चंडीगढ़ में 6 महीने पहले बिजनेसमैन कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर हुई फायरिंग से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तरफ से अमेरिका में छिपे आंतकी गोल्डी बराड़ समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोपियों पर यूएपी एक्ट व आर्म्स एक्ट लगाया है। अन्य आरोपियों में गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों उर्फ गोल्डी राजपुरा, गुरविंदर सिंह उर्फ लॉडी, काशी सिंह उर्फ हैरी, शुभम कुमार गिरी उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, प्रेम सिंह, सबरजीत सिंह उर्फ सरबू व गगनदीप सिंह गोल्डी के नाम शामिल हैं। गोल्डी बराड़ व गोल्डी ढिल्लों पर NIA ने जून में 10-10 लाख का इनाम घोषित किया था। गोल्डी बराड़ को बताया मुख्य साजिशकर्ता NIA की तरफ से चंडीगढ़ स्थित स्पेशल अदालत में दाखिल चार्जशीट में गोल्डी बराड़ को इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया है। उस पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक आतंकवादी गिरोह बनाने का आरोप है। जबकि उसके करीबी साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों को इस केस में सह साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया गया है। पहले फोन कर मांगी फिरौती, फिर की फायरिंग यह घटना इसी साल 19 जनवरी की है। जब चंडीगढ़ के एक नामी बिजनेसमैन के घर के बाहर फायरिंग हुई थी। उस समय पता चला था कि हमलावर बाइकों पर सवार होकर आए थे। साथ ही उन्होंने 5 फायर किए थे। गोलियां कार में लगी थी। किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि फायरिंग की घटना से 15 दिन पहले बिजनेसमैन के घर के घर पर रेड हुई थी। उसके बाद व्यापारी के घर पर फिरौती के लिए फोन कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद आतंकी गोल्डी बराड़ बताया था। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने केस फायरिंग व फिरौती मांगने का केस दर्ज किया था। 8 मार्च को NIA ने शुरू की थी जांच गोल्डी बराड़ का नाम सामने आने के बाद NIA ने जांच शुरू कर दी थी । 8 मार्च को NIA ने नया केस को अपने हाथ में ले लिया था। इसके बाद एक नई एफआईआर दर्ज की गई। फिर गोल्डी बराड़ के कुछ गुर्गे पकड़े गए। जिन्होंने पूछताछ में कई खुलासे किए थे, उन्होंने बताया कि गोल्डी बराड़ व गोल्डी ढिल्लों ने उन्हें गिरोह में शामिल किया था । अमीर लोग इनके निशाने पर होते थे जांच में सामने आया है कि गोल्डी बराड़ अपने भारत में मौजूद नेटवर्क के सहारे पंजाब, चंडीगढ व अन्य राज्यों में जबरन वसूली का एक जबरदस्त नारको नेटवर्क चला रहा है। व्यापारी और अमीर लोग उसके निशाने पर होते थे। पहले वह ऐसे लोगों की पहचान कर उनको फिरौती के लिए फोन करते है। पैसे का भुगतान न होने पर वह उक्त लोगों को निशाना बनाते हैं या फिर उनके घरों पर हमला करते हैं। वहीं, यह गिरोह हथियारों की खरीद फरोख्त व नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है। पंजाब पुलिस ने भी गिरोह के कुछ सदस्य अभी काबू किए है। वहीं, गोल्डी बराड़ और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई मिलकर काम करते है। आजकल वह ही विदेश से बैठकर सारा नेटवर्क चला रहा है। गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी शामिल था। चंडीगढ़ में 6 महीने पहले बिजनेसमैन कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर हुई फायरिंग से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तरफ से अमेरिका में छिपे आंतकी गोल्डी बराड़ समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोपियों पर यूएपी एक्ट व आर्म्स एक्ट लगाया है। अन्य आरोपियों में गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों उर्फ गोल्डी राजपुरा, गुरविंदर सिंह उर्फ लॉडी, काशी सिंह उर्फ हैरी, शुभम कुमार गिरी उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, प्रेम सिंह, सबरजीत सिंह उर्फ सरबू व गगनदीप सिंह गोल्डी के नाम शामिल हैं। गोल्डी बराड़ व गोल्डी ढिल्लों पर NIA ने जून में 10-10 लाख का इनाम घोषित किया था। गोल्डी बराड़ को बताया मुख्य साजिशकर्ता NIA की तरफ से चंडीगढ़ स्थित स्पेशल अदालत में दाखिल चार्जशीट में गोल्डी बराड़ को इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया है। उस पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक आतंकवादी गिरोह बनाने का आरोप है। जबकि उसके करीबी साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों को इस केस में सह साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया गया है। पहले फोन कर मांगी फिरौती, फिर की फायरिंग यह घटना इसी साल 19 जनवरी की है। जब चंडीगढ़ के एक नामी बिजनेसमैन के घर के बाहर फायरिंग हुई थी। उस समय पता चला था कि हमलावर बाइकों पर सवार होकर आए थे। साथ ही उन्होंने 5 फायर किए थे। गोलियां कार में लगी थी। किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि फायरिंग की घटना से 15 दिन पहले बिजनेसमैन के घर के घर पर रेड हुई थी। उसके बाद व्यापारी के घर पर फिरौती के लिए फोन कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद आतंकी गोल्डी बराड़ बताया था। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने केस फायरिंग व फिरौती मांगने का केस दर्ज किया था। 8 मार्च को NIA ने शुरू की थी जांच गोल्डी बराड़ का नाम सामने आने के बाद NIA ने जांच शुरू कर दी थी । 8 मार्च को NIA ने नया केस को अपने हाथ में ले लिया था। इसके बाद एक नई एफआईआर दर्ज की गई। फिर गोल्डी बराड़ के कुछ गुर्गे पकड़े गए। जिन्होंने पूछताछ में कई खुलासे किए थे, उन्होंने बताया कि गोल्डी बराड़ व गोल्डी ढिल्लों ने उन्हें गिरोह में शामिल किया था । अमीर लोग इनके निशाने पर होते थे जांच में सामने आया है कि गोल्डी बराड़ अपने भारत में मौजूद नेटवर्क के सहारे पंजाब, चंडीगढ व अन्य राज्यों में जबरन वसूली का एक जबरदस्त नारको नेटवर्क चला रहा है। व्यापारी और अमीर लोग उसके निशाने पर होते थे। पहले वह ऐसे लोगों की पहचान कर उनको फिरौती के लिए फोन करते है। पैसे का भुगतान न होने पर वह उक्त लोगों को निशाना बनाते हैं या फिर उनके घरों पर हमला करते हैं। वहीं, यह गिरोह हथियारों की खरीद फरोख्त व नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है। पंजाब पुलिस ने भी गिरोह के कुछ सदस्य अभी काबू किए है। वहीं, गोल्डी बराड़ और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई मिलकर काम करते है। आजकल वह ही विदेश से बैठकर सारा नेटवर्क चला रहा है। गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी शामिल था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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