<p style=”text-align: justify;”><strong>HMPV Case Delhi:</strong> दिल्ली की शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वंदना बग्गा ने श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रबंधन की तैयारी पर चर्चा करने के लिए मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के राज्य कार्यक्रम अधिकारी के साथ बैठक की. इसके बाद दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों को ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’(एचएमपीवी) और श्वास संबंधी अन्य संक्रमण से जुड़ी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों के सिलसिले में तैयारी सुनिश्चित करने के लिए रविवार (5 जनवरी) को परामर्श जारी किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की सूचना तुरंत आईएचआईपी पोर्टल के जरिए दें. साथ ही संदिग्ध मामलों में कोरनटाइन (पृथकवास) नियम लागू करें और जरूरी सावधानी बरतें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाज के लिए इन दवाओं का ले सहारा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विभागीय एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि हल्के मामलों के इलाज के लिए ऑक्सीजन के साथ-साथ पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप जैसी दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह सलाह चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि की रिपोर्ट के बाद जारी की गई है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि IDSP, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अपडेट से पता चलता है कि 2 जनवरी 2025 तक भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने नहीं आए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार की ओर से यह सलाह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा यह कहने के कुछ दिनों बाद आई है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और नागरिकों से श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले में नियमित सावधानी बरतने को कहा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>HMPV क्या है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’(एचएमपीवी) वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र प्रभावित करता है. इससे हल्के से लेकर गंभीर संक्रमण हो सकते हैं. बीमारी का संक्रमण वायरस और इससे प्रभावित दूषित स्थानों के संपर्क में आने से होता है. इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होता है. HMPV भी प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों, बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>HMPV के लक्षण </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>HMPV आम तौर पर खांसी, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे सामान्य सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है. हालांकि, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में वायरस गंभीर श्वसन जटिलताओं का कारण बन सकता है, जिसके लिए तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नया नहीं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस खतरा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमण बढ़ने के बाद से इसकी काफी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. हालांकि, यह कोई नया वायरस नहीं है. साल 2001 में पहली बार इसकी पहचान हुई थी. बीते दो दशक बाद तक न तो इससे बचाव के लिए कोई टीका विकसित हो पाया है और न ही इसके लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध हैं. एचएमपीवी की कोई वैक्सीन न होने के कारण ही यह इस बार गंभीर चिंता का विषय बन गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi: नंबर कम आने पर किशोरी ने सुसाइड नोट छोड़ लगा दी यमुना में छलांग, दिल्ली पुलिस ने ऐसे बचाई जान” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-police-saved-life-teenager-who-jumped-into-yamuna-for-suicide-low-marks-pressure-2857028″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi: नंबर कम आने पर किशोरी ने सुसाइड नोट छोड़ लगा दी यमुना में छलांग, दिल्ली पुलिस ने ऐसे बचाई जान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>HMPV Case Delhi:</strong> दिल्ली की शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वंदना बग्गा ने श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रबंधन की तैयारी पर चर्चा करने के लिए मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के राज्य कार्यक्रम अधिकारी के साथ बैठक की. इसके बाद दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों को ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’(एचएमपीवी) और श्वास संबंधी अन्य संक्रमण से जुड़ी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों के सिलसिले में तैयारी सुनिश्चित करने के लिए रविवार (5 जनवरी) को परामर्श जारी किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की सूचना तुरंत आईएचआईपी पोर्टल के जरिए दें. साथ ही संदिग्ध मामलों में कोरनटाइन (पृथकवास) नियम लागू करें और जरूरी सावधानी बरतें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाज के लिए इन दवाओं का ले सहारा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विभागीय एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि हल्के मामलों के इलाज के लिए ऑक्सीजन के साथ-साथ पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप जैसी दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह सलाह चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि की रिपोर्ट के बाद जारी की गई है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि IDSP, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अपडेट से पता चलता है कि 2 जनवरी 2025 तक भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने नहीं आए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार की ओर से यह सलाह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा यह कहने के कुछ दिनों बाद आई है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और नागरिकों से श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले में नियमित सावधानी बरतने को कहा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>HMPV क्या है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’(एचएमपीवी) वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र प्रभावित करता है. इससे हल्के से लेकर गंभीर संक्रमण हो सकते हैं. बीमारी का संक्रमण वायरस और इससे प्रभावित दूषित स्थानों के संपर्क में आने से होता है. इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होता है. HMPV भी प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों, बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>HMPV के लक्षण </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>HMPV आम तौर पर खांसी, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे सामान्य सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है. हालांकि, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में वायरस गंभीर श्वसन जटिलताओं का कारण बन सकता है, जिसके लिए तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नया नहीं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस खतरा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमण बढ़ने के बाद से इसकी काफी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. हालांकि, यह कोई नया वायरस नहीं है. साल 2001 में पहली बार इसकी पहचान हुई थी. बीते दो दशक बाद तक न तो इससे बचाव के लिए कोई टीका विकसित हो पाया है और न ही इसके लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध हैं. एचएमपीवी की कोई वैक्सीन न होने के कारण ही यह इस बार गंभीर चिंता का विषय बन गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi: नंबर कम आने पर किशोरी ने सुसाइड नोट छोड़ लगा दी यमुना में छलांग, दिल्ली पुलिस ने ऐसे बचाई जान” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-police-saved-life-teenager-who-jumped-into-yamuna-for-suicide-low-marks-pressure-2857028″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi: नंबर कम आने पर किशोरी ने सुसाइड नोट छोड़ लगा दी यमुना में छलांग, दिल्ली पुलिस ने ऐसे बचाई जान</a></strong></p> दिल्ली NCR यूपी बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए बड़ा फैसला, 23-24 जनवरी के बीच दौरा करेंगे केंद्रीय मंत्री