चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर 52 स्थित चार होटलों के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है। जांच में यह सामने आया कि इन होटलों में ग्राहकों के प्रवेश रजिस्टर और आईडी प्रमाण सही नहीं पाए गए। साथ ही डीएम, यूटी चंडीगढ़ के आदेशों की भी अवहेलना की गई। इन होटलों पर हुई कार्रवाई पुलिस के मुताबिक आरोपियों में दोआबा होटल के प्रबंधक मनदीप सिंह, ड्रीम टाउन होटल के प्रबंधक नैन सिंह, न्यू ग्रांड होटल के प्रबंधक बनी और ब्लू मून होटल के प्रबंधक बजरंगी वर्मा शामिल हैं। इन होटलों के प्रवेश रजिस्टर और आईडी प्रमाण में गड़बड़ी पाए जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की। मनदीप सिंह कजहेड़ी गांव के निवासी, नैन सिंह कजहेड़ी सेक्टर 52 के निवासी, बनी शिमला के कृष्ण नगर के निवासी और बजरंगी वर्मा उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के निवासी हैं। जमानत पर रिहाई पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस कार्रवाई ने शहर में होटलों में सुरक्षा और मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर 52 स्थित चार होटलों के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है। जांच में यह सामने आया कि इन होटलों में ग्राहकों के प्रवेश रजिस्टर और आईडी प्रमाण सही नहीं पाए गए। साथ ही डीएम, यूटी चंडीगढ़ के आदेशों की भी अवहेलना की गई। इन होटलों पर हुई कार्रवाई पुलिस के मुताबिक आरोपियों में दोआबा होटल के प्रबंधक मनदीप सिंह, ड्रीम टाउन होटल के प्रबंधक नैन सिंह, न्यू ग्रांड होटल के प्रबंधक बनी और ब्लू मून होटल के प्रबंधक बजरंगी वर्मा शामिल हैं। इन होटलों के प्रवेश रजिस्टर और आईडी प्रमाण में गड़बड़ी पाए जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की। मनदीप सिंह कजहेड़ी गांव के निवासी, नैन सिंह कजहेड़ी सेक्टर 52 के निवासी, बनी शिमला के कृष्ण नगर के निवासी और बजरंगी वर्मा उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के निवासी हैं। जमानत पर रिहाई पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस कार्रवाई ने शहर में होटलों में सुरक्षा और मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में गेस्ट हाउस में लगी आग:प्रेमी जोड़े की मौत; लोग बोले- चीखने की आ रही थी आवाजें, मैनेजर को हिरासत में लिया
पंजाब में गेस्ट हाउस में लगी आग:प्रेमी जोड़े की मौत; लोग बोले- चीखने की आ रही थी आवाजें, मैनेजर को हिरासत में लिया पंजाब के लुधियाना में बस स्टैंड के पास गेस्ट हाउस में अल सुबह आग लग गई। आग लगने के कारण गेस्ट हाउस में काफी धुआं इकट्ठा हो गया। गेस्ट हाउस के कमरे में सो रहे प्रेमी जोड़ी की दम घुटने से मौत हो गई। सुबह जब मैनेजर ने गेस्ट हाउस से धुआं निकलता देखा तो उसने शोर मचाया। आसपास के लोगों की मदद से फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। कुछ लोग गेस्ट हाउस से बाहर निकल आए, लेकिन एक प्रेमी युगल कमरे में सोता रहा। करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद जब आग पर काबू पाया गया और कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो प्रेमी युगल की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने गेस्ट हाउस को सील कर दिया है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। मैनेजर को पुलिस ने हिरासत में लिया
जानकारी के अनुसार रॉयल गेस्ट हाउस के मैनेजर को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस गेस्ट हाउस में आग से सुरक्षा के इंतजामों की भी जांच कर रही है। पुलिस होटल के रिकॉर्ड भी चेक कर रही है। आसपास के लोग बोले-चीखने की आती रही आवाजें
आस-पास के अन्य होटल संचार ने बताया कि आज सुबह करीब 5:00 बजे जब गेस्ट हाउस से धुआं निकलता दिखाई दिया तो तुरंत आग बुझाने का प्रयास किया गया। लेकिन धुआं इतना बढ़ गया था कि अंदर जाना मुश्किल था। इतना जरूर है कि दूसरी मंजिल से कुछ लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। आग बुझाने के बाद जब हम मौके पर गए तो एक महिला और एक पुरुष बेड पर बेहोश पड़े थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
इस मामले में थाना डिवीजन नंबर 5 के एसएचओ विजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखवा दिया गया है। उनके परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की जा सकती
एसएचओ विजय ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई है। मृतक की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। मृतक के परिजनों के आने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है। आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है।
गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी केस में राम रहीम को झटका:मुख्य आरोपी को जमानत; डेरा प्रमुख-हनीप्रीत के खिलाफ गवाही दी थी, अब सरकारी गवाह बनेगा
गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी केस में राम रहीम को झटका:मुख्य आरोपी को जमानत; डेरा प्रमुख-हनीप्रीत के खिलाफ गवाही दी थी, अब सरकारी गवाह बनेगा 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी केस के मुख्य आरोपियों में से एक प्रदीप कलेर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। कलेर ने डेरा प्रमुख राम रहीम और हनीप्रीत के खिलाफ गवाही दी थी। हाईकोर्ट ने यह फैसला तब दिया है, जब पंजाब सरकार ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि प्रदीप कलेर को सरकार सरकारी गवाह बनाने की योजना बना रही है। हाईकोर्ट ने कलेर द्वारा दायर की गई याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किया है। इस याचिका में कलेर द्वारा 20 अक्टूबर 2015 में की गई FIR के आधार पर जमानत दिए जाने की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश में क्या…
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है, ‘चूंकि FIR 2015 से संबंधित है, सह-आरोपी जतिंदर वीर अरोड़ा को इस केस में गिरफ्तार किया गया था, उसने याचिकाकर्ता का नाम बताया था। उसे और 7 अन्य आरोपियों को इस केस में जमानत दे दी गई है। केवल याचिकाकर्ता ही हिरासत में है। उसके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में वह जमानत पर है। सरकार के जवाब के बाद उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस स्थिति में याचिकाकर्ता को और अधिक कारावास की आवश्यकता नहीं है।’ जमानत के लिए कलेर ने दिया यह तर्क
जमानत के लिए अपनी याचिका में कलेर ने तर्क दिया था कि उनके सह-आरोपी के बयान पर ही उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है। वास्तव में, 11 आरोपितों में से 9 को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 8 को जमानत मिल गई थी। जबकि, दो आरोपी घोषित अपराधी बने हुए थे। वर्तमान मामले सहित उनमें से कुछ मामलों में उसने अभियोजन पक्ष के समर्थन में CRPC की धारा 164 के तहत बयान दिए थे और उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। अन्य मामलों में उसे जमानत मिल गई है। 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से पूछताछ नहीं
वह 9 फरवरी से हिरासत में है, लेकिन 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से भी अब तक पूछताछ नहीं की गई है। इसलिए, वर्तमान मामले की सुनवाई जल्द ही समाप्त होने की संभावना नहीं है। उसके वकील ने हाई कोर्ट को बताया था। याचिका का जवाब देते हुए पंजाब सरकार ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता कुछ मामलों में जमानत पर है और अन्य मामलों में धारा 164 CRPC के तहत उसका बयान दर्ज किया गया है, जिसमें उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस प्रकार, प्रभावी रूप से राज्य ने याचिकाकर्ता को जमानत देने की प्रार्थना का विरोध नहीं किया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कलेर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। प्रदीप कलेर क्या दी थी गवाही…6 अहम बातें… 1. मैं राजनीतिक विंग का अध्यक्ष था
मैं 1987 से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हूं। साल 2014 में मुझे डेरे के राजनीतिक विंग का अध्यक्ष बनाया गया। मेरा काम नेताओं से मिलना होता था। मुझे इसका अध्यक्ष डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम ने बनाया था। 2. राम रहीम से मिलने बुलाया गया
मार्च या अप्रैल 2015 में मुझे दिल्ली जाना था। मुझे राम रहीम से मिलने बुलाया गया। जब मैं वहां गया तो राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश कुमार उर्फ राकेश दिड़बा, संदीप बरेटा, हर्ष धूरी, महेंद्रपाल बिट्टू कोटकपूरा, गुलाब और गुरलीन उर्फ राकेश कुमार मौजूद थे। 3. महेंद्रपाल ने कहा- प्रेमियों ने हमारे लॉकेट जमीन पर फेंके
महेंद्रपाल ने बाबा को बताया कि बुर्ज जवाहर सिंह वाला में धर्म प्रचारक हरजिंदर सिंह मांझी ने एक कथा की थी। उससे प्रेरित होकर बाबा (राम रहीम) को मानने वाले लोगों ने राम रहीम की फोटो वाले लॉकेट को जमीन में फेंक दिया। 4. राम रहीम और हनीप्रीत गुस्से में आए
यह सुनते ही हनीप्रीत गुस्से में आ गई। वह बोली, यह लॉकेट जब फेंके तो आपने कुछ क्यों नहीं किया। फिर बाबा राम रहीम और हनीप्रीत ने कहा, ईंट का जवाब पत्थर से दो। वहां मौजूद राकेश और बिट्टू ने कहा कि वह तो प्रचारक है, और सिखों की निशानी तो गुरु ग्रंथ साहिब हैं। इसके बाद हनीप्रीत ने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की बात कही। बाबा राम रहीम ने कहा कि जो हनीप्रीत कह रही है, उसे जल्द से जल्द करो। 5. पंजाब कमेटी के सदस्य को दी गई बेअदबी की ड्यूटी
महेंद्रपाल बिट्टू डेरा सच्चा सौदा पंजाब की 45 मेंबर वाली कमेटी का सदस्य था। उसकी ड्यूटी लगाई कि अपनी टीम से जल्द से जल्द यह काम कराओ। उस वक्त मैं इनके पीछे खड़ा था। बाबा ने मुझे बोला कि बेटा तुम्हारा क्या काम है। मैंने बताया कि मुझे दिल्ली जाना है। उन्होंने कुछ लोगों से मिलने के लिए कहा। फिर मैं आ गया। 6. मुझे, मेरे परिवार को राम रहीम-हनीप्रीत से खतरा
मुझे और मेरे परिवार को अब धमकी आ रही है। बाबा राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश दिड़बा और अन्य लोग मुझे मरवा सकते हैं। पहले भी महेंद्रपाल बिट्टू की नाभा हाई सिक्योरिटी जेल में मौत हो चुकी है। मेरी फैमिली जिसमें मेरी पत्नी, बेटी, पापा, मम्मी और रिश्तेदारों को डेरा प्रमुख से डर है। वह उनकी हत्या करा सकते हैं।
मतदाताओं ने गर्मी को हराया, पर पिछला रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए
मतदाताओं ने गर्मी को हराया, पर पिछला रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए भास्कर न्यूज | नवांशहर/ रोपड़ चुनाव आयोग के मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने के लिए किए गए प्रयोगों के बावजूद इस बार श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके की वोटिंग पिछले दो चुनावों में सबसे निचले स्तर पर रही। इस बार शाम 5 बजे मात्र 55.49 फीसदी वोटिंग हुई। साल 2019 में जहां 66.7 फीसदी वोटिंग हुई थी, वहीं 2014 में यह 69.4 फीसदी थी। वैसे इस बार चुनाव आयोग ने ग्रीन, मॉडल बूथ, पिंक बूथ, पीडब्ल्यूडी और यूथ मैनेज्ड पोलिंग बूथ बनाए थे। सभी बूथों में आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों की ड्यूटी भी लगाई थी। वहीं, दिव्यांगों को पोलिंग बूथ तक लाने और घर छोड़ने के भी खास प्रबंध किए हुए थे। यही नहीं, चुनाव आयोग ने इस बार भीषण गर्मी के चलते वोटरों के लिए छबील लगाने के दावे किए थे जो जमीनी स्तर पर नजर नहीं आए । उधर, रेडक्रॉस ने भी वोटिंग शुरू होने के 2 घंटे बाद कई बूथों पर दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर पहुंचाई। इन सब प्रबंधों के बावजूद वोटिंग प्रतिशत कम होना चिंता का विषय है। साल 2019 में सबसे अधिक वोट प्रतिशत नवांशहर विधानसभा क्षेत्र में 66.66 फीसदी और सबसे कम खरड़ में 53 फीसदी दर्ज किया गया था। हालांकि, 2014 में सबसे अधिक वोटिंग नवांशहर में 74 फीसदी और सबसे कम वोटिंग आनंदपुर साहिब में 64 फीसदी हुई थी। वैसे तो इस बार वोटरों ने भीषण गर्मी के चलते सुबह 7 बजे वोटिंग प्रक्रिया शुरू होते ही पोलिंग स्टेशनों का रुख कर लिया था। पोलिंग स्टेशनों पर बजुर्गों और महिलाओं की सुबह के समय काफी भीड़ रही। जिले में वोटों को लेकर कहीं कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ लेकिन कुछ जगहों पर वोटिंग मशीन न चलने के चलते वोटिंग प्रक्रिया देर से जरूर शुरू हुई। पोलिंग बूथों में मोबाइल न लेकर जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हुई और कुछ लोग इसी कारण बिना वोट डाले ही लौट गए।