हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला के हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई आज चंडीगढ़ एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने इस मामले से जुड़े चंडीगढ़ पुलिस के गवाहों को पिछली सुनवाई में चेतावनी देते हुए पेश होने का आखिरी मौका दिया था। इससे पहले 24 अक्टूबर को हुई सुनवाई में मामले से जुड़े पुलिस कर्मियों को गवाही के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो सके थे। इस मामले के गवाह इंस्पेक्टर ओम प्रकाश और रिटायर्ड इंस्पेक्टर सतनाम सिंह को अदालत ने तलब किया है। इनके अलावा दो और पुलिस कर्मियों की गवाही होनी थी, जो हो चुकी है। अदालत ने मामले से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए सेक्टर 26 थाने के मुंशी को भी बुलाया है। तत्कालीन मुंशी को केस की संपत्ति के साथ पेश होने के आदेश दिए हैं, ताकि बचाव पक्ष उनसे जिरह कर सके। अदालत ने इस मामले से जुड़े सभी गवाहों को जिरह के आदेश देते हुए कहा है कि यह उनका आखिरी मौका है। 5 महीनें बाद कोर्ट से मिली थी जमानत चंडीगढ़ में आईएएस की बेटी वर्णिका कुंडू का पीछा करने के मामले में हरियाणा बीजेपी सांसद सुभाष बराला के बेटे आरोपी विकास बराला को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। वर्णिका कुंडू का पीछा करने के मामले में पांच महीने से विकास जेल में बंद था। नवंबर 2017 में निचली अदालत की ओर से चार बार जमानत याचिका खारिज करने बाद विकास बराला के वकील ने नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद आज विकास को जमानत मिल पाई थी। यहां सिलसिलेवार पढ़िए केस से जुड़ी पूरी कहानी 1. 2017 का है मामला 4 अगस्त 2017 की आधी रात को चंडीगढ़ में हरियाणा के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके एक अन्य साथी ने आईएएस अफसर वीएस कुंडू की बेटी वर्णिका के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की थी। वर्णिका ने बताया था कि, ‘जब मैं रात 12:15 बजे सेक्टर-8 मार्केट से कार में घर के लिए निकली थी। फोन पर फ्रेंड से बात कर रही थी कि तभी सेक्टर-7 के पास पता चला कि एक टाटा सफारी गाड़ी मेरा पीछा कर रही है। मैंने रास्ता बदलने की कोशिश की, तो आरोपियों ने गाड़ी से रास्ता रोककर मुझे सेक्टर-26 की ओर चलने पर मजबूर कर दिया। 2. गाड़ी भगाकर बचाई जान अगले मोड पर दोबारा मुड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फिर रास्ता ब्लॉक कर दिया। एक युवक गाड़ी से बाहर निकला और मेरी कार की ओर बढ़ा। मैंने रिवर्स कर राइट टर्न लिया और कार भगाई। इस बीच, मैंने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी। अपनी लोकेशन बताई। घर पर आईएएस पिता को सूचना दी। तभी हाउसिंग बोर्ड के पास सॉलिटेयर होटल के निकट आरोपियों ने दोबारा रास्ता ब्लॉक कर दिया। अब मेरे भागने का कोई रास्ता नहीं था। एक आरोपी गाड़ी से उतरकर मेरी तरफ आया और कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन सेंट्रल लॉक होने के कारण दरवाजा नहीं खुला। 3. वर्णिका को फोन मिली थी गिरफ्तारी की सूचना इस दौरान सूचना पर चंडीगढ़ पुलिस की पीसीआर आ गई। पुलिस ने पीछा कर दोनों आरोपियों को हाउसिंग बोर्ड लाइट पॉइंट के पास गिरफ्तार कर लिया।’ वर्णिका ने पुलिस को फोन कर दोनों को गिरफ्तार करवाया। इसके बाद एफआईआर दर्ज हुई तो मामला चर्चा में आया। अब इस मामले में 2017 से लगातार चंडीगढ़ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 4. इन पर चल रहा है केस आरोपी विकास बराला और उसके साथी आशीष पर धारा 363 और 511 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में विवाद बढ़ा तो दोनों आरोपियों के खिलाफ लड़की का पीछा कर रास्ता रोकने, किडनैपिंग की कोशिश और छेड़छाड़ का केस दर्ज किया गया। केस दर्ज होने के बाद दोनों आरोपियों की जमानत याचिका चार बार कोर्ट से खारिज की गई, लेकिन अभी दोनों आरोपी बाहर हैं। लगातार इस केस में सुनवाई चल रही है। हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला के हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई आज चंडीगढ़ एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने इस मामले से जुड़े चंडीगढ़ पुलिस के गवाहों को पिछली सुनवाई में चेतावनी देते हुए पेश होने का आखिरी मौका दिया था। इससे पहले 24 अक्टूबर को हुई सुनवाई में मामले से जुड़े पुलिस कर्मियों को गवाही के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो सके थे। इस मामले के गवाह इंस्पेक्टर ओम प्रकाश और रिटायर्ड इंस्पेक्टर सतनाम सिंह को अदालत ने तलब किया है। इनके अलावा दो और पुलिस कर्मियों की गवाही होनी थी, जो हो चुकी है। अदालत ने मामले से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए सेक्टर 26 थाने के मुंशी को भी बुलाया है। तत्कालीन मुंशी को केस की संपत्ति के साथ पेश होने के आदेश दिए हैं, ताकि बचाव पक्ष उनसे जिरह कर सके। अदालत ने इस 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है। मैंने रास्ता बदलने की कोशिश की, तो आरोपियों ने गाड़ी से रास्ता रोककर मुझे सेक्टर-26 की ओर चलने पर मजबूर कर दिया। 2. गाड़ी भगाकर बचाई जान अगले मोड पर दोबारा मुड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फिर रास्ता ब्लॉक कर दिया। एक युवक गाड़ी से बाहर निकला और मेरी कार की ओर बढ़ा। मैंने रिवर्स कर राइट टर्न लिया और कार भगाई। इस बीच, मैंने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी। अपनी लोकेशन बताई। घर पर आईएएस पिता को सूचना दी। तभी हाउसिंग बोर्ड के पास सॉलिटेयर होटल के निकट आरोपियों ने दोबारा रास्ता ब्लॉक कर दिया। अब मेरे भागने का कोई रास्ता नहीं था। एक आरोपी गाड़ी से उतरकर मेरी तरफ आया और कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन सेंट्रल लॉक होने के कारण दरवाजा नहीं खुला। 3. वर्णिका को फोन मिली थी गिरफ्तारी की सूचना इस दौरान सूचना पर चंडीगढ़ पुलिस की पीसीआर आ गई। पुलिस ने पीछा कर दोनों आरोपियों को हाउसिंग बोर्ड लाइट पॉइंट के पास गिरफ्तार कर लिया।’ वर्णिका ने पुलिस को फोन कर दोनों को गिरफ्तार करवाया। इसके बाद एफआईआर दर्ज हुई तो मामला चर्चा में आया। अब इस मामले में 2017 से लगातार चंडीगढ़ कोर्ट में 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