चीन में आगरा के मरीन इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव का हार्ट अटैक से देहांत हो गया। पिछले 26 दिन से परिजन बॉडी का इंतजार कर रहे थे। रविवार दोपहर को मरीन इंजीनियर की बॉडी एंबुलेंस से दिल्ली से आगरा पहुंची। घर पहुंचने पर पत्नी का बुरा हाल हो गया। वह फूट-फूट कर रोने लगी। 25 दिन से पता था कि पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनको अंतिम बार देखने की आस में पत्नी अंजुलता की आंखों के आंसू सूख गए थे। वह बस एक ही बात बोल रही थीं- मैंने तुम्हें सही सलामत भेजा था, यह क्या हो गया। परिवार के लोग उन्हें संभालते रहे। आज मरीन इंजीनियर का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। आगरा के मरीन इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव मर्चेंट नेवी में बतौर चीफ इंजीनियर चीन में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 11 जून को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी तबीयत सही हुई तो उन्हें छुट्टी दे दी गई, लेकिन 12 जून की अचानक उनकी तबीयत खराब हुई और उन्हें एक बार फिर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस बार दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई और वह वापस नहीं लौट सके। पत्नी ने मांगी थी पीएम से मदद
मरीन इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव की मौत की खबर सुनकर उनका परिवार सन्न रह गया था। उनकी मां और धर्मपत्नी ने पार्थिव देह के लिए दिल्ली से लेकर चीन तक संपर्क किया था, लेकिन चीन की आवेदन नीति बेहद कड़ी होने के चलते फॉर्मेलिटी करने में देरी हो रही थी। मृतक की पत्नी ने इसके लिए विदेश मंत्रालय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक्स पोस्ट कर मदद मांगी थी। आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद से बातचीत की। वह लगातार दो दिन तक विदेश मंत्री के संपर्क में रहे। सांत्वना देने मंत्री योगेंद्र भी पहुंचे
मरीन इंजीनियर का पार्थिव शरीर 7 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा। चीन के शंघाई शहर से फ्लाइट संख्या tk-6481 से पार्थिव शरीर इस्तांबुल के लिए रवाना हुआ। दिल्ली एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से आगरा लाया गया। दोपहर करीब एक बजे जैसे ही एंबुलेंस शाहगंज के चाणक्यपुरी पहुंची, परिजनों में कोहराम मच गया। आस-पास के लोग भी जमा हो गए। लोगों ने मरीन इंजीनियर की पत्नी को किसी तरह संभाला। पोस्टमॉर्टम के बाद शाम चार बजे शव फिर से घर पर लाया गया। अब अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर सांत्वना देने के लिए मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे। चीन में आगरा के मरीन इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव का हार्ट अटैक से देहांत हो गया। पिछले 26 दिन से परिजन बॉडी का इंतजार कर रहे थे। रविवार दोपहर को मरीन इंजीनियर की बॉडी एंबुलेंस से दिल्ली से आगरा पहुंची। घर पहुंचने पर पत्नी का बुरा हाल हो गया। वह फूट-फूट कर रोने लगी। 25 दिन से पता था कि पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनको अंतिम बार देखने की आस में पत्नी अंजुलता की आंखों के आंसू सूख गए थे। वह बस एक ही बात बोल रही थीं- मैंने तुम्हें सही सलामत भेजा था, यह क्या हो गया। परिवार के लोग उन्हें संभालते रहे। आज मरीन इंजीनियर का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। आगरा के मरीन इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव मर्चेंट नेवी में बतौर चीफ इंजीनियर चीन में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 11 जून को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी तबीयत सही हुई तो उन्हें छुट्टी दे दी गई, लेकिन 12 जून की अचानक उनकी तबीयत खराब हुई और उन्हें एक बार फिर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस बार दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई और वह वापस नहीं लौट सके। पत्नी ने मांगी थी पीएम से मदद
मरीन इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव की मौत की खबर सुनकर उनका परिवार सन्न रह गया था। उनकी मां और धर्मपत्नी ने पार्थिव देह के लिए दिल्ली से लेकर चीन तक संपर्क किया था, लेकिन चीन की आवेदन नीति बेहद कड़ी होने के चलते फॉर्मेलिटी करने में देरी हो रही थी। मृतक की पत्नी ने इसके लिए विदेश मंत्रालय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक्स पोस्ट कर मदद मांगी थी। आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद से बातचीत की। वह लगातार दो दिन तक विदेश मंत्री के संपर्क में रहे। सांत्वना देने मंत्री योगेंद्र भी पहुंचे
मरीन इंजीनियर का पार्थिव शरीर 7 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा। चीन के शंघाई शहर से फ्लाइट संख्या tk-6481 से पार्थिव शरीर इस्तांबुल के लिए रवाना हुआ। दिल्ली एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से आगरा लाया गया। दोपहर करीब एक बजे जैसे ही एंबुलेंस शाहगंज के चाणक्यपुरी पहुंची, परिजनों में कोहराम मच गया। आस-पास के लोग भी जमा हो गए। लोगों ने मरीन इंजीनियर की पत्नी को किसी तरह संभाला। पोस्टमॉर्टम के बाद शाम चार बजे शव फिर से घर पर लाया गया। अब अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर सांत्वना देने के लिए मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर