<p style=”text-align: justify;”><strong>Greater Noida News:</strong> ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट के पीड़ित घर खरीदारों का गुस्सा अब फूटने लगा है. शुक्रवार को भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बीच इस प्रोजेक्ट के सैकड़ों खरीदारों ने कोर्ट रिसीवर ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनकारियों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इन सभी ने फ्लैट रद्द किए जाने, बिल्डर के स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार और अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके मामले को सुलझाया नहीं गया तो वो इस प्रदर्शन को और तेज करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले दीपांकर कुमार ने बताया कि खरीदारों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है. कोर्ट रिसीवर द्वारा मामले को जल्द सुलझाने का भरोसा दिया गया था. लेकिन, अब तक सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिले हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के बावजूद कई फ्लैट गलत तरीके से रद्द कर दिए गए. जबकि, बड़ी संख्या में ऐसे खरीदार हैं जिन्होंने पूरी रकम का भुगतान किया हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फ्लैट आवंटन रद्द करने का आरोप</strong><br />खरीदारों का कहना है कि उन्हें फ्लैट रद्द होने की जानकारी तब हुई, जब उन्हें कब्जा मिलना था. यहां तक कि कुछ यूनिट्स को अन्य लोगों को बेच दिए जाने के भी आरोप लगे हैं. उन्होंने कहा कि जब वो लोग इसका विरोध करते हैं तो वहां के स्टाफ़ द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. तमाम शिकायतों के बावजूद उनकी बात तक सुनी नहीं जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि कोर्ट रिसीवर लगातार खरीदारों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है. यदि जल्द इसे लेकर कार्रवाई नहीं की गई तो सभी पीड़ित जंतर-मंतर पर बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे. उन्होंने यह भी मांग की कि रिसीवर कार्यालय द्वारा की जा रही अभद्रता बंद की जाए और रद्द किए गए फ्लैटों को जल्द पुनर्जीवित (रिवाइव) किया जाए. घर खरीदारों का यह संघर्ष फ्लैट पाने की उस लंबी लड़ाई का हिस्सा है, जो अब सड़कों पर उतर आया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Greater Noida News:</strong> ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट के पीड़ित घर खरीदारों का गुस्सा अब फूटने लगा है. शुक्रवार को भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बीच इस प्रोजेक्ट के सैकड़ों खरीदारों ने कोर्ट रिसीवर ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनकारियों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इन सभी ने फ्लैट रद्द किए जाने, बिल्डर के स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार और अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके मामले को सुलझाया नहीं गया तो वो इस प्रदर्शन को और तेज करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले दीपांकर कुमार ने बताया कि खरीदारों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है. कोर्ट रिसीवर द्वारा मामले को जल्द सुलझाने का भरोसा दिया गया था. लेकिन, अब तक सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिले हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के बावजूद कई फ्लैट गलत तरीके से रद्द कर दिए गए. जबकि, बड़ी संख्या में ऐसे खरीदार हैं जिन्होंने पूरी रकम का भुगतान किया हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फ्लैट आवंटन रद्द करने का आरोप</strong><br />खरीदारों का कहना है कि उन्हें फ्लैट रद्द होने की जानकारी तब हुई, जब उन्हें कब्जा मिलना था. यहां तक कि कुछ यूनिट्स को अन्य लोगों को बेच दिए जाने के भी आरोप लगे हैं. उन्होंने कहा कि जब वो लोग इसका विरोध करते हैं तो वहां के स्टाफ़ द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. तमाम शिकायतों के बावजूद उनकी बात तक सुनी नहीं जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि कोर्ट रिसीवर लगातार खरीदारों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है. यदि जल्द इसे लेकर कार्रवाई नहीं की गई तो सभी पीड़ित जंतर-मंतर पर बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे. उन्होंने यह भी मांग की कि रिसीवर कार्यालय द्वारा की जा रही अभद्रता बंद की जाए और रद्द किए गए फ्लैटों को जल्द पुनर्जीवित (रिवाइव) किया जाए. घर खरीदारों का यह संघर्ष फ्लैट पाने की उस लंबी लड़ाई का हिस्सा है, जो अब सड़कों पर उतर आया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड इजरायल-ईरान युद्ध के बीच फंसा राजस्थान का एक परिवार, पिता ने लगाई मदद की गुहार
ग्रेटर नोएडा की इस सोसायटी में फ्लैट कैंसिलेशन के विरोध में उतरे खरीददार, जमकर किया हंगामा
