जींद जिले के सेना नायक मनु श्योकंद का रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। मनु श्योकंद को कल यानि 8 जून को ही ड्यूटी पर लौटना था। ड्यूटी पर जाने से पहले डूमरखां खुर्द निवासी मनु परिवार के साथ खाटू श्याम के दर्शनों के लिए गया था। वहां से लौटते समय हादसा हो गया और ये सफर मनु का आखिरी सफर बन गया। मनु परिवार का इकलौता बेटा था, उसकी मौत से पूरा परिवार सदमे हैं। माता-पिता की आंखों से आंसू नहीं सूख रहे हैं। मनु की पत्नी, बेटा-बेटी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल हैं, बच्चों को अभी तक ये भी नहीं पता कि उनका पिता का निधन हो चुका है। शुक्रवार देर शाम को सैन्य सम्मान के साथ मनु श्योकंद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। सेना की टुकड़ी ने सलामी दी। ड्यूटी पर लौटने से पहले गया था खाटू श्याम दर्शन के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मनु के निधन पर शोक जताया है। 31 वर्षीय मनु 6 दिव्य ब्रिगेड में तैनात था और वर्तमान में उनकी ड्यूटी रायवाला, हरिद्वार (उत्तराखंड) में थी। 8 मई को मनु एक माह की छुट्टी पर आया था और 8 जून को उसे वापस लौटना था। 5 जून को मनु अपनी पत्नी, बेटी गीत और बेटे दीप, बहन तथा जीजा के साथ बाबा खाटू श्याम के दर्शनों के लिए गया था। वहां से वापस लौटते समय हिसार-राजगढ़ रोड पर सिवानी के गैंडावास के पास ब्रेजा गाड़ी के आगे अचानक से नीलगाय आ गई और गाड़ी बेकाबू हो गई। इससे सड़क पर साइड में खड़ी ट्रैवलर गाड़ी में जा घुसी। गाड़ी को मनु का जीजा चला रहा था तथा मनु कंडक्टर साइड में बैठा था। टक्कर लगते ही बंपर टूटकर मनु की गर्दन में घुस गया और उसकी ऑन स्पॉट मौत हो गई। बाकी घायलों को हिसार के निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवाया गया है। मनु की पत्नी, दोनों बच्चों को चोटें आई हैं। मनु के चाचा भी BSF से रिटायर्ड हैं। मनु के पिता नसीब शुगर मिले में लगे हुए हैं। मनु परिवार का इकलौता बेटा था। मनु अपने पीछे पत्नी किरण, बेटा दीप, बेटी गीत, माता-पिता को छोड़ गया। 2014 में लगा था आर्मी में मनु
मनु साल 2014 में आर्मी में भर्ती हुआ था। फिलहाल उत्तराखंड में उसकी ड्यूटी थी। चार साल ही रिटायरमेंट के लिए बचे थे। आठ मई को छुट्टी आने के बाद आठ जून को वापस ड्यूटी पर जाने से पहले ही मनु हादसे का शिकार हो गया। मनु की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। मासूम बेटों को पता भी नहीं है कि उनके सिर अब पिता का साया नहीं रहा। पिता नसीब को अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि उसका बेटा उसे छोड़कर चला गया। मनु बास्केटबॉल और हैंडबॉल का खिलाड़ी रहा है और बहुत ही शांत और सरल तथा हंसमुख स्वभाव का लड़का था। जींद जिले के सेना नायक मनु श्योकंद का रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। मनु श्योकंद को कल यानि 8 जून को ही ड्यूटी पर लौटना था। ड्यूटी पर जाने से पहले डूमरखां खुर्द निवासी मनु परिवार के साथ खाटू श्याम के दर्शनों के लिए गया था। वहां से लौटते समय हादसा हो गया और ये सफर मनु का आखिरी सफर बन गया। मनु परिवार का इकलौता बेटा था, उसकी मौत से पूरा परिवार सदमे हैं। माता-पिता की आंखों से आंसू नहीं सूख रहे हैं। मनु की पत्नी, बेटा-बेटी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल हैं, बच्चों को अभी तक ये भी नहीं पता कि उनका पिता का निधन हो चुका है। शुक्रवार देर शाम को सैन्य सम्मान के साथ मनु श्योकंद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। सेना की टुकड़ी ने सलामी दी। ड्यूटी पर लौटने से पहले गया था खाटू श्याम दर्शन के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मनु के निधन पर शोक जताया है। 31 वर्षीय मनु 6 दिव्य ब्रिगेड में तैनात था और वर्तमान में उनकी ड्यूटी रायवाला, हरिद्वार (उत्तराखंड) में थी। 8 मई को मनु एक माह की छुट्टी पर आया था और 8 जून को उसे वापस लौटना था। 5 जून को मनु अपनी पत्नी, बेटी गीत और बेटे दीप, बहन तथा जीजा के साथ बाबा खाटू श्याम के दर्शनों के लिए गया था। वहां से वापस लौटते समय हिसार-राजगढ़ रोड पर सिवानी के गैंडावास के पास ब्रेजा गाड़ी के आगे अचानक से नीलगाय आ गई और गाड़ी बेकाबू हो गई। इससे सड़क पर साइड में खड़ी ट्रैवलर गाड़ी में जा घुसी। गाड़ी को मनु का जीजा चला रहा था तथा मनु कंडक्टर साइड में बैठा था। टक्कर लगते ही बंपर टूटकर मनु की गर्दन में घुस गया और उसकी ऑन स्पॉट मौत हो गई। बाकी घायलों को हिसार के निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवाया गया है। मनु की पत्नी, दोनों बच्चों को चोटें आई हैं। मनु के चाचा भी BSF से रिटायर्ड हैं। मनु के पिता नसीब शुगर मिले में लगे हुए हैं। मनु परिवार का इकलौता बेटा था। मनु अपने पीछे पत्नी किरण, बेटा दीप, बेटी गीत, माता-पिता को छोड़ गया। 2014 में लगा था आर्मी में मनु
मनु साल 2014 में आर्मी में भर्ती हुआ था। फिलहाल उत्तराखंड में उसकी ड्यूटी थी। चार साल ही रिटायरमेंट के लिए बचे थे। आठ मई को छुट्टी आने के बाद आठ जून को वापस ड्यूटी पर जाने से पहले ही मनु हादसे का शिकार हो गया। मनु की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। मासूम बेटों को पता भी नहीं है कि उनके सिर अब पिता का साया नहीं रहा। पिता नसीब को अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि उसका बेटा उसे छोड़कर चला गया। मनु बास्केटबॉल और हैंडबॉल का खिलाड़ी रहा है और बहुत ही शांत और सरल तथा हंसमुख स्वभाव का लड़का था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
