हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी के राजबन घटनास्थल में सर्च आपरेशन के 9वें दिन भी लापता हरदेव का कोई सुराग नहीं लग पाया। रेस्क्यू टीम को थक हार कर वापस लौटना पड़ा। युवक की तलाश में शुक्रवार को फिर घटनास्थल पर चप्पा चप्पा छाना। वहीं नीचे पजौंड़ नाला में भी तलाश की। लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया। ऐसे में प्रशासन सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस जवान अब यहां रेस्कयू बंद कर लौट आए हैं। ग्रामीणों ने जिला और उपमंडल प्रशासन सहित यहां रेस्कयू में जुटे सभी जवानों का आभार जताया है। हालांकि युवक का कोई पता नहीं चलने से धरयाण गांव में मायूसी भी है। मलबे में दफन हो गया था युवक घटना में लापता धरयाण गांव का हरदेव 31 अगस्त को ही अपनी बुआ खुड़ी देवी के घर गया था। दूसरे दिन हरदेव को अपने दोस्त तेरंग गांव निवासी भादर सिंह के साथ मनाली जाना था। दोनों मनाली में गाइडिंग का काम करते थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। घटना में हरदेव भी मलबे में दफन हो गया। जो अब तक लापता है। लापता हरदेव के दो बेटे हैं। जिनमे बड़ा बेटा 4 साल और छोटा महज डेढ़ साल का है। पत्नी गीता देवी पिछले नौ दिनों से ही बेसुध है। जिसने खाना पीना सब त्याग दिया है। ग्रामीण और रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं। लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रही है। खाली हाथ लौटी रेस्क्यू टीम एनडीआरएफ के टीम लीडर नीरज भारती ने बताया कि लापता युवक की तलाश में 3 दिन अतिरिक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। एसडीएम डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि युवक की तलाश में रेस्क्यू टीम ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। घटनास्थल के साथ साथ पजौंड़ खड्ड से लेकर ऊहल नदी तक भी कोना कोना छान मारा। लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। पहले भी हुई थी त्रासदी राजबन गांव में लगभग एक सदी पहले ऐसी ही त्रासदी हो चुकी है। जिसमें वृद्ध व्यक्ति खुड़ू राम बड़ी चट्टान के नीचे दब गया था। उसकी धर्म पत्नी सुरक्षित बच गई थी। धमच्याण पंचायत के पूर्व प्रधान काहन सिंह ठाकुर ने बताया कि उस दौरान भी खुड़ू राम का शव बरामद नहीं हो पाया था। वृद्ध खुड़ू राम हाल ही में हादसे में मृत सौजु राम का दादा था। उस दौरान राजबन गांव वासियों के मकान ऊपर की ओर को पहाड़ी के साथ होते थे। उस दौरान हुई घटना के बाद ही नीचे रिहायश बनाई गई। जहां लगभग सौ वर्ष बाद फिर भीषण त्रासदी हुई। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी के राजबन घटनास्थल में सर्च आपरेशन के 9वें दिन भी लापता हरदेव का कोई सुराग नहीं लग पाया। रेस्क्यू टीम को थक हार कर वापस लौटना पड़ा। युवक की तलाश में शुक्रवार को फिर घटनास्थल पर चप्पा चप्पा छाना। वहीं नीचे पजौंड़ नाला में भी तलाश की। लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया। ऐसे में प्रशासन सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस जवान अब यहां रेस्कयू बंद कर लौट आए हैं। ग्रामीणों ने जिला और उपमंडल प्रशासन सहित यहां रेस्कयू में जुटे सभी जवानों का आभार जताया है। हालांकि युवक का कोई पता नहीं चलने से धरयाण गांव में मायूसी भी है। मलबे में दफन हो गया था युवक घटना में लापता धरयाण गांव का हरदेव 31 अगस्त को ही अपनी बुआ खुड़ी देवी के घर गया था। दूसरे दिन हरदेव को अपने दोस्त तेरंग गांव निवासी भादर सिंह के साथ मनाली जाना था। दोनों मनाली में गाइडिंग का काम करते थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। घटना में हरदेव भी मलबे में दफन हो गया। जो अब तक लापता है। लापता हरदेव के दो बेटे हैं। जिनमे बड़ा बेटा 4 साल और छोटा महज डेढ़ साल का है। पत्नी गीता देवी पिछले नौ दिनों से ही बेसुध है। जिसने खाना पीना सब त्याग दिया है। ग्रामीण और रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं। लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रही है। खाली हाथ लौटी रेस्क्यू टीम एनडीआरएफ के टीम लीडर नीरज भारती ने बताया कि लापता युवक की तलाश में 3 दिन अतिरिक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। एसडीएम डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि युवक की तलाश में रेस्क्यू टीम ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। घटनास्थल के साथ साथ पजौंड़ खड्ड से लेकर ऊहल नदी तक भी कोना कोना छान मारा। लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। पहले भी हुई थी त्रासदी राजबन गांव में लगभग एक सदी पहले ऐसी ही त्रासदी हो चुकी है। जिसमें वृद्ध व्यक्ति खुड़ू राम बड़ी चट्टान के नीचे दब गया था। उसकी धर्म पत्नी सुरक्षित बच गई थी। धमच्याण पंचायत के पूर्व प्रधान काहन सिंह ठाकुर ने बताया कि उस दौरान भी खुड़ू राम का शव बरामद नहीं हो पाया था। वृद्ध खुड़ू राम हाल ही में हादसे में मृत सौजु राम का दादा था। उस दौरान राजबन गांव वासियों के मकान ऊपर की ओर को पहाड़ी के साथ होते थे। उस दौरान हुई घटना के बाद ही नीचे रिहायश बनाई गई। जहां लगभग सौ वर्ष बाद फिर भीषण त्रासदी हुई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा:1 सप्ताह से नहीं हुई बारिश, न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.1 डिग्री गिरा हिमाचल प्रदेश में दिन में गर्मी और रात में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 91 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 7 जिलों में बारिश लगभग शून्य रही है। जिसके चलते प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में सामान्य से -1.1 डिग्री से ज्यादा की गिरावट आई है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.2 डिग्री नीचे चला गया है। 24 घंटों में पांवटा साहिब और जुब्बड़हट्टी के तापमान में सबसे ज्यादा 3 डिग्री की गिरावट आई है। मनाली का न्यूनतम पारा भी 8.4 डिग्री प्रदेश के 5 शहरों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है। केलांग का तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। कल्पा का पारा भी 4.5 डिग्री, केलांग 2.7 , कुकुमसैरी 2.1 डिग्री, समदो 5.6 डिग्री , सराहन में 9 डिग्री और दुनियाभर में मशहूर पर्यटन स्थल मनाली का न्यूनतम पारा भी 8.4 डिग्री रह गया है। इससे इन शहरों में सुबह शाम को ठंड का एहसास होने लगा है। वहीं दिन के समय मे मैदानी क्षेत्रों में गर्मी सर्दियों में भी पसीने छुड़ा रही है। प्रदेश के 9 शहरों का अधिकतम पारा अभी भी 30 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। ऊना का तापमान सबसे ज्यादा 34.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में अगले 5,6 दिन मौसम साफ रहेगा। इससे दिन का तापमान अभी सामान्य से ज्यादा बना रहेगा, लेकिन सुबह शाम के तापमान में गिरावट आएगी। हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घण्टो में 0.2% बारिश दर्ज की गई है।