कानपुर पुलिस ने ग्रीनपार्क से लेकर होटल लैंडमार्क तक का थ्री लेयर सिक्योरिटी का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। ग्रीनपार्क के अंदर, बाहर और इसके चौतरफा कड़ी सुरक्षा रहेगी। ठीक इसी तरह से होटल के अंदर, बाहर और चौतरफा सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग का भी खाका खींच लिया गया है। जल्द ही पूरे इंतजाम काे फाइनल टच दिया जाएगा। सिक्योरिटी प्लान, पार्किंग और डायवर्जन का खाका खींचा कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर की देखरेख में सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया है। उनके साथ में मैच के वेन्यू डायरेक्टर डॉ. संजय कपूर समेत यूपीसीए के अधिकारियों के साथ ग्रीन पार्क से लेकर लैंडमार्क होटल तक का निरीक्षण करने के बाद बैठक की। इस दौरान उन्होंने होटल और ग्रीनपार्क के थ्री लेयर सिक्योरिटी का ब्लूप्रिंट भी सबके सामने रखा। इसके साथ ही होटल से ग्रीनपार्क तक खिलाड़ियों को कड़ी सुरक्षा में पहुंचाया जाएगा। उन्होंने ग्रीन पार्क स्टेडियम से लैंडमार्क होटल जाने वाले पूरे रास्ते का भी निरीक्षण किया। पुलिस कमिश्नर ने अतिक्रमण हटाने के साथ सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद रखने का निर्देश दिया। इसके साथ ही ग्रीनपार्क के चौतरफा मैच के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ ग्रीनपार्क के आसपास करीब 25 जगह पर पार्किंग का इंतजाम भी किया गया है। जल्द ही डायवर्जन और पार्किंग का प्लान पब्लिक से शेयर किया जाएगा। आम जनता की सुविधा के साथ सुरक्षा का खाका पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था इस कदर की जाएगी कि आम जनता को अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े। पुलिस कमिश्नर ने होटल स्टाफ से खिलाड़ियों के कमरों व उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं से जुड़ी जानकारी ली। तय हुआ कि टीम के आने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति होटल में प्रवेश न कर पाए। होटल का जो भी स्टाफ हो, उसका भी वेरीफिकेशन करा लिया जाए। खिलाड़ियों के सुरक्षित आवागमन के लिए होटल के अंदर और बाहर पर्याप्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जाएगी। इस दौरान यूपीसीए के पदाधिकारियों के अलावा अपर पुलिस आयुक्त लॉ एंड ऑर्डर हरीश चन्दर, पुलिस उपायुक्त यातायात, पुलिस उपायुक्त पूर्वी, अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय/क्रिकेट नोडल अधिकारी आदि मौजूद रहे। 22 से बंद हो जाएगा मेंबर्स के लिए जिम लैंडमार्क होटल में बीसीसीआई ने 125 में से 105 कमरे बुक कर लिए हैं। होटल के कुल नौ फ्लोर में आठ फ्लोर बुक हैं। होटल में बने जिम को 22 सितंबर से अन्य अतिथियों के लिए बंद कर दिया जाएगा। जिम में सिर्फ खिलाड़ी ही एक्सरसाइज करेंगे। मैच के दौरान जब खिलाड़ी रहेंगे, तब तक लाउंड्री 24 घंटे चलेगी। दोनों टीम को एक-एक मीटिंग हाल भी दिया जाएगा, जहां स्क्रीन लगाई जाएगी। होटल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पिछले मैचों में 75 कमरे बुक किए जाते थे। इस मैच में पहली बार अंपायर भी इसी होटल में रुकेंगे। फायर टीम ने भी होटल की चेकिंग की है। कानपुर पुलिस ने ग्रीनपार्क से लेकर होटल लैंडमार्क तक का थ्री लेयर सिक्योरिटी का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। ग्रीनपार्क के अंदर, बाहर और इसके चौतरफा कड़ी सुरक्षा रहेगी। ठीक इसी तरह से होटल के अंदर, बाहर और चौतरफा सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग का भी खाका खींच लिया गया है। जल्द ही पूरे इंतजाम काे फाइनल टच दिया जाएगा। सिक्योरिटी प्लान, पार्किंग और डायवर्जन का खाका खींचा कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर की देखरेख में सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया है। उनके साथ में मैच के वेन्यू डायरेक्टर डॉ. संजय कपूर समेत यूपीसीए के अधिकारियों के साथ ग्रीन पार्क से लेकर लैंडमार्क होटल तक का निरीक्षण करने के बाद बैठक की। इस दौरान उन्होंने होटल और ग्रीनपार्क के थ्री लेयर सिक्योरिटी का ब्लूप्रिंट भी सबके सामने रखा। इसके साथ ही होटल से ग्रीनपार्क तक खिलाड़ियों को कड़ी सुरक्षा में पहुंचाया जाएगा। उन्होंने ग्रीन पार्क स्टेडियम से लैंडमार्क होटल जाने वाले पूरे रास्ते का भी निरीक्षण किया। पुलिस कमिश्नर ने अतिक्रमण हटाने के साथ सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद रखने का निर्देश दिया। इसके साथ ही ग्रीनपार्क के चौतरफा मैच के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ ग्रीनपार्क के आसपास करीब 25 जगह पर पार्किंग का इंतजाम भी किया गया है। जल्द ही डायवर्जन और पार्किंग का प्लान पब्लिक से शेयर किया जाएगा। आम जनता की सुविधा के साथ सुरक्षा का खाका पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था इस कदर की जाएगी कि आम जनता को अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े। पुलिस कमिश्नर ने होटल स्टाफ से खिलाड़ियों के कमरों व उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं से जुड़ी जानकारी ली। तय हुआ कि टीम के आने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति होटल में प्रवेश न कर पाए। होटल का जो भी स्टाफ हो, उसका भी वेरीफिकेशन करा लिया जाए। खिलाड़ियों के सुरक्षित आवागमन के लिए होटल के अंदर और बाहर पर्याप्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जाएगी। इस दौरान यूपीसीए के पदाधिकारियों के अलावा अपर पुलिस आयुक्त लॉ एंड ऑर्डर हरीश चन्दर, पुलिस उपायुक्त यातायात, पुलिस उपायुक्त पूर्वी, अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय/क्रिकेट नोडल अधिकारी आदि मौजूद रहे। 22 से बंद हो जाएगा मेंबर्स के लिए जिम लैंडमार्क होटल में बीसीसीआई ने 125 में से 105 कमरे बुक कर लिए हैं। होटल के कुल नौ फ्लोर में आठ फ्लोर बुक हैं। होटल में बने जिम को 22 सितंबर से अन्य अतिथियों के लिए बंद कर दिया जाएगा। जिम में सिर्फ खिलाड़ी ही एक्सरसाइज करेंगे। मैच के दौरान जब खिलाड़ी रहेंगे, तब तक लाउंड्री 24 घंटे चलेगी। दोनों टीम को एक-एक मीटिंग हाल भी दिया जाएगा, जहां स्क्रीन लगाई जाएगी। होटल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पिछले मैचों में 75 कमरे बुक किए जाते थे। इस मैच में पहली बार अंपायर भी इसी होटल में रुकेंगे। फायर टीम ने भी होटल की चेकिंग की है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1847642993957748850?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 19, 2024</a></blockquote>
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पारुल के घर पर हमें उनके पिता कृष्णपाल मिले। बाहर चारपाई पर बैठे कृष्णपाल गांव के लोगों से बातें कर रहे थे। जब हमने उनसे पारुल के संघर्षों के बारे में पूछा तो कहने लगे- यहां तक पहुंचने के लिए पारुल ने गांव में रहकर जो मेहनत की, वो बयां नहीं कर सकता। वो रोजाना गांव इकलौता से मेरठ स्टेडियम तक 30 KM साइकिल चलाकर जाती। इसके बाद पढ़ाई भी करती। गांव के लोग कहते थे कि बेटी को लड़कों के साथ दौड़ा रहा है, लड़की को डीएम बनावेगा। लेकिन म्हारी बेटी ने अपनी मेहनत से साबित कर दिया की बेटी भी कम न होवे। आज हर बेटी ऐसे ही आगे बड़े नाम रोशन करे। बेटा-बेटी में कोई भेद हमने कभी नहीं किया। सुबह 3 बजे उठकर लगाती दौड़
पिता कृष्णपाल कहते हैं- पारुल ने जब प्रैक्टिस शुरू की थी, घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मैंने सोचा नहीं था कि बेटी को खिलाड़ी बना पाएंगे। गांव में न खेल का मैदान है न स्टेडियम, इसलिए प्रैक्टिस करने की जगह नहीं मिली। बेटी सुबह 3 बजे उठकर खेतों के चकरोड पर जाकर दौड़ती थी। हजारों बार गिरी और उठी, लेकिन उसने दौड़ना बंद नहीं किया। मैं किसान हूं ज्यादा खर्चा नहीं कर सकता था
कृष्णपाल आगे कहते हैं- मैं साधारण किसान हूं ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं कर सकता था। घर में एक गाय थी, उसी का दूध पीकर पारुल बड़ी हुई। उसकी बड़ी बहन प्रीति भी ऐसे ही खिलाड़ी है। दोनों बहनों ने बहुत मेहनत की है। बस मैंने कभी बेटा-बेटी में भेद नहीं किया। पारुल ने कैलाश प्रकाश स्टेडियम मेरठ में कोच गौरव त्यागी के अंडर में लगातार अभ्यास किया। कोच गौरव के निर्देशन में ही पारुल लगातार अच्छा प्रदर्शन करती जा रही हैं। मां बोलीं- चने की रोटी, सत्तू खाकर प्रैक्टिस करती थी पारुल की मां राजेश देवी से जब भी हमारी बातचीत हुई। वह कहती हैं- बेटी को चने की रोटी और सत्तू खिलाकर खिलाड़ी बनाया है। हम किसान हैं, इतनी इनकम नहीं कि बच्चों को महंगी डाइट दे सकते। तो यही चूल्हे की रोटी खिलाती और गाय का दूध पिलाती थी। एक बार पारुल ने स्कूल में लड़कों के साथ दौड़ लगाई और जीत गई, तो उसके मास्टरजी ने कहा ये उड़नपरी है। इसे प्रैक्टिस कराओ। बस उसी दिन से उसके मन में चुभ गया कि दौड़ना है। साइकिल से स्टेडियम लेकर जाते थे पिता
मां कहती हैं- खेल के हिसाब से दौड़ने के लिए जगह की जरूरत थी। गांव से मेरठ कैलाश प्रकाश स्टेडियम 30 किमी दूर है। वहां जाने का साधन नहीं था। अकेली बेटी को कैसे भेजती? घर में इतने पैसे नहीं कि इसे स्कूटी या साइकिल खरीदकर दे पाते। इसके पिताजी रोजाना बेटी को साइकिल पर बैठाकर स्टेडियम ले जाते। कभी आधे रास्ते तक ऑटो से जाती, तो कभी साइकिल से आती-जाती थी। सर्दियों में रात 8 बजे तक घर पहुंचती। सुबह 3 बजे से फिर दौड़ने के लिए निकल जाती। मां ने कहा- अगर बेटी को गांव में ही प्रैक्टिस का मैदान, अच्छे संसाधन मिलते तो वह बहुत पहले ही देश को गोल्ड दिला सकती थी। लेकिन संसाधनों के अभाव में इस मेडल तक पहुंचने में काफी समय लग गया। कृष्णपाल किसान हैं। उनका बड़ा बेटा राहुल दीवान टायर फैक्ट्री में मैनेजर है। दूसरे नंबर की बेटी प्रीति CISF में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है। तीसरे नंबर की पारुल चौधरी हैं। वह रेलवे में TTE हैं। चौथे नंबर का बेटा रोहित यूपी पुलिस में है। पारुल और प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से 10वीं और इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मेरठ कॉलेज मेरठ से ग्रेजुएशन की। पटियाला पहुंचकर यूनिवर्सिटी टॉपर रही।