अमृतसर पुलिस ने गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गौरा व उसके साथियों की हत्या करने की प्लानिंग कर रहे राहुल रौला व उसके गैंग के 6 सदस्यों को काबू किया है। आरोपियों को सूचना के आधार पर अमृतसर के रूपा होटल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों से 3 पिस्टल व 11 गोलियां भी बरामद की। पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और राहुल रौला की दुश्मनी होशियारपुर जेल से शुरू हुई थी। राहुल रौला पर 12 के करीब हत्या प्रयास, लूट व आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं। वहीं, गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गौरा पर भी तकरीबन 16 मामले दर्ज हैं। जिनमें फरीदकोट के कांग्रेस नेता पहलवान की हत्या भी शामिल है। इसी मामले में ही वह होशियारपुर जेल में बंद था। जेल में रौला व गुरिंदर गौरा का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों के बीच हुई तकरार का मामला भी होशियारपुर में दर्ज है। कुछ समय पहले ही राहुल रौला बेल पर बाहर आया था और बाहर आते ही उसने अपनी सुरक्षा व गौरा सहित उसके गैंग के सदस्यों की हत्या की प्लानिंग शुरू की थी। मध्य प्रदेश से लाया था हथियार पुलिस कमिश्नर अमृतसर ने बताया कि अमृतसर पुलिस ने एक संभावित घटना को सफलतापूर्वक टालने में बड़ी सफलता हासिल की है। कमिश्नरेट पुलिस ने 6 सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो राहुल उर्फ रौला निवासी छोटा हरिपुरा के निर्देश पर काम करता है। राहुल रौला के खिलाफ अमृतसर, लुधियाना, गुरदासपुर और फतेहगढ़ साहिब में जबरन वसूली, चोरी, जेल अधिनियम, डकैती और हत्या के प्रयास के 12 मामले शामिल हैं। 8 साल न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद उसे 24 मई को संगरूर जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। जिसके बाद उसने कथित तौर पर डकैती, जुआ आदि के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर से हथियार खरीदना शुरू कर दिया। गैंग के 6 सदस्य किए काबू पुलिस ने राहुल के अलावा गेट हकीमां निवासी करण उर्फ टिड्डा, सुखदीप उर्फ गोरी निवासी इस्लामाबाद, अभय शर्मा निवासी इस्लामाबाद, राघव कुमार निवासी इस्लामाबाद और रमेश उर्फ अरुण निवासी गेट हकीमा को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पुलिस ने दो 0.32 बोर और 1 देसी पिस्टल बरामद किया है। अमृतसर पुलिस ने गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गौरा व उसके साथियों की हत्या करने की प्लानिंग कर रहे राहुल रौला व उसके गैंग के 6 सदस्यों को काबू किया है। आरोपियों को सूचना के आधार पर अमृतसर के रूपा होटल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों से 3 पिस्टल व 11 गोलियां भी बरामद की। पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और राहुल रौला की दुश्मनी होशियारपुर जेल से शुरू हुई थी। राहुल रौला पर 12 के करीब हत्या प्रयास, लूट व आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं। वहीं, गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गौरा पर भी तकरीबन 16 मामले दर्ज हैं। जिनमें फरीदकोट के कांग्रेस नेता पहलवान की हत्या भी शामिल है। इसी मामले में ही वह होशियारपुर जेल में बंद था। जेल में रौला व गुरिंदर गौरा का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों के बीच हुई तकरार का मामला भी होशियारपुर में दर्ज है। कुछ समय पहले ही राहुल रौला बेल पर बाहर आया था और बाहर आते ही उसने अपनी सुरक्षा व गौरा सहित उसके गैंग के सदस्यों की हत्या की प्लानिंग शुरू की थी। मध्य प्रदेश से लाया था हथियार पुलिस कमिश्नर अमृतसर ने बताया कि अमृतसर पुलिस ने एक संभावित घटना को सफलतापूर्वक टालने में बड़ी सफलता हासिल की है। कमिश्नरेट पुलिस ने 6 सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो राहुल उर्फ रौला निवासी छोटा हरिपुरा के निर्देश पर काम करता है। राहुल रौला के खिलाफ अमृतसर, लुधियाना, गुरदासपुर और फतेहगढ़ साहिब में जबरन वसूली, चोरी, जेल अधिनियम, डकैती और हत्या के प्रयास के 12 मामले शामिल हैं। 8 साल न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद उसे 24 मई को संगरूर जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। जिसके बाद उसने कथित तौर पर डकैती, जुआ आदि के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर से हथियार खरीदना शुरू कर दिया। गैंग के 6 सदस्य किए काबू पुलिस ने राहुल के अलावा गेट हकीमां निवासी करण उर्फ टिड्डा, सुखदीप उर्फ गोरी निवासी इस्लामाबाद, अभय शर्मा निवासी इस्लामाबाद, राघव कुमार निवासी इस्लामाबाद और रमेश उर्फ अरुण निवासी गेट हकीमा को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पुलिस ने दो 0.32 बोर और 1 देसी पिस्टल बरामद किया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में आज मंत्री तरुणप्रीत सौंध:बाबा विश्वकर्मा दिवस मनाएंगे,राज्य स्तरीय समारोह में करेंगे शिरकत
लुधियाना में आज मंत्री तरुणप्रीत सौंध:बाबा विश्वकर्मा दिवस मनाएंगे,राज्य स्तरीय समारोह में करेंगे शिरकत लुधियाना में आज आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंध पहुंच रहे है। सौंध आज राज्य स्तरीय बाबा विश्वकर्मा जी दिवस मौके आयोजित समारोह में शिरकत करेंगे। सौंध खुद भी इंडस्ट्री से जुड़े है। आज बाबा विश्वकर्मा भवन जी.टी रोड मिल्लरगंज में प्रोग्राम किया जा रहा है। समारोह में लोहा कारोबारी से जुड़े समस्त कारोबारी पहुंचेगे। सुबह करीब 11.30 बजे तक कार्यक्रम की शुरूआत होगी। जिसके बाद मंत्री तरुणप्रीत सोंध संबोधित करेंगे। कौन है विधायक तरुणप्रीत सौंध
विधानसभा क्षेत्र खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने एक आम वर्कर के तौर पर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। अब उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उनके आम वर्कर से मंत्री बनने तक का सफर मेहनत और संघर्ष से भरपूर रहा। अन्ना हजारे आंदोलन के बाद सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी स्वराज किताब पढ़कर सियासत में आने का मन बनाया था कान्वेंट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा
7 सितंबर 1983 को पिता भूपिंदर सिंह सौंध और माता सुखविंदर कौर के घर में जन्मे तरुणप्रीत सिंह सौंध ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खन्ना के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद राधा वाटिका से 12वीं करने उपरांत सीएनसी डिप्लोमा, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोर्स, ऑटोकैड कोर्स कर अपने पिता के साथ व्यवसाय में हाथ बंटाया। 2004 में कमलजीत कौर के साथ शादी होने के बाद एक बेटे और एक बेटी के पिता बने। तरुणप्रीत सौंध ने सोप मैन्युफैक्चरिंग मशीन इंडस्ट्री में अपने पिता के साथ हाथ बंटाते हुए देशभर में मशीनें सप्लाई की और एक सफल उद्योगपति के रूप में अपनी पहचान बनाई। कांग्रेस का समर्थक था परिवार
किसी समय कांग्रेस पार्टी का समर्थक रहा सौंध परिवार देश में कांग्रेस पार्टी की आम जन विरोधी गतिविधियों और लगातार हो रहे कथित भ्रष्टाचार से आहत था। किसी विभाग में काम होता तो व्यापारियों के साथ अधिकारियों का रूखा रवैया सौंध परिवार को हमेशा से खटकता। मन में आता कि देश के मात्र 2 फीसदी उद्योगपति टैक्स देकर भी सरकारी दरबार में नजरअंदाज किए जाते हैं और आम जनता की सरकार के दरबार में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।
2014 में आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में सौंध ने पार्टी का भरपूर साथ दिया। पार्टी की ओर से लगाई प्रत्येक ड्यूटी को पूरी तनदेही से निभाया। पार्टी में अलग-अलग ओहदे मिले
पार्टी के प्रति सच्ची लगन और निष्ठा देखते हुए तरुणप्रीत सिंह सौंध को पार्टी ने पहले ट्रेड ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री विंग का खन्ना प्रधान बनाया। इसके बाद खन्ना के साथ साहनेवाल और समराला का प्रधान, फिर लोकसभा फतेहगढ़ साहिब का प्रधान बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनावों में भी सौंध ने पार्टी के हर आदेश को मानते हुए चुनावों में कड़ी मेहनत की। बेशक उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दी गई थी, लेकिन वे एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में उभरे जिन्होंने पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद उस समय पार्टी का झंडा उठाया। जिस समय पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की बेहद अधिक जरूरत थी।
बंदी छोड़ दिवस के लिए अकाल तख्त साहिब से आदेश:कहा- सिख नरसंहार की याद में घी के दीये जलाएं; बिजली की सजावट से बचें
बंदी छोड़ दिवस के लिए अकाल तख्त साहिब से आदेश:कहा- सिख नरसंहार की याद में घी के दीये जलाएं; बिजली की सजावट से बचें पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल स्थित श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख समुदाय के लिए बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। उन्होंने 1 नवंबर 2024 को गुरु हरगोबिंद साहिब जी की याद में केवल घी के दीये जलाने की सलाह दी है और किसी भी प्रकार की बिजली की सजावट न करने का अनुरोध किया है। यह निर्देश 1 नवंबर 1984 को हुए सिख नरसंहार की 40वीं बरसी के मद्देनजर दिया गया है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने घोषणा की है कि इस साल केवल गोल्डन टेंपल और श्री अकाल तख्त साहिब पर ही बिजली की सजावट की जाएगी। दुनिया भर की सिख संगत को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों और गुरुद्वारों में केवल घी के दीये जलाएं और बिजली की सजावट से परहेज करें। अकाल तख्त साहिब के सचिवालय द्वारा जारी एक लिखित बयान में उन्होंने 1984 के सिख नरसंहार को याद किया, जो कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान हुआ था। 110 शहरों में हुआ था सिख नरसंहार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि दिल्ली सहित देश के 110 शहरों में सिखों का नरसंहार किया गया और इसे एक “सिख नरसंहार” के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस घटना को सिख समुदाय के लिए एक गहरे घाव के रूप में याद किया जो आने वाली पीढ़ियों तक उनके मन में रहेगा। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर का दिन बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के ग्वालियर किले से रिहाई और श्री अमृतसर साहिब आगमन की याद में मनाया जाता है। दिल्ली में बिगड़े थे हालात 1984 का सिख नरसंहार भारत के इतिहास का एक ऐसा काला अध्याय है जो सिख समुदाय के लिए गहरे दर्द और त्रासदी के रूप में आज भी ताजा है। यह नरसंहार 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद शुरू हुआ था। इंदिरा गांधी की हत्या की खबर फैलते ही दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में सिख समुदाय के खिलाफ हिंसा की आग भड़क उठी। भीड़ ने घरों, गुरुद्वारों, दुकानों और संपत्तियों को निशाना बनाना शुरू किया, सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला और संपत्तियों को जला दिया। कई जगहों पर ट्रेन के डिब्बों में सिखों को जलाया गया और उनके घरों को तबाह कर दिया गया। जान-माल का भारी नुकसान और भय का माहौल अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 3000 से अधिक सिखों की हत्या कर दी गई थी, जबकि अन्य शहरों में भी हिंसा फैल गई। हालांकि, अनौपचारिक आंकड़े इससे कहीं अधिक हैं, क्योंकि हिंसा के बाद के कई वर्षों तक सटीक आंकड़ों का अभाव रहा। सिख समुदाय के घरों, गुरुद्वारों, दुकानों और अन्य संपत्तियों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा।
जालंधर में ट्रेन की चपेट में आया 40 वर्षीय व्यक्ति:कैंट रेलवे स्टेशन के पास हुआ हादसा, फोटो सर्कुलेट होने पर हुई पहचान
जालंधर में ट्रेन की चपेट में आया 40 वर्षीय व्यक्ति:कैंट रेलवे स्टेशन के पास हुआ हादसा, फोटो सर्कुलेट होने पर हुई पहचान जालंधर कैंट स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक की पहचान मोहल्ला कोट रामदास के रहने वाले अरविंदर सिंह पुत्र स्व. कृष्ण सिंह के रूप में हुई है। थाना जालंधर जीआरपी की टीम को मृतक का शव जालंधर कैंट, रामामंडी ओवरब्रिज के पास से बरामद हुआ था। जिसके कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल में भेज दिया था। अरविंदर ने सुसाइड किया या फिर ये हादसा था, इस पर पुलिस की जांच जारी है। मृतक के पास से नहीं मिला कोई पहचान पत्र जालंधर जीआरपी की चौकी जालंधर कैंट के इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली थी उक्त जगह पर एक व्यक्ति का कटा हुआ शव मिला है। जिसके बाद तुरंत टीम के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंच गए थे। मृतक की उम्र करीब 35 से 40 साल लग रही थी। जांच के दौरान मृतक के पास से कोई भी पहचान पत्र या फिर अन्य दस्तावेज नहीं मिला। फोटो सर्कुलेट करने पर हुई पहचान जालंधर कैंट जीआरपी चौकी इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि मृतक की पहचान के लिए पुलिस पार्टी द्वारा उसका फोटो सर्कुलेट किया गया था। जिसके बाद शाम के वक्त उक्त व्यक्ति की पहचान हो गई। परिवार को तुरंत मामले के बारे में बताया गया। पुलिस ने देर शाम पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिवार के हवाले कर दिया था।