चंडीगढ़ में आयुष्मान भारत घोटाले का मास्टरमाइंड अरेस्ट:हिमाचल, पंजाब, हरियाणा में फैला नेटवर्क; निजी केमिस्ट शॉप पर बेची गई दवाएं

चंडीगढ़ में आयुष्मान भारत घोटाले का मास्टरमाइंड अरेस्ट:हिमाचल, पंजाब, हरियाणा में फैला नेटवर्क; निजी केमिस्ट शॉप पर बेची गई दवाएं

पीजीआई (PGIMER) में आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। इस घोटाले में मरीजों के नाम पर सरकारी योजना की मुफ्त दवाइयां निकालकर निजी मेडिकल शॉप पर बेची जा रही थीं। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड दुर्लभ कुमार जाटव को गिरफ्तार किया है, जो पीजीआई परिसर में स्थित केमिस्ट शॉप का संचालक है। जांच में सामने आया है कि चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में इस फर्जीवाड़े के जरिए करीब करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। क्राइम ब्रांच इस केस में मुख्य आरोपी की गिरफ्तार का प्रयास कर रही है। फरवरी में हुआ घोटाले का खुलासा इस घोटाले का खुलासा फरवरी महीने में हुआ, जब एक युवक आयुष्मान कार्ड पर अमृत फार्मेसी से करीब 60 हजार रुपए की दवाइयां लेने पहुंचा। फार्मेसी से उसे सारी दवाइयां मुफ्त मिल गईं, लेकिन सुरक्षा कर्मियों को शक हुआ। तलाशी के दौरान युवक के पास से डॉक्टरों और विभागाध्यक्षों की फर्जी मुहरें, इंडेंट और कई विभागों की दस्तावेज बरामद हुए। पकड़े गए युवक की पहचान रमन कुमार (निवासी कांगड़ा, हिमाचल) के रूप में हुई और उसके खिलाफ सेक्टर-11 थाना में केस दर्ज किया गया। आगे की जांच में पता चला कि यह गिरोह न सिर्फ आयुष्मान बल्कि हिमकेयर योजना का भी गलत इस्तेमाल कर रहा था। चंडीगढ़ के नामी केमिस्ट शॉप पर बेचता था दवाई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इस गिरोह का मास्टरमाइंड दुर्लभ कुमार जाटव था। उसने पीजीआई में आयुष्मान कार्ड बनवाने वाले अजय कुमार और अमृत फार्मेसी से जुड़े कर्मचारियों से साठगांठ की। अजय मरीजों का डाटा निकालकर दुर्लभ को देता था। इसके बाद मरीजों के नाम पर फर्जी पर्चियां बनती थीं, जिन पर महंगी दवाइयां लिखी जातीं और डॉक्टरों की नकली मुहर लगाई जाती थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हिमाचल निवासी रमन कुमार इन पर्चियों को लेकर अमृत फार्मेसी से मुफ्त दवाइयां लाता और चंडीगढ़ के एक नामी केमिस्ट शॉप पर देता। दुर्लभ इन दवाइयों को बाजार में 10 से 15 फीसदी डिस्काउंट पर बेचता था। हिमाचल में ईडी कर रही जांच हिमाचल प्रदेश में इस घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है। चंडीगढ़ और हिमाचल के कई निजी अस्पतालों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें आयुष्मान और हिमकेयर योजना से बाहर कर दिया गया है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विभागों को 30 अप्रैल तक ठेकेदारों और हिमकेयर योजना के लंबित बिलों के भुगतान के निर्देश दिए हैं। पीजीआई (PGIMER) में आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। इस घोटाले में मरीजों के नाम पर सरकारी योजना की मुफ्त दवाइयां निकालकर निजी मेडिकल शॉप पर बेची जा रही थीं। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड दुर्लभ कुमार जाटव को गिरफ्तार किया है, जो पीजीआई परिसर में स्थित केमिस्ट शॉप का संचालक है। जांच में सामने आया है कि चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में इस फर्जीवाड़े के जरिए करीब करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। क्राइम ब्रांच इस केस में मुख्य आरोपी की गिरफ्तार का प्रयास कर रही है। फरवरी में हुआ घोटाले का खुलासा इस घोटाले का खुलासा फरवरी महीने में हुआ, जब एक युवक आयुष्मान कार्ड पर अमृत फार्मेसी से करीब 60 हजार रुपए की दवाइयां लेने पहुंचा। फार्मेसी से उसे सारी दवाइयां मुफ्त मिल गईं, लेकिन सुरक्षा कर्मियों को शक हुआ। तलाशी के दौरान युवक के पास से डॉक्टरों और विभागाध्यक्षों की फर्जी मुहरें, इंडेंट और कई विभागों की दस्तावेज बरामद हुए। पकड़े गए युवक की पहचान रमन कुमार (निवासी कांगड़ा, हिमाचल) के रूप में हुई और उसके खिलाफ सेक्टर-11 थाना में केस दर्ज किया गया। आगे की जांच में पता चला कि यह गिरोह न सिर्फ आयुष्मान बल्कि हिमकेयर योजना का भी गलत इस्तेमाल कर रहा था। चंडीगढ़ के नामी केमिस्ट शॉप पर बेचता था दवाई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इस गिरोह का मास्टरमाइंड दुर्लभ कुमार जाटव था। उसने पीजीआई में आयुष्मान कार्ड बनवाने वाले अजय कुमार और अमृत फार्मेसी से जुड़े कर्मचारियों से साठगांठ की। अजय मरीजों का डाटा निकालकर दुर्लभ को देता था। इसके बाद मरीजों के नाम पर फर्जी पर्चियां बनती थीं, जिन पर महंगी दवाइयां लिखी जातीं और डॉक्टरों की नकली मुहर लगाई जाती थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हिमाचल निवासी रमन कुमार इन पर्चियों को लेकर अमृत फार्मेसी से मुफ्त दवाइयां लाता और चंडीगढ़ के एक नामी केमिस्ट शॉप पर देता। दुर्लभ इन दवाइयों को बाजार में 10 से 15 फीसदी डिस्काउंट पर बेचता था। हिमाचल में ईडी कर रही जांच हिमाचल प्रदेश में इस घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है। चंडीगढ़ और हिमाचल के कई निजी अस्पतालों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें आयुष्मान और हिमकेयर योजना से बाहर कर दिया गया है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विभागों को 30 अप्रैल तक ठेकेदारों और हिमकेयर योजना के लंबित बिलों के भुगतान के निर्देश दिए हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर