चंडीगढ़ में कांगड़ा वैली वेलफेयर एसोसिएशन ने रविवार को सेक्टर 35-बी स्थित एक हॉल में वार्षिक दिवस समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों के रंगारंग प्रस्तुतियों और पारंपरिक पहाड़ी गीतों से हुई। जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को हिमाचली परंपरा और संस्कृति के महत्व को समझाते हुए इसे बनाए रखने का संदेश दिया गया। कांगड़ी धाम बनी आकर्षण का केंद्र समारोह का मुख्य आकर्षण कांगड़ी धाम रही। जो हिमाचली पारंपरिक शैली में तैयार की गई थी। यह विशेष भोजन कांगड़ा से लाए गए पारंपरिक बोटियों द्वारा तैयार किया गया। हिमाचली धाम ने न केवल कांगड़ा के लोगों को उनकी संस्कृति और जड़ों से जोड़ा गया, बल्कि चंडीगढ़ में रहने वाले अन्य लोगों को भी हिमाचली खानपान का स्वाद चखने का अवसर दिया। कांगड़ा की परंपरा से जुड़े रहने का मंच कांगड़ा वैली वेलफेयर एसोसिएशन हर साल नवंबर में इस वार्षिक दिवस का आयोजन करती है। इसका उद्देश्य कांगड़ा से जुड़े लोगों को एक मंच प्रदान करना है। जहां वे अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रह सकें। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांगड़ा से लोग जुड़े। जो चंडीगढ़ और आसपास रहते हैं। कार्यकारी सदस्यों का विशेष योगदान एसोसिएशन के महासचिव अनुज कुमार महाजन ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी कार्यकारी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि वे नए परिवारों को भी एसोसिएशन से जोड़ें। ताकि यह परंपरा और मजबूत हो सके। इस वार्षिक आयोजन ने एक बार फिर कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति को चंडीगढ़ के लोगों के बीच जीवंत कर दिया और समाज में एकता और परंपराओं को बनाए रखने का संदेश दिया। चंडीगढ़ में कांगड़ा वैली वेलफेयर एसोसिएशन ने रविवार को सेक्टर 35-बी स्थित एक हॉल में वार्षिक दिवस समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों के रंगारंग प्रस्तुतियों और पारंपरिक पहाड़ी गीतों से हुई। जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को हिमाचली परंपरा और संस्कृति के महत्व को समझाते हुए इसे बनाए रखने का संदेश दिया गया। कांगड़ी धाम बनी आकर्षण का केंद्र समारोह का मुख्य आकर्षण कांगड़ी धाम रही। जो हिमाचली पारंपरिक शैली में तैयार की गई थी। यह विशेष भोजन कांगड़ा से लाए गए पारंपरिक बोटियों द्वारा तैयार किया गया। हिमाचली धाम ने न केवल कांगड़ा के लोगों को उनकी संस्कृति और जड़ों से जोड़ा गया, बल्कि चंडीगढ़ में रहने वाले अन्य लोगों को भी हिमाचली खानपान का स्वाद चखने का अवसर दिया। कांगड़ा की परंपरा से जुड़े रहने का मंच कांगड़ा वैली वेलफेयर एसोसिएशन हर साल नवंबर में इस वार्षिक दिवस का आयोजन करती है। इसका उद्देश्य कांगड़ा से जुड़े लोगों को एक मंच प्रदान करना है। जहां वे अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रह सकें। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांगड़ा से लोग जुड़े। जो चंडीगढ़ और आसपास रहते हैं। कार्यकारी सदस्यों का विशेष योगदान एसोसिएशन के महासचिव अनुज कुमार महाजन ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी कार्यकारी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि वे नए परिवारों को भी एसोसिएशन से जोड़ें। ताकि यह परंपरा और मजबूत हो सके। इस वार्षिक आयोजन ने एक बार फिर कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति को चंडीगढ़ के लोगों के बीच जीवंत कर दिया और समाज में एकता और परंपराओं को बनाए रखने का संदेश दिया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
धर्मशाला में बच्चा गोद देने के नाम पर ठगी:आरोपी ने दंपती से 50 हजार लिए एडवांस; न बच्चा दिलाया न पैसे किए वापस
धर्मशाला में बच्चा गोद देने के नाम पर ठगी:आरोपी ने दंपती से 50 हजार लिए एडवांस; न बच्चा दिलाया न पैसे किए वापस कांगड़ा जिले के धर्मशाला में दंपती के साथ बच्चा गोद दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। पुराना कांगड़ा निवासी निरंजन ने उनसे हजारों रुपए ले लिए, लेकिन इन दंपती को न तो बच्चा गोद दिलाया और न ही पैसे वापस किए। जिसके बाद पीड़ितों ने मामले की शिकायत एएसपी को दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धर्मशाला के दंपती ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें बच्चा गोद देने के नाम पर 50 हज़ार रुपए एडवांस में दिए थे। अब तक आरोपी न तो उन्हें बच्चा गोद दिलवा पाया और न ही पैसे वापस लौटा रहा है। जब पीड़ित दंपती ने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगे तो उसने साफ मना कर दिया। इस धोखाधड़ी से इन पीड़ितों को गहरा सदमा लगा है। उनका कहना है कि हमें लगा था कि बच्चा गोद लेकर हम अपने जीवन में उजाला लाएंगे, लेकिन इसके बजाय इन आरोपियों ने हमारे जीवन में और अंधेरा ला दिया। एडिशनल एसपी बीर बहादुर ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत पर एसडीपीओ को मामला दर्ज कर लिया जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल में कल से 4 दिन बारिश:गर्मी से मिलेगी राहत; 5 जिलों में आज हीटवेव का ऑरेंज अलर्ट; 8 शहरों का पारा 40 पार
हिमाचल में कल से 4 दिन बारिश:गर्मी से मिलेगी राहत; 5 जिलों में आज हीटवेव का ऑरेंज अलर्ट; 8 शहरों का पारा 40 पार हिमाचल प्रदेश में भीषण एवं रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से 24 घंटे के भीतर राहत मिल सकती है। प्रदेश में कल से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे अगले तीन दिन तक ज्यादातर इलाकों में बारिश के आसार है। मौसम विभाग की माने तो कल यानी 18 जून को कुछेक स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। मगर 19 व 20 जून को प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में राहत की फुहार बरस सकती है। 21 जून को भी प्रदेश के अधिकतर इलाकों में मौसम खराब और कुछेक स्थानों पर बारिश हो सकती है। मगर बारिश से पहले आज के लिए हीटवेव का येलो के बाद अब ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। जाहिर है कि इससे आज गर्मी पिछले रिकॉर्ड तोड़ सकती है। ऊना पहले ही 44.6 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उबल रहा है। ऑरेंज अलर्ट ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और सिरमौर जिले को दिया गया है, जबकि शिमला, सोलन, कांगड़ा व कुल्लू में येलो अलर्ट है। 8 शहरों का पारा 40 डिग्री पार प्रदेश के 8 शहरों का पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार और 10 लोकेशन पर 35 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। आलम यह है कि शिमला और मनाली का पारा 31 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। आमतौर पर शिमला में 28 डिग्री से ज्यादा तापमान नहीं जाता है। मगर इस बार पिछले कई दिनों से 29 से 31 डिग्री के बीच बना हुआ है। 31 डिग्री शिमला का आज तक का दूसरा सबसे ज्यादा तापमान है। कांगड़ा में भी 2017 के बाद रिकॉर्ड तापमान कांगड़ा में भी आज तक का दूसरा रिकॉर्ड तापमान हो गया है। बीते रविवार को कांगड़ा का पारा 41.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है। इससे पहले साल 2017 में 4 जून को 42 डिग्री दर्ज किया गया था। मौसम विभाग की एडवाइजरी मौसम विभाग ने हीटवेव के अलर्ट को देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। लोगों को खासकर दिन के वक्त घरों से बाहर नहीं निकलने और खान-पान में एहतियात बरतने को कहा गया है। हीटवेव से बचने को क्या सावधानी बरतें
हिमाचल के नए मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया:अभी पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में सेवारत्त; पिता भी दो राज्यों में मुख्य न्यायाधीश रहे
हिमाचल के नए मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया:अभी पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में सेवारत्त; पिता भी दो राज्यों में मुख्य न्यायाधीश रहे हिमाचल हाईकोर्ट में दो महीने के अंतराल के बाद रेगुलर चीफ जस्टिस की तैनाती के आदेश हुए है। केंद्रीय लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टरी ने जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया को हिमाचल उच्च न्यायालय का चीफ जस्टिस बनाया है। इसे लेकर देर शाम आदेश जारी किए गए। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया अभी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे हैं। राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ के बाद संधावालिया पदभार ग्रहण करेंगे। जस्टिस संधावालिया 4 फरवरी 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार देख चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की थी। अभी त्रिलोक चौहान हिमाचल के एक्टिंग चीफ जस्टिस पूर्व चीफ जस्टिस राजीव शकधर के बीते 18 अक्टूबर को रिटायर होने के बाद से अभी त्रिलोक चौहान एक्टिंग चीफ जस्टिस की भूमिका निभा रहे हैं। पूर्व में एक्टिंग चीफ जस्टिस सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। चंडीगढ़ के DAV कालेज से BA की 1 नवंबर, 1965 को जन्मे जस्टिस गुरमीत संधावालिया ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए (ऑनर्स) और 1989 में चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से LLB की पढ़ाई की। पिता पटना और पंजाब-हरियाणा के चीफ जस्टिस रहे वह कानूनी परिवार से संबंध रखते हैं। इनके पिता 1978 से 1983 तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और 1983 से 1987 तक पटना हाईकोर्ट में भी चीफ जस्टिस रहे।ेेेेेेेेेेेेेेेेे