प्रवर्तन निदेशालय (ED) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय द्वारा इंटरनेशनल ड्रग तस्कर जसमीत हकीमजादा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी 1.22 करोड़ रुपए कीमत की प्रॉपर्टी को अस्थायी रूप से अटैच किया है। जसमीत हकीमजादा फिलहाल दुबई में रह रहा है और उसकी अटैच प्रॉपर्टी गुरुग्राम के सोहना इलाके में है। दरअसल, 27 अगस्त 2024 को ईडी ने दिल्ली में हकीमजादा और उसकी पत्नी के नाम से बैंक लॉकर भी खोजे थे। इन लॉकरों से 1.06 किलो सोना और 370 ग्राम हीरे के जेवर मिले, जिन्हें ईडी ने जब्त किया था। ड्रग्स से कमाया गया कैश भारत के अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में जमा करने और फिर उसी पैसे से गुरुग्राम में प्रॉपर्टी खरीदी गई। इसी प्रॉपर्टी को ईडी ने अटैच किया है। एनआईए की एफआईआर पर कार्रवाई ईडी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानि एनआईए की तरफ से दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की है। एनआईए ने जसमीत हकीमजादा और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) 1967 और NDPS एक्ट 1985 के तहत केस दर्ज किया था। जांच में सामने आया है कि जसमीत हकीमजादा को अमेरिका की सरकार ने महत्वपूर्ण विदेशी मादक पदार्थ तस्कर घोषित किया है। साथ ही उसका नाम विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय की लिस्ट में भी शामिल है। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जुड़े तार जांच में ये भी सामने आया है कि हकीमजादा का नाम खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) और इसके पाकिस्तान में छुपे चीफ हरमीत सिंह उर्फ PhD से भी जुड़ा हुआ है। जसमीत भारत में एक बड़ा नार्को-टेरर नेटवर्क चला रहा था। ड्रग्स से कमाया गया पैसा हवाला के जरिए दुबई भेजा जाता था, जिसमें अमृतसर के कुछ मनी चेंजर की मदद ली गई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय द्वारा इंटरनेशनल ड्रग तस्कर जसमीत हकीमजादा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी 1.22 करोड़ रुपए कीमत की प्रॉपर्टी को अस्थायी रूप से अटैच किया है। जसमीत हकीमजादा फिलहाल दुबई में रह रहा है और उसकी अटैच प्रॉपर्टी गुरुग्राम के सोहना इलाके में है। दरअसल, 27 अगस्त 2024 को ईडी ने दिल्ली में हकीमजादा और उसकी पत्नी के नाम से बैंक लॉकर भी खोजे थे। इन लॉकरों से 1.06 किलो सोना और 370 ग्राम हीरे के जेवर मिले, जिन्हें ईडी ने जब्त किया था। ड्रग्स से कमाया गया कैश भारत के अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में जमा करने और फिर उसी पैसे से गुरुग्राम में प्रॉपर्टी खरीदी गई। इसी प्रॉपर्टी को ईडी ने अटैच किया है। एनआईए की एफआईआर पर कार्रवाई ईडी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानि एनआईए की तरफ से दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की है। एनआईए ने जसमीत हकीमजादा और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) 1967 और NDPS एक्ट 1985 के तहत केस दर्ज किया था। जांच में सामने आया है कि जसमीत हकीमजादा को अमेरिका की सरकार ने महत्वपूर्ण विदेशी मादक पदार्थ तस्कर घोषित किया है। साथ ही उसका नाम विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय की लिस्ट में भी शामिल है। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जुड़े तार जांच में ये भी सामने आया है कि हकीमजादा का नाम खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) और इसके पाकिस्तान में छुपे चीफ हरमीत सिंह उर्फ PhD से भी जुड़ा हुआ है। जसमीत भारत में एक बड़ा नार्को-टेरर नेटवर्क चला रहा था। ड्रग्स से कमाया गया पैसा हवाला के जरिए दुबई भेजा जाता था, जिसमें अमृतसर के कुछ मनी चेंजर की मदद ली गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
