गुरु नानक साहिब की 555वीं जयंती को समर्पित श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा आयोजित किए जा रहे इंटरफेथ ग्लोबल समिट के अवसर पर विभिन्न धर्मों के नेता आज सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में मत्था टेकने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने गुरुघर में माथा टेककर सरबत के भले की अरदास की इस अवसर पर तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के साथ लिंग रिम पोचे बौद्ध धर्म गुरु (धर्मशाला), उमेर अहमद इलैसी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन, स्वामी चितानंद सरस्वती जी परमार्थ निकेतन ऋषिकेश] आचार्य लोकेश मुनि जैन प्रमुख, ब्रह्मकुमारी बहन हुसैन जी, डॉ. हरमन नोबर्ट ईसाई नेता अपने साथियों सहित श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे। इस मौके पर विभिन्न धर्मों के नेताओं ने यह संदेश दिया कि धर्म एकता सिखाता है, धर्म अलगाव नहीं सिखाता। सभी साधु-संतों का एक ही कहना था कि युद्ध की जरूरत नहीं है बल्कि बातचीत से हर मसले का हल निकाला जा सकता है। इजराइल के शाही इमाम भी आ रहे इस मौके पर तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बुलंदपुर जालंधर के पास एक जगह है, वहां एक इंटरफेथ काउंसिल है, जिसमें सभी धर्मों के प्रतिनिधि, धार्मिक नेता आमंत्रित किए गए हैं। उनमें हिंदू धर्म के स्वामी आनंद जी को आ रहे हैं। इस्लाम धर्म के प्रतिनिधि, इजराइल से शाही इमाम और ब्रह्मा कुमारियों से और यहूदी धर्म से और ईसाई धर्म से आए हैं। वे इंटरफेथ सम्मेलन में भाग लेने के लिए वहां पहुंचे हैं। हमने उनसे सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन करने का अनुरोध किया था। मंदिर-मस्जिदों पर हमला करना हमारी विरासत नहीं उन्होंने बताया कि वो जताना चाहते थे कि यह सचखंड श्री हरमंदिर साहिब सबके लिए साझी जगह है और यहीं से मानवता की शिक्षा मिलती है। हम शांति के पुजारी हैं। मंदिरों या मस्जिदों पर हमला करना हमारी विरासत नहीं है। हम आज यहां यह दिखाने के लिए लाए हैं कि हम किसी भी तरह से अंधराष्ट्रवाद या गुंडागर्दी में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नैरेटिव बनाया जा रहा है और हम उस नैरेटिव के खिलाफ हैं, इसी मकसद से आज हमने उन्हें सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन कराए हैं और उन्हें वहां की परंपराओं, रीति-रिवाजों, इतिहास और विरासत के बारे में जानकारी दी है। इस अवसर पर ईसाई धर्म के नेता फादर नॉर्बर्ट हरमन ने कहा कि गुरु नानक जी के 555वीं जयंती पर सभी को शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि हम एक ईश्वर में विश्वास करते हैं और यह ही सच है। सभी धर्मों के गुरु एक मंच पर इस अवसर पर जैन मुनि गुरु ने कहा कि आइए ऐसे समय में जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है और जिस समय यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है। हम पूरी मानवता तक शांति का संदेश पहुंचाएं। इजराइल और फिलीपींस के बीच युद्ध चल रहा है। ऐसे मौके पर अकाल तख्त ने कितनी बड़ी पहल की है और आज गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव की पूर्व संध्या पर सभी धर्मों के धार्मिक गुरुओं की उपस्थिति में ग्लोबल इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस 2024 का आयोजन होने जा रहा है जिसमें हमारे अकाल तख्त सर्वोच्च प्रमुख है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, यहूदी सभी धर्म गुरु हमारे साथ हैं, लेकिन वे एक मंच पर आ गए हैं और उनके पास कहने के लिए केवल एक ही बात है। युद्ध, हिंसा और आतंक किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। गुरु नानक साहिब की 555वीं जयंती को समर्पित श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा आयोजित किए जा रहे इंटरफेथ ग्लोबल समिट के अवसर पर विभिन्न धर्मों के नेता आज सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में मत्था टेकने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने गुरुघर में माथा टेककर सरबत के भले की अरदास की इस अवसर पर तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के साथ लिंग रिम पोचे बौद्ध धर्म गुरु (धर्मशाला), उमेर अहमद इलैसी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन, स्वामी चितानंद सरस्वती जी परमार्थ निकेतन ऋषिकेश] आचार्य लोकेश मुनि जैन प्रमुख, ब्रह्मकुमारी बहन हुसैन जी, डॉ. हरमन नोबर्ट ईसाई नेता अपने साथियों सहित श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे। इस मौके पर विभिन्न धर्मों के नेताओं ने यह संदेश दिया कि धर्म एकता सिखाता है, धर्म अलगाव नहीं सिखाता। सभी साधु-संतों का एक ही कहना था कि युद्ध की जरूरत नहीं है बल्कि बातचीत से हर मसले का हल निकाला जा सकता है। इजराइल के शाही इमाम भी आ रहे इस मौके पर तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बुलंदपुर जालंधर के पास एक जगह है, वहां एक इंटरफेथ काउंसिल है, जिसमें सभी धर्मों के प्रतिनिधि, धार्मिक नेता आमंत्रित किए गए हैं। उनमें हिंदू धर्म के स्वामी आनंद जी को आ रहे हैं। इस्लाम धर्म के प्रतिनिधि, इजराइल से शाही इमाम और ब्रह्मा कुमारियों से और यहूदी धर्म से और ईसाई धर्म से आए हैं। वे इंटरफेथ सम्मेलन में भाग लेने के लिए वहां पहुंचे हैं। हमने उनसे सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन करने का अनुरोध किया था। मंदिर-मस्जिदों पर हमला करना हमारी विरासत नहीं उन्होंने बताया कि वो जताना चाहते थे कि यह सचखंड श्री हरमंदिर साहिब सबके लिए साझी जगह है और यहीं से मानवता की शिक्षा मिलती है। हम शांति के पुजारी हैं। मंदिरों या मस्जिदों पर हमला करना हमारी विरासत नहीं है। हम आज यहां यह दिखाने के लिए लाए हैं कि हम किसी भी तरह से अंधराष्ट्रवाद या गुंडागर्दी में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नैरेटिव बनाया जा रहा है और हम उस नैरेटिव के खिलाफ हैं, इसी मकसद से आज हमने उन्हें सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन कराए हैं और उन्हें वहां की परंपराओं, रीति-रिवाजों, इतिहास और विरासत के बारे में जानकारी दी है। इस अवसर पर ईसाई धर्म के नेता फादर नॉर्बर्ट हरमन ने कहा कि गुरु नानक जी के 555वीं जयंती पर सभी को शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि हम एक ईश्वर में विश्वास करते हैं और यह ही सच है। सभी धर्मों के गुरु एक मंच पर इस अवसर पर जैन मुनि गुरु ने कहा कि आइए ऐसे समय में जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है और जिस समय यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है। हम पूरी मानवता तक शांति का संदेश पहुंचाएं। इजराइल और फिलीपींस के बीच युद्ध चल रहा है। ऐसे मौके पर अकाल तख्त ने कितनी बड़ी पहल की है और आज गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव की पूर्व संध्या पर सभी धर्मों के धार्मिक गुरुओं की उपस्थिति में ग्लोबल इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस 2024 का आयोजन होने जा रहा है जिसमें हमारे अकाल तख्त सर्वोच्च प्रमुख है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, यहूदी सभी धर्म गुरु हमारे साथ हैं, लेकिन वे एक मंच पर आ गए हैं और उनके पास कहने के लिए केवल एक ही बात है। युद्ध, हिंसा और आतंक किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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