हरियाणा के नितेश कुमार जो चरखी दादरी के नांदा गांव से ताल्लुक रखते हैं। जिन्होंने आज पैरा बैडमिंटन पेरिस पैरालंपिक के पुरुष एकल एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। फाइनल मुकाबले में उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 के स्कोर से मात दी। इस जीत ने नितेश की कठिनाइयों और संघर्षों से भरी यात्रा को एक शानदार अंत दिया है। सीएम सैनी ने दी बधाई नितेश कुमार की इस उपलब्धि पर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी है। सीएम सैनी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, “हरियाणा के बाढ़डा के नांधा गांव के लाल नितेश कुमार ने मेंस सिंगल्स SL3 – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आप भविष्य में भी ऐसे ही सफलता के नए आयाम छूते रहें। हम सभी को आप पर गर्व है।” हादसे ने छीना पैर, लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत 2009 में जब नितेश केवल 15 साल के थे, विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे ने उनकी जिंदगी को हिला कर रख दिया था। इस हादसे में नितेश ने अपना एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह वही समय था जब उन्होंने अपने सपनों को नया आकार देने का फैसला किया। महीनों तक बिस्तर पर रहने के बाद नितेश ने खेल को अपने जीवन का नया मकसद बना लिया और बैडमिंटन को अपनी शक्ति का स्रोत बनाया। IIT मंडी से इंजीनियरिंग, खेल में पाया नया मुकाम नितेश ने अपनी पढ़ाई आईआईटी मंडी से बीटेक में की है, लेकिन उनकी असली पहचान बैडमिंटन में मिली। पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने इसे ही अपने करियर का हिस्सा बना लिया।वर्तमान में, नितेश करनाल के कर्ण स्टेडियम में कोच के रूप में सेवा दे रहे हैं, जहां वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। नितेश परिजनों का मानना है कि खेल ने ही उसे जीवन में नई दिशा दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाया दम नितेश की खेल उपलब्धियों की सूची लंबी है। उन्होंने 2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता, 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया, और 2022 और 2024 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते। पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने उन्हें एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। पिता से मिली प्रेरणा, कोच ने दिखाई राह नितेश के पिता, जो पहले नौसेना में थे और अब राजस्थान में एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, हमेशा से नितेश के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। नितेश का सपना था कि वह भी अपने पिता की तरह वर्दी पहनें, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने खेल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। उनके कोच और परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गांव में जश्न का माहौल नितेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनके गांव नांदा में जश्न का माहौल है। गांव के लोग उनके परिवार के साथ मिलकर उनकी इस बड़ी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। नितेश की यह जीत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। हरियाणा के नितेश कुमार जो चरखी दादरी के नांदा गांव से ताल्लुक रखते हैं। जिन्होंने आज पैरा बैडमिंटन पेरिस पैरालंपिक के पुरुष एकल एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। फाइनल मुकाबले में उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 के स्कोर से मात दी। इस जीत ने नितेश की कठिनाइयों और संघर्षों से भरी यात्रा को एक शानदार अंत दिया है। सीएम सैनी ने दी बधाई नितेश कुमार की इस उपलब्धि पर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी है। सीएम सैनी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, “हरियाणा के बाढ़डा के नांधा गांव के लाल नितेश कुमार ने मेंस सिंगल्स SL3 – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आप भविष्य में भी ऐसे ही सफलता के नए आयाम छूते रहें। हम सभी को आप पर गर्व है।” हादसे ने छीना पैर, लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत 2009 में जब नितेश केवल 15 साल के थे, विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे ने उनकी जिंदगी को हिला कर रख दिया था। इस हादसे में नितेश ने अपना एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह वही समय था जब उन्होंने अपने सपनों को नया आकार देने का फैसला किया। महीनों तक बिस्तर पर रहने के बाद नितेश ने खेल को अपने जीवन का नया मकसद बना लिया और बैडमिंटन को अपनी शक्ति का स्रोत बनाया। IIT मंडी से इंजीनियरिंग, खेल में पाया नया मुकाम नितेश ने अपनी पढ़ाई आईआईटी मंडी से बीटेक में की है, लेकिन उनकी असली पहचान बैडमिंटन में मिली। पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने इसे ही अपने करियर का हिस्सा बना लिया।वर्तमान में, नितेश करनाल के कर्ण स्टेडियम में कोच के रूप में सेवा दे रहे हैं, जहां वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। नितेश परिजनों का मानना है कि खेल ने ही उसे जीवन में नई दिशा दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाया दम नितेश की खेल उपलब्धियों की सूची लंबी है। उन्होंने 2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता, 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया, और 2022 और 2024 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते। पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने उन्हें एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। पिता से मिली प्रेरणा, कोच ने दिखाई राह नितेश के पिता, जो पहले नौसेना में थे और अब राजस्थान में एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, हमेशा से नितेश के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। नितेश का सपना था कि वह भी अपने पिता की तरह वर्दी पहनें, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने खेल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। उनके कोच और परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गांव में जश्न का माहौल नितेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनके गांव नांदा में जश्न का माहौल है। गांव के लोग उनके परिवार के साथ मिलकर उनकी इस बड़ी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। नितेश की यह जीत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुमारी सैलजा बोलीं-हरियाणा में दलित CM क्यों नहीं:कहा- विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं; हाईकमान की चेतावनी के बाद हुड्डा संग टिकट बंटवारे पर राजी
कुमारी सैलजा बोलीं-हरियाणा में दलित CM क्यों नहीं:कहा- विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं; हाईकमान की चेतावनी के बाद हुड्डा संग टिकट बंटवारे पर राजी हरियाणा चुनाव के बीच सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोक दिया है। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा- ”लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्वकांक्षा होती है, मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।” कुमारी सैलजा प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। उनकी इस दावेदारी से पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ग्रुप की टेंशन बढ़ा दी है। अभी हुड्डा सैलजा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आश्वस्त थे कि कांग्रेस सरकार बनने की सूरत में CM कुर्सी को लेकर उनकी राह में कोई रोड़ा नहीं होगा। वहीं कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई। जिसके बाद वे एक-दूसरे के समर्थक उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर सहमत हो सकते हैं। हालांकि खुले तौर पर हरियाणा में दोनों के बीच अभी मतभेद बरकरार हैं। दोनों की एक-दूसरे के कार्यक्रम में जाना तो दूर, अपने प्रोग्रामों में दूसरे की फोटो तक नहीं लगाई जा रही। सैलजा ने कहा- पार्टी ने CM चेहरा घोषित नहीं किया
सैलजा ने सीएम कुर्सी की दावेदारी को लेकर कहा कि कांग्रेस कभी सीएम चेहरा घोषित नहीं करती। सरकार में होने पर सीएम रहा व्यक्ति पार्टी की अगुआई करता है। मगर, विपक्ष में रहने पर पार्टी किसी को सीएम चेहरा नहीं बनाती। सैलजा ने कहा कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी। करीबियों के टिकट आवंटन पर ऐसे बनीं सहमति
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक टिकट बंटवारे में हुड्डा और सैलजा की लड़ाई हाईकमान को रास नहीं आई। इसी वजह से हाईकमान ने टिकट बंटवारे का पूरा काम अपने हाथ में ले लिया। हाईकमान ने दोटूक कह दिया कि अगर उनकी सहमति नहीं बनती तो फिर हाईकमान अपने हिसाब से फैसला लेगा। जिससे हुड्डा और सैलजा के करीबियों को बड़ा झटका लग सकता था। इसे देखते हुए अब दोनों पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा में टिकट बांटने को लेकर सहमति बनने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेता इस बात पर राजी हो गए हैं कि वह एक दूसरे के करीबियों के टिकट आवंटन में कुछ नहीं बोलेंगे। बताया जा रहा है कि सैलजा हुड्डा को अधिक सीट देने पर राजी हो गई हैं। वहीं हुड्डा भी सैलजा को 20 से 25 सीटें देने पर राजी हो गए हैं। इनमें वे सीटें शामिल हैं जिन पर बीजेपी मजबूत है। दोनों नेताओं की दिल्ली में बैठक हो चुकी है। अब दोनों नेता एक-दूसरे को अपनी-अपनी पसंद की सीटों की लिस्ट शेयर करने वाले हैं। इसको लेकर हुड्डा और सैलजा दोनों के ही समर्थकों ने दिल्ली में डेरा डाल लिया है। एक मंच पर नजर आएगी पूरी कांग्रेस
जल्द ही पूरी कांग्रेस एक मंच पर भी नजर आएगी। टिकटों पर नेताओं की बनी आपसी सहमति लोगों को भी दिखाई देगी। दोनों नेताओं में सहमति होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से तय किया गया है कि गुटबाजी की चर्चाओं को थामने के लिए बड़े नेता एक मंच पर आएंगे। प्रदेश स्तरीय जितने कार्यक्रम होंगे, सब एक साथ रहेंगे। वहीं अगर नेता अपने इलाकों में कोई प्रोगाम करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं, मगर जब बात प्रदेश ही होगी तो नेताओं को एक मंच पर आना ही होगा। इससे जनता में मैसेज जाएगा कि कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। गुटबाजी के कारण कांग्रेस 10 साल से सत्ता से बाहर
कांग्रेस में गुटबाजी नई नहीं है। कांग्रेस के हरियाणा में 10 साल सत्ता से बाहर रहने के पीछे गुटबाजी को बड़ी वजह माना जाता है। 2014 में कांग्रेस 15 और 2019 में 31 सीटें ही जीत पाई थी। 2019 में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई तो 2019 में जजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बना कांग्रेस केा झटका दे दिया। कांग्रेस का इन सीटों पर फोकस
कांग्रेस आगामी चुनाव में इन सीटों पर फोकस कर रही है। पानीपत, अंबाला, करनाल, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों पर कांग्रेस ज्यादा ध्यान दे रही है। कांग्रेस सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित करेगी उम्मीदवार
कांग्रेस की 26 अगस्त से स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुरू हो रही है। यह बैठक 4 से 5 दिन तक चलेगी। वहीं दिल्ली में इससे पहले अलग-अलग बैठकों का दौर हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर शुरू हो गया है। मेनिफेस्टों कमेटी की बैठक समांतर चल रही है। माना जा रहा है कि यह सभी बैठकें खत्म होने के बाद ही सितंबर के पहले सप्ताह में कांग्रेस की पहली सूची जारी होगी। इस सूची के बाद कांग्रेस की दूसरी और तीसरी सूची जारी होगी। सबसे अंत में उन विधानसभा की सूची जारी होगी जिनका पेंच फंसेगा।
हरियाणा में ग्रुप-C भर्ती एग्जाम शेड्यूल फाइनल:7 से 11 अगस्त तक होगी परीक्षा; शॉर्ट लिस्ट उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की
हरियाणा में ग्रुप-C भर्ती एग्जाम शेड्यूल फाइनल:7 से 11 अगस्त तक होगी परीक्षा; शॉर्ट लिस्ट उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की हरियाणा में ग्रुप-सी पदों पर भर्ती प्रक्रिया की गति को तेज करते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने विज्ञापित समूह ग्रुप-1 और 2 तथा ग्रुप- 56 और 57 के लिए लिखित परीक्षा की तिथि की घोषणा की है। इस संबंध में आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि ग्रुप-1 की परीक्षा 7 अगस्त तथा ग्रुप-2 की परीक्षा 8 अगस्त, 2024 को होगी। दोनों ग्रुपों की परीक्षा सायं शिफ्ट में पंचकूला में होगी। इसके अलावा, ग्रुप- 56 और 57 की लिखित परीक्षा क्रमशः 10 व 11 अगस्त को होगी। हिम्मत सिंह ने बताया कि ग्रुप-1 और 2 की लिखित परीक्षाओं के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। सभी संबंधित उम्मीदवार अपना नाम सूची में चेक कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग का लक्ष्य है कि सभी भर्तियां समय पर पूरी हो, इसके लिए आयोग की ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आयोग का लक्ष्य है कि सभी भर्तियां पारदर्शिता एवं समानता के सिद्धांत पर हों, ताकि योग्य युवा अपनी मेहनत के बल पर नौकरी हासिल कर सके।
अंबाला में मंत्री की कोठी पर किसानों का धरना:नवदीप जलबेहड़ा समेत अन्य की रिहाई की मांग; पंजाब में भी 16 जगह प्रदर्शन
अंबाला में मंत्री की कोठी पर किसानों का धरना:नवदीप जलबेहड़ा समेत अन्य की रिहाई की मांग; पंजाब में भी 16 जगह प्रदर्शन हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा समेत अन्य किसानों की रिहाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आज मंगलवार को किसानों ने अंबाला में परिवहन मंत्री असीम गोयल के आवास का घेराव किया। वहीं, किसानों ने पंजाब में भी 16 स्थानों पर भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों और अन्य नेताओं के घरों के सामने धरने देते हुए नारेबाजी की। इस दौरान किसानों ने अंबाला और जींद जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग की। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी का कहना है कि किसान भीषण गर्मी में भी बॉर्डर पर अपनी मांगो को लेकर बैठे हैं। कहा कि सरकार के उनके पास किसानों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, सरकार सिर्फ तानाशाही कर रही है,लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसानों की रिहाई की मांग प्रमुख संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन चल रहा है। पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार भी किया। किसानों का कहना है कि 10 फरवरी के बाद से हरियाणा में सैकड़ों किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनमें से 3 किसान अभी भी जेल में हैं। अनीश खटकड़ 19 मार्च से जींद जेल में बंद हैं। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा और गुरकीरत सिंह अंबाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। पंजाब में यहां-यहां बैठे किसान