हरियाणा के चरखी दादरी के गांव नौसवा में कुछ लोगों ने घर में घुसकर एक महिला के साथ मारपीट की। उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इस दौरान उसके कान की बाली छीन लेने के आरोप लगाए हैं। उसने झोझूं कलां पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाली चिड़िया पुलिस चौकी में शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मारपीट के कुछ फोटो भी सामने आए हैं। पुलिस को दी शिकायत में नौसवा निवासी 27 वर्षीय मंजू ने बताया कि उसका पति, ससुर व परिवार के दूसरे सदस्य घर में सो रहे थे और वह घरेलू कार्य कर रही थी। उसी दौरान आधा दर्जन से अधिक लोग उनके घर में घुस आए और आते ही उन्होंने बटवारे के केस को लेकर गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। मंजू का आरोप है कि उसके बाद एक व्यक्ति ने ईंट उठाकर उसके सिर में मारी व अन्य महिला व पुरुषों ने उसे लात घूंसे मारे। उसने शोर किया तो उसका ससुर सत्यवीर भी आग गया और उक्त लोगों से छुड़वाने की कोशिश की लेकिन उनकी संख्या अधिक होने के कारण वे छुड़वा ना सके। वहीं इस दौरान उसके पति ने बीच बचाव करते हुए झगड़े में उसके साथ मारपीट करते हुए की फोटो ली। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उक्त लोग जाते समय उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर गए है। बाद में उसे चरखी दादरी के सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे रोहतक रेफर कर दिया गया। वहीं उसने मारपीट करने वाले लोगों पर उसके कान की बाली छीनने के भी आरोप लगाए हैं। उसने पुलिस को शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिसके आधार पर पुलिस ने पांच नामजद व अन्य के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के चरखी दादरी के गांव नौसवा में कुछ लोगों ने घर में घुसकर एक महिला के साथ मारपीट की। उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इस दौरान उसके कान की बाली छीन लेने के आरोप लगाए हैं। उसने झोझूं कलां पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाली चिड़िया पुलिस चौकी में शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मारपीट के कुछ फोटो भी सामने आए हैं। पुलिस को दी शिकायत में नौसवा निवासी 27 वर्षीय मंजू ने बताया कि उसका पति, ससुर व परिवार के दूसरे सदस्य घर में सो रहे थे और वह घरेलू कार्य कर रही थी। उसी दौरान आधा दर्जन से अधिक लोग उनके घर में घुस आए और आते ही उन्होंने बटवारे के केस को लेकर गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। मंजू का आरोप है कि उसके बाद एक व्यक्ति ने ईंट उठाकर उसके सिर में मारी व अन्य महिला व पुरुषों ने उसे लात घूंसे मारे। उसने शोर किया तो उसका ससुर सत्यवीर भी आग गया और उक्त लोगों से छुड़वाने की कोशिश की लेकिन उनकी संख्या अधिक होने के कारण वे छुड़वा ना सके। वहीं इस दौरान उसके पति ने बीच बचाव करते हुए झगड़े में उसके साथ मारपीट करते हुए की फोटो ली। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उक्त लोग जाते समय उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर गए है। बाद में उसे चरखी दादरी के सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे रोहतक रेफर कर दिया गया। वहीं उसने मारपीट करने वाले लोगों पर उसके कान की बाली छीनने के भी आरोप लगाए हैं। उसने पुलिस को शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिसके आधार पर पुलिस ने पांच नामजद व अन्य के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP के बाद कांग्रेस में बगावत:पूर्व मंत्री ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया; टिकट न मिलने से नाराज हुए
हरियाणा में BJP के बाद कांग्रेस में बगावत:पूर्व मंत्री ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया; टिकट न मिलने से नाराज हुए हरियाणा के करनाल में भाजपा के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी बगावत शुरू कर दी है। नीलोखेड़ी (रिजर्व) सीट से टिकट न मिलने पर पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वह धर्मपाल गोंदर को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज हैं। राजकुमार वाल्मीकि ने कहा, ‘इस बार पूरी उम्मीद थी कि उन्हें टिकट मिलेगी, लेकिन पार्टी ने धर्मपाल गोंदर को प्राथमिकता दी। इसलिए वे अब आजाद मैदान में उतरने का फैसला कर चुके हैं।’ राजकुमार वाल्मीकि का राजनीतिक सफर राजकुमार वाल्मीकि 1991 में करनाल जिले के जुंडला हलके से कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया। इसके बाद 1998 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। 2019 विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी तो वह इनेलो में शामिल हो गए। 2023 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब करनाल पहुंची तो वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद से वह नीलोखेड़ी से टिकट मांग रहे थे। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं…
मंत्री बोले-हुड्डा से मिले अधिकारियों की लिस्ट CM के पास:रात में मीटिंग की; हमने 3 मिनट में सीएम चुना, कांग्रेस नेता विपक्ष नहीं चुन पाई
मंत्री बोले-हुड्डा से मिले अधिकारियों की लिस्ट CM के पास:रात में मीटिंग की; हमने 3 मिनट में सीएम चुना, कांग्रेस नेता विपक्ष नहीं चुन पाई हरियाणा में 8 अक्टूबर को मतगणना से पहले ही अधिकारी पूर्व कांग्रेस CM भूपेंद्र हुड्डा के पास माथा टेकने पहुंच गए थे। जहां भाजपा के खिलाफ रणनीति तक बनाई गई। यह मीटिंग दिन में नहीं बल्कि रात के अंधेरे में हुई थी। इनके नाम अब CM नायब सैनी के पास पहुंच गए हैं। जिन पर जल्द गाज गिर सकती है। प्रदेश के पंचायती विकास मंत्री कृष्णलाल पंवार ने इसकी पुष्टि की। मंत्री पंवार ने कहा- ” कुछ अधिकारी 6 अक्टूबर को रात में भूपेंद्र हुड्डा से मिलने के लिए गए थे। इसकी खुफिया रिपोर्ट CM नायब सैनी के पास पहुंच चुकी है। जिसमें उनके नाम भी हैं। अधिकारी अब नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं। वह भी सरकार का हिस्सा हैं। वह निष्ठा से काम करें। पंवार ने कांग्रेस के नेता विपक्ष न चुन पाने पर कहा कि कांग्रेस की कमजोरी है कि पहले नामांकन के आखिरी दिन तक टिकटों की घोषणा करते रहे। हमने 3 मिनट में नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया। कांग्रेस विपक्ष का भी नेता नहीं चुन पा रही। अधिकारी कांग्रेस सरकार आने की बात दिमाग से निकाल दें
मंत्री पंवार ने कहा कि अधिकारी दिमाग से यह बात निकाल दें कि भविष्य में कांग्रेस की सरकार आएगी। मैं पंडित तो नहीं हूं लेकिन अपने मन से यह कह सकता हूं कि जिस तरह गुजरात में 5 बार भाजपा की सरकार बनी, उसी तरह हरियाणा में भी आगे 2 बार BJP की सरकार ही आएगी। मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि कुछ अधिकारियों के दिमाग में.. लेकिन मैं कोई ऐसा शब्द नहीं कहूंगा, जिससे उन्हें बुरा लगे। पंवार ने रिव्यू मीटिंग में किए फैसले गिनाए पंवार ने कहा कि उन्होंने पंचायत के ACS और डायरेक्टर बुलाए थे। मोटे तौर पर रिव्यू करने से पता चला कि सरकार ने पहले कुछ घोषणा कर रखी थी। पंवार ने मीटिंग में लिए फैसलों की जानकारी दी। विज ने कहा था- मेरी हत्या की साजिश रची, DC गायब हो गए
इससे पहले बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज कह चुके हैं कि अधिकारियों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी। विज ने सीधे डीसी पार्थ गुप्ता पर आरोप जड़े। विज ने कहा कि उन्हें 2 जगह जनसभा करने जाना था। मुझे लगता है कि वहां मुझे मरवाने की साजिश थी ताकि मैं अंबाला कैंट से 6 बार चुनाव जीतकर 7वीं बार चुनाव हार जाऊं। विज ने डीसी से पूछा कि उनका जिन 2 जगहों पर विरोध हुआ, वहां क्या कार्रवाई की। प्रशासन को विरोध की पुख्ता जानकारी थी तो फिर सुरक्षा के बंदोबस्त क्यों नहीं किए गए। विज ने यह भी कहा कि जैसे ही 8 अक्टूबर को उन्हें लीड मिलनी शुरू हुई तो DC वहां से गायब हो गए। मंत्री ढांडा ने कहा था- अधिकारियों ने बेइमानी-बदतमीजी की
इससे पहले चुनाव जीतने के बाद शिक्षा मंत्री बनाए महिपाल ढांडा ने कहा था कि चुनाव में ‘प्रशासन में कुछ लोग तेवर बदल रहे थे। कुछ अधिकारी भी तेवर बदल रहे थे। मैं 15 साल में पहली बार बोल रहा हूं- बख्शेंगे नहीं, जिन लोगों ने चीटिंग की है, बदतमीजी की है, बेईमानी की है। ऐसे लोग टिप्स पर हैं।’ ‘उन्हें (अधिकारियों को) लगता था कि कांग्रेस की सरकार आ रही है, इसलिए पानी भरने चले गए थे। पानी भरने वालों… बख्शेंगे नहीं तुम्हें, ध्यान रखना (पूरी खबर पढ़ें) ये खबर भी पढ़ें… मंत्री श्रुति चौधरी के आदेश पर हरकत में आए DC:बिना सरकारी गाड़ी-गनमैन के तोशाम पहुंचे; सरल केंद्र का लिया जायजा हरियाणा के जल संसाधन विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग मंत्री श्रुति चौधरी के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने तोशाम हलके की व्यवस्था सुधारने के लिए कड़ा संज्ञान लिया है। डीसी महावीर कौशिक ने गुरुवार को तोशाम सरल केंद्र का औचक निरीक्षण किया। डीसी सामान्य नागरिक के रूप में ही बिना गनमैन के सरल केंद्र में पहुंच गए और वहां कार्यप्रणाली का जायजा लिया। (पूरी खबर पढ़ें) अनिल विज ने बुलाई मीटिंग, सारे अधिकारी नहीं आए:नाराज होकर बोले- ऑफिसर्स, प्लीज लीव द रूम, पहली बार मंत्री बना हूं क्या शपथग्रहण के बाद अनिल विज ने अधिकारियों की मीटिंग बुलाई थी। मगर, इस मीटिंग में एडीसी और एसडीएम के अलावा कुछ ही अफसर पहुंचे थे। इस पर विज ने सख्त लहजे में पूछा कि बाकी के अफसर कहां हैं?। विज का ये रूप देख अफसर भी एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल मैदान में:चाचा-भतीजा, दादा-पोता, भाई-बहन आमने-सामने, 7 अलग-अलग सीट से रण में कूदे
हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल मैदान में:चाचा-भतीजा, दादा-पोता, भाई-बहन आमने-सामने, 7 अलग-अलग सीट से रण में कूदे हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें ताऊ देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल का परिवार शामिल है। तीनों परिवार का हरियाणा की राजनीति में प्रदेश के गठन से लेकर आज तक दखल रहा है। इन तीनों परिवारों के बिना हरियाणा की राजनीति अधूरी मानी जाती है। यह परिवार समय के साथ अपना वजूद बचाने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। भजनलाल परिवार को छोड़ दिया जाए तो देवीलाल परिवार और बंसीलाल परिवार एक-दूसरे के आगे चुनाव लड़ता आया है। चौधरी देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वहीं चौधरी बंसीलाल और भजनलाल ने बारी-बारी प्रदेश पर राज किया। 2005 के बाद से इन तीनों परिवारों का कोई सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाया है। हालांकि भजनलाल परिवार और देवीलाल परिवार के पास डिप्टी सीएम के पद रहे। किंग मेकर की भूमिका में परिवार रहे। मगर सरकार के मुखिया नहीं बन पाए। देवीलाल परिवार आपस में लड़ रहा
चुनाव में देवीलाल परिवार के 8 सदस्य मैदान में हैं। अकेले डबवाली में 3 सदस्य आमने-सामने हैं। डबवाली में इनेलो से खड़े चाचा आदित्य चौटाला का मुकाबला 2 भतीजों दिग्विजय चौटाला और अमित सिहाग से है। दिग्विजय जजपा और अमित कांग्रेस से चुनावी रण में हैं। इसी तरह रानियां हलके में दादा रणजीत चौटाला के सामने पोता अर्जुन चौटाला मैदान में है। रणजीत चौटाला का भाजपा ने टिकट काट दिया था और अभ वह निर्दलीय लड़ रहे हैं। जबकि अर्जुन चौटाला इनेलो के प्रत्याशी हैं। वहीं अभय चौटाला ऐलनाबाद हलके से चुनाव लड़ रहे हैं। दुष्यंत उचाना और सुनैना चौटाला फतेहाबाद से मैदान में हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी हिसार लोकसभा सीट पर चौटाला परिवार के सदस्यों ने 3 अलग-अलग पार्टियों भाजपा, जजपा और इनेलो से चुनाव लड़ा। तीनों ही चुनाव हार गए थे। इसमें चाचा ससुर रणजीत चौटाला, जेठानी नैना चौटाला और देवरानी सुनैना चौटाला में मुकाबला था। बंसी लाल परिवार: चचेरे भाई-बहन में मुकाबला
भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा में चचेरे भाई-बहन में मुकाबला है। कांग्रेस की तरफ से बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी और बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी भाजपा से मैदान में है। श्रुति चौधरी और उनकी मां किरण चौधरी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं थीं। किरण चौधरी भाजपा की राज्यसभा सांसद हैं। भजन लाल परिवार के 3 सदस्य चुनाव में
इस चुनाव में भजनलाल परिवार के 3 सदस्य मैदान में है। भजन लाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस में हैं और पंचकूला से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा दुड़ाराम भाजपा में हैं और फतेहाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भव्य बिश्नोई भाजपा की टिकट पर आदमपुर का गढ़ बचाने के लिए मैदान में है। आदमपुर 56 साल से बिश्नोई परिवार का गढ़ रहा है। यहां पहला चुनाव 1967 में चौधरी भजन लाल ने जीता था। तब से लेकर अब तक इस सीट पर भजन लाल परिवार ही लड़ता आया है। पहले भी आपस में लड़ता रहा है परिवार
1. 1998 लोकसभा चुनाव में परिवार आमने-सामने हो चुका है। बंसीलाल और उनके छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह हरियाणा विकास पार्टी चला रहे थे। जबकि बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा उस वक्त भी कांग्रेस में थे। 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान भिवानी लोकसभा सीट से सुरेंद्र सिंह हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे। कांग्रेस ने उनके बड़े भाई रणबीर महेंद्रा को भिवानी सीट से टिकट दे दिया। इस चुनाव में जीत सुरेंद्र को मिली थी। महेंद्रा तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि देवीलाल के पोते अजय चौटाला दूसरे नंबर पर रहे थे। 2. इसी तरह से साल 2000 में रोड़ी विधानसभा सीट से पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के सामने उनके ही छोटे भाई रणजीत सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद साल 2009 में डबवाली से अजय चौटाला इनेलो के प्रत्याशी थे तो उनके चचेरे भाई रवि चौटाला ने बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा था।