लुधियाना| गुरुद्वारा शहीदां फेरूमान ढोलेवाल चौक में साप्ताहिक धार्मिक गुरमति कीर्तन समारोह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा गुरु नानक नाम लेवा संगत की ओर से श्रद्धा भावना व सत्कार से मनाया गया। गुरमति समागम में गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी जत्थों हरप्रीत सिंह खालसा, परमवीर सिंह, गुरशरन सिंह, रणजीत सिंह तथा उनके जत्थे की ओर से इलाही बाणी के गुरबाणी शबद कीर्तन की सेवा निभाई गई। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य कथावाचक मनप्रीत सिंह ने गुरु घर नत्मस्तक हुई संगत से गुरमति विचारों को सांझा किया। गुरुद्वारा साहिब के जनरल सचिव तेजिंदर सिंह डंग, तिरलोचन सिंह, अर्जुन सिंह, इंदरजीत सिंह, सुरिंदरजीत सिंह, गुरचरन सिंह, परमजीत सिंह, जसवीर सिंह, अवतार सिंह, प्रीतम सिंह, सुखराज सिंह, बनारसी दास, गुरमीत सिंह, दविंदर सिंह आदि मौजूद रहे। लुधियाना| गुरुद्वारा शहीदां फेरूमान ढोलेवाल चौक में साप्ताहिक धार्मिक गुरमति कीर्तन समारोह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा गुरु नानक नाम लेवा संगत की ओर से श्रद्धा भावना व सत्कार से मनाया गया। गुरमति समागम में गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी जत्थों हरप्रीत सिंह खालसा, परमवीर सिंह, गुरशरन सिंह, रणजीत सिंह तथा उनके जत्थे की ओर से इलाही बाणी के गुरबाणी शबद कीर्तन की सेवा निभाई गई। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य कथावाचक मनप्रीत सिंह ने गुरु घर नत्मस्तक हुई संगत से गुरमति विचारों को सांझा किया। गुरुद्वारा साहिब के जनरल सचिव तेजिंदर सिंह डंग, तिरलोचन सिंह, अर्जुन सिंह, इंदरजीत सिंह, सुरिंदरजीत सिंह, गुरचरन सिंह, परमजीत सिंह, जसवीर सिंह, अवतार सिंह, प्रीतम सिंह, सुखराज सिंह, बनारसी दास, गुरमीत सिंह, दविंदर सिंह आदि मौजूद रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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स्टेट बोर्ड से 12वीं में 84 से ज्यादा पर्सेंट हैं तो करें स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई भास्कर न्यूज | जालंधर पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड से 2024 की बारहवीं की परीक्षा में 84.2 फीसदी या इससे ज्यादा अंक हासिल करने वाले स्टूडेंट्स नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं। सेंट्रल सेक्टर स्कीम अॉफ स्कॉलरशिप फॉर कॉलेज व यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स (सीएसएसएस) को केंद्र के शिक्षा मंत्रालय द्वारा अप्रूव किया गया है। इसमें नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। यह स्कीम कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए है। ऐसे में स्कॉलरशिप के लिए स्टूडेंट्स को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। स्टूडेंट्स को आधार कार्ड के साथ लिंक बैंक अकाउंट का जानकारी ऑनलाइन भरनी होगी। फॉर्म भरने के बाद उम्मीदवारों को कॉलेज व यूनिवर्सिटी से एप्लिकेशन को वेरिफाई करवाना होगा। गौरतलब है कि स्टूडेंट्स को पोर्टल पर आवेदन करने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन करवानी जरूरी है। इस बार फेस ऑथेंटिकेशन भी जरूरी की गई है। इसमें स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और लीगल गार्जियन की फेस ऑथेंटिकेशन होनी जरूरी है। पोर्टल पर स्टूडेंट्स, संस्थानों और पेरेंट्स के लिए भी जानकारी अपलोड की गई है। जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न आने पाए। आवेदन के लिए https://scholarships .gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं।
पंजाब में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर नहीं रोकेगी पुलिस:सरकार के आदेश, मददगार को फरिश्ते स्कीम के तहत किया जाएगा सम्मानित
पंजाब में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर नहीं रोकेगी पुलिस:सरकार के आदेश, मददगार को फरिश्ते स्कीम के तहत किया जाएगा सम्मानित पंजाब में सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले मददगारों को अब किसी भी पुलिस कर्मचारी की तरफ से कार्रवाई के लिए नहीं रोका जाएगा। न ही उन्हें किसी तरह से परेशान किया जाएगा। यह आदेश पंजाब पुलिस की तरफ से सभी जिलों के एसएसपी और कमिश्नर को जारी किए हैं। ऐसे लोगों को फरिश्ते स्कीम के तहत हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। मददगार को आगे लाने के लिए उठाया कदम राज्य में सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को तुरंत मदद मिल सके, इसके लिए सरकार काफी गंभीर है। एक तरफ जहां सड़क सुरक्षा फोर्स बनाई गई है। वहीं, घायलों का अस्पतालों में शुरूआती इलाज तक फ्री किया गया है। लेकिन अफसरों के ध्यान में आया था कि हादसों के घायल लोगों की लोग मदद करना चाहते है। लेकिन पुलिस कार्रवाई या पूछताछ आदि की वजह से लोग इस काम से पीछे हट जाते है। इस वजह से यह कदम उठाया है। पहले दिन में 13 लोगों की जाती थी जान पंजाब में पहले हर दिन सड़क हादसों में 13 लोगों को जान जाती थी। लेकिन इसके बाद पंजाब सरकार ने इस दिशा को सुधारने के लिए काम शुरू किया। पूरे पंजाब की सड़कों का सर्वे करवाकर एक्सीडेंट प्रोन एरिया की पड़ताल की गई। इसके बाद उन खामियों को सुधारा गया। फिर सड़क सुरक्षा फोर्स बनाई गई। वहीं, अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इसके बाद अब हालत में सुधार होने लगा है।
पंजाब में ओरेंज अलर्ट:कई जिलों में सुबह से बरस रहे बादल; सुस्त मानसून ने बढ़ाई चिंता, 5 जिलों में 60-75% कम बारिश
पंजाब में ओरेंज अलर्ट:कई जिलों में सुबह से बरस रहे बादल; सुस्त मानसून ने बढ़ाई चिंता, 5 जिलों में 60-75% कम बारिश पंजाब में बारिश को लेकर आज गुरुवार भी अलर्ट जारी किया गया है। कई जिलों में आज अच्छी बारिश होने की संभावनाए हैं। हिमाचल प्रदेश के साथ सटे जिलों बारिश हो रही है। बीते दिनों मानसून के सुस्त रहने के कारण राज्य का तापमान एक बार फिर 40 डिग्री के पार हो गया है। राज्य का अधिकतम तापमान सामान्य से 4.1 डिग्री अधिक दर्ज किया गया। बुधवार राज्यभर में ओरेंज व येलो अलर्ट के बावजूद अधिकांश जिलों में बारिश नहीं हुई। जिससे ऊमस बढ़ी और तापमान में बढ़ौतरी हुई। आज भी पंजाब के 8 जिलों में बारिश को लेकर ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ये ओरेंज अलर्ट पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, बरनाला, संगरूर और मानसा के लिए हैं। जबकि अन्य पूरे राज्य में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी है। शुक्रवार ये अलर्ट हिमाचल से सटे जिलों तक सीमित रहने वाला है। पंजाब में मौसम को लेकर तस्वीरें, पूर्वानुमान व अलर्ट- बंगाल की खड़ी के दबाव ने सुखाया उत्तर भारत मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खड़ी में दबाव के चलते नमी वाली हवाएं पंजाब, हरियाणा तक नहीं पहुंच पा रही हैं। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभी भी पूरी तरह से एक्टिव नहीं हो पा रहा। जिसके चलते पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में सूखे की स्थिति बनती जा रही है। पंजाब में 1 जून से 30 जुलाई तक 44% कम बारिश दर्ज की गई है। जबकि हरियाणा में 42, चंडीगढ़ में 57% और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में 34% कम बारिश हुई है। जिससे इन राज्यों को रेड जोन में रखा गया है। 15 जिलों में सूखे के हालात पंजाब के 1 जून से 30 जुलाई तक 23 में से मात्र पठानकोट ही एक मात्र जिला है, जहां सामान्य बारिश हो रही है। यहां सामान्य से मात्र 7% अधिक बारिश हुई है। जबकि तरनतारन में 17 व मानसा में 16 फीसदी कम बारिश हुई है और इन्हें सामान्य श्रेणी में रखा गया है। जबकि बठिंडा व फतेहगढ़ साहिब में 75 फीसदी, फिरोजपुर में 71, एसएएस नगर में 72 और मोगा में 60 फीसदी कम बारिश हुई है। कम बारिश ने किसानों की चिंताओं को बढ़ रखा है। बीते साल जहां पूरा पंजाब बाढ़ की चपेट में रहा, इस साल सूखे की स्थिति बनी हुई है। बारिश ना होने के कारण किसान पूरी तरह ग्राउंड वाटर पर निर्भर हो गए हैं, जो चिंता का विषय बना हुआ है।