भास्कर न्यूज | लुधियाना एजुकेशनल कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड(ईडीसीआईएल) द्वारा करियर व मेंटल हेल्थ काउंसलर, पीएमयू मेंबर्स, को-अॉर्डिनेटर्स के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके तहत 257 पद भरे जाएंगे। इन पर आवेदन करने के लिए 3 दिसंबर आखिरी तारीख निर्धारित की गई है। अधिकतम उम्र सीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई है। सीएमएच के लिए 35 साल, पीएमयू मेंबर्स के लिए 45 साल उम्र सीमा तय की गई है। उम्र सीमा में नियमों के तहत राहत मिलेगी। करियर व मेंटल हेल्थ काउंसलर के लिए साइकोलॉजी में डिप्लोमा, डिग्री, एमए धारक आवेदन करने के योग्य होंगे। जबकि पीएमयू के लिए साइकियाट्रिक सोशल वर्क या गाइडेंस व काउंसलिंग में पीजी धारक आवेदन करने के लिए योग्य होंगे। पदों के लिए अनुभव भी मांगा गया है। उम्मीदवारों का चुनाव उनकी अकेडेमिक और प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन, अनुभव के आधार पर किया जाएगा। वहीं, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू का भी आयोजन किया जाएगा।कांट्रेक्ट के आधार पर यह भर्ती होगी। आवेदन की शर्तों और अन्य जानकारी के लिए https://www.edcilind ia.co.in/ पर विजिट किया जा सकता है। भास्कर न्यूज | लुधियाना एजुकेशनल कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड(ईडीसीआईएल) द्वारा करियर व मेंटल हेल्थ काउंसलर, पीएमयू मेंबर्स, को-अॉर्डिनेटर्स के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके तहत 257 पद भरे जाएंगे। इन पर आवेदन करने के लिए 3 दिसंबर आखिरी तारीख निर्धारित की गई है। अधिकतम उम्र सीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई है। सीएमएच के लिए 35 साल, पीएमयू मेंबर्स के लिए 45 साल उम्र सीमा तय की गई है। उम्र सीमा में नियमों के तहत राहत मिलेगी। करियर व मेंटल हेल्थ काउंसलर के लिए साइकोलॉजी में डिप्लोमा, डिग्री, एमए धारक आवेदन करने के योग्य होंगे। जबकि पीएमयू के लिए साइकियाट्रिक सोशल वर्क या गाइडेंस व काउंसलिंग में पीजी धारक आवेदन करने के लिए योग्य होंगे। पदों के लिए अनुभव भी मांगा गया है। उम्मीदवारों का चुनाव उनकी अकेडेमिक और प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन, अनुभव के आधार पर किया जाएगा। वहीं, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू का भी आयोजन किया जाएगा।कांट्रेक्ट के आधार पर यह भर्ती होगी। आवेदन की शर्तों और अन्य जानकारी के लिए https://www.edcilind ia.co.in/ पर विजिट किया जा सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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केंद्र-आंदोलनकारी किसानों की मीटिंग बेनतीजा:22 फरवरी को चंडीगढ़ में छठी वार्ता होगी; कृषि मंत्री शिवराज चौहान भी शामिल होंगे
केंद्र-आंदोलनकारी किसानों की मीटिंग बेनतीजा:22 फरवरी को चंडीगढ़ में छठी वार्ता होगी; कृषि मंत्री शिवराज चौहान भी शामिल होंगे केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की शुक्रवार (14 फरवरी) को चंडीगढ़ में 5वें दौर की मीटिंग हुई। मीटिंग 28 किसान नेता शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताई। करीब साढ़े 3 घंटे चली मीटिंग में कोई हल नहीं निकला। मीटिंग के बाद डल्लेवाल ने कहा- मीटिंग पॉजिटिव रही। अब अगली मीटिंग 22 फरवरी को होगी। 22 तारीख की मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद होंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- किसान नेताओं के साथ हमारी अच्छे माहौल में मीटिंग हुई। हमने किसान नेताओं की सभी मांगें सुनीं। हमने उन्हें किसानों के लिए बजट में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। 22 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बैठक होगी। बता दें कि किसान हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी 2024 से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एम्बुलेंस में चंडीगढ़ पहुंचे डल्लेवाल
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की तरफ से जगजीत डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के सरवन पंधेर ने प्रतिनिधिमंडल की अगुआई की। 81 दिन से खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे डल्लेवाल एम्बुलेंस में चंडीगढ़ पहुंचे थे। उन्हें स्ट्रैचर से कॉन्फ्रेंस हॉल में ले जाया गया। केंद्र की तरफ से केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पंजाब सरकार की तरफ से कृषि मंत्री गुरमीत खुड्डियां और मंत्री लाल चंद कटारूचक्क शामिल रहे। मीटिंग से पहले सरवन पंधेर ने चेतावनी दी थी कि अगर मीटिंग में हल नहीं निकला तो किसान दिल्ली कूच करेंगे। अब किसानों और केंद्र की मीटिंग के अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग पढ़ें…

लुधियाना में भारतमाला परियोजना पर लग सकती ब्रेक:बालाजी ट्रेडिंग कंपनी और ठेकेदार में हुई झड़प,SHO बोले-धमकाने वालों पर दी है FIR
लुधियाना में भारतमाला परियोजना पर लग सकती ब्रेक:बालाजी ट्रेडिंग कंपनी और ठेकेदार में हुई झड़प,SHO बोले-धमकाने वालों पर दी है FIR पंजाब के लुधियाना में भारतमाला परियोजना के तहत ग्रीनफील्ड दिल्ली-अमृतसर-कटरा हाईवे प्रोजेक्ट पर चल रहे काम पर ब्रेक लग सकती है। ठेकेदार द्वारा काम अधर में छोड़ने की इच्छा जताई जा रही है। कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें ठीक से काम नहीं करने दिया जा रहा है। इन परिस्थितियों के कारण, परियोजना पर काम कर रही कई अन्य ठेकेदार कंपनियां पहले ही काम छोड़ चुकी हैं, और उन्हें भी इस पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी पर धमकाने के आरोप दरअसल, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारियों ने पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को पत्र लिखकर लुधियाना ग्रामीण के दाखा थाना क्षेत्र में ठेकेदार कंपनी एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के लिए काम कर रही श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी द्वारा पैसों के विवाद को लेकर धमकाने की शिकायतों के बावजूद पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। डीजीपी के आदेश के बाद किया मामला दर्ज पत्र में जालंधर ग्रामीण के नूरमहल इलाके में ग्रामीणों द्वारा ठेकेदार कंपनी के एक कर्मचारी पर हमले का भी जिक्र किया गया, जहां पुलिस मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों को जमानत मिल गई थी। पंजाब के मुख्य सचिव ने डीजीपी पंजाब गौरव यादव को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिए और इसके बाद लुधियाना ग्रामीण के दाखा थाने में मामला दर्ज किया गया। एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एजीएम लाइजनिंग ब्रिजेश बोले… एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एजीएम लाइजनिंग ब्रिजेश कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें शुरू से ही कानून व्यवस्था की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उनकी कंपनी प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए मलेरकोटला से लेकर गुरदासपुर जिले तक अलग-अलग सेक्शन पर काम कर रही है, लेकिन मौजूदा हालात के कारण उन्हें भी दूसरी कंपनियों की तरह प्रोजेक्ट छोड़ने पर विचार करना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि उनके कर्मचारियों को अपनी जान का डर है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने करीब 50 फीसदी काम पूरा कर लिया है, लेकिन अब उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। इसी तरह एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उनके कर्मचारी काफी डरे हुए हैं। पैसों के विवाद के कारण ठेकेदार ने साथियों सहित धमकाया हाल ही में नूरमहल में उनके एक कर्मचारी पर हमला हुआ था, जिसका अभी भी इलाज चल रहा है। इसके अलावा हाल ही में उनके साथ काम करने वाला एक ठेकेदार पैसों के विवाद को लेकर अपने साथियों के साथ उनके दफ्तर आया और उन्हें धमकाया। वे काफी डरे हुए हैं और अगर सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई तो काम जारी रखना मुश्किल हो जाएगा। एसएचओ इंस्पेक्टर केएस धालीवाल बोले… उधर, दाखा थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर केएस धालीवाल ने बताया कि बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के संदीप शर्मा और मनीष गोदारा ने प्रोजेक्ट के तहत मैटीरियल सप्लाई करने का ठेका लिया था। उनका कंस्ट्रक्शन कंपनी से पैसों का विवाद था, जिसके चलते वे कुछ साथियों के साथ कंपनी के दफ्तर पहुंचे। दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। पुलिस ने दफ्तर में दाखिल होने और धमकाने के आरोप में मुकेश गोदारा, संदीप शर्मा और अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, हाव-भाव या कृत्य), 191 (3) (दंगा, जानलेवा हथियार से लैस होना) और 190 (एक ही उद्देश्य के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।

सिंह साहिबान की बैठक 30 को:सुखबीर के खिलाफ बढ़ा विरोध, पद से हटाने को 22 दिन में 5 बार अकालतख्त साहिब पहुंचे पंथक…
सिंह साहिबान की बैठक 30 को:सुखबीर के खिलाफ बढ़ा विरोध, पद से हटाने को 22 दिन में 5 बार अकालतख्त साहिब पहुंचे पंथक… अमृतसर | शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौर में डेरा सिरसा मुखी को माफी, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी समेत अन्य पंथक मुद्दों को लेकर पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल के खिलाफ जारी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। उसी कड़ी में मंगलवार को डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और चाचा सुखचैन सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ श्री अकाल तख्त के जत्थेदार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सुखबीर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पार्टी पद से हटाने और सियासी तथा धार्मिक तौर पर ताउम्र और परिवार को 10 साल के लिए प्रतिबंधित करने की मांग की है। इस दौरान सांसद परिवार ने बंदी सिखों की रिहाई करने के िलए केंद्र सरकार तथा सूबा सरकार को भी गंभीर होने को कहा और चेतावनी दी कि ऐसा न हुआ तो पैदा होने वाली स्थिति के लिए सरकारें जिम्मेदार होंगी। ज्ञापन सुखबीर बादल और बागी अकालियों की शिकायतों और स्पष्टीकरण को लेकर 30 अगस्त को सिंह साहिबान की होने वाली निर्णायक बैठक से 4 दिन पहले सौंपा गया है। तरसेम सिंह ने कहा कि बादल परिवार शुरू से ही गुमराह कर पंथ विरोधी सियासत करता रहा है। स्वांग मामले में डेरा मुखी को सजा हुई तो दबाव में माफी दिलवा दी गई। बेअदबियों में इंसाफ नहीं किया गया और इंसाफ मांगने वालों को गोलियां मारी गईं। उन्होंने माफी वाले मामले में तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह का हवाला देते हुए कहा कि सिंह साहिबान कोई ऐसा फैसला न लें जिसका कि संगत विरोध करे। सांसद टीम का कहना है कि बादल परिवार गलतियां कर-कर उन पर पर्दा डालता रहा, जो कि बज्र गुनाह है इसलिए सुखबीर को पार्टी पद से हटा कर सियासी और धार्मिक किसी भी पद के लिए ताउम्र और परिवार को 10 साल तक प्रतिबंधित किया जाए। एसजीपीसी के खर्चे गए 90 लाख रुपए को सूद समेत वसूला जाए। तरसेम सिंह ने अमृतपाल सिंह समेत अन्य बंदी सिखों की रिहाई के लिए केंद्र और सूबा सरकार को चेतावनी दी है कि उनको जल्द से जल्द रिहा किया जाए । इसी तरह से अभिनेत्री और मंडी की भाजपा सांसद कंगना रणौत की बयानबाजी और उनकी फिल्म इमरजेंसी को लेकर तरसेम सिंह ने कहा कि वह साजिश के तहत पंजाबियों, सिखों और किसानों को निशाना बना रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उसे चुप करवाए और उसके खिलाफ कार्रवाई करे। सिंह साहिबान ने 5 अगस्त को सुखबीर का स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया और इस मुद्दे पर 30 अगस्त की तिथि मुकर्रर कर दी। इसके बाद से विरोध और तेज हो गया। बागी और दूसरे पंथक दल सुखबीर पर कार्रवाई करते हुए उनको पदमुक्त करने के लिए एक-एक करके आने लगे। 7 अगस्त को बागी अकाली और अकाली सुधार लहर के कन्वीनर गुरप्रताप सिंह वडाला, सुरजीत सिंह रखड़ा आदि श्री अकाल तख्त पहुंचे और पंथ की राय मांगी। 14 अगस्त को बागियों में शुमार अकाली सुधार लहर के नेता और एसजीपीसी मेंबर भाई मनजीत सिंह इसी सिलसिले में जत्थेदार से मिले। 16 को पंच प्रधानी के प्रधान और किसान तथा पंथक नेता बलदेव सिंह सिरसा ने भी अकाल तख्त पहुंच कर भी कार्रवाई की मांग उठाई। 24 को बाबा नागर सिंह और नौरंग सिंह की अगुवाई में कई नेता गुरमता देने पहुंचे और आज अर्थात 27 अगस्त को अमृतपाल के पिता और समर्थकों ने भी 30 की बैठक में पंथोचित फैसला सुनाने की मांग की। जब प्रकाश सिंह बादल का निधन हुआ तो एक बड़ा समूह सुखबीर के खिलाफ खड़ा हो गया। हालांकि उसमें शामिल लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इससे विरोध पंथक हलके में भी पहुंच गया। पहली जुलाई को बागियों का दल जिसमें बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, गुरप्रताप सिंह वडाला समेत तमाम बागी और टकसाली अकाली जत्थेदार के पास पहुंचे थे और सुखबीर के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए सत्ता का हिस्सा रहने के कारण खुद को भी दोषी मान क्षमा याचना की थी और सुखबीर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। आगे 15 जुलाई को सिंह साहिबान की बैठक में सुखबीर को 15 दिन के भीतर पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया था। सुखबीर 24 जुलाई को पेश हुए और अपना स्पष्टीकरण बंद लिफाफे में जत्थेदार को सौंपा था। शिवराज द्रुपद | अमृतसर डेरा सिरसा मुखी को माफी, बेअदबी समेत अन्य पंथक मुद्दों को लेकर शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल और बागी अकालियों के बीच जारी द्वंद्व को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब पर 30 अगस्त को होने वाली पंज सिंह साहिबान की बैठक का समय जैसे-जैसे निकट आता जा रहा है वैसे-वैसे विरोधी पंथक दल सुखबीर की घेराबंदी और कसते जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत सांसद अमृतपाल सिंह के पिता और अन्य समर्थकों ने सुखबीर पर कार्रवाई करने को जत्थेदार को ज्ञापन सौंपा। ऐसी ही मांगों को लेकर पहले भी कई पंथक दलों ने तख्त श्री पर गुहार लगाई है और उचित फैसला करने की मांग की है। वैसे तो सुखबीर को पार्टी पद से हटाने का लंबे समय से विरोध जारी है। लेकिन 3 चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार और सूबे में कई जगहों पर होने वाली बेअदबियों में इंसाफ न मिलने से विरोध बढ़ता ही गया।