हिमाचल प्रदेश की जनजातीय पांगी घाटी में विलुप्त वन्य प्राणी कस्तूरी मृग की मौजूदगी ने जिला चंबा को उस श्रेणी में ला दिया है। जहां यह विलुप्त प्रजाति अभी भी मौजूद है। वन्य प्राणी मंडल चंबा के दायरे में आने वाले पांगी के सेचू-हिलटवान जो समुद्र तल से करीब 3000 मीटर की ऊंचाई पर यह कस्तूरी मृग अटखेलियां करते दिखाई दिया। जिसे वन्य प्राणी मंडल चंबा ने कैमरे में कैद किया। यह पहला मौका है, जब यह दुर्लभ प्रजाति का वन्य प्राणी इस तरफ कैमरे में कैद हुआ है। वन्य प्राणी मंडल चंबा के दायरे में आने वाले इस वन्य प्राणी अभारण्य संरक्षण स्थल में इसकी मौजूदगी को लेकर वन्य प्राणी वन मंडल चंबा में खुशी का माहौल है। विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में शामिल DFO कुलदीप सिंह जमवाल का कहना है कि जिला चंबा में विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में शामिल इस प्रकार के वन्य प्राणियों की मौजूदगी से इस जिला को अलग पहचान मिलती है। इनकी मौजूदगी इस बात का आभास करवाती है कि यहां के वातावरण में यह वन्य प्राणी पूरी तरह से सुरक्षित और फलफूल रहे हैं। कहां-कहां पाया जाता कस्तूरी मृग कस्तूरी मृग विलुप्त वन्यजीव की श्रेणी में शामिल यह वन्य प्राणी मुख्य रूप से एशिया और रूस में पाया जाता है। भारत में यह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पाया जाता है। नर कस्तूरी में पाई जाने वाली एक ग्राम कस्तूरी की कीमत खुले बाजार में 25 से 30 हजार रुपए बताई जाती है। कस्तूरी का शिकार इसलिए होता है कि क्योंकि इससे मिलने वाली कस्तूरी की डिमांड देश-विदेश में जबरदस्त है। एक मृग में 10 से 12 ग्राम तक कस्तूरी मिलती है। हिमाचल प्रदेश की जनजातीय पांगी घाटी में विलुप्त वन्य प्राणी कस्तूरी मृग की मौजूदगी ने जिला चंबा को उस श्रेणी में ला दिया है। जहां यह विलुप्त प्रजाति अभी भी मौजूद है। वन्य प्राणी मंडल चंबा के दायरे में आने वाले पांगी के सेचू-हिलटवान जो समुद्र तल से करीब 3000 मीटर की ऊंचाई पर यह कस्तूरी मृग अटखेलियां करते दिखाई दिया। जिसे वन्य प्राणी मंडल चंबा ने कैमरे में कैद किया। यह पहला मौका है, जब यह दुर्लभ प्रजाति का वन्य प्राणी इस तरफ कैमरे में कैद हुआ है। वन्य प्राणी मंडल चंबा के दायरे में आने वाले इस वन्य प्राणी अभारण्य संरक्षण स्थल में इसकी मौजूदगी को लेकर वन्य प्राणी वन मंडल चंबा में खुशी का माहौल है। विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में शामिल DFO कुलदीप सिंह जमवाल का कहना है कि जिला चंबा में विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में शामिल इस प्रकार के वन्य प्राणियों की मौजूदगी से इस जिला को अलग पहचान मिलती है। इनकी मौजूदगी इस बात का आभास करवाती है कि यहां के वातावरण में यह वन्य प्राणी पूरी तरह से सुरक्षित और फलफूल रहे हैं। कहां-कहां पाया जाता कस्तूरी मृग कस्तूरी मृग विलुप्त वन्यजीव की श्रेणी में शामिल यह वन्य प्राणी मुख्य रूप से एशिया और रूस में पाया जाता है। भारत में यह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पाया जाता है। नर कस्तूरी में पाई जाने वाली एक ग्राम कस्तूरी की कीमत खुले बाजार में 25 से 30 हजार रुपए बताई जाती है। कस्तूरी का शिकार इसलिए होता है कि क्योंकि इससे मिलने वाली कस्तूरी की डिमांड देश-विदेश में जबरदस्त है। एक मृग में 10 से 12 ग्राम तक कस्तूरी मिलती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में तीन उप चुनाव:हमीरपुर से टिकट के दावेदार आशीष का दिल्ली में डेरा; नड्डा-अनुराग-सौदान से मुलाकात, केएल ठाकुर दिल्ली से नालागढ़ लौटें केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हिमाचल में तीन उप चुनाव की तारीखों का ऐलान करते ही भारतीय जनता पार्टी में टिकट के तलबगार सक्रिय हो गए हैं। खासकर हमीरपुर से पूर्व एवं निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। आशीष ने बीती शाम को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पार्टी के प्रदेश प्रभारी सौदान सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। सूत्रों की माने तो आशीष शर्मा को बीजेपी ने अपने वादे के मुताबिक टिकट देने का भरोसा दिया है, क्योंकि हमीरपुर से आशीष शर्मा, देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से केएल ठाकुर तीनों निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी से टिकट मिलने की शर्त पर ही अपने पदों से इस्तीफा दिया था और बीते 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा का दामन थामा। नालागढ़ से पूर्व एवं निर्दलीय MLA केएल ठाकुर दो दिन पहले ही दिल्ली से वापस लौटें हैं। हालांकि होशियार सिंह पिछले कुछ दिन से कनाडा टूर पर हैं। भाजपा के दूसरे नेता भी टिकट को लॉबिंग में जुटे केंद्रीय चुनाव आयोग ने दो दिन पहले ही इनकी तीनों सीटों पर उप चुनाव का ऐलान कर दिया है। लिहाजा भाजपा में शामिल तीनों निर्दलीय पूर्व MLA के अलावा दूसरे नेता भी टिकट के लिए लॉबिंग करने लगे हैं, क्योंकि 14 जून को चुनाव की नोटिफिकेशन के साथ ही नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। नालागढ़ में केएल और राणा टिकट के दावेदार नालागढ़ में केएल ठाकुर के अलावा पूर्व विधायक लखविंदर राणा भी टिकट के लिए दावेदारी जता रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यदि बीजेपी राणा को टिकट नहीं देती और कांग्रेस टिकट ऑफर करती है तो लखविंदर राणा फिर से कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। लखविंदर राणा ने अक्तूबर 2022 में ही विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा और तब बीजेपी ने उन्हें टिकट भी दिया। मगर उस दौरान लखविंदर राणा निर्दलीय केएल ठाकुर से चुनाव हार गए। देहरा में होशियार को टिकट देने का भरोसा देहरा में भाजपा ने निर्दलीय एवं पूर्व विधायक होशियार सिंह को टिकट देने का भरोसा दे रखा है। मगर इस सीट पर अंदरखाते दिग्गज नेता रविंद्र रवि और रमेश धवाला टिकट के लिए लॉबिंग में जुट गए हैं। भाजपा अपना वादा निभाती है तो रवि और धवाला का टिकट कटना तय है। दरअसल, बीजेपी ने साल 2022 में इस सीट पर टिकट की अदला-बदली की थी। देहरा के पूर्व विधायक रविंद्र रवि को ज्वालाजी से टिकट दिया था और ज्वालाजी के पूर्व विधायक रमेश धवाला को देहरा से टिकट दिया था। हमीरपुर आशीष शर्मा की दावेदार मजबूत हमीरपुर सीट पर बीजेपी के टिकट के कई दावेदार है। साल 2022 में यहां से नरेंद्र ठाकुर ने चुनाव लड़ा। मगर तब वह तीसरे स्थान पर रहे और आशीष शर्मा ने 12 हजार से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया था।
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