लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष एवं केंद्र सरकार के मंत्री चिराग पासवान की डिग्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने मीडिया में दावा किया था, चिराग के पास B.Tech की डिग्री नहीं है। उन्होंने यहां एडमिशन तो लिया, लेकिन सिर्फ पहले सेमेस्टर की परीक्षा ही दी थी। डिग्री विवाद के बीच प्रोफेसर के इस दावे से खलबली मच गई। इसके बाद बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय मंत्री का शैक्षिक रिकॉर्ड खंगाला। इसमें वे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में 3 सेमेस्टर में पास मिले हैं। केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में भी बीयू से इंजीनियरिंग विभाग से सेकेंड सेमेस्टर की ही पढ़ाई करने का उल्लेख किया है। डिग्री का नहीं। प्रोफेसर के बयान से मामले ने पकड़ा तूल
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की शैक्षिक योग्यता को लेकर बिहार के एक व्यक्ति ने कोर्ट और चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से ली गई चिराग पासवान की डिग्री फर्जी है। इसी बीच यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने मीडिया में बयान दिया चिराग एडमिशन के बाद पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए। इसके बाद चिराग पासवान व्यक्तिगत कारणों से बाकी के सेमेस्टर एग्जाम में शामिल नहीं हुए। इससे उनका B.Tech डिस्कंटीन्यू हो गया। इस बयान के बाद मामला और तूल पकड़ गया। कुलसचिव बोले- 3 सेमेस्टर पास है चिराग
प्रोफेसर के दावे के बाद आनन-फानन में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री के शैक्षिक रिकॉर्ड को खंगालना शुरू किया। यूनिवर्सिटी के कुलसचिव विनय कुमार सिंह का कहना है कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने 2003-04 में बीयू के इंजीनियरिंग विभाग में प्रवेश लिया था। 2005 में उन्होंने प्रथम, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर पास किया है। बृजेंद्र शुक्ला ने याददाश्त के आधार पर ये बयान दिया है। जबकि, उन्हें रिकॉर्ड देखने के बाद ही कुछ कहना चाहिए था। उनको सावधानी बरतनी चाहिए थी। शिक्षक को बुलाकर बात की गई है। चुनावी हलफनामे में चिराग ने खुद को B.Tech सेकेंड सेमेस्टर दिखाया दूसरी तरफ, चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव- 2024 के हलफनामे में खुद को कंप्यूटर साइंस से B.Tech (सेकेंड सेमेस्टर) दिखाया है। इसमें लिखा है- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, साल 2005 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर), झांसी। केंद्रीय मंत्री चिराग की लोकसभा सदस्यता को चुनौती
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की हाजीपुर से लोकसभा सदस्यता को लेकर भी चुनौती दी गई है। उन पर रेप जैसे संगीन केस की जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस कारण उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। साथ ही चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है। तीनों जगह अपील कर हाजीपुर से उनकी लोकसभा की सदस्यता को खत्म किए जाने की मांग की गई है। यह आरोप पटना के रहने वाले राकेश सिंह ने लगाया है। राकेश खुद को भाजपा नेता बताते हैं। हालांकि, भाजपा ने इसका खंडन किया है। आरोप है कि खगड़िया के शहरबन्नी में पैतृक संपत्ति की भी सही जानकारी चिराग पासवान ने अपने हलफनामा में नहीं दी है। सही तथ्यों को छिपाया है। आरोप लगाने वाले का कहना है, उनकी अपील पर डायरी हो गई है और टोकन नंबर भी मिल गया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम और रिटर्निंग अफसर को रेस्पोंडेंट बनाया है। शिकायत में चिराग की बीटेक की डिग्री पर भी सवाल उठाया है। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष एवं केंद्र सरकार के मंत्री चिराग पासवान की डिग्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने मीडिया में दावा किया था, चिराग के पास B.Tech की डिग्री नहीं है। उन्होंने यहां एडमिशन तो लिया, लेकिन सिर्फ पहले सेमेस्टर की परीक्षा ही दी थी। डिग्री विवाद के बीच प्रोफेसर के इस दावे से खलबली मच गई। इसके बाद बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय मंत्री का शैक्षिक रिकॉर्ड खंगाला। इसमें वे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में 3 सेमेस्टर में पास मिले हैं। केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में भी बीयू से इंजीनियरिंग विभाग से सेकेंड सेमेस्टर की ही पढ़ाई करने का उल्लेख किया है। डिग्री का नहीं। प्रोफेसर के बयान से मामले ने पकड़ा तूल
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की शैक्षिक योग्यता को लेकर बिहार के एक व्यक्ति ने कोर्ट और चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से ली गई चिराग पासवान की डिग्री फर्जी है। इसी बीच यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने मीडिया में बयान दिया चिराग एडमिशन के बाद पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए। इसके बाद चिराग पासवान व्यक्तिगत कारणों से बाकी के सेमेस्टर एग्जाम में शामिल नहीं हुए। इससे उनका B.Tech डिस्कंटीन्यू हो गया। इस बयान के बाद मामला और तूल पकड़ गया। कुलसचिव बोले- 3 सेमेस्टर पास है चिराग
प्रोफेसर के दावे के बाद आनन-फानन में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री के शैक्षिक रिकॉर्ड को खंगालना शुरू किया। यूनिवर्सिटी के कुलसचिव विनय कुमार सिंह का कहना है कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने 2003-04 में बीयू के इंजीनियरिंग विभाग में प्रवेश लिया था। 2005 में उन्होंने प्रथम, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर पास किया है। बृजेंद्र शुक्ला ने याददाश्त के आधार पर ये बयान दिया है। जबकि, उन्हें रिकॉर्ड देखने के बाद ही कुछ कहना चाहिए था। उनको सावधानी बरतनी चाहिए थी। शिक्षक को बुलाकर बात की गई है। चुनावी हलफनामे में चिराग ने खुद को B.Tech सेकेंड सेमेस्टर दिखाया दूसरी तरफ, चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव- 2024 के हलफनामे में खुद को कंप्यूटर साइंस से B.Tech (सेकेंड सेमेस्टर) दिखाया है। इसमें लिखा है- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, साल 2005 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर), झांसी। केंद्रीय मंत्री चिराग की लोकसभा सदस्यता को चुनौती
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की हाजीपुर से लोकसभा सदस्यता को लेकर भी चुनौती दी गई है। उन पर रेप जैसे संगीन केस की जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस कारण उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। साथ ही चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है। तीनों जगह अपील कर हाजीपुर से उनकी लोकसभा की सदस्यता को खत्म किए जाने की मांग की गई है। यह आरोप पटना के रहने वाले राकेश सिंह ने लगाया है। राकेश खुद को भाजपा नेता बताते हैं। हालांकि, भाजपा ने इसका खंडन किया है। आरोप है कि खगड़िया के शहरबन्नी में पैतृक संपत्ति की भी सही जानकारी चिराग पासवान ने अपने हलफनामा में नहीं दी है। सही तथ्यों को छिपाया है। आरोप लगाने वाले का कहना है, उनकी अपील पर डायरी हो गई है और टोकन नंबर भी मिल गया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम और रिटर्निंग अफसर को रेस्पोंडेंट बनाया है। शिकायत में चिराग की बीटेक की डिग्री पर भी सवाल उठाया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर