<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के करीब दस हजार स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 43 हजार शिक्षकों के पद खत्म होने की कगार पर आ गए हैं. फैसले के विरोध में बुधवार (28 मई) को प्रदेशभर से आए हजारों शिक्षकों ने मंत्रालय का घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारी शिक्षकों के बीच झूमाझटकी भी हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजधानी नवा रायपुर के टूटा में आंदोलनकारी शिक्षकों में पहले सरकार के फैसले के खिलाफ जनसभा की. सभा के बाद हजारों की तादात में शिक्षक मंत्रालय के घेराव के लिए निकले. इस दौरान शिक्षक सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे. शिक्षकों का कहना है कि सरकार का यह फैसला शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ और सरकारी स्कूलों को कमज़ोर करने की कोशिश है. आंदोलनकारियों ने कहा कि इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता खत्म हो जाएगी. फैसले के बाद एक शिक्षक को दिनभर में कम से कम 9 पीरियड लेने ही होंगे, जो भी संभव नही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्रालय घेरने निकले शिक्षक, पुलिस ने रोका</strong><br />सरकार की आदेश के विरोध में प्रदेशभर के 23 शिक्षक संगठनों से जुड़े करीब 10 हजार शिक्षक बुधवार को राजधानी रायपुर पहुंचे. यहां से सभी शिक्षक मंत्रालय का घेराव करने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही भारी पुलिस बल ने 3 लेयर बैरिकेडिंग के जरिए शिक्षकों को मंत्रालय जाने से रोक दिया. जिससे गुस्साए शिक्षकों ने सुरक्षा की पहली लेयर को भी तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे. इस बीच शिक्षक संगठन के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बहस भी चलती रही. इसके बाद निर्णय लिया गया कि शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा विभाग के सचिव से मिलकर अपनी मांगों को रखेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षकों ने दी सरकार को चेतावनी</strong><br />आंदोलनकारी शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपने इस निर्णय को तत्काल वापस नहीं लिया तो 15 जून से शुरू होने वाले शिक्षण सत्र का प्रदेशभर के सभी शिक्षक बहिष्कार करेंगे. इसके साथ ही शिक्षकों ने प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी भी सरकार को दी है. शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण के फैसले को जबरदस्ती थोपने वाला तानाशाही फैसला करार दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है युक्तियुक्तकरण?</strong><br />युक्तियुक्तकरण एक सरकारी शब्द है. अगर इसे आसान भाषा में समझें तो एक सिस्टम के तहत दो यूनिटों को एक साथ मर्ज करना. इसी तरह सरकार बिना बच्चों वाले स्कूलों और बिना शिक्षकों वाले स्कूलों को मर्ज कर ने का काम कर रही है, जिससे कम बच्चों और कम शिक्षकों की समस्या खत्म हो सके. साथ ही संसाधनों का भी सही इस्तेमाल हो सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षकों में आक्रोश</strong><br />युक्तियुक्तकरण वो प्रक्रिया है जिसमें सरकार या कोई प्राइवेट कंपनी सरप्लस या जरूरत से ज्यादा कर्मचारी दिखाकर दूसरे कामों में लगाने, काम का बोझ बढाने या फिर कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए इस्तेमाल करती है. यही कारण है कि प्रदेश भर के शिक्षक युक्तियुक्तकरण का विरोध कर रहे हैं. अगर सरकार के आदेश पर अमल किया गया तो प्रदेश के करीब 43 हजार शिक्षक सरप्लस केटेगिरी में शामिल हो जाएंगे. और इनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बीजेपी ने किया था भर्तियों का वादा'</strong><br />आंदोलनकारी शिक्षकों का कहना है कि बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो वह छत्तीसगढ़ में 52000 शिक्षकों की भर्ती करेंगे. साथ ही नए स्कूल खोलने का काम भी उनकी सरकार करेगी. लेकिन अब सरकार युक्तियुक्तकारण करके शिक्षको हटाने की तैयारी कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>31 मई से होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन</strong><br />शिक्षकों का कहना है कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार उनकी मांगों पर विचार करते हुए युक्तियुक्तकरण के आदेश को वापस नहीं लेती तो 31 में से पूरे प्रदेश में सिलसिले बार आंदोलन शुरू होगा. वहीं राजधानी रायपुर में भी प्रदेश वर्ष शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में आगामी 15 जून से शुरू होने वाले शिक्षण सत्र का बहिष्कार करने के बाद भी शिक्षक कह रहे हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के करीब दस हजार स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 43 हजार शिक्षकों के पद खत्म होने की कगार पर आ गए हैं. फैसले के विरोध में बुधवार (28 मई) को प्रदेशभर से आए हजारों शिक्षकों ने मंत्रालय का घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारी शिक्षकों के बीच झूमाझटकी भी हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजधानी नवा रायपुर के टूटा में आंदोलनकारी शिक्षकों में पहले सरकार के फैसले के खिलाफ जनसभा की. सभा के बाद हजारों की तादात में शिक्षक मंत्रालय के घेराव के लिए निकले. इस दौरान शिक्षक सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे. शिक्षकों का कहना है कि सरकार का यह फैसला शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ और सरकारी स्कूलों को कमज़ोर करने की कोशिश है. आंदोलनकारियों ने कहा कि इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता खत्म हो जाएगी. फैसले के बाद एक शिक्षक को दिनभर में कम से कम 9 पीरियड लेने ही होंगे, जो भी संभव नही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्रालय घेरने निकले शिक्षक, पुलिस ने रोका</strong><br />सरकार की आदेश के विरोध में प्रदेशभर के 23 शिक्षक संगठनों से जुड़े करीब 10 हजार शिक्षक बुधवार को राजधानी रायपुर पहुंचे. यहां से सभी शिक्षक मंत्रालय का घेराव करने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही भारी पुलिस बल ने 3 लेयर बैरिकेडिंग के जरिए शिक्षकों को मंत्रालय जाने से रोक दिया. जिससे गुस्साए शिक्षकों ने सुरक्षा की पहली लेयर को भी तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे. इस बीच शिक्षक संगठन के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बहस भी चलती रही. इसके बाद निर्णय लिया गया कि शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा विभाग के सचिव से मिलकर अपनी मांगों को रखेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षकों ने दी सरकार को चेतावनी</strong><br />आंदोलनकारी शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपने इस निर्णय को तत्काल वापस नहीं लिया तो 15 जून से शुरू होने वाले शिक्षण सत्र का प्रदेशभर के सभी शिक्षक बहिष्कार करेंगे. इसके साथ ही शिक्षकों ने प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी भी सरकार को दी है. शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण के फैसले को जबरदस्ती थोपने वाला तानाशाही फैसला करार दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है युक्तियुक्तकरण?</strong><br />युक्तियुक्तकरण एक सरकारी शब्द है. अगर इसे आसान भाषा में समझें तो एक सिस्टम के तहत दो यूनिटों को एक साथ मर्ज करना. इसी तरह सरकार बिना बच्चों वाले स्कूलों और बिना शिक्षकों वाले स्कूलों को मर्ज कर ने का काम कर रही है, जिससे कम बच्चों और कम शिक्षकों की समस्या खत्म हो सके. साथ ही संसाधनों का भी सही इस्तेमाल हो सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षकों में आक्रोश</strong><br />युक्तियुक्तकरण वो प्रक्रिया है जिसमें सरकार या कोई प्राइवेट कंपनी सरप्लस या जरूरत से ज्यादा कर्मचारी दिखाकर दूसरे कामों में लगाने, काम का बोझ बढाने या फिर कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए इस्तेमाल करती है. यही कारण है कि प्रदेश भर के शिक्षक युक्तियुक्तकरण का विरोध कर रहे हैं. अगर सरकार के आदेश पर अमल किया गया तो प्रदेश के करीब 43 हजार शिक्षक सरप्लस केटेगिरी में शामिल हो जाएंगे. और इनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बीजेपी ने किया था भर्तियों का वादा'</strong><br />आंदोलनकारी शिक्षकों का कहना है कि बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो वह छत्तीसगढ़ में 52000 शिक्षकों की भर्ती करेंगे. साथ ही नए स्कूल खोलने का काम भी उनकी सरकार करेगी. लेकिन अब सरकार युक्तियुक्तकारण करके शिक्षको हटाने की तैयारी कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>31 मई से होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन</strong><br />शिक्षकों का कहना है कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार उनकी मांगों पर विचार करते हुए युक्तियुक्तकरण के आदेश को वापस नहीं लेती तो 31 में से पूरे प्रदेश में सिलसिले बार आंदोलन शुरू होगा. वहीं राजधानी रायपुर में भी प्रदेश वर्ष शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में आगामी 15 जून से शुरू होने वाले शिक्षण सत्र का बहिष्कार करने के बाद भी शिक्षक कह रहे हैं.</p> छत्तीसगढ़ दिल्ली: देवली में पानी की किल्लत पर महिलाओं का हल्ला बोल, जल बोर्ड कार्यालय पर मटका फोड़ प्रदर्शन
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