गेंहू की फसल काटने खेत में उतरे संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया, स्कूल में बच्चों को भी पढ़ाया

गेंहू की फसल काटने खेत में उतरे संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया, स्कूल में बच्चों को भी पढ़ाया

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> जिला संभल के डीएम राजेंद्र &nbsp;पैंसिया ने मंगलवार को विकासखंड बहजोई के गांवों का दौरा किया और खुद खेत में जाकर गेहूं की फसल की कटाई की. यह दौरा क्रॉप कटिंग की प्रक्रिया के तहत किया गया, ताकि शासन को भेजे जाने वाले फसल उत्पादकता के आंकड़े सटीक और वास्तविक हों.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीएम ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को निकलवाकर वैज्ञानिक मानकों के आधार पर उसकी पैदावार का मूल्यांकन किया. अधिकारियों की मौजूदगी में खेतों से सैंपल लेकर उसकी क्रॉप कटिंग कराई गई, ताकि जिले में इस बार गेहूं की औसत उत्पादकता की सटीक रिपोर्ट तैयार की जा सके. यह जानकारी राज्य सरकार को भेजी जाएगी, जो आगे चलकर किसानों को मिलने वाली राहत, बीमा क्लेम और फसल मूल्य निर्धारण जैसे कई महत्वपूर्ण फैसलों का आधार बनेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि क्रॉप कटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए किसी क्षेत्र में किसी खास फसल की औसत उपज का अनुमान लगाया जाता है. यह कार्य हर मौसम में जिलों के कृषि विभाग और प्रशासनिक टीम की निगरानी में किया जाता है. डीएम राजेंद्र पैंसिया का यह प्रयास इसलिए भी सराहनीय रहा क्योंकि उन्होंने सिर्फ अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवाने की बजाय खुद खेत में जाकर फसल की स्थिति देखी और किसानों से सीधा संवाद भी किया. इससे ग्रामीणों में भरोसा बढ़ा और प्रशासन के प्रति सकारात्मक संदेश गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्कूल में डीएम ने बच्चों को भी पढ़ाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फील्ड निरीक्षण के बाद डीएम ने दो सरकारी स्कूलों का भी औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डीएम ने बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर बुलाकर पढ़ाया और शिक्षकों से पठन-पाठन की गुणवत्ता को लेकर बातचीत की. उन्होंने स्कूल की दीवारें टूटी देख तुरंत स्कूल की बाउंड्री वॉल बनवाने के निर्देश भी दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीणों और शिक्षकों ने डीएम की सक्रियता और संवेदनशीलता की सराहना की. बहजोई ब्लॉक के इस दौरे ने यह साबित किया कि प्रशासनिक अधिकारी जब खुद जमीनी हकीकत जानने उतरते हैं तो बदलाव की शुरुआत वहीं से होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अप्रैल में होता है गेहूं की फसल का कटाई का समय</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल जिला उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है और कृषि यहां की मुख्य आजीविका है. गेहूं यहां की प्रमुख रबी फसलों में से एक है. मार्च-अप्रैल में गेहूं की कटाई का समय होता है और इसी समय पर क्रॉप कटिंग सर्वे किए जाते हैं, ताकि सरकार को विश्वसनीय डेटा मिल सके और किसानों के लिए योजनाएं तय की जा सकें. डीएम का यह दौरा न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इससे किसानों और विद्यार्थियों दोनों को सकारात्मक प्रेरणा भी मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/haridwar-jail-15-hiv-positive-prisoners-found-administration-shocked-after-getting-the-information-ann-2921633″>धर्मनगरी हरिद्वार की जेल में मिले HIV पॉजिटिव 15 कैदी, जानकारी मिलते ही प्रशासन के उड़े होश</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> जिला संभल के डीएम राजेंद्र &nbsp;पैंसिया ने मंगलवार को विकासखंड बहजोई के गांवों का दौरा किया और खुद खेत में जाकर गेहूं की फसल की कटाई की. यह दौरा क्रॉप कटिंग की प्रक्रिया के तहत किया गया, ताकि शासन को भेजे जाने वाले फसल उत्पादकता के आंकड़े सटीक और वास्तविक हों.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीएम ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को निकलवाकर वैज्ञानिक मानकों के आधार पर उसकी पैदावार का मूल्यांकन किया. अधिकारियों की मौजूदगी में खेतों से सैंपल लेकर उसकी क्रॉप कटिंग कराई गई, ताकि जिले में इस बार गेहूं की औसत उत्पादकता की सटीक रिपोर्ट तैयार की जा सके. यह जानकारी राज्य सरकार को भेजी जाएगी, जो आगे चलकर किसानों को मिलने वाली राहत, बीमा क्लेम और फसल मूल्य निर्धारण जैसे कई महत्वपूर्ण फैसलों का आधार बनेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि क्रॉप कटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए किसी क्षेत्र में किसी खास फसल की औसत उपज का अनुमान लगाया जाता है. यह कार्य हर मौसम में जिलों के कृषि विभाग और प्रशासनिक टीम की निगरानी में किया जाता है. डीएम राजेंद्र पैंसिया का यह प्रयास इसलिए भी सराहनीय रहा क्योंकि उन्होंने सिर्फ अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवाने की बजाय खुद खेत में जाकर फसल की स्थिति देखी और किसानों से सीधा संवाद भी किया. इससे ग्रामीणों में भरोसा बढ़ा और प्रशासन के प्रति सकारात्मक संदेश गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्कूल में डीएम ने बच्चों को भी पढ़ाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फील्ड निरीक्षण के बाद डीएम ने दो सरकारी स्कूलों का भी औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डीएम ने बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर बुलाकर पढ़ाया और शिक्षकों से पठन-पाठन की गुणवत्ता को लेकर बातचीत की. उन्होंने स्कूल की दीवारें टूटी देख तुरंत स्कूल की बाउंड्री वॉल बनवाने के निर्देश भी दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीणों और शिक्षकों ने डीएम की सक्रियता और संवेदनशीलता की सराहना की. बहजोई ब्लॉक के इस दौरे ने यह साबित किया कि प्रशासनिक अधिकारी जब खुद जमीनी हकीकत जानने उतरते हैं तो बदलाव की शुरुआत वहीं से होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अप्रैल में होता है गेहूं की फसल का कटाई का समय</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल जिला उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है और कृषि यहां की मुख्य आजीविका है. गेहूं यहां की प्रमुख रबी फसलों में से एक है. मार्च-अप्रैल में गेहूं की कटाई का समय होता है और इसी समय पर क्रॉप कटिंग सर्वे किए जाते हैं, ताकि सरकार को विश्वसनीय डेटा मिल सके और किसानों के लिए योजनाएं तय की जा सकें. डीएम का यह दौरा न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इससे किसानों और विद्यार्थियों दोनों को सकारात्मक प्रेरणा भी मिली.</p>
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