चरखी दादरी की बेटी उड़ाएगी फाइटर प्लेन:पिता के एक कॉल के बाद बदला फैसला, जेईई की पढ़ाई छोड़ एनडीए को चुना

चरखी दादरी की बेटी उड़ाएगी फाइटर प्लेन:पिता के एक कॉल के बाद बदला फैसला, जेईई की पढ़ाई छोड़ एनडीए को चुना

चरखी दादरी जिले की बेटी इशिता सांगवान डिफेंस में महिलाओं के पहले बैच का हिस्सा बनी। इशिता अब फाइटर प्लेन उड़ाएगी। इशिता पहले जेईई की तैयारी कर रही थी, लेकिन उसी दौरान उनके पिता का एक कॉल उसके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और उन्होंने जेईई की पढ़ाई छोड़कर एनडीए की परीक्षा पास की। बेटी की उपलब्धि पर उसके गांव छपार में खुशियां मनाई जा रही हैं। पुणे की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वे मंगलवार को पहली बार अपने पैतृक गांव छपार पहुंची हैं। जहां उनका स्वागत किया गया। पहले बैच में 17 महिला कैडेट​​​​​​​ बता दें कि 2022 में एनडीए की परीक्षा पास करने के बाद पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से ग्रेजुएशन करने वाली 17 महिला कैडेट्स के पहले बैच में चरखी दादरी की इशिता सांगवान भी शामिल हैं। वह गांव छपार की रहने वाली हैं। उनके पिता चरण सिंह सांगवान एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं और माता अनिता सांगवान भी शिक्षक हैं। पिता चरण सिंह सांगवान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में महिलाओं को एनडीए परीक्षा देने की अनुमति दी थी। इसी दौरान इशिता जेईई की तैयारी कर रही थी, तो बेटी को फोन करके जेईई की बजाय एनडीए में आने की बात कही। पिता का फोन आते ही इशिता ने तुरंत एनडीए में आने का लक्ष्य लिया और एनडीए ट्रेनिंग पूरी कर उपलब्धि हासिल की है। जुड़वां बहन हैं इशिता चरण सिंह ने अपनी बेटी की सफलता के पीछे मोटिवेशनल शक्ति होने का श्रेय अपनी पत्नी अनीता सांगवान को दिया है। पिता ने बताया कि इशिता की जुड़वां बहन आस्था गुजरात में एमबीबीएस कर रही है, जबकि उनके छोटे भाई आर्यन ने एनडीए की लिखित परीक्षा पास कर ली है और एसएसबी के साक्षात्कार की तैयारी कर रहे हैं। इशिता ने फोन पर बताया के मुझे पहले एनडीए के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मेरे परिवार में कोई डिफेंस में नहीं होने के कारण, सब कुछ नया था। प्रत्येक दिन आश्चर्य से भरा हुआ लगता था। अब सेना में वर्दी पहनकर देश सेवा करने का सपना पूरा हो गया है। चरखी दादरी जिले की बेटी इशिता सांगवान डिफेंस में महिलाओं के पहले बैच का हिस्सा बनी। इशिता अब फाइटर प्लेन उड़ाएगी। इशिता पहले जेईई की तैयारी कर रही थी, लेकिन उसी दौरान उनके पिता का एक कॉल उसके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और उन्होंने जेईई की पढ़ाई छोड़कर एनडीए की परीक्षा पास की। बेटी की उपलब्धि पर उसके गांव छपार में खुशियां मनाई जा रही हैं। पुणे की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वे मंगलवार को पहली बार अपने पैतृक गांव छपार पहुंची हैं। जहां उनका स्वागत किया गया। पहले बैच में 17 महिला कैडेट​​​​​​​ बता दें कि 2022 में एनडीए की परीक्षा पास करने के बाद पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से ग्रेजुएशन करने वाली 17 महिला कैडेट्स के पहले बैच में चरखी दादरी की इशिता सांगवान भी शामिल हैं। वह गांव छपार की रहने वाली हैं। उनके पिता चरण सिंह सांगवान एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं और माता अनिता सांगवान भी शिक्षक हैं। पिता चरण सिंह सांगवान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में महिलाओं को एनडीए परीक्षा देने की अनुमति दी थी। इसी दौरान इशिता जेईई की तैयारी कर रही थी, तो बेटी को फोन करके जेईई की बजाय एनडीए में आने की बात कही। पिता का फोन आते ही इशिता ने तुरंत एनडीए में आने का लक्ष्य लिया और एनडीए ट्रेनिंग पूरी कर उपलब्धि हासिल की है। जुड़वां बहन हैं इशिता चरण सिंह ने अपनी बेटी की सफलता के पीछे मोटिवेशनल शक्ति होने का श्रेय अपनी पत्नी अनीता सांगवान को दिया है। पिता ने बताया कि इशिता की जुड़वां बहन आस्था गुजरात में एमबीबीएस कर रही है, जबकि उनके छोटे भाई आर्यन ने एनडीए की लिखित परीक्षा पास कर ली है और एसएसबी के साक्षात्कार की तैयारी कर रहे हैं। इशिता ने फोन पर बताया के मुझे पहले एनडीए के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मेरे परिवार में कोई डिफेंस में नहीं होने के कारण, सब कुछ नया था। प्रत्येक दिन आश्चर्य से भरा हुआ लगता था। अब सेना में वर्दी पहनकर देश सेवा करने का सपना पूरा हो गया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर