लुधियाना| गुरुद्वारा शहीदां फेरूमान ढोलेवाल चौक में साप्ताहिक धार्मिक गुरमति कीर्तन समारोह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा गुरु नानक नाम लेवा संगत की ओर से श्रद्धा भावना व सत्कार से मनाया गया। गुरमति समागम में गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी जत्थों हरप्रीत सिंह खालसा, परमवीर सिंह, गुरशरन सिंह, रणजीत सिंह तथा उनके जत्थे की ओर से इलाही बाणी के गुरबाणी शबद कीर्तन की सेवा निभाई गई। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य कथावाचक मनप्रीत सिंह ने गुरु घर नत्मस्तक हुई संगत से गुरमति विचारों को सांझा किया। गुरुद्वारा साहिब के जनरल सचिव तेजिंदर सिंह डंग, तिरलोचन सिंह, अर्जुन सिंह, इंदरजीत सिंह, सुरिंदरजीत सिंह, गुरचरन सिंह, परमजीत सिंह, जसवीर सिंह, अवतार सिंह, प्रीतम सिंह, सुखराज सिंह, बनारसी दास, गुरमीत सिंह, दविंदर सिंह आदि मौजूद रहे। लुधियाना| गुरुद्वारा शहीदां फेरूमान ढोलेवाल चौक में साप्ताहिक धार्मिक गुरमति कीर्तन समारोह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा गुरु नानक नाम लेवा संगत की ओर से श्रद्धा भावना व सत्कार से मनाया गया। गुरमति समागम में गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी जत्थों हरप्रीत सिंह खालसा, परमवीर सिंह, गुरशरन सिंह, रणजीत सिंह तथा उनके जत्थे की ओर से इलाही बाणी के गुरबाणी शबद कीर्तन की सेवा निभाई गई। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य कथावाचक मनप्रीत सिंह ने गुरु घर नत्मस्तक हुई संगत से गुरमति विचारों को सांझा किया। गुरुद्वारा साहिब के जनरल सचिव तेजिंदर सिंह डंग, तिरलोचन सिंह, अर्जुन सिंह, इंदरजीत सिंह, सुरिंदरजीत सिंह, गुरचरन सिंह, परमजीत सिंह, जसवीर सिंह, अवतार सिंह, प्रीतम सिंह, सुखराज सिंह, बनारसी दास, गुरमीत सिंह, दविंदर सिंह आदि मौजूद रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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दो आतंकियों को पांच साल की सजा:माेहाली अदालत का फैसला, पेशे से ड्राइवर व नर्स, विदेशी फंडिंग का भी था आरोप छह साल पुराने देशद्रोह, टेरर फंडिंग व आतंक से जुड़े मामले में मोहाली जिला अदालत ने दो आतंकियों को दोषी ठहराते हुए पांच साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषियों में लखबीर सिंह, निवासी जिला होशियारपुर पेशे से ड्राइवर था, जबकि सुरिंदर कौर उर्फ सुखप्रीत कौर, निवासी जिला फरीदकोट, शामिल हैं, जो कि नर्स थी। लखबीर सिंह को गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम की धारा 10 के तहत 2 साल की कैद और 2 हजार रुपए जुर्माना, जबकि धारा 13 के तहत 5 साल की कैद और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। वहीं, सुरिंदर कौर उर्फ सुखप्रीत कौर को धारा 19 के तहत 5 साल की कैद और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा मिली है। इस मामले में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सुरिंदर सिंह उर्फ सुख दियोल को बरी कर दिया है। ऐसे पकड़े थे आरोपी नवंबर 2019 में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी), मोहाली की टीम को सूचना मिली थी कि लखबीर सिंह दुबई में रह रहा है और उसके संबंध परमजीत सिंह पम्मा से हैं। परमजीत सिंह पम्मा भारत में प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य है और “रेफरेंडम 2020” का समर्थन कर रहा है। बताया गया कि वह पंजाब में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा था और आईएसआई की साजिश का हिस्सा था। लखबीर सिंह को राज्य के लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए पंजाब भेजा गया था। वह दूसरी आरोपी सुखप्रीत कौर को भी जानता था। इस मामले में एसएसओसी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। आरोपियों पर नवंबर 2019 में आईपीसी की धारा 120बी और गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम, 1997 की धाराएं 10, 13, 17, 18, 20, 38, 39, 40 लगाई गई थीं। सुखप्रीत से मिला था यह सामान सुखप्रीत कौर के कब्जे से पुलिस ने 10 किताबें, कुछ पत्रिकाएं और 3 डायरियां बरामद की थीं। सुरिंदर सिंह उर्फ सुख दियोल पर आरोप था कि उसने लखबीर सिंह को हथियार मुहैया करवाने का भरोसा दिया था। हालांकि, किसी भी दोषी से हथियार बरामद नहीं हुए और पुलिस अदालत में उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई। इसी कारण उसे बरी कर दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट से लखबीर को दबोचा था लखबीर सिंह होशियारपुर के गांव डडियाणा कलां का रहने वाला है। वह दुबई में ट्रक ड्राइवर का काम करता था। वह अक्टूबर 2019 में महीने भारत आया था। उसे टीम ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली से दबोचा था। इसी तरह सुरिंदर कौर जो लुधियाना के एक निजी अस्पताल में स्टाफ नर्स थी। लखबीर सिंह से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में थी। उसे भी इसी दिन गिरफ्तार किया गया था। सिख रेजिमेंट ग्रुप से वह पाकिस्तान के संपर्क में था पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के समय बताया था कि आतंकी लखबीर सिंह काफी शातिर था। उसने सोशल मीडिया में सिख रेजिमेंट नाम से एक सोशल ग्रुप बनाया हुआ था। इसमें पाकिस्तान में बैठे लोग भी सदस्य थे। जहां पर वे कोड में अपनी सारी रणनीति तैयार करते थे।

अमृतसर में नशा तस्कर का घर गिराया:नगर निगम की टीम ने की कार्रवाई, मां के खिलाफ भी कई मामले दर्ज
अमृतसर में नशा तस्कर का घर गिराया:नगर निगम की टीम ने की कार्रवाई, मां के खिलाफ भी कई मामले दर्ज पंजाब में नशा तस्करों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम के तहत अमृतसर पुलिस और नगर निगम ने एक और कार्रवाई को अंजाम दिया है। अमृतसर के मुस्तफाबाद इलाके में कुख्यात नशा तस्कर सोनू मोटा का घर गिरा दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि मौके पर किसी भी तरह का तनाव न पैदा हो। थाना सदर के तहत आने वाले मुस्तफाबाद इलाके में नगर निगम की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में आरोपी तस्कर सोनू मोटा और उसकी मां जोगिंदर कौर के मकान को गिरा दिया। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जानकारी देते हुए बताया कि सोनू मोटा और उसकी मां के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस लगातार नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और अब उनके अवैध निर्माण पर भी बुलडोजर चलाया जा रहा है। नशे के खिलाफ लड़ाई में सहयोग दें लोग पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने लोगों से अपील की कि वे नशा तस्करों की जानकारी पुलिस को दें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि ऐसे लोगों की पहचान गुप्त रखी जाएगी और तस्करों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “नशे को जड़ से खत्म करने के लिए जनता और समाज के जिम्मेदार लोगों का सहयोग बेहद जरूरी है।” नशा तस्करों के खिलाफ चल रही बुलडोजर कार्रवाई गौरतलब है कि पंजाब पुलिस की ओर से नशा तस्करों के खिलाफ राज्यभर में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। पहले भी कई तस्करों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। यह कार्रवाई उसी अभियान का हिस्सा है जिसमें नशे के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कानूनी और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर दबाव बनाया जा रहा है। इस कार्रवाई ने नशा तस्करों में खौफ पैदा किया है और यह संदेश दिया है कि अवैध गतिविधियों में शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

अमृतसर मेयर चुनाव विवाद: हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई:डबल बेंच ने 20 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा; कांग्रेस ने चुनाव रद्द करने की मांग की
अमृतसर मेयर चुनाव विवाद: हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई:डबल बेंच ने 20 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा; कांग्रेस ने चुनाव रद्द करने की मांग की अमृतसर नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच आज (गुरुवार) फिर इस मामले की सुनवाई करेगी। 20 फरवरी को जस्टिस सुधीर सिंह और सुखविंदर कौर की बेंच ने इस पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 27 जनवरी 2025 को हुए नगर निगम चुनाव में जितेंद्र सिंह मोती भाटिया मेयर, प्रियंका शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर और अनीता रानी डिप्टी मेयर चुनी गई थीं। लेकिन कांग्रेस पार्षद विकास सोनी ने 28 जनवरी को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव रद्द करने की मांग की थी। उनका आरोप है कि कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने जबरन अपने उम्मीदवारों को विजयी घोषित कर दिया। हाईकोर्ट में अब तक की सुनवाई 29 जनवरी को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले की पहली सुनवाई की थी, लेकिन तब कोई नोटिस ऑफ मोशन जारी नहीं हुआ था। 10 फरवरी को कोर्ट ने घोषणा की कि 11 फरवरी को नोटिस ऑफ मोशन अपलोड किया जाएगा। ऑर्डर में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को करने का फैसला सुनाया गया। इसके बाद कांग्रेस पार्षद विकास सोनी के वकीलों ने जल्द सुनवाई की अपील की, जिसे स्वीकार कर 20 फरवरी को सुनवाई निर्धारित की गई। कांग्रेस ने AAP पर लगाए चुनाव में धांधली के आरोप कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगा चुकी है। कांग्रेस नेताओं ने मतदान के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज जारी कर दावा किया था कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान AAP पार्षदों ने शपथ नहीं ली। यह वीडियो हाईकोर्ट के आदेश पर बनाया गया था। कांग्रेस का आरोप है कि AAP ने कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर जबरन चुनाव अपने पक्ष में किया। AAP नेताओं और नगर निगम अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप कांग्रेस पार्षदों का दावा है कि चुनाव से पहले AAP नेताओं की एक बैठक अमृतसर के MK होटल में हुई थी, जिसमें नगर निगम के अधिकारी राजिंदर शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान अमृतसर के अलावा जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा और अन्य जिलों में भी ऐसी धांधली हुई। नगर निगम चुनाव के नतीजे 21 दिसंबर 2024 को हुए अमृतसर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें, आम आदमी पार्टी को 24, भाजपा को 9, अकाली दल को 4 और निर्दलीयों को 8 सीटें मिली थीं। बाद में 7 निर्दलीय और 2 भाजपा पार्षद AAP में शामिल हो गए, जबकि 1 निर्दलीय कांग्रेस में आ गया। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पदभार अधर में मेयर जितेंद्र सिंह मोती भाटिया ने 28 जनवरी को अपना पदभार संभाल लिया, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर प्रियंका शर्मा और डिप्टी मेयर अनीता रानी अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाई हैं। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।