आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर रविवार को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। चंद्रशेखर ने कहा- हमारा नारा ‘पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे, साथ-साथ चलेंगे’ है। सीएम योगी के बंटेंगे तो कटेंगे के नारे पर कहा- सीएम मंच पर खड़े होकर हरिजन और गैर हरिजन की बात करते हैं, वो बताएं कि बांटा किसने है? चंद्रशेखर ने नसीम सोलंकी का समर्थन करते हुए कहा- मेरी कुछ राजनीतिक मजबूरियां हैं,लेकिन यह जनता को तय करना है कि जब किसी पर जुर्म हो रहा है, तो उसकी मदद करनी है या अकेला छोड़ देना है। चंद्रशेखर के बयान की 6 बड़ी बातें… 1. समाज को पहले ही बांट दिया गया सांसद चंद्रशेखर ने कहा-पहले ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य में फिर जातियों के आधार पर हमें किसने बांटा। जातियों में भी जातियां और गोत्र, ये किसने बांटा? आप जानते हैं कि यह सब जिन लोगों ने व्यवस्था बनाई, उन्हीं ने बांटा है। बंटे हैं, तो सच में इस व्यवस्था से कटते थे। तो भी मरते थे, बिना अधिकार के रहते थे। जुर्म सहते थे, अभी भी सहते हैं। 2. मुख्यमंत्री को सिर्फ अपनी पार्टी से मतलब है चंद्रशेखर ने कहा- मुख्यमंत्री की सिर्फ एक ही लालसा है कि उनकी राजनीतिक चीजें आगे बढ़ती रहें। उनकी पार्टी आगे बढ़ती रहे। उनको यह फर्क नहीं पड़ता कि उनके बयान से क्या असर पड़ रहा है। उन्हें समाज, देश और प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। 3. सीसामऊ में क्यों रद्द हो गया पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन? चंद्रशेखर ने कहा- मैं यह समझता हूं कि जिस तरह से टिकट डिस्ट्रीब्यूशन हुआ था। भाजपा के लोगों ने डरकर, षड्यंत्र करते हुए हमारे प्रत्याशी का पर्चा कैंसिल करा दिया। हम इन चीजों से डरने वाले नहीं। जिन सीटों पर हमारे प्रत्याशी लड़ रहे हैं। बेहद दमदारी के साथ वो चुनावी मैदान में हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार आजाद समाज पार्टी का प्रत्याशी विधानसभा जाएगा। 4. हमारे ऊपर पत्थरबाजी हुई चंद्रशेखर ने बताया- अभी मैं वंदे भारत ट्रेन का सफर करके आ रहा हूं। सी-3 बोगी में था। जैसे ही ट्रेन ने बुलंदशहर क्रॉस किया। किसी असामाजिक तत्व ने ट्रेन पर पत्थर फेंका। मुझसे तीन सीट आगे यात्री का शीशा चकनाचूर हो गया। उनको चोट भी लग सकती थी। मेरी नजर में यह जरूरी नहीं कि कोई षड्यंत्र का हिस्सा हो, या किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है। यह लापरवाही हो सकती है। यह जानकारी का अभाव हो सकता है। मैंने एक्स के माध्यम से यह अपील की है कि गांव में, घर में मां-बाप और स्कूल में एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए संवैधानिक कर्तव्य एक नागरिक के क्या हैं? बचपन से इसके लिए तैयार करना चाहिए। रेलवे सरकारी संपत्ति है। जनता और देश की संपत्ति है। देश की संपत्ति की रक्षा करना एक जिम्मेदार नागरिक का अधिकार है। मैं अपील करता हूं कि ऐसे कृत्य न करें, जिसमें देश, सरकारी संपत्ति या किसी की भी संपत्ति का नुकसान हो। 5. यह नासमझी खतरनाक है… चंद्रशेखर ने कहा- मैं केंद्रीय रेल मंत्री और पुलिस प्रशासन से यह मांग करता हूं कि इस पर कार्रवाई हो। करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। मैं जागरूक नागरिकों और उनके माता-पिता से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को जागरूक करें। ऐसी घटना से दूर रहें। जिम्मेदार नागरिक बनाएं। 6. जनता को तय करना है कि वह अकेला छोड़ती है या मदद करती है चंद्रशेखर से पूछा गया कि इससे पहले जब आप कानपुर आए थे, तब आपने इरफान सोलंकी को अपना भाई बताया था। अब क्या उपचुनाव में उनके परिवार का सपोर्ट करेंगे। इस पर चंद्रशेखर ने कहा- राजनीतिक रूप से मेरी कुछ मजबूरियां हैं, लेकिन अगर उनके परिवार से कोई चुनाव लड़ रहा है। तो यह जनता को तय करना है कि जब किसी पर जुल्म हो, तो उसकी मदद करनी है या उसे अकेला छोड़ना है।
……………………… यह खबर भी पढ़ें सपा की नसीम सोलंकी को जलाभिषेक से फायदा या नुकसान?: हिंदुओं ने मंदिर शुद्ध कराया, मुस्लिम बोले-पॉलिटिक्स में सब जायज कानपुर में सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी ने शिवलिंग की पूजा की। आस्था से इतर उनका मंदिर जाना हिंदू वोटर्स के लिए पॉलिटिकल स्टंट माना जा रहा है। ऐसा हो भी क्यों न, सीसामऊ सीट पर 55% हिंदू वोटर्स हैं। नसीम जानती हैं कि हिंदू वोटर अगर नहीं बंटे तो उनकी चुनौती बढ़ सकती है। पढ़ें पूरी खबर… आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर रविवार को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। चंद्रशेखर ने कहा- हमारा नारा ‘पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे, साथ-साथ चलेंगे’ है। सीएम योगी के बंटेंगे तो कटेंगे के नारे पर कहा- सीएम मंच पर खड़े होकर हरिजन और गैर हरिजन की बात करते हैं, वो बताएं कि बांटा किसने है? चंद्रशेखर ने नसीम सोलंकी का समर्थन करते हुए कहा- मेरी कुछ राजनीतिक मजबूरियां हैं,लेकिन यह जनता को तय करना है कि जब किसी पर जुर्म हो रहा है, तो उसकी मदद करनी है या अकेला छोड़ देना है। चंद्रशेखर के बयान की 6 बड़ी बातें… 1. समाज को पहले ही बांट दिया गया सांसद चंद्रशेखर ने कहा-पहले ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य में फिर जातियों के आधार पर हमें किसने बांटा। जातियों में भी जातियां और गोत्र, ये किसने बांटा? आप जानते हैं कि यह सब जिन लोगों ने व्यवस्था बनाई, उन्हीं ने बांटा है। बंटे हैं, तो सच में इस व्यवस्था से कटते थे। तो भी मरते थे, बिना अधिकार के रहते थे। जुर्म सहते थे, अभी भी सहते हैं। 2. मुख्यमंत्री को सिर्फ अपनी पार्टी से मतलब है चंद्रशेखर ने कहा- मुख्यमंत्री की सिर्फ एक ही लालसा है कि उनकी राजनीतिक चीजें आगे बढ़ती रहें। उनकी पार्टी आगे बढ़ती रहे। उनको यह फर्क नहीं पड़ता कि उनके बयान से क्या असर पड़ रहा है। उन्हें समाज, देश और प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। 3. सीसामऊ में क्यों रद्द हो गया पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन? चंद्रशेखर ने कहा- मैं यह समझता हूं कि जिस तरह से टिकट डिस्ट्रीब्यूशन हुआ था। भाजपा के लोगों ने डरकर, षड्यंत्र करते हुए हमारे प्रत्याशी का पर्चा कैंसिल करा दिया। हम इन चीजों से डरने वाले नहीं। जिन सीटों पर हमारे प्रत्याशी लड़ रहे हैं। बेहद दमदारी के साथ वो चुनावी मैदान में हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार आजाद समाज पार्टी का प्रत्याशी विधानसभा जाएगा। 4. हमारे ऊपर पत्थरबाजी हुई चंद्रशेखर ने बताया- अभी मैं वंदे भारत ट्रेन का सफर करके आ रहा हूं। सी-3 बोगी में था। जैसे ही ट्रेन ने बुलंदशहर क्रॉस किया। किसी असामाजिक तत्व ने ट्रेन पर पत्थर फेंका। मुझसे तीन सीट आगे यात्री का शीशा चकनाचूर हो गया। उनको चोट भी लग सकती थी। मेरी नजर में यह जरूरी नहीं कि कोई षड्यंत्र का हिस्सा हो, या किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है। यह लापरवाही हो सकती है। यह जानकारी का अभाव हो सकता है। मैंने एक्स के माध्यम से यह अपील की है कि गांव में, घर में मां-बाप और स्कूल में एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए संवैधानिक कर्तव्य एक नागरिक के क्या हैं? बचपन से इसके लिए तैयार करना चाहिए। रेलवे सरकारी संपत्ति है। जनता और देश की संपत्ति है। देश की संपत्ति की रक्षा करना एक जिम्मेदार नागरिक का अधिकार है। मैं अपील करता हूं कि ऐसे कृत्य न करें, जिसमें देश, सरकारी संपत्ति या किसी की भी संपत्ति का नुकसान हो। 5. यह नासमझी खतरनाक है… चंद्रशेखर ने कहा- मैं केंद्रीय रेल मंत्री और पुलिस प्रशासन से यह मांग करता हूं कि इस पर कार्रवाई हो। करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। मैं जागरूक नागरिकों और उनके माता-पिता से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को जागरूक करें। ऐसी घटना से दूर रहें। जिम्मेदार नागरिक बनाएं। 6. जनता को तय करना है कि वह अकेला छोड़ती है या मदद करती है चंद्रशेखर से पूछा गया कि इससे पहले जब आप कानपुर आए थे, तब आपने इरफान सोलंकी को अपना भाई बताया था। अब क्या उपचुनाव में उनके परिवार का सपोर्ट करेंगे। इस पर चंद्रशेखर ने कहा- राजनीतिक रूप से मेरी कुछ मजबूरियां हैं, लेकिन अगर उनके परिवार से कोई चुनाव लड़ रहा है। तो यह जनता को तय करना है कि जब किसी पर जुल्म हो, तो उसकी मदद करनी है या उसे अकेला छोड़ना है।
……………………… यह खबर भी पढ़ें सपा की नसीम सोलंकी को जलाभिषेक से फायदा या नुकसान?: हिंदुओं ने मंदिर शुद्ध कराया, मुस्लिम बोले-पॉलिटिक्स में सब जायज कानपुर में सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी ने शिवलिंग की पूजा की। आस्था से इतर उनका मंदिर जाना हिंदू वोटर्स के लिए पॉलिटिकल स्टंट माना जा रहा है। ऐसा हो भी क्यों न, सीसामऊ सीट पर 55% हिंदू वोटर्स हैं। नसीम जानती हैं कि हिंदू वोटर अगर नहीं बंटे तो उनकी चुनौती बढ़ सकती है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर