कोख में बेटा है या बेटी, 40 हजार में बताएंगे:यूपी के अस्पतालों में भ्रूण लिंग जांच का खेल; लखनऊ से लखीमपुर तक फैला जाल

कोख में बेटा है या बेटी, 40 हजार में बताएंगे:यूपी के अस्पतालों में भ्रूण लिंग जांच का खेल; लखनऊ से लखीमपुर तक फैला जाल

मेल-फीमेल कराएंगे आप? अच्छा, लखीमपुर जाना पड़ेगा। ऐसा है आप आ जाइए, फोन पर ये सब बातें नहीं होतीं। कड़े कानूनों के बाद भी यह बात लखनऊ में एक डॉक्टर प्रेग्नेंट महिला से कह रहा है। दरअसल, आज भी लोग बेटियों की जगह बेटा पैदा करना चाहते हैं। बेटियां उन्हें बोझ लगती हैं। इसलिए भ्रूण के लिंग की जांच कराकर यह संतुष्टि कर लेना चाहते हैं कि कोख में बेटा ही है। लोगों की इसी मानसिकता का फायदा डॉक्टर उठा रहे हैं। यही वजह है, देश के सबसे बड़े सूबे की राजधानी लखनऊ तक में भ्रूण के लिंग की धड़ल्ले से जांच कराई जा रही है। यह बात सामने आने के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने दो अस्पतालों का स्टिंग किया, जहां 12 से 40 हजार रुपए खर्च कर आसानी से भ्रूण के लिंग के बारे में पता चल जाता है। इस पूरे सिंडिकेट की हर कड़ी का सच जानने के लिए हमने साथी महिला को इसमें शामिल किया। लखनऊ में मड़ियांव थाने से चंद कदम की दूरी पर शालिनी हॉस्पिटल है, जहां दलालों के जरिए ये काम किया जाता है। दुबग्गा रोड पर ‘निदान हॉस्पिटल’ में भी ऐसा ही हो रहा है। इस काम में दलाल से लेकर पूरा सिंडिकेट लखनऊ से लेकर लखीमपुर जिले तक काम कर रहा है। हमारे कैमरे में जो कहानी रिकॉर्ड हुई, वह चौंकाने वाली है। हमने स्टिंग में जाना, बेटियों को गर्भ में मारने की प्लानिंग का पहला हिस्सा कैसे शुरू होता है? इस नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल हैं? इसके लिए कितने रुपए लिए जा रहे हैं? 1- शालिनी हॉस्पिटल: डॉक्टर बोले- सिर्फ 12 हजार में आप आसानी से जान जाएंगे हमारे सोर्स ने मड़ियांव रोड स्थित शालिनी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर का नंबर दिया था। हमने उस पर कॉल किया। पढ़िए क्या बातचीत हुई? रिपोर्टर – डॉक्टर साहब, मुझे ये नंबर आपके किसी जानने वाले से मिला है। डॉक्टर – अच्छा। रिपोर्टर – डॉक्टर साहब आपसे मुलाकात करनी थी। वाइफ प्रेग्नेंट है। उसी संबंध में आपसे मिलना था। डॉक्टर – आइए हॉस्पिटल में मुलाकात होती है आपसे। रिपोर्टर – डॉक्टर साहब, वो कहना ये था कि वाइफ 4 महीने की प्रेग्नेंट है। 2 बेटियां हो चुकी हैं। अगर इस बार कुछ पता चल जाए। डॉक्टर – मेल-फीमेल कराएंगे आप? अच्छा, लखीमपुर जाना पड़ेगा। ऐसा है, आप आ जाइए फोन पर ये सब बातें नहीं होतीं। अब हम अपनी जान-पहचान की महिला, जिसे प्रेग्नेंट वाइफ बताया था, उसे लेकर शालिनी हॉस्पिटल पहुंचे। शालिनी हॉस्पिटल का संचालक बिना किसी डर के लिंग परीक्षण को तैयार हो गया। अब हम जानना चाहते थे कि खर्च कितना आएगा? डॉक्टर मनोज सिंह ने बताया कि गर्भ में लड़का है या लड़की, यह बात आप 12 हजार में आसानी से जान जाएंगे। उसने कहा, 12 हजार हमारे यहां जमा होंगे। मेरा लड़का आप दोनों को साथ में लेकर लखीमपुर जाएगा। वहां काफी वरिष्ठ डॉक्टर हैं, जो अल्ट्रासाउंड करके बता देंगी कि गर्भ में क्या पल रहा है? मनोज सिंह ने बताया- लखीमपुर में जहां जांच होती है, वहां आपके मोबाइल जमा करा लिए जाएंगे। डॉक्टर सिर्फ आपको मौखिक रूप से बताएंगी कि लड़का है या लड़की। लिखित में कोई रिपोर्ट नहीं दी जाएगी। हमने मशविरा कर फिर आने की बात कही और वहां से निकल गए। लखनऊ में और कहां ये काम हो रहा है, इस बात का पता कर हम दुबग्गा रोड पर ‘निदान हॉस्पिटल’ पहुंचे। जब हमने हॉस्पिटल स्टाफ से पूछा, क्या यहां अल्ट्रासाउंड होता है, तो उसने हामी भरी। पूछा, किसका कराना है? हमने बताया, वाइफ का। उसने पूछा साथ हैं? हमने कहा, अभी नहीं। उसने अपने हेड सर से फोन पर बात की और सब बताया। फिर उनसे मिलने के लिए कहा। हमें सीधे हॉस्पिटल के मालिक ब्रह्मांश से मिलवाया गया। वहां ऐसा लगा मानो खुलेआम भ्रूण परीक्षण करने के लिए लोग बैठे हों। रिपोर्टर के आग्रह पर हॉस्पिटल मालिक ब्रह्मांश ने सीधे तौर पर कहा रकम खर्च करनी पड़ेगी, काम हो जाएगा। 2 – निदान हॉस्पिटल: मालिक बोले- लोग तो 80 हजार तक देने को तैयार हैं ऐसे काम कर रहा है नेटवर्क
सरकारी अस्पतालों और जच्चा-बच्चा केंद्र के आसपास दलाल सक्रिय रहते हैं। बेटे की इच्छा रखने वाले दंपती को लिंग परीक्षण का भरोसा दिलाते हैं। फिर उन्हें अस्पताल में भेज दिया जाता है, जहां डील होती है। जिस अस्पताल में भ्रूण लिंग परीक्षण की डील होती है, वहां जांच नहीं कराई जाती। इसके लिए दूसरे सोनोग्राफी सेंटर भेजा जाता है। कई बार यह दूसरे जिले में होता है। वहां मोबाइल रखवा लिया जाता है। जांच के दौरान या बाद में वहीं पर बता दिया जाता है कि लड़का या लड़की। यहां से अबॉर्शन की दूसरी कड़ी शुरू होती है। बताया जाता है कि किस अस्पताल या डॉक्टर के यहां अबॉर्शन होगा? रेट 12 हजार से 40 हजार तक
लखनऊ में भ्रूण लिंग परीक्षण कराने का रेट अलग-अलग है। अगर दलाल के माध्यम से अस्पताल तक पहुंचे, तो ज्यादा रेट लगेगा। अगर डायरेक्ट अस्पताल से कॉन्टेक्ट किया, तो कम रुपए लगेंगे। जैसे शालिनी हॉस्पिटल में 12 हजार रुपए मांगे गए। दलाल के माध्यम से पहुंचने पर रेट ज्यादा होता है। वहीं, निदान हॉस्पिटल में इस काम के लिए 40 हजार तक मांगे गए। ये भी पढ़ें… यूपी में ट्रैक-स्टेशन छोड़कर रेलवे की बाकी जमीन बिकाऊ:ढाई लाख में 2 कमरे, किराए पर एक हजार की झोपड़ी ‘ये जमीन रेलवे की है, दो कमरे के लिए ढाई लाख रुपए देने पड़ेंगे। पक्की छत डलवाने के लिए पुलिस से समझना पड़ेगा। हम छोटे से थे, तब से सुन रहे हैं ये गिर जाएगा। लेकिन, अभी तक गिरा नहीं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ऐसे नहीं हटा सकते, जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाएगी।’ कानपुर में रेलवे लाइन के किनारे जमीन बेच रहे बेखौफ दलाल ने यह बात कही। पूरी खबर पढ़ें मेल-फीमेल कराएंगे आप? अच्छा, लखीमपुर जाना पड़ेगा। ऐसा है आप आ जाइए, फोन पर ये सब बातें नहीं होतीं। कड़े कानूनों के बाद भी यह बात लखनऊ में एक डॉक्टर प्रेग्नेंट महिला से कह रहा है। दरअसल, आज भी लोग बेटियों की जगह बेटा पैदा करना चाहते हैं। बेटियां उन्हें बोझ लगती हैं। इसलिए भ्रूण के लिंग की जांच कराकर यह संतुष्टि कर लेना चाहते हैं कि कोख में बेटा ही है। लोगों की इसी मानसिकता का फायदा डॉक्टर उठा रहे हैं। यही वजह है, देश के सबसे बड़े सूबे की राजधानी लखनऊ तक में भ्रूण के लिंग की धड़ल्ले से जांच कराई जा रही है। यह बात सामने आने के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने दो अस्पतालों का स्टिंग किया, जहां 12 से 40 हजार रुपए खर्च कर आसानी से भ्रूण के लिंग के बारे में पता चल जाता है। इस पूरे सिंडिकेट की हर कड़ी का सच जानने के लिए हमने साथी महिला को इसमें शामिल किया। लखनऊ में मड़ियांव थाने से चंद कदम की दूरी पर शालिनी हॉस्पिटल है, जहां दलालों के जरिए ये काम किया जाता है। दुबग्गा रोड पर ‘निदान हॉस्पिटल’ में भी ऐसा ही हो रहा है। इस काम में दलाल से लेकर पूरा सिंडिकेट लखनऊ से लेकर लखीमपुर जिले तक काम कर रहा है। हमारे कैमरे में जो कहानी रिकॉर्ड हुई, वह चौंकाने वाली है। हमने स्टिंग में जाना, बेटियों को गर्भ में मारने की प्लानिंग का पहला हिस्सा कैसे शुरू होता है? इस नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल हैं? इसके लिए कितने रुपए लिए जा रहे हैं? 1- शालिनी हॉस्पिटल: डॉक्टर बोले- सिर्फ 12 हजार में आप आसानी से जान जाएंगे हमारे सोर्स ने मड़ियांव रोड स्थित शालिनी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर का नंबर दिया था। हमने उस पर कॉल किया। पढ़िए क्या बातचीत हुई? रिपोर्टर – डॉक्टर साहब, मुझे ये नंबर आपके किसी जानने वाले से मिला है। डॉक्टर – अच्छा। रिपोर्टर – डॉक्टर साहब आपसे मुलाकात करनी थी। वाइफ प्रेग्नेंट है। उसी संबंध में आपसे मिलना था। डॉक्टर – आइए हॉस्पिटल में मुलाकात होती है आपसे। रिपोर्टर – डॉक्टर साहब, वो कहना ये था कि वाइफ 4 महीने की प्रेग्नेंट है। 2 बेटियां हो चुकी हैं। अगर इस बार कुछ पता चल जाए। डॉक्टर – मेल-फीमेल कराएंगे आप? अच्छा, लखीमपुर जाना पड़ेगा। ऐसा है, आप आ जाइए फोन पर ये सब बातें नहीं होतीं। अब हम अपनी जान-पहचान की महिला, जिसे प्रेग्नेंट वाइफ बताया था, उसे लेकर शालिनी हॉस्पिटल पहुंचे। शालिनी हॉस्पिटल का संचालक बिना किसी डर के लिंग परीक्षण को तैयार हो गया। अब हम जानना चाहते थे कि खर्च कितना आएगा? डॉक्टर मनोज सिंह ने बताया कि गर्भ में लड़का है या लड़की, यह बात आप 12 हजार में आसानी से जान जाएंगे। उसने कहा, 12 हजार हमारे यहां जमा होंगे। मेरा लड़का आप दोनों को साथ में लेकर लखीमपुर जाएगा। वहां काफी वरिष्ठ डॉक्टर हैं, जो अल्ट्रासाउंड करके बता देंगी कि गर्भ में क्या पल रहा है? मनोज सिंह ने बताया- लखीमपुर में जहां जांच होती है, वहां आपके मोबाइल जमा करा लिए जाएंगे। डॉक्टर सिर्फ आपको मौखिक रूप से बताएंगी कि लड़का है या लड़की। लिखित में कोई रिपोर्ट नहीं दी जाएगी। हमने मशविरा कर फिर आने की बात कही और वहां से निकल गए। लखनऊ में और कहां ये काम हो रहा है, इस बात का पता कर हम दुबग्गा रोड पर ‘निदान हॉस्पिटल’ पहुंचे। जब हमने हॉस्पिटल स्टाफ से पूछा, क्या यहां अल्ट्रासाउंड होता है, तो उसने हामी भरी। पूछा, किसका कराना है? हमने बताया, वाइफ का। उसने पूछा साथ हैं? हमने कहा, अभी नहीं। उसने अपने हेड सर से फोन पर बात की और सब बताया। फिर उनसे मिलने के लिए कहा। हमें सीधे हॉस्पिटल के मालिक ब्रह्मांश से मिलवाया गया। वहां ऐसा लगा मानो खुलेआम भ्रूण परीक्षण करने के लिए लोग बैठे हों। रिपोर्टर के आग्रह पर हॉस्पिटल मालिक ब्रह्मांश ने सीधे तौर पर कहा रकम खर्च करनी पड़ेगी, काम हो जाएगा। 2 – निदान हॉस्पिटल: मालिक बोले- लोग तो 80 हजार तक देने को तैयार हैं ऐसे काम कर रहा है नेटवर्क
सरकारी अस्पतालों और जच्चा-बच्चा केंद्र के आसपास दलाल सक्रिय रहते हैं। बेटे की इच्छा रखने वाले दंपती को लिंग परीक्षण का भरोसा दिलाते हैं। फिर उन्हें अस्पताल में भेज दिया जाता है, जहां डील होती है। जिस अस्पताल में भ्रूण लिंग परीक्षण की डील होती है, वहां जांच नहीं कराई जाती। इसके लिए दूसरे सोनोग्राफी सेंटर भेजा जाता है। कई बार यह दूसरे जिले में होता है। वहां मोबाइल रखवा लिया जाता है। जांच के दौरान या बाद में वहीं पर बता दिया जाता है कि लड़का या लड़की। यहां से अबॉर्शन की दूसरी कड़ी शुरू होती है। बताया जाता है कि किस अस्पताल या डॉक्टर के यहां अबॉर्शन होगा? रेट 12 हजार से 40 हजार तक
लखनऊ में भ्रूण लिंग परीक्षण कराने का रेट अलग-अलग है। अगर दलाल के माध्यम से अस्पताल तक पहुंचे, तो ज्यादा रेट लगेगा। अगर डायरेक्ट अस्पताल से कॉन्टेक्ट किया, तो कम रुपए लगेंगे। जैसे शालिनी हॉस्पिटल में 12 हजार रुपए मांगे गए। दलाल के माध्यम से पहुंचने पर रेट ज्यादा होता है। वहीं, निदान हॉस्पिटल में इस काम के लिए 40 हजार तक मांगे गए। ये भी पढ़ें… यूपी में ट्रैक-स्टेशन छोड़कर रेलवे की बाकी जमीन बिकाऊ:ढाई लाख में 2 कमरे, किराए पर एक हजार की झोपड़ी ‘ये जमीन रेलवे की है, दो कमरे के लिए ढाई लाख रुपए देने पड़ेंगे। पक्की छत डलवाने के लिए पुलिस से समझना पड़ेगा। हम छोटे से थे, तब से सुन रहे हैं ये गिर जाएगा। लेकिन, अभी तक गिरा नहीं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ऐसे नहीं हटा सकते, जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाएगी।’ कानपुर में रेलवे लाइन के किनारे जमीन बेच रहे बेखौफ दलाल ने यह बात कही। पूरी खबर पढ़ें   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर