हरियाणा में भाजपा की पहली टिकट लिस्ट जारी होने के बाद पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला ने भाजपा में बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने BJP सरकार में हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। आदित्य चौटाला ने कहा कि डबवाली सीट से सिंगल पैनल में उनका नाम था, लेकिन भाजपा जानबूझकर चीजों को लटका रही है। इससे लोगों में गलत संदेश जा रहा है। आदित्य चौटाला ने बताया कि इसी बात से नाराज होकर उन्होंने हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र हैं। वह लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े रहे हैं। वह सिरसा जिला में पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। आदित्य चौटाला के इस्तीफे की कॉपी… रणजीत के डबवाली वाले बयान के बाद इस्तीफा
आज ही आदित्य के ताऊ रणजीत चौटाला ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। रणजीत ने समर्थकों की बैठक में यह खुलासा किया कि भाजपा डबवाली से उनको टिकट देना चाह रही थी। इसके थोड़े ही देर बाद आदित्य चौटाला का इस्तीफा आ गया। आदित्य का मानना है कि भाजपा ने सिंगल पैनल में होते हुए भी डबवाली की सीट रोकी है, जिससे संदेह पैदा हो रहा है। एक साल पहले बनाया था चेयरमैन
पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला को करीब एक साल पहले मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पीएस वी उमाशंकर ने आदित्य चौटाला की नियुक्ति के आदेश जारी किए थे। आदित्य चौटाला की भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एंट्री 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले हुई थी। इस दौरान हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड (HSCARDB) का चेयरमैन बनाया था। 2014 में आदित्य भाजपा में शामिल हुए थे एवं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें डबवाली से टिकट भी दिया गया था, लेकिन वह कांग्रेस के अमित सिहाग से हार गए थे। कांता चौटाला को हरा चुके हैं आदित्य
जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन चार से जिला पार्षद बने थे। उन्होंने अपनी भाभी और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था। तब से आदित्य भाजपा की निगाहों में चढ़े हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों चौटाला के गढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जिए जवान-जिए किसान रैली का आयोजन भी करवाया था। JJP के खिलाफ रहे हैं आदित्य
आदित्य चौटाला हमेशा से JJP के खिलाफ रहे हैं। 2022 में उन्होंने जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के खिलाफ बयान देकर माहौल गरमा दिया था। उन्होंने जजपा नेताओं के खिलाफ कहा था कि ये लोग जब भिवानी जाते हैं तो वहां कहते हैं कि भिवानी हमारी कर्मभूमि है। जब हिसार आते हैं तो कहते हैं ये हमारी कर्मभूमि है। डबवाली आकर कहते हैं कि ये हमारी जन्म भूमि है। दो-दो मिनट बाद हल्का बदल लेते हैं और तीन मिनट बाद दादा बदल लेते हैं। कभी रामकुमार गौतम को दादा बोलते हैं तो कभी ओम प्रकाश चौटाला को दादा बोलते हैं। हरियाणा में भाजपा की पहली टिकट लिस्ट जारी होने के बाद पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला ने भाजपा में बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने BJP सरकार में हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। आदित्य चौटाला ने कहा कि डबवाली सीट से सिंगल पैनल में उनका नाम था, लेकिन भाजपा जानबूझकर चीजों को लटका रही है। इससे लोगों में गलत संदेश जा रहा है। आदित्य चौटाला ने बताया कि इसी बात से नाराज होकर उन्होंने हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र हैं। वह लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े रहे हैं। वह सिरसा जिला में पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। आदित्य चौटाला के इस्तीफे की कॉपी… रणजीत के डबवाली वाले बयान के बाद इस्तीफा
आज ही आदित्य के ताऊ रणजीत चौटाला ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। रणजीत ने समर्थकों की बैठक में यह खुलासा किया कि भाजपा डबवाली से उनको टिकट देना चाह रही थी। इसके थोड़े ही देर बाद आदित्य चौटाला का इस्तीफा आ गया। आदित्य का मानना है कि भाजपा ने सिंगल पैनल में होते हुए भी डबवाली की सीट रोकी है, जिससे संदेह पैदा हो रहा है। एक साल पहले बनाया था चेयरमैन
पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला को करीब एक साल पहले मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पीएस वी उमाशंकर ने आदित्य चौटाला की नियुक्ति के आदेश जारी किए थे। आदित्य चौटाला की भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एंट्री 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले हुई थी। इस दौरान हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड (HSCARDB) का चेयरमैन बनाया था। 2014 में आदित्य भाजपा में शामिल हुए थे एवं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें डबवाली से टिकट भी दिया गया था, लेकिन वह कांग्रेस के अमित सिहाग से हार गए थे। कांता चौटाला को हरा चुके हैं आदित्य
जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन चार से जिला पार्षद बने थे। उन्होंने अपनी भाभी और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था। तब से आदित्य भाजपा की निगाहों में चढ़े हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों चौटाला के गढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जिए जवान-जिए किसान रैली का आयोजन भी करवाया था। JJP के खिलाफ रहे हैं आदित्य
आदित्य चौटाला हमेशा से JJP के खिलाफ रहे हैं। 2022 में उन्होंने जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के खिलाफ बयान देकर माहौल गरमा दिया था। उन्होंने जजपा नेताओं के खिलाफ कहा था कि ये लोग जब भिवानी जाते हैं तो वहां कहते हैं कि भिवानी हमारी कर्मभूमि है। जब हिसार आते हैं तो कहते हैं ये हमारी कर्मभूमि है। डबवाली आकर कहते हैं कि ये हमारी जन्म भूमि है। दो-दो मिनट बाद हल्का बदल लेते हैं और तीन मिनट बाद दादा बदल लेते हैं। कभी रामकुमार गौतम को दादा बोलते हैं तो कभी ओम प्रकाश चौटाला को दादा बोलते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर