हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव चरखी में शुक्रवार को एक शराब ठेके में सेल्समैन के साथ मारपीट कर नगदी लूटने व तोड़फोड़ करने का मामला सामने आया है। शराब ठेका संचालक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की है। ठेकेदार ने पुलिस को शिकायत देकर घटना को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। ठेका संचालक हंसराज उर्फ हंसा ने बताया कि शुक्रवार को शराब ठेके पर सेल्समैन जयदीप मौजूद था। करीब 10-12 लोग शराब ठेके पर पहुंचे थे। जिन्होंने ठेके के अंदर घुसकर सेल्समैन के साथ मारपीट की और ठेके के गल्ले से 70 से 80 हजार रुपए की नकदी लूट ली व ठेके के अंदर काफी तोड़फोड़ की है। उसने बताया कि बड़ी मात्रा में शराब की कांच की बोतलें फोड़ी गई है और बोतलों को ठेके के अंदर से बाहर फेंका गया है। जिससे उसे काफी नुकसान हुआ है। उसने बताया कि घटना की जानकारी डायल 112 पर कॉल कर दी गई थी जिसके बाद ईआरवी टीम मौके पर पहुंची थी लेकिन तब तक उक्त लोग वहां से जा चुके थे। बाद में सदर थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उसने पुलिस को शिकायत देकर उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिसके आधार पर पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव चरखी में शुक्रवार को एक शराब ठेके में सेल्समैन के साथ मारपीट कर नगदी लूटने व तोड़फोड़ करने का मामला सामने आया है। शराब ठेका संचालक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की है। ठेकेदार ने पुलिस को शिकायत देकर घटना को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। ठेका संचालक हंसराज उर्फ हंसा ने बताया कि शुक्रवार को शराब ठेके पर सेल्समैन जयदीप मौजूद था। करीब 10-12 लोग शराब ठेके पर पहुंचे थे। जिन्होंने ठेके के अंदर घुसकर सेल्समैन के साथ मारपीट की और ठेके के गल्ले से 70 से 80 हजार रुपए की नकदी लूट ली व ठेके के अंदर काफी तोड़फोड़ की है। उसने बताया कि बड़ी मात्रा में शराब की कांच की बोतलें फोड़ी गई है और बोतलों को ठेके के अंदर से बाहर फेंका गया है। जिससे उसे काफी नुकसान हुआ है। उसने बताया कि घटना की जानकारी डायल 112 पर कॉल कर दी गई थी जिसके बाद ईआरवी टीम मौके पर पहुंची थी लेकिन तब तक उक्त लोग वहां से जा चुके थे। बाद में सदर थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उसने पुलिस को शिकायत देकर उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिसके आधार पर पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में हार के बाद बोले दिव्यांशु बुद्धिराजा:सड़क पर लड़ेंगे जनता की लड़ाई, खट्टर जिम्मेदारी से हटे तो चैन नहीं सोने दूंगा
करनाल में हार के बाद बोले दिव्यांशु बुद्धिराजा:सड़क पर लड़ेंगे जनता की लड़ाई, खट्टर जिम्मेदारी से हटे तो चैन नहीं सोने दूंगा करनाल लोकसभा सीट हारने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने लोकसभा की जनता के साथ-साथ कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी आभार जताया है। दिव्यांशु ने कहा कि 2019 के मुकाबले 2024 में कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है और पीछे जो मार्जिन साढ़े छह लाख का था, वह सिर्फ सवा दो लाख पर सिमट गया है। जनता का निर्णय हमें स्वीकार है और मंथन किया जा रहा है कि किस बूथ पर हम जीते है और किस बूथ पर वोट हमारी उम्मीदों के अनुकूल नहीं आ पाए, उसका विशलेषण करेंगे। हरियाणा के माहौल की अगर बात की जाए तो 10 में से 5 सीटे कांग्रेस के खाते में गई है। उन्होंने कहा कि, यह इस बात का संकेत है कि बीजेपी से हरियाणा की जनता नाखुश है, क्योंकि मोदी फैक्टर भी चुनावों में थोड़ा बहुत ही रहा है। केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार होते हुए भी हरियाणा में पांच सीट ही बीजेपी को मिली है और जनता ने व्यक्त कर दिया है कि वे बीजेपी से नाखुश है। विधानसभा चुनावों की राह तय करेगा लोकसभा का परिणाम
दिव्यांशु ने कहा कि लोकसभा चुनावों में जो जनादेश आया है, उसका असर आने वाले विधानसभा चुनावों में देखने को जरूर मिलेगा, क्योंकि लोग बीजेपी से खुश नहीं है और विधानसभा में कांग्रेस की सरकार बनेगी, क्योंकि बीजेपी 10 सीटों पर बात करती थी, वह आज बराबर आकर खड़ी हो गई। अगर विधानसभा क्षेत्रों पर दृष्टि डाली जाए तो हरियाणा में कांग्रेस 46 सीट लेकर जाएगी।
सड़कों पर लड़ी जाएगी जनता की लड़ाई दिव्यांशु ने कहा कि जनता ने मुझे पर विश्वास जताया। अगर संसद में जाता तो उनकी लड़ाई संसद में लड़ता, लेकिन जो जनादेश दिया है उसको हाथ जोड़कर स्वीकार करता हूं और करनाल और पानीपत की जनता की लड़ाई सड़कों पर लड़ने का काम करूंगा। संसद नहीं तो सड़क ही सही। मतदाताओं से भी अपील करूंगा कि अगर आपको रात के 12 बजे भी किसी तरह की कोई परेशानी हो, तो मेरा नंबर 24 घंटे ऑन है, अगर कोई परेशानी है और मेरे लायक कोई सेवा है तो हर वक्त उपलब्ध रहूंगा। इसके अलावा जिन मतदाताओं ने बीजेपी पर विश्वास जताया है उन सबके लिए भी आपका बेटा आपका भाई हमेशा खड़ा रहेगा। मनोहर लाल खट्टर की जिम्मेदारी अब बढ़ गई है, अगर मनोहर लाल खट्टर अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहते हैं तो उनको चैन की नींद में भी सोने नहीं दूंगा।
हरियाणा में नवीन-जयप्रकाश को एक-दूसरे के गढ़ से वोटिंग:कलायत से नवीन और हिसार शहर से जयप्रकाश को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले
हरियाणा में नवीन-जयप्रकाश को एक-दूसरे के गढ़ से वोटिंग:कलायत से नवीन और हिसार शहर से जयप्रकाश को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले राजनीति में न कोई दुश्मन होता है और न ही कोई दोस्त। कोई नहीं कह सकता कि किसकी कहां जरूरत पड़ जाए। राजनीति का यही सिद्धांत हरियाणा लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। अगर कुरुक्षेत्र और हिसार लोकसभा चुनाव की बात करें तो दोनों लोकसभा में एक बात कॉमन रही कि दोनों क्षेत्रों के जीतने वाले उम्मीदवार एक दूसरे की जगह से चुनाव लड़ रहे थे। हिसार के नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा और कुरुक्षेत्र लोकसभा के कलायत विधानसभा के जयप्रकाश हिसार से लोकसभा उम्मीदवार रहे और दोनों ने ही नजदीकी मुकाबले में जीत हासिल की। सबसे खास बात यह है कि दोनों के हलकों में एक दूसरे को उम्मीद से अधिक वोट मिले जिससे उनकी जीत की राह आसान हो गई। कुरुक्षेत्र से भाजपा के नवीन जिंदल को 542175 वोट मिले और वह 29021 वोट से जीते।वहीं कांग्रेस के जयप्रकाश को हिसार से 570424 वोट मिले और वह करीब 63381 वोटों से जीते। कलायत में नवीन को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले हिसार से लोकसभा चुनाव जीते जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा के रहने वाले हैं और यहां के पूर्व विधायक रह चुके हैं। कलायत में जयप्रकाश का अच्छा प्रभाव है। हालांकि भाजपा की कमलेश ढांडा यहां से विधायक है मगर वह अपने बूथ से नवीन जिंदल को नहीं जितवा पाई। नवीन जिंदल को ऐसे में कलायत से उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। हालांकि वह कलायत में 14 हजार से अधिक वोटों से हार गए मगर यह मार्जिन उनके लिए सुखद रहा। कलायत से नवीन जिंदल को 49622 और गठबंधन के नेता सुशील गुप्ता को 64059 वोट मिले। हिसार में दोगुने वोट ले गए जयप्रकाश भाजपा के रणजीत चौटाला की हार में सबसे बड़ा योगदान हिसार विधानसभा का रहा। यहां से रणजीत को उम्मीद की कि वह 70 हजार वोट से लीड करेंगे मगर ऐसा हुआ नहीं। नवीन जिंदल के गढ़ माने वाले हिसार से जयप्रकाश को बंपर वोट मिले। यह वोट 2019 के मुकाबले दोगुने थे जब भव्य बिश्नोई कांग्रेस के उम्मीदवार थे। हिसार विधानसभा में जयप्रकाश को 33966 वोट मिले वहीं भाजपा के रणजीत चौटाला को 70571 वोट मिले। जयप्रकाश हिसार से 36605 वोट से हार गए मगर यहां लीड का मार्जिन उनके लिए अच्छा रहा। हिसार में पंजाबी और बनिया बेल्ट में जेपी को वोट पड़े हिसार में जिंदल परिवार को अच्छा होल्ड माना जाता है। हालांकि दो बार से जिंदल परिवार यहां की राजनीति से बाहर है मगर उनका रसूख फिर भी हिसार में है। जयप्रकाश को जहां हिसार में बूथों पर बैठने के लिए एजेंट भी नहीं मिल रहे थे ऐसे में उनका हिसार से 33966 वोट ले जाने से भाजपा भी हैरान है। जयप्रकाश को उन बूथों से बराबरी के वोट मिले हैं जहां से भाजपा को एक तरफा वोट की उम्मीद थी। यह बूथ पंजाबी और बनिया बेल्ट में हैं। नवीन सुरजेवाला के गढ़ में जीते, जयप्रकाश आदमपुर से जीते यहां भी दो जगह कॉमन चीज है। कुरुक्षेत्र की कैथल विधानसभा जहां कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला का प्रभाव है वहां से नवीन जिंदल अच्छे वोटों से जीते हैं। कैथल में नवीन जिंदल गठबंधन प्रत्याशी से 16 हजार से अधिक वोटों से जीते। इसी तरह आदमपुर में जयप्रकाश को 59540 वोट मिले जबकि रणजीत चौटाला 53156 मत मिले। जयप्रकाश यहां से 6384 वोट से जीते।
हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार
हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार हरियाणा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव हार गई है। इस बार पार्टी को 37 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर प्रदेश में बहुमत हासिल किया है। इस हार के बाद कांग्रेस ने EVM को भाजपा की जीत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, अपनी हार की समीक्षा ही नहीं की। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने प्रदेश में भाजपा की जीत में खामियां बताकर अपने खराब प्रदर्शन को ढंकने की कोशिश की है। इससे पहले साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा की जीत के ही कारण गिनाए। पार्टी ने खुद की कमियां नहीं बताईं और न ही किसी नेता ने हार की जिम्मेदारी ली। राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लगातार सत्ता से बाहर रहने का कारण भी यही है। वह हार के कारणों को जानकर उन पर काम करने के बजाय भाजपा की जीत के कारण गिनाने लगते हैं। इससे पार्टी नेताओं की अपनी खामियां छिप जाती हैं, और अगले चुनाव के लिए पार्टी कोई बेहतर प्लेटफॉर्म नहीं बना पाती। टर्म बाई टर्म जानिए, कांग्रेस ने हार के क्या कारण बताए… 2014 : मोदी लहर में जीती भाजपा
हरियाणा में साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सरकार गंवाई। उसी साल देश में लोकसभा चुनाव भी हुए थे, जिनमें मोदी लहर के दम पर भाजपा ने केंद्र में अपनी सरकार बनाई। इसी के कुछ समय बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी हुए, जिनमें भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में ही वोट मांगे। इस चुनाव में भाजपा ने हरियाणा में 47 सीटें जीतीं और पहली बार बहुमत की सरकार बनाई। जबकि, कांग्रेस को साल 2014 में 14 सीटों पर जीत मिली। जब इस हार की समीक्षा की गई तो पार्टी नेताओं ने देश में प्रधानमंत्री मोदी की लहर को भाजपा की जीत का कारण बताया। जबकि, किसी भी नेता ने अपनी हार की जिम्मेदारी नहीं ली। 2019 : भाजपा को पुलवामा अटैक का फायदा मिला
कांग्रेस ने 2014 की अंदरुनी गलतियों को भुलाकर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा। इस बार पार्टी के अंदर गुटबाजी हुई। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का एक गुट बन गया और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी का एक गुट बन गया। इनके समर्थक अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे, और इसका लाभ भाजपा उठा ले गई। इस चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ हवा थी, फिर भी भाजपा 41 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और जन नायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर दूसरी बार सरकार बना ली। वहीं, कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। इस हार का समीक्षा में कांग्रेस ने नया बहाना लगाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि 2019 की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भाजपा ने फायदा उठाया है। शहीदों के नाम पर भाजपा ने वोट मांगे, जिससे उन्हें सहानुभूति वोट मिला है। कांग्रेस ने इस हार की जिम्मेदारी लिए बगैर इसे ऐसे ही छोड़ दिया। 2024 : EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती
10 साल की एंटीइनकंबेंसी के बावजूद भाजपा ने 2024 का चुनाव भी अकेले लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस भी अकेले चुनावी मैदान में उतरी। शुरुआत से ही प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल रहा। हर तरफ लोग कांग्रेस को ही वोट देने और सरकार बदलने की बात करते नजर आए। भाजपा इस चुनाव में हर पॉइंट पर बैकफुट पर थी, लेकिन भाजपा ने इस बार भी कांग्रेस की अंदरुनी कलह का फायदा उठाया। इस बार भी कांग्रेस के अंदर गुट बने रहे। हुड्डा गुट ने अधिपत्य दिखाते हुए हरियाणा की ज्यादातर सीटों पर टिकट अपने चहेतों को दिलवाए। वहीं, दूसरी तरफ कुमारी सैलजा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की जुगत में लगी रहीं। इसी बीच चुनाव प्रचार में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कुछ बयानबाजी भी की जिससे दोनों के समर्थक नाराज हुए। इस कलह ने आम वोटर पर भी असर डाला और भाजपा ने इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस की हवा को अपने पाले में कर लिया। जब नतीजा आया तो कांग्रेस पूरी हवा होने के बावजूद 37 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा 48 सीटें जीतकर तीसरी बार बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही। जब इस हार की समीक्षा की बात उठी तो पूर्व CM हुड्डा समेत कई नेताओं ने EVM में गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया। कहा कि चुनाव के दौरान EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती है। 10 साल, 3 प्रदेशाध्यक्ष… पर संगठन तक नहीं बना पाए
हरियाणा में कांग्रेस का 10 साल से संगठन नहीं बना है। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर 3 अध्यक्ष आ चुके हैं। इनमें अशोक तंवर, कुमारी सैलजा से लेकर उदयभान तक शामिल हैं। गुटबाजी के चलते आज तक कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष भी तय नहीं कर पाई है। लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान को सूची भेजी गई थी, लेकिन आज तक हाईकमान इसे जारी करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया है। संगठन न होने के चलते कांग्रेस के बस्ते पकड़ने वालों तक की कमी रही। हरियाणा में हार पर क्या-क्या बोले कांग्रेस नेता… 1. प्रदेश अध्यक्ष बोले- खास EVM , जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने हार के बाद कहा कि हमारे पास 20 शिकायतें आईं, जिनमें 7 लिखित हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन कुछ खास EVM थीं, जिनकी बैटरी 99% चार्ज दिखा रही थी। इनसे BJP को ज्यादा वोट मिले। मतगणना के बाद बैटरी इतनी चार्ज नहीं रह सकती। हमारे संदेह का यह सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि बाकी जो सामान्य EVM थी, उनकी बैटरी 60 से 70% थी। उसमें BJP नहीं जीत रही थी। इस बारे में हमने आयोग को बता दिया है। हमने कहा है कि जिन मशीनों की शिकायत की गई है, उन्हें जांच पूरी होने तक सील किया जाए। आयोग ने हमें जांच का भरोसा दिया है। 2. गोगी बोले- हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई
करनाल की असंध सीट से 2306 वोटों से हारे शमशेर गोगी ने कहा कि एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। अब हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। अगर शीर्ष नेतृत्व ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई तो वह सारी बातें रखेंगे। शमशेर गोगी ने कहा कि हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई है, कांग्रेस की नहीं। 3. परविंदर परी बोले- कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया
अंबाला कैंट से हारे परविंदर परी ने कहा कि एक ही छत के नीचे रहने वाले नेता, जो 6 बार चुनाव हारते हैं, उसके बाद कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है। बीडी गैंग यानी भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा गैंग ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों को उतार कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया। चुनाव हारना और चुनाव हराना दोनों में फर्क होता है। पार्टी ने ही बागी उम्मीदवार को कैंडिडेट उतार कर हमें अपनी पूरी मंशा के तहत हराया है। हमें लगता है कि सैलजा सही टाइम पर आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और होते। 4. सैलजा बोलीं- तालमेल नहीं रखा गया
कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी को राज्य में सींचा नहीं गया, तालमेल नहीं रखा गया, कौन से लोग थे जो सबको साथ लेकर चलने के जिम्मेदार थे? ये भी बातें हैं। राज्य में क्या संदेश गया है। किस लिए लोग कांग्रेस की सरकार बनाते हुए पीछे हट गए? ये सब बातें देखनी पड़ेंगी।