चंडीगढ़ में धमाका करने वाले हरियाणा के युवकों की कहानी:अजीत नई गाड़ियों में घूमता; विनय जेल वार्डन का बेटा, झगड़े से लॉरेंस को दिखा

चंडीगढ़ में धमाका करने वाले हरियाणा के युवकों की कहानी:अजीत नई गाड़ियों में घूमता; विनय जेल वार्डन का बेटा, झगड़े से लॉरेंस को दिखा

चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट करने वाले आरोपी अजीत और विनय को 28 नवंबर की शाम चंडीगढ़ पुलिस और हिसार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों का हिसार के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के कहने के बाद ही पुलिस दोनों को चंडीगढ़ लेकर जाएगी। दैनिक भास्कर की टीम हिसार जिले के खरड़ और देवा गांव पहुंची। अजीत खरड़ और विनय देवा गांव का रहने वाला है। देवा गांव में अजीत के मामा और विनय का घर एक ही गली में है। इसलिए दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। विनय की मां सिरसा जेल की वार्डन है। देवा गांव के लोगों के मुताबिक साल 2022 में विनय को अचानक राजनीति का शौक जाग गया। तब वह हिसार के जाट कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था। अचानक पता चला कि वह कॉलेज का प्रेसिडेंट बन गया है। पूरे कॉलेज में उसे प्रधान जी कहकर बुलाने लगे। एक दिन विनय ने कॉलेज के बाहर युवक को बुरी तरह मारा। उसके हाथ-पैर तोड़ दिए। उस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। वह स्कूल टाइम में कबड्‌डी प्लेयर रहा है। तभी लॉरेंस गैंग की विनय पर नजर पड़ गई। वहीं खरड़ गांव के लोगों के मुताबिक कई दिन से अजीत बदला हुआ लग रहा था। वह महंगी-महंगी गाड़ियों में घूम रहा था। गांववाले भी हैरान थे कि कम जमीन होने के बावजूद वह नई गाड़ियों में कैसे घूम रहा है। अब सिलसिलेवार ढंग से अजीत और विनय के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए अजीत के गांववाले बोले- एक दिन तो ऐसा होना ही था खरड़ गांव हिसार मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर हिसार-दिल्ली नेशनल हाईवे पर अंदर जाकर पड़ता है। गांव में अजीत की चर्चा थी, लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं था। गांव के चौराहे पर कुछ युवक मोबाइल में अजीत की चंडीगढ़ ब्लास्ट से जुड़ी खबर पढ़ रहे थे। उनसे बात की तो सामने से जवाब मिला कि एक दिन तो ऐसा होना ही था। उन्होंने कहा कि अजीत के कुछ महीनों से रंग-ढंग बदले हुए थे। आए दिन नई गाड़ियों में घूमता था। कभी लाल रंग की बड़ी गाड़ी तो कभी काले रंग की स्कॉर्पियो। जब भी वह गांव में दिखता था तो उसके पास नई गाड़ी होती थी। गांववाले भी हैरान थे कि उनके पास इतनी लंबी चौड़ी जमीन जायदाद भी नहीं है, लेकिन आए दिन नई गाड़ियों में कहां से घूमता है। परिवार के पास 2 एकड़ जमीन, मां को कैंसर
गांव के अंदर पुराने रोड पर बनी ढाणी में अजीत का घर है। उसके पिता की 3 साल पहले मौत हो गई थी। घर में मां, बहन और बड़ा भाई है। अजीत घर में सबसे छोटा है। उसकी मां को कैंसर है। अजीत के पास 2 एकड़ जमीन है। जैसे ही अजीत के घर पहुंचे तो उसकी मां रोने लगी। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा घर नहीं आया है। सुबह फोन पर पता चला कि उसे गोली लगी है। मेरा बेटा कैसा है। हम गरीब है। घर के अंदर आकर देख लो, हम कैसे रह रहे हैं। अजीत के घर के अंदर जाकर देखा तो काफी पुराना था। दीवार पर ही कपड़े टंगे हुए थे और बिस्तर लगे थे। अंदर 2 कमरे और थे, लेकिन अजीत की मां ने कहा कि अंदर नहीं जाने दूंगी, वहां संदूक रखे हैं। इसके बाद बाहर आकर कहा कि हमें और कुछ नहीं कहना। तभी बाहर अजीत की बहन रोते हुए आई। उसने बताया कि मेरी मां को 2 महीने से बुखार आ रहा है। हम इलाज करवा रहे हैं। उनके पैर का ऑपरेशन हुआ है। मेरा भाई ऐसा नहीं कर सकता। तभी उसकी मां ने कहा कि हम मीडिया में कुछ भी नहीं बोलना चाहते, हमें अकेला छोड़ दो। मेरा बेटा कहां है, हमें ये भी नहीं पता। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में कई गैंग
गांव खरड़, अलीपुर की एक ही पंचायत है। दोनों गांव अलग-अलग हैं। यहां जाट और सैनी बहुसंख्यक है। सरपंच से लेकर ब्लॉक समिति चुनाव में दोनों समाज एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। हालांकि कुछ ग्रामीण कहते हैं कि राजनीति की बात अलग है, गांव में भाईचारा है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में बदमाशों के अलग-अलग गुट बने हैं। इनमें शराब कारोबारी और ठेकेदारों के गुट हैं। अजीत का भी शराब ठेकेदारों के साथ उठना-बैठना था। खरड़ में 2 और अलीपुर में 2 से ज्यादा गैंग हैं, जो आपस में भिड़ते रहते हैं। दिवाली के पास आनंद का मर्डर हुआ था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा और राजनीति और जातीय रंग ले लिया। गांव का मौजूदा सरपंच सैनी समाज से है। आनंद मर्डर केस में जाट समाज के लोगों ने सरपंच की गिरफ्तारी की मांग की और उसे पद से हटाने को कहा। गांववाले बोले- कई दिन से विनय की गतिविधियां ठीक नहीं थी देवा गांव हिसार मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर राजगढ़ रोड पर पड़ता है। जब दैनिक भास्कर की टीम गांव में पहुंची तो यहां विनय को सभी जानते थे। विनय के बारे में खबर पढ़कर कोई हैरान नहीं था। उनका कहना था कि उसकी गतिविधियां कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। वह हिसार में PG में रहता था, इसलिए गांव कम ही आता था। गांव में उसका बहुत कम उठना-बैठना था। विनय की मां सिरसा जेल में वार्डन है और पिता वेदप्रकाश खेती करते हैं। उनके पास 5 एकड़ जमीन है। विनय 3 बहनों का इकलौता भाई है। ग्रामीणों ने विनय के घर का पता बताया। विनय के ही पड़ोस में उसके चाचा कृष्ण कुमार बैठे थे। वह गांव में नया मकान बना रहे हैं। किसान आंदोलन में उसके चाचा ने सक्रिय भूमिका निभाई थी और संयुक्त किसान मोर्चा के गांव देवा के प्रधान भी हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि विनय बालक बुद्धि था। आज कल के लड़के सोशल मीडिया पर ज्यादा रहते हैं। विनय को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना। वह हिसार जाने की बात कहकर घर से गया था। उसके बाद से उसका फोन बंद आ रहा है। पहले विनय ठीक था। पढ़ता था और खेती में भी मदद करता था। शहर में जाने के बाद उसे हवा लग गई। ग्रामीण बोले- कुछ नहीं कहेंगे, गांव का मामला
देवा गांव में अजीत के मामा रहते हैं। भास्कर ने ग्रामीणों से कैमरे पर आने और बात करने की कोशिश, लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि गांव का मामला है, आगे जाकर दिक्कत होगी। हमें सारी जिंदगी यहीं रहना है। हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि विनय और अजीत एक साथ कई बार गांव में देखे गए हैं। **************************** चंडीगढ़ बम ब्लास्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- एक महीने पहले रची गई चंडीगढ़ ब्लास्ट की कहानी, हरियाणा के मास्टरमाइंड ने एडवांस पैसे दिए चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर USA में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के करीबी रणदीप मलिक ने बम ब्लास्ट करवाए। एक महीने पहले इसकी साजिश रची गई। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों आरोपी सिग्नल ऐप के जरिए रणदीप से बात करते थे। पढ़ें पूरी खबर चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट कर हरियाणा भागे आरोपी, बाइकवाले से लिफ्ट लेने की चूक महंगी पड़ी चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले दोनों आरोपी बाइक से हरियाणा में एंट्री कर गए थे। वह हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर सैनी माजरा टोल पर पहुंचे। यहां दोनों ने बाइक छिपा दी और हरियाणा रोडवेज की बस में सवार हो गए। यहां से वह हिसार जिले के बरवाला में बाडोपट्‌टी टोल पर पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट करने वाले आरोपी अजीत और विनय को 28 नवंबर की शाम चंडीगढ़ पुलिस और हिसार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों का हिसार के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के कहने के बाद ही पुलिस दोनों को चंडीगढ़ लेकर जाएगी। दैनिक भास्कर की टीम हिसार जिले के खरड़ और देवा गांव पहुंची। अजीत खरड़ और विनय देवा गांव का रहने वाला है। देवा गांव में अजीत के मामा और विनय का घर एक ही गली में है। इसलिए दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। विनय की मां सिरसा जेल की वार्डन है। देवा गांव के लोगों के मुताबिक साल 2022 में विनय को अचानक राजनीति का शौक जाग गया। तब वह हिसार के जाट कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था। अचानक पता चला कि वह कॉलेज का प्रेसिडेंट बन गया है। पूरे कॉलेज में उसे प्रधान जी कहकर बुलाने लगे। एक दिन विनय ने कॉलेज के बाहर युवक को बुरी तरह मारा। उसके हाथ-पैर तोड़ दिए। उस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। वह स्कूल टाइम में कबड्‌डी प्लेयर रहा है। तभी लॉरेंस गैंग की विनय पर नजर पड़ गई। वहीं खरड़ गांव के लोगों के मुताबिक कई दिन से अजीत बदला हुआ लग रहा था। वह महंगी-महंगी गाड़ियों में घूम रहा था। गांववाले भी हैरान थे कि कम जमीन होने के बावजूद वह नई गाड़ियों में कैसे घूम रहा है। अब सिलसिलेवार ढंग से अजीत और विनय के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए अजीत के गांववाले बोले- एक दिन तो ऐसा होना ही था खरड़ गांव हिसार मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर हिसार-दिल्ली नेशनल हाईवे पर अंदर जाकर पड़ता है। गांव में अजीत की चर्चा थी, लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं था। गांव के चौराहे पर कुछ युवक मोबाइल में अजीत की चंडीगढ़ ब्लास्ट से जुड़ी खबर पढ़ रहे थे। उनसे बात की तो सामने से जवाब मिला कि एक दिन तो ऐसा होना ही था। उन्होंने कहा कि अजीत के कुछ महीनों से रंग-ढंग बदले हुए थे। आए दिन नई गाड़ियों में घूमता था। कभी लाल रंग की बड़ी गाड़ी तो कभी काले रंग की स्कॉर्पियो। जब भी वह गांव में दिखता था तो उसके पास नई गाड़ी होती थी। गांववाले भी हैरान थे कि उनके पास इतनी लंबी चौड़ी जमीन जायदाद भी नहीं है, लेकिन आए दिन नई गाड़ियों में कहां से घूमता है। परिवार के पास 2 एकड़ जमीन, मां को कैंसर
गांव के अंदर पुराने रोड पर बनी ढाणी में अजीत का घर है। उसके पिता की 3 साल पहले मौत हो गई थी। घर में मां, बहन और बड़ा भाई है। अजीत घर में सबसे छोटा है। उसकी मां को कैंसर है। अजीत के पास 2 एकड़ जमीन है। जैसे ही अजीत के घर पहुंचे तो उसकी मां रोने लगी। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा घर नहीं आया है। सुबह फोन पर पता चला कि उसे गोली लगी है। मेरा बेटा कैसा है। हम गरीब है। घर के अंदर आकर देख लो, हम कैसे रह रहे हैं। अजीत के घर के अंदर जाकर देखा तो काफी पुराना था। दीवार पर ही कपड़े टंगे हुए थे और बिस्तर लगे थे। अंदर 2 कमरे और थे, लेकिन अजीत की मां ने कहा कि अंदर नहीं जाने दूंगी, वहां संदूक रखे हैं। इसके बाद बाहर आकर कहा कि हमें और कुछ नहीं कहना। तभी बाहर अजीत की बहन रोते हुए आई। उसने बताया कि मेरी मां को 2 महीने से बुखार आ रहा है। हम इलाज करवा रहे हैं। उनके पैर का ऑपरेशन हुआ है। मेरा भाई ऐसा नहीं कर सकता। तभी उसकी मां ने कहा कि हम मीडिया में कुछ भी नहीं बोलना चाहते, हमें अकेला छोड़ दो। मेरा बेटा कहां है, हमें ये भी नहीं पता। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में कई गैंग
गांव खरड़, अलीपुर की एक ही पंचायत है। दोनों गांव अलग-अलग हैं। यहां जाट और सैनी बहुसंख्यक है। सरपंच से लेकर ब्लॉक समिति चुनाव में दोनों समाज एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। हालांकि कुछ ग्रामीण कहते हैं कि राजनीति की बात अलग है, गांव में भाईचारा है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में बदमाशों के अलग-अलग गुट बने हैं। इनमें शराब कारोबारी और ठेकेदारों के गुट हैं। अजीत का भी शराब ठेकेदारों के साथ उठना-बैठना था। खरड़ में 2 और अलीपुर में 2 से ज्यादा गैंग हैं, जो आपस में भिड़ते रहते हैं। दिवाली के पास आनंद का मर्डर हुआ था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा और राजनीति और जातीय रंग ले लिया। गांव का मौजूदा सरपंच सैनी समाज से है। आनंद मर्डर केस में जाट समाज के लोगों ने सरपंच की गिरफ्तारी की मांग की और उसे पद से हटाने को कहा। गांववाले बोले- कई दिन से विनय की गतिविधियां ठीक नहीं थी देवा गांव हिसार मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर राजगढ़ रोड पर पड़ता है। जब दैनिक भास्कर की टीम गांव में पहुंची तो यहां विनय को सभी जानते थे। विनय के बारे में खबर पढ़कर कोई हैरान नहीं था। उनका कहना था कि उसकी गतिविधियां कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। वह हिसार में PG में रहता था, इसलिए गांव कम ही आता था। गांव में उसका बहुत कम उठना-बैठना था। विनय की मां सिरसा जेल में वार्डन है और पिता वेदप्रकाश खेती करते हैं। उनके पास 5 एकड़ जमीन है। विनय 3 बहनों का इकलौता भाई है। ग्रामीणों ने विनय के घर का पता बताया। विनय के ही पड़ोस में उसके चाचा कृष्ण कुमार बैठे थे। वह गांव में नया मकान बना रहे हैं। किसान आंदोलन में उसके चाचा ने सक्रिय भूमिका निभाई थी और संयुक्त किसान मोर्चा के गांव देवा के प्रधान भी हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि विनय बालक बुद्धि था। आज कल के लड़के सोशल मीडिया पर ज्यादा रहते हैं। विनय को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना। वह हिसार जाने की बात कहकर घर से गया था। उसके बाद से उसका फोन बंद आ रहा है। पहले विनय ठीक था। पढ़ता था और खेती में भी मदद करता था। शहर में जाने के बाद उसे हवा लग गई। ग्रामीण बोले- कुछ नहीं कहेंगे, गांव का मामला
देवा गांव में अजीत के मामा रहते हैं। भास्कर ने ग्रामीणों से कैमरे पर आने और बात करने की कोशिश, लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि गांव का मामला है, आगे जाकर दिक्कत होगी। हमें सारी जिंदगी यहीं रहना है। हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि विनय और अजीत एक साथ कई बार गांव में देखे गए हैं। **************************** चंडीगढ़ बम ब्लास्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- एक महीने पहले रची गई चंडीगढ़ ब्लास्ट की कहानी, हरियाणा के मास्टरमाइंड ने एडवांस पैसे दिए चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर USA में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के करीबी रणदीप मलिक ने बम ब्लास्ट करवाए। एक महीने पहले इसकी साजिश रची गई। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों आरोपी सिग्नल ऐप के जरिए रणदीप से बात करते थे। पढ़ें पूरी खबर चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट कर हरियाणा भागे आरोपी, बाइकवाले से लिफ्ट लेने की चूक महंगी पड़ी चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले दोनों आरोपी बाइक से हरियाणा में एंट्री कर गए थे। वह हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर सैनी माजरा टोल पर पहुंचे। यहां दोनों ने बाइक छिपा दी और हरियाणा रोडवेज की बस में सवार हो गए। यहां से वह हिसार जिले के बरवाला में बाडोपट्‌टी टोल पर पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर   हरियाणा | दैनिक भास्कर