी चेहरा हैं और दो बार पार्षद का चुनाव भी जीत चुकीं हैं। एक बार तो उन्होंने बीजेपी की पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ को भी पार्षद के चुनाव में मात दी थी। विधानसभा चुनाव के लिए वह गुरुग्राम से टिकट मांग रहीं थीं और पंजाबी चेहरे के चलते टिकट की रेस में भी थीं। हालांकि बीजेपी ने अपने मूल केडर वैश्य चेहरे के साथ ही पंजाबी दावेदारों की जगह ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा दिया। इसके बाद से ही बीजेपी छोड़ने का क्रम गुरुग्राम में चल रहा है। सीमा के कारोबारी पति पवन बंटी पाहूजा पहले से ही बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल का साथ दे रहे हैं। बीजेपी से पहले सीमा पाहूजा कांग्रेस पार्टी में थीं। सीमा पाहूजा बीजेपी की वार्ड 15 से दो बार पार्षद का चुनाव जीती थीं। साथ ही इस समय वह बीजेपी जिला उपाध्यक्ष, अर्जुन मंडल की प्रभारी थीं। कांग्रेस प्रत्याशी मोहित ग्रोवर पंजाबी वोट बैंक के जरिए जीत का सपना देख रहे थे लेकिन अचानक सीमा ने जोर का झटका धीरे से देकर उनकी परेशानी बड़ा दी। अब सीमा और बंटी पाहूजा पंजाबी वोट बैंक को नवीन गोयल के पक्ष में शिफ्ट करने की कोशिश करेंगे। यह बीजेपी के लिए जहां बड़ा झटका है वहीं यह मोहित ग्रोवर के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। सीमा पाहूजा के माध्यम से नवीन गोयल ने पंजाबी वोट में बड़ी सेंधमारी करने की कोशिश की है। सीमा पाहूजा के पत्र का मजनून सीमा पाहूजा ने 21 सितंबर को बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल यादव को पत्र लिखकर त्यागपत्र दिया। इसमें उन्होंने लिखा की वह तत्काल प्रभाव से बीजेपी के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहीं हैं। उन्होंने त्यागपत्र का कारण अपनी पारिवारिक परिस्थिति बताते हुए साफ लिखा कि उनके पति पवन पाहूजा के मित्र नवीन गोयल निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नवीन गोयल से उनका पारिवारिक नाता है और इसके चलते अब वह अपने पति के साथ उनके प्रचार में शामिल होंगी। उन्होंने बीजेपी संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कोई व्यक्तिगत शिकायत व गिला-शिकवा नहीं होने की बात कहते हुए पार्टी की प्रगति की कामना भी की। जल्द करेंगी अगली रणनीति का खुलासा बीजेपी का साथ छोड़कर सीमा पाहूजा अब खुलकर नवीन गोयल के प्रचार की कमान संभालेंगी। इसको लेकर वह रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस भी करने जा रहीं हैं। इसमें वह अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करेंगी। मालूम हो कि उनके पति पवन पाहूजा निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल के नामांकन की रैली में खुलकर शामिल हुए थे और पंजाबी समाज को उनके पाले में करने की जुगत लगा रहे हैं। हालांकि पंजाबी समाज ने पाहूजा परिवार को मोहित ग्रोवर के पक्ष में रहने के लिए काफी दबाव बनाया लेकिन दोस्ती का हवाला देकर उन्होंने नवीन गोयल का साथ देने का ही निर्णय किया है। इस नए राजनीतिक घटनाक्रम से बीजेपी-कांग्रेस की धड़कनें बढ़ गईं हैं, तो नवीन गोयल को अब पंजाबी समाज का साथ मिलने से वह ओर भी मजबूत नजर आते दिख रहे हैं। हरियाणा के गुरुग्राम में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के बाद से प्रदेश बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। टिकट कटने से नाराज नेताओं का पार्टी छोड़ने का क्रम जारी है। तीन दिन पहले पार्टी के बड़े दलित चेहरे सुमेर सिंह तंवर के बाद अब गुरुग्राम नगर निगम की दो बार की पार्षद व जिला उपाध्यक्ष सीमा पाहूजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने त्यागपत्र में साफ शब्दों में लिखा कि अब वह अपने पति पवन बंटी पाहूजा के साथ बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नवीन गोयल का साथ देंगी। सीमा पाहूजा पंजाबी चेहरा हैं और दो बार पार्षद का चुनाव भी जीत चुकीं हैं। एक बार तो उन्होंने बीजेपी की पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ को भी पार्षद के चुनाव में मात दी थी। विधानसभा चुनाव के लिए वह गुरुग्राम से टिकट मांग रहीं थीं और पंजाबी चेहरे के चलते टिकट की रेस में भी थीं। हालांकि बीजेपी ने अपने मूल केडर वैश्य चेहरे के साथ ही पंजाबी दावेदारों की जगह ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा दिया। इसके बाद से ही बीजेपी छोड़ने का क्रम गुरुग्राम में चल रहा है। सीमा के कारोबारी पति पवन बंटी पाहूजा पहले से ही बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल का साथ दे रहे हैं। बीजेपी से पहले सीमा पाहूजा कांग्रेस पार्टी में थीं। सीमा पाहूजा बीजेपी की वार्ड 15 से दो बार पार्षद का चुनाव जीती थीं। साथ ही इस समय वह बीजेपी जिला उपाध्यक्ष, अर्जुन मंडल की प्रभारी थीं। कांग्रेस प्रत्याशी मोहित ग्रोवर पंजाबी वोट बैंक के जरिए जीत का सपना देख रहे थे लेकिन अचानक सीमा ने जोर का झटका धीरे से देकर उनकी परेशानी बड़ा दी। अब सीमा और बंटी पाहूजा पंजाबी वोट बैंक को नवीन गोयल के पक्ष में शिफ्ट करने की कोशिश करेंगे। यह बीजेपी के लिए जहां बड़ा झटका है वहीं यह मोहित ग्रोवर के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। सीमा पाहूजा के माध्यम से नवीन गोयल ने पंजाबी वोट में बड़ी सेंधमारी करने की कोशिश की है। सीमा पाहूजा के पत्र का मजनून सीमा पाहूजा ने 21 सितंबर को बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल यादव को पत्र लिखकर त्यागपत्र दिया। इसमें उन्होंने लिखा की वह तत्काल प्रभाव से बीजेपी के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहीं हैं। उन्होंने त्यागपत्र का कारण अपनी पारिवारिक परिस्थिति बताते हुए साफ लिखा कि उनके पति पवन पाहूजा के मित्र नवीन गोयल निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नवीन गोयल से उनका पारिवारिक नाता है और इसके चलते अब वह अपने पति के साथ उनके प्रचार में शामिल होंगी। उन्होंने बीजेपी संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कोई व्यक्तिगत शिकायत व गिला-शिकवा नहीं होने की बात कहते हुए पार्टी की प्रगति की कामना भी की। जल्द करेंगी अगली रणनीति का खुलासा बीजेपी का साथ छोड़कर सीमा पाहूजा अब खुलकर नवीन गोयल के प्रचार की कमान संभालेंगी। इसको लेकर वह रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस भी करने जा रहीं हैं। इसमें वह अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करेंगी। मालूम हो कि उनके पति पवन पाहूजा निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल के नामांकन की रैली में खुलकर शामिल हुए थे और पंजाबी समाज को उनके पाले में करने की जुगत लगा रहे हैं। हालांकि पंजाबी समाज ने पाहूजा परिवार को मोहित ग्रोवर के पक्ष में रहने के लिए काफी दबाव बनाया लेकिन दोस्ती का हवाला देकर उन्होंने नवीन गोयल का साथ देने का ही निर्णय किया है। इस नए राजनीतिक घटनाक्रम से बीजेपी-कांग्रेस की धड़कनें बढ़ गईं हैं, तो नवीन गोयल को अब पंजाबी समाज का साथ मिलने से वह ओर भी मजबूत नजर आते दिख रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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