गैंग रेप पीड़िता अयोध्या महिला जिला अस्पताल शिफ्ट हुई:प्राइवेट वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच सीएमएस की देखरेख में हो रही चिकित्सा

गैंग रेप पीड़िता अयोध्या महिला जिला अस्पताल शिफ्ट हुई:प्राइवेट वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच सीएमएस की देखरेख में हो रही चिकित्सा

गैंग रेप पीड़िता किशोरी को शुक्रवार की शाम अग्रिम इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल में वापस शिफ्ट किया गया है।महिला अस्पताल की सीएमएस डाक्टर. विभा कुमारी के अनुसार किशोरी की हालत अब खतरे से बाहर है। उसे प्राइवेट वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच शिफ्ट कर दिया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज व देखभाल कर रही है। वह स्वयं ही इलाज की निगरानी कर रही हैं। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। 31 जुलाई को जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया था पीड़िता के अस्पताल में भर्ती होने के बाद यहां पर पुलिस की ओर से सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पीड़िता को 31 जुलाई को जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया था।9 माह तक शिशु को गर्भ में रखकर प्रसव कराने में सक्षम न होने पर किशोरी व उसके परिजनों ने गर्भपात करने की सहमति दी तो बाल कल्याण समिति ने भी सहमति दे दी थी। गर्भपात के दौरान किशोरी की जान को भी खतरा बताया गया। 5 अगस्त को केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया गया इस जोखिमपूर्ण इलाज के लिए महिला अस्पताल में बेहतर इंतजाम नहीं थे।इस वजह से किशोरी को 5 अगस्त को केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया गया था। वहां उसका गर्भपात करने और डीएनए सैंपल लेने के बाद हालत में कुछ सुधार हुआ तो शुक्रवार की देर शाम करीब आठ बजे वापस जिला महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। गैंग रेप पीड़िता किशोरी को शुक्रवार की शाम अग्रिम इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल में वापस शिफ्ट किया गया है।महिला अस्पताल की सीएमएस डाक्टर. विभा कुमारी के अनुसार किशोरी की हालत अब खतरे से बाहर है। उसे प्राइवेट वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच शिफ्ट कर दिया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज व देखभाल कर रही है। वह स्वयं ही इलाज की निगरानी कर रही हैं। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। 31 जुलाई को जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया था पीड़िता के अस्पताल में भर्ती होने के बाद यहां पर पुलिस की ओर से सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पीड़िता को 31 जुलाई को जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया था।9 माह तक शिशु को गर्भ में रखकर प्रसव कराने में सक्षम न होने पर किशोरी व उसके परिजनों ने गर्भपात करने की सहमति दी तो बाल कल्याण समिति ने भी सहमति दे दी थी। गर्भपात के दौरान किशोरी की जान को भी खतरा बताया गया। 5 अगस्त को केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया गया इस जोखिमपूर्ण इलाज के लिए महिला अस्पताल में बेहतर इंतजाम नहीं थे।इस वजह से किशोरी को 5 अगस्त को केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया गया था। वहां उसका गर्भपात करने और डीएनए सैंपल लेने के बाद हालत में कुछ सुधार हुआ तो शुक्रवार की देर शाम करीब आठ बजे वापस जिला महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर