भास्कर न्यूज | अमृतसर स्पोर्ट्स सेल पंजाब के चेयरमैन प्रमोद भाटिया ने गुरु पूर्णिमा पर लोगों से अपील की कि मां बाप का दर्जा भी गुरु के सम्मान होता है, क्योंकि उन्होंने हमें जन्म दिया है। इसलिए सर्वप्रथम हमें गुरु के साथ मां-बाप की पुजा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल देखने को मिलता है कि लोग गुरु का सत्कार तो करते हैं पर मां-बाप को पूछते तक भी नहीं है। यहां तक के काफी मां-बाप अपने बच्चों को कुछ कहने से डरते के कही, वह उनकी बेइज्जती न कर दे। उन्होंने कहा कि काफी हद तक उन मां-बाप से मिलते हैं जो अपनी ही औलाद से बहुत दुखी होते हैं। भास्कर न्यूज | अमृतसर स्पोर्ट्स सेल पंजाब के चेयरमैन प्रमोद भाटिया ने गुरु पूर्णिमा पर लोगों से अपील की कि मां बाप का दर्जा भी गुरु के सम्मान होता है, क्योंकि उन्होंने हमें जन्म दिया है। इसलिए सर्वप्रथम हमें गुरु के साथ मां-बाप की पुजा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल देखने को मिलता है कि लोग गुरु का सत्कार तो करते हैं पर मां-बाप को पूछते तक भी नहीं है। यहां तक के काफी मां-बाप अपने बच्चों को कुछ कहने से डरते के कही, वह उनकी बेइज्जती न कर दे। उन्होंने कहा कि काफी हद तक उन मां-बाप से मिलते हैं जो अपनी ही औलाद से बहुत दुखी होते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फाजिल्का में दामाद ने ससुर को ट्रैक्टर से कुचला:टूटा पैर, हिसाब मांगने पर हुआ विवाद, 2 साल पहले खरीदकर दिया था पंजाब के फाजिल्का जिले में पारिवारिक झगड़े में व्यक्ति के ऊपर उसके दामाद ने ट्रैक्टर चढ़ाने का मामला सामने आया है। जिससे व्यक्ति का एक पैर टूट गया। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल की पहचान सदर थाना क्षेत्र के गांव मियानी बस्ती के रहने वाले मंजीत के रूप में हुई है। अस्पताल में भर्ती मंजीत अपने दामाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दामाद ने ससुर पर चढ़ाया ट्रैक्टर फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में भर्ती घायल व्यक्ति मंजीत सिंह ने बताया कि उसके दामाद ने उन पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया l जिस वजह से उसका पैर टूट गया है l जिसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है l उक्त व्यक्ति का आरोप है कि करीब 2 वर्ष पहले उनके द्वारा अपने दामाद को ट्रैक्टर ट्राली लेकर दिया गया था l ताकि वह उसे चलाकर कारोबार कर सके और दो वक्त की रोटी कमा कर खा सके। हिसाब मांगने को लेकर हुआ विवाद अब उनके द्वारा उससे हिसाब किताब मांगा गया। जिससे अब उन्हें भी कुछ खर्चा पानी दिया जाए l जिसे देने के लिए उसके दामाद ने इनकार कर दिया और उनका ट्रैक्टर ट्राली लेकर जाने लगा तो उन्हें उन्होंने रोकने की कोशिश की। तभी उसने मेरे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया l फिलहाल डॉक्टरों द्वारा पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई है l मंजीत ने अपने दामाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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कनाडा 4000-करोड़ ड्रग्स सुपरलैब मामला, गलत युवक का फोटो वायरल:वीडियो जारी कर बोला-मेरा इससे कोई संबंध नहीं, सभी खबरें फेक, मैं कनाडा में सुरक्षित कनाडा में बीते दिनों अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स बरामदगी में पंजाब के जालंधर का कनेक्शन सामने आया है। केस में मुख्यारोपी के तौर पर जालंधर के अलावलपुर के रहने वाले गगनप्रीत सिंह रंधावा को बताया गया था। मगर अब गगनप्रीत सिंह रंधावा के परिवार ने कहा है कि उनका बेटा सही सलामत कनाडा में है। परिवार ने कनाडा में रह रहे बेटे का वीडियो भी जारी करवाया है। वीडियो में गगनप्रीत सिंह रंधावा कह रहा है कि मैं जालंधर के गोल पिंड का रहने वाला हूं और मेरे पिता का नाम कुलवंत सिंह है। मेरे नाम पर एक खबर किसी निजी अखबार द्वारा लगाई गई है। उक्त खबर सरासर गलत है। मैं एकदम सही सलामत कनाडा में हूं और मेरा किसी केस में कोई नाम नहीं है। ना ही मेरा कुछ इस केस से लेना देना है। ये एकदम फेक न्यूज है। रंधावा का अपने गांव में अक्सर आना जाना था। वहीं, गगनप्रीत रंधावा के खिलाफ थाना अलावलपुर की पुलिस के पास भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। पूरे गांव में सबसे बड़ा बंगला भी रंधावा का ही था। बता दें कि कनाडा में 4 हजार करोड़ रुपए से जुड़े ड्रग्स केस में गगनप्रीत सिंह नाम का व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है। दोनों का नाम सेम होने के कारण जालंधर के अलावलपुर के रहने वाले गगनप्रीत सिंह का फोटो वायरल होने लगा। जिसके बाद परिवार ने बयान जारी किया। RCMP को मिला था नशे का भंडार
कनाडा में चल रहे सबसे बड़े अवैध ड्रग्स लैब का रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की एक स्पेशल यूनिट ने भंडाफोड़ किया था। इसमें भारी मात्रा में ड्रग्स, केमिकल और हथियार बरामद किए गए थे। साथ ही भारतीय मूल के गगनप्रीत को इस मामले का किंगपिन बताकर गिरफ्तार किया गया था। क्राइम सीन से कनाडा पुलिस को करीब 54 किलोग्राम फेंटेनाइल, 390 किलोग्राम मेथामफेटामाइन, 35 किलोग्राम कोकीन, 15 किलोग्राम MDMA, 6 किलो भांग और 50 हजार कनाडाई डॉलर मिले थे।
गुरदासपुर में स्थापित किया गया विजयी टैंक:1971 के भारत-पाक युद्ध में हुआ था प्रयोग, दूसरे विश्व युद्ध के बाद रुस ने बनाया था
गुरदासपुर में स्थापित किया गया विजयी टैंक:1971 के भारत-पाक युद्ध में हुआ था प्रयोग, दूसरे विश्व युद्ध के बाद रुस ने बनाया था स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गुरदासपुर के बब्बरी बाईपास पर जिला प्रशासन की ओर से ‘विजय के प्रतीक’ के रूप में भारतीय सेना के 1971 के भारत-पाक युद्ध के विजयी टैंक को स्थापित किया है। गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल और पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रमन बहल ने रिबन काटकर इस विजयी टैंक के स्मारक का उद्घाटन किया। अतिरिक्त उपायुक्त (जनरल) सुभाष चंद्र, एसडीएम गुरदासपुर डॉ. कर्मजीत सिंह, सहायक कमिश्नर अश्वनी अरोड़ा, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन हरजोत सिंह, जिला हेरिटेज सोसायटी के सचिव प्रो. राज कुमार शर्मा, सुच्चा सिंह मुल्तानी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। विजयी टैंक स्थापित करने संबंधी गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि यह ऐतिहासिक टी-55 टैंक दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस द्वारा बनाया गया था। इस युद्धक टैंक को 1966 में भारत की सशस्त्र इकाइयों में शामिल किया गया था। दिन-रात लड़ने की ताकत रखने वाले इस टैंक ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नैनोकोट, बसंतर और गरीबपुर की लड़ाई में पाकिस्तान को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी खूबियों के कारण टी-55 टैंक 2011 तक भारतीय सेना में सेवारत रहा। जिला हेरिटेज सोसायटी करेगी देखभाल उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बल वाहन डिपो, पुणे ने इस टैंक को जीत के प्रतीक के रूप में सम्मान के साथ गुरदासपुर को ‘युद्ध ट्रॉफी’ के रूप में भेंट किया है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सारंगल इस स्मारक की देखभाल जिला हेरिटेज सोसायटी गुरदासपुर द्वारा की जाएगी। विजय चिन्ह का प्रतीक यह टैंक युवाओं को अपने देश के वीर जवानों के बलिदान का स्मरण करवाएगए और युवा इससे प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन अपने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि प्रदान करता है। चेयरमैन रमन बहल ने जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय सेना का विजयी टैंक है। गुरदासपुर के महत्वपूर्ण चौक पर स्थापित होने से जहां गुरदासपुर का गौरव बढ़ा है, वहीं यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा कि कैसे हमारे वीर जवानों ने दुश्मनों को परास्त किया।