​​​​​​​​​​​​​चौटाला-हुड्‌डा के गढ़ से कोई मंत्रिमंडल में नहीं:13 विधानसभाओं में एक भी सीट नहीं जीती BJP; सिर्फ एक निर्दलीय विधायक का समर्थन

​​​​​​​​​​​​​चौटाला-हुड्‌डा के गढ़ से कोई मंत्रिमंडल में नहीं:13 विधानसभाओं में एक भी सीट नहीं जीती BJP; सिर्फ एक निर्दलीय विधायक का समर्थन

हरियाणा में अधिकतर समय सत्ता में रहे सिरसा और रोहतक जिला इस बार बिना पावर के रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के गढ़ कहे जाने वाले दोनों क्षेत्रों से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में कोई शामिल नहीं हुआ, क्योंकि यहां से किसी भाजपा विधायक ने जीत दर्ज नहीं की। इसके अलावा, रोहतक के साथ लगते झज्जर जिले में भी भाजपा के किसी विधायक ने जीत दर्ज नहीं की। हालांकि, इसी जिले के अंतर्गत आने वाली बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले राजेश जून ने भाजपा को समर्थन दे रखा है। तीनों जिलों में 13 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की है। अब जानिए भाजपा को दोनों जिलों में क्यों हुआ नुकसान… सिरसा : किसान आंदोलन का असर सिरसा जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर दिखा। यहां सभी सीट कांग्रेस के खाते में आईं। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ जाट सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहतक : रोहतक में भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का फैक्टर इस बार भी चला। इस चुनाव में सभी 4 सीट कांग्रेस जीतने में कामयाब रही। यहां भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही। इसकी वजह यह रही कि लोगों में यह संदेश गया कि कांग्रेस की सरकार आ रही है और हुड्डा सीएम बन रहे हैं। इसी वजह से इस बार भी भाजपा का खाता नहीं खुल पाया। 2019 में भी सिरसा में BJP साफ, निर्दलीय चौटाला मंत्री बने साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब भी रोहतक और सिरसा जिले में किसी भाजपा विधायक ने जीत दर्ज नहीं की थी। रोहतक जिले की 4 सीटों में 3 कांग्रेस और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की। सिरसा जिले में 2 कांग्रेस, एक इनेलो, एक हलोपा और एक निर्दलीय विधायक ने जीत दर्ज की। तब सिरसा से हलोपा के विधायक बने गोपाल कांडा और रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने भाजपा को समर्थन दिया था। उस दौरान रणजीत चौटाला को जेल और बिजली मंत्री बनाया गया था। 2014 में रोहतक की सीट जीती BJP, ग्रोवर मंत्री बने 2014 विधानसभा चुनाव में रोहतक विधानसभा सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। बाकी तीनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे। तब रोहतक से विधायक बने मनीष ग्रोवर को सहकारिता मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2009 और 2004 में हुए विधानसभा चुनाव में रोहतक सीएम सिटी रहा। हरियाणा में अधिकतर समय सत्ता में रहे सिरसा और रोहतक जिला इस बार बिना पावर के रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के गढ़ कहे जाने वाले दोनों क्षेत्रों से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में कोई शामिल नहीं हुआ, क्योंकि यहां से किसी भाजपा विधायक ने जीत दर्ज नहीं की। इसके अलावा, रोहतक के साथ लगते झज्जर जिले में भी भाजपा के किसी विधायक ने जीत दर्ज नहीं की। हालांकि, इसी जिले के अंतर्गत आने वाली बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले राजेश जून ने भाजपा को समर्थन दे रखा है। तीनों जिलों में 13 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की है। अब जानिए भाजपा को दोनों जिलों में क्यों हुआ नुकसान… सिरसा : किसान आंदोलन का असर सिरसा जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर दिखा। यहां सभी सीट कांग्रेस के खाते में आईं। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ जाट सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहतक : रोहतक में भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का फैक्टर इस बार भी चला। इस चुनाव में सभी 4 सीट कांग्रेस जीतने में कामयाब रही। यहां भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही। इसकी वजह यह रही कि लोगों में यह संदेश गया कि कांग्रेस की सरकार आ रही है और हुड्डा सीएम बन रहे हैं। इसी वजह से इस बार भी भाजपा का खाता नहीं खुल पाया। 2019 में भी सिरसा में BJP साफ, निर्दलीय चौटाला मंत्री बने साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब भी रोहतक और सिरसा जिले में किसी भाजपा विधायक ने जीत दर्ज नहीं की थी। रोहतक जिले की 4 सीटों में 3 कांग्रेस और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की। सिरसा जिले में 2 कांग्रेस, एक इनेलो, एक हलोपा और एक निर्दलीय विधायक ने जीत दर्ज की। तब सिरसा से हलोपा के विधायक बने गोपाल कांडा और रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने भाजपा को समर्थन दिया था। उस दौरान रणजीत चौटाला को जेल और बिजली मंत्री बनाया गया था। 2014 में रोहतक की सीट जीती BJP, ग्रोवर मंत्री बने 2014 विधानसभा चुनाव में रोहतक विधानसभा सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। बाकी तीनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे। तब रोहतक से विधायक बने मनीष ग्रोवर को सहकारिता मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2009 और 2004 में हुए विधानसभा चुनाव में रोहतक सीएम सिटी रहा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर