चंडीगढ़ में आया स्वाइन फ्लू का पहला केस:खुद डॉक्टर ही निकला मरीज, हालत स्थिर; हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी की एडवाइजरी

चंडीगढ़ में आया स्वाइन फ्लू का पहला केस:खुद डॉक्टर ही निकला मरीज, हालत स्थिर; हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी की एडवाइजरी

चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज सामने आया है। यह मरीज खुद चंडीगढ़ के एक अस्पताल का डॉक्टर है। इसकी पुष्टि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डॉक्टर सुमन सिंह ने की है। हालांकि विभाग की तरफ से अभी इसके बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी जा रही है। डायरेक्टर की तरफ से यह भी बताया जा रहा है कि जो स्वाइन फ्लू का मरीज आया है, उसकी हालात स्थिर है। उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अभी उसको दूसरे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। खुद से न करें इलाज स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर सुमन सिंह का कहना है कि लोगों को बुखार, सिर दर्द, खांसी, जुकाम जैसे लक्षणों में खुद से इलाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि वायरल बुखार और फ्लू के लक्षण एक जैसे होते हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर ही ट्रीटमेंट लेना चाहिए। ज्यादातर मरीज तीन से चार दिनों में ठीक हो जाते हैं। क्योंकि बरसात के दिनों में लगातार तापमान ऊपर नीचे होता रहता है। इसके कारण वायरल फीवर होने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर तीन-चार दिन बाद मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे डॉक्टर के साथ संपर्क कर स्वाइन फ्लू का टेस्ट कराना चाहिए। हैजा और डायरिया से भी रखें सावधानी बरसात के दिनों में हैजा और डायरिया जैसी बीमारी होने की भी संभावना रहती है। ऐसे में लोगों को पानी को उबालकर पीना चाहिए. क्लोरीन युक्त पानी का सेवन करना चाहिए। इसके लिए किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर ORS पाउडर और आयरन की टेबलेट लेनी चाहिए। हालांकि चंडीगढ़ में पिछले तीन-चार सालों से डायरिया से कोई मौत नहीं हुई है। चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी अस्पतालों में डायरिया और फ्लू के मरीजों के लिए अलग से इलाज की व्यवस्था की गई है। चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज सामने आया है। यह मरीज खुद चंडीगढ़ के एक अस्पताल का डॉक्टर है। इसकी पुष्टि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डॉक्टर सुमन सिंह ने की है। हालांकि विभाग की तरफ से अभी इसके बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी जा रही है। डायरेक्टर की तरफ से यह भी बताया जा रहा है कि जो स्वाइन फ्लू का मरीज आया है, उसकी हालात स्थिर है। उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अभी उसको दूसरे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। खुद से न करें इलाज स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर सुमन सिंह का कहना है कि लोगों को बुखार, सिर दर्द, खांसी, जुकाम जैसे लक्षणों में खुद से इलाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि वायरल बुखार और फ्लू के लक्षण एक जैसे होते हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर ही ट्रीटमेंट लेना चाहिए। ज्यादातर मरीज तीन से चार दिनों में ठीक हो जाते हैं। क्योंकि बरसात के दिनों में लगातार तापमान ऊपर नीचे होता रहता है। इसके कारण वायरल फीवर होने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर तीन-चार दिन बाद मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे डॉक्टर के साथ संपर्क कर स्वाइन फ्लू का टेस्ट कराना चाहिए। हैजा और डायरिया से भी रखें सावधानी बरसात के दिनों में हैजा और डायरिया जैसी बीमारी होने की भी संभावना रहती है। ऐसे में लोगों को पानी को उबालकर पीना चाहिए. क्लोरीन युक्त पानी का सेवन करना चाहिए। इसके लिए किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर ORS पाउडर और आयरन की टेबलेट लेनी चाहिए। हालांकि चंडीगढ़ में पिछले तीन-चार सालों से डायरिया से कोई मौत नहीं हुई है। चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी अस्पतालों में डायरिया और फ्लू के मरीजों के लिए अलग से इलाज की व्यवस्था की गई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर