अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल माथा टेकने गए जज के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) की पिस्तौल छीनकर युवक द्वारा आत्महत्या के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। इस मामले की आज (बुधवार) को सुनवाई हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव पेश हुए। इस दौरान अदालत ने कहा कि यह सीधे तौर पर सुरक्षा में चूक का मामला बनता है। जो कि गंभीर विषय है। इस मामले पंजाब पुलिस की जांच कहां तक पहुंची है। अदालत ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। 27 सितंबर को होगी अगली सुनवाई वहीं, चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी भी इस दौरान हाजिर थे। अदालत ने कहां कि जब सुबह वह सैर पर जाते है तो पुलिस पेट्रोलिंग भी नजर नहीं आती है। जजों की सुरक्षा बढ़ाई जाए। अदालत ने चंडीगढ़ पुलिस को कहा कि जजों की सुरक्षा को रिव्यू किया जाए। वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की गई है। ऐसे हुआ था यह सारा मामला रविवार को जस्टिस एनएस शेखावत दर्शन के लिए गोल्डन टैंपल पहुंचे थे । इस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात लोग वहां पर मौजूद थे। एएसआई अश्विनी एस्कॉर्ट वाहन के साथ ही मौजूद थे। इस दौरान अचानक एक व्यक्ति आया और उसने एएसआई की पिस्तौल छीन ली थी। कोई कुछ समझ पाता , इससे पहले उसने खुद को गोली मार ली। आनन फानन में सिक्योरिटी में मौजूद लोगों ने जज को सुरक्षित किया था। जैसे ही यह मामला मीडिया आया तो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया था। अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल माथा टेकने गए जज के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) की पिस्तौल छीनकर युवक द्वारा आत्महत्या के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। इस मामले की आज (बुधवार) को सुनवाई हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव पेश हुए। इस दौरान अदालत ने कहा कि यह सीधे तौर पर सुरक्षा में चूक का मामला बनता है। जो कि गंभीर विषय है। इस मामले पंजाब पुलिस की जांच कहां तक पहुंची है। अदालत ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। 27 सितंबर को होगी अगली सुनवाई वहीं, चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी भी इस दौरान हाजिर थे। अदालत ने कहां कि जब सुबह वह सैर पर जाते है तो पुलिस पेट्रोलिंग भी नजर नहीं आती है। जजों की सुरक्षा बढ़ाई जाए। अदालत ने चंडीगढ़ पुलिस को कहा कि जजों की सुरक्षा को रिव्यू किया जाए। वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की गई है। ऐसे हुआ था यह सारा मामला रविवार को जस्टिस एनएस शेखावत दर्शन के लिए गोल्डन टैंपल पहुंचे थे । इस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात लोग वहां पर मौजूद थे। एएसआई अश्विनी एस्कॉर्ट वाहन के साथ ही मौजूद थे। इस दौरान अचानक एक व्यक्ति आया और उसने एएसआई की पिस्तौल छीन ली थी। कोई कुछ समझ पाता , इससे पहले उसने खुद को गोली मार ली। आनन फानन में सिक्योरिटी में मौजूद लोगों ने जज को सुरक्षित किया था। जैसे ही यह मामला मीडिया आया तो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कनाडा में गिरफ्तार पंजाब के आतंकी की कहानी:परिवार ने पढ़ने के लिए विदेश भेजा, भारत लौट गैंगस्टर को मारा, 70 से ज्यादा मामलों में वांटेड खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कनाडा के हॉल्टन में हुई शूटिंग के मामले में उसकी गिरफ्तारी की चर्चा है। हालांकि, इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। अर्श डल्ला आखिरकार है कौन, जिसने भारत सरकार और पंजाब सरकार का सिर दर्द बढ़ाया हुआ है? कैसे गैंगस्टर बना? कैसे विदेश भागा और परिवार क्या करता है? गिरफ्तारी की चर्चा के बाद ये सभी सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। मोटी-मोटी जानकारी है कि डल्ला ने एक बदमाश की हत्या कर उसकी ID से मोगा से करोड़ों की उगाही की। फिर विदेश में रह रही एक राजस्थानी लड़की के साथ पेपर मैरिज कर विदेश भाग गया और वहां जाकर खालिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया। देश में 70 से ज्यादा केसों में वांटेड 28 साल का अर्श डल्ला शुरू से क्रिमिनल नहीं था, लेकिन आज भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स में डल्ला का भी नाम आता है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके घर सहित अन्य प्रॉपर्टियां अटैच की हुई हैं। सिलसिलेवार जानिए, अर्श डल्ला कैसे बना भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी… खेती करते थे डल्ला के पिता
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा
अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई
12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
सुक्खा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूकदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदातें करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है। आतंकी अर्शदीप डल्ला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें – कनाडा में खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला हिरासत में:हरदीप सिंह निज्जर का करीबी, पिछले महीने शूटआउट के बाद पुलिस ने पकड़ा था खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला को कनाडा में हिरासत में लिया गया है। अर्शदीप, हरदीप सिंह निज्जर का करीबी है। दरअसल 28 अक्टूबर को कनाडा के मिल्टन शहर में एक शूटआउट हुआ था। 29 अक्टूबर को वहां की स्थानीय पुलिस ने बयान जारी करते हुए बताया था कि उन्होंने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस दौरान पुलिस ने आरोपियों की पहचान उजागर नहीं की थी पूरी खबर पढ़ें
अपनी क्षमताओं और अपने सपनों पर विश्वास रखें : लोन
अपनी क्षमताओं और अपने सपनों पर विश्वास रखें : लोन लुधियाना| “आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ और बार एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पैरा क्रिकेट टीम जम्मू कश्मीर के कप्तान आमिर हुसैन लोन थे। आमिर ने कहा कि खुद पर, अपनी क्षमताओं पर और अपने सपनों पर विश्वास रखें। अपने आप को सकारात्मक प्रभावों से घेरें और आगे बढ़ते रहें। आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ. अंशू कटारिया ने कहा कि आमिर न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। हाथ न होने के बावजूद उन्होंने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को कम नहीं होने दिया। उन्हें आर्यन्स का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया। अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चेतन वर्मा ने की। बार एसोसिएशन के सदस्य करण वर्मा, संदीप अरोड़ा, परमिंदरपाल सिंह लाडी, सचिव, कर्णीश गुप्ता, राजिंदर भंडारी, दलीप सरीन उपस्थित थे।
लुधियाना में ट्रक ड्राइवर को बंधक बना पीटा:हाथ पांव बांध सुनसान जगह पर फेंका,गाड़ी लूट हुए फरार,21 दिन बाद हुई FIR दर्ज
लुधियाना में ट्रक ड्राइवर को बंधक बना पीटा:हाथ पांव बांध सुनसान जगह पर फेंका,गाड़ी लूट हुए फरार,21 दिन बाद हुई FIR दर्ज पंजाब के लुधियाना में ट्रक में सो रहे ट्रक ड्राईवर को अज्ञात बदमाशों ने बंधन बना पीटा। उसके हाथ-पांव बांध बंधक बना अपने साथ ले गए। लुटेरों ने उसे सुनसान इलाके में फेंक दिया। बदमाश अपने साथ ट्रक और उसमे लादा लाखों का स्टील चुरा फरार हो गए। पुलिस ने वारदात के 21 दिन बाद पर्चा दर्ज किया है। वहीं ट्रक ड्राईवर को बंधक बनाने और ट्रक ले जाने वाले तीन लोगों के चेहरे भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं जिनकी पुलिस जांच में जुट गी है। 23 दिसंबर 2024 की रात की है वारदात
ट्रक मालिक हरगुन कुमार ने बताया कि उसका ट्रक ड्राईवर मंगल सिंह जोकि 23 दिसंबर 2024 की रात को हीरो स्टील फेक्ट्री के बाहर ट्रक खड़ा कर उसके अंदर सो रहा था। ट्रक के पीछे 20 लाख के करीब का स्टील भी लदा हुआ था जोकि उसने अगले दिन फोकल प्वाइंट फेस-4 में स्टील अनलोड करना था। उसी रात कुछ लुटेरे ड्राईवर मंगल सिंह को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए। लुटेरों ने ट्रक का दरवाजा खटकटा मंगल सिंह से मांगा तंबाकू
ट्रक ड्राईवर मंगल सिंह ने पुलिस को बताया कि 23 दिसंबर 2024 की रात को जब वह ट्रक के अंदर सो रहा था तो उसके पास एक व्यक्ति ने दरवाजा खटखटाया और उससे तंबाकू मांगा। जब वह उसे तंबाकू देने में व्यस्त हुआ तो इतने में दो अज्ञात लोग उसके पास पहुंचे और उसकी मारपीट करते जबरन ट्रक में चढ़ गए। लुटेरों ने पहले उसके हाथ-पांव बांध दिए फिर ट्रक स्टार्ट कर उसे सुनसान जगह पर ले जाकर छोड़ दिया। आलमगीर गुरुद्वारा के पास छोड़ा, बदमाश ट्रक साथ ले गए ड्राईवर मंगल सिंह के मुताबिक बदमाश उसे बंधक बना मलेरकोटला रोड पर उसे अलामगीर गुरुद्वारे के पास छोड़ फरार हो गए। ट्रक में लोड किया लाखों का स्टील भी साथ ले गए। पेट्रोल पंप में लगे सीसीटीवी में कैद हुए बदमाशों के चेहरे-
हरगुन कुमार ने बताया कि जहां वारदात हुई वहीं सामने ही पेट्रोल पंप है जहां लगे सीसीटीवी कैमरे में बदमाशों के चेहरे साफ दिख रहे हैं और पुलिस को उनके चेहरों की फोटो भी दे दी है। 21 दिन बाद पर्चा, पुलिस करती रही बार-बार टालमटोल-
हरगुन कुमार ने आरोप लगाया की वारदात 23 दिसंबर 2024 की रात की है और उसी समय पुलिस को सूचित किया गया लेकिन पुलिस पर्चा दर्ज कर कारवाई करने में टालमटोल करती रही। बार-बार वह थाने के चक्कर काटते रहे लेकिन पुलिस ने 21 दिन बाद जाकर मामला दर्ज किया। उन्होंने दोषियों को पकड़ने की मांग की। पुलिस जल्द आरोपियों को पकड लेगी-
मामले की जांच कर रहे थानेदार बलवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही पुलिस दोषियों को पकड लेगी। थानेदार ने काटा फोन
वारदात के 21 दिन बाद पर्चा क्यों, जब भास्कर ने थानेदार से इस बात का सवाल किया की आखिर 21 दिन बाद पर्चा क्यों दर्ज किया तो थानेदार ने कहा कि मामला मेरे ध्यान में नही है की बात कहते तुरंत फोन काट दिया और बाद में फोन रिसीव नहीं किया।